शुक्रवार, 28 मार्च 2008

ग्राम पंचायतों के अलावा शिक्षित बेरोजगार भी चलायेंगे राशन की दुकान

ग्राम पंचायतों के अलावा शिक्षित बेरोजगार भी चलायेंगे राशन की दुकान
गरीबों को सस्ती दर पर गेहूँ-चावल देने के लिए डेढ़ सौ करोड़ से अधिक का प्रावधान
28 मार्च 08/राज्य सरकार ने सहकारी समितियों द्वारा चलाई जा रही उचित मूल्य की दुकानों के संचालन में होने वाली हानि की प्रतिपूर्ति के लिए अगले साल के बजट में बीस करोड़ की राशि का प्रावधान किया है। सरकार ने निर्णय लिया है कि जिन स्थानों पर सहकारी समितियां ठीक ढंग से उचित मूल्य की दुकानें नहीं चला रही हैं, उन्हें ग्राम पंचायतों को दे दिया जाए। यह जानकारी खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री अखण्ड प्रताप सिंह ने दी। उन्होंने कहा कि सरकार की यह भी कोशिश होगी कि राशन की दुकानें अन्य समितियों, शिक्षित बेरोजगारों को भी दी जाएं। 50 प्रतिशत आरक्षण के कारण महिलाएं भी इससे लाभान्वित होंगी तथा पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग को भी संचालन का मौका मिल सकेगा। खाद्य मंत्री के अनुसार इस व्यवस्था से कालाबाजारी पर सजग एवं समान नियंत्रण रहेगा।
श्री अखण्ड प्रताप सिंह ने कहा है कि बीपीएल परिवारों को वर्तमान उपभोक्ता दर गेहूँ पांच रुपये प्रति किलो एवं चावल 6.50 रुपये प्रति किलो पर वर्ष 2008-09 में दो रुपये प्रति किलो के मान से सब्सिडी देने हेतु बजट में एक अरब 60 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि केन्द्र शासन द्वारा मध्यप्रदेश की मांग के उपरांत भी बी.पी.एल. परिवारों के लिए 67 हजार 500 मैट्रिक टन कम खाद्यान्न उपलब्ध हो रहा है। जिससे गरीब वर्ग को भारत सरकार द्वारा निर्धारित मात्रा में खाद्यान्न उपलब्ध कराना संभव नहीं हो पा रहा है। राज्य सरकार के बार-बार किये गये अनुरोध के बावजूद भी आवंटन नहीं बढ़ाया गया है। प्रदेश में बी.पी.एल. गेहूँ का उठाव वर्ष 2000-01 में 51 प्रतिशत तथा वर्ष 2002-03 में 70 प्रतिशत था जो वर्ष 2007-08 में बढ़कर लगभग शत-प्रतिशत हो गया। इसी तरह बी.पी.एल. चावल का उठाव 2000-01 में 64 प्रतिशत, वर्ष 2002-03 में 54 प्रतिशत था जो 2007-08 में बढ़कर 96 प्रतिशत हो गया।
अन्त्योदय अन्न योजना की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत गेहूँ का उठाव वर्ष 2000-01 में 72 प्रतिशत, वर्ष 2002-03 में 94 प्रतिशत था, जो वर्ष 2007-08 में बढ़कर शत-प्रतिशत हो गया। इसी प्रकार चावल का उठाव वर्ष 2000-01 में 89 प्रतिशत, वर्ष 2002-03 में 96 प्रतिशत था। यह भी वर्ष 2007-08 में बढ़कर शत-प्रतिशत हो गया। अन्त्योदय अन्न योजना के अति गरीब परिवारों को भारत सरकार से प्रदाय दर दो रुपये प्रति किलो गेहूँ एवं तीन रुपये प्रति किलो चावल के मान से उपभोक्ताओं को खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए होने वाले आय-व्ययों की प्रतिपूर्ति राज्य सरकार द्वारा की जा रही है। इसके लिए वर्ष 2002-03 में राशि 8 करोड़ 95 लाख रुपये का बजट प्रावधान स्वीकृत किया गया था, जिसे बढ़ाकर वर्ष 2008-09 हेतु 55 करोड़ रुपये किया गया है।
श्री अखण्ड प्रताप सिंह के अनुसार प्रदेश में 20 हजार 311 शासकीय उचित मूल्य की दुकानें हैं। वर्ष 2006-07 में नये राशन कार्ड बनाये गये हैं। जिसमें ए.पी.एल. के 81 लाख 46 हजार, बी.पी.एल. के 45 लाख 44 हजार एवं अन्त्योदय अन्न योजना के 15 लाख 79 हजार राशन कार्ड वर्तमान में संचालित हैं। प्रदेश में 22 हजार 29 ग्राम पंचायतें हैं। 55 हजार 393 ग्रामों की आबादी 4 करोड़ 43 लाख 81 हजार है।

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