शनिवार, 8 मार्च 2008

महिला दिवस पर महिला बंदियों को सजा में विशेष छूट

महिला दिवस पर महिला बंदियों को सजा में विशेष छूट
आदेश जारी
राज्य शासन ने अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च के अवसर पर महिला कैदियों को उनकी सजा में विशेष छूट देने का निर्णय लिया है। निर्णय का लाभ मध्यप्रदेश के न्यायालयों द्वारा दण्डित राज्य एवं अन्य राज्यों की जेलों में सजा भुगत रही महिला बंदियों को मिलेगा। इस संबंध में आदेश जारी कर दिये गये हैं।
जेल विभाग द्वारा इस संबंध में जारी आदेश में कहा गया है कि ऐसी महिला बंदियों को जिन्हें 18 दिसम्बर 1978 के बाद आजीवन कारावास से दण्डित किया गया है और जिन्होंने इस सजा के 14 वर्ष काट लिए हैं, को बिना शर्त रिहा कर दिया जायेगा। साथ ही ऐसी महिला बंदी जिन्हें आजीवन कारावास से दण्डित नहीं किया गया है और जिन्होंने 8 मार्च 2008 को अपनी सजा का आधा भाग भुगत लिया है, को भी छोड़ दिया जाएगा।
जेल विभाग के आदेश में ऐसी महिला बंदियों को सजा में छूट न देने का निर्णय लिया गया है जिनके अपराध की जांच दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना या केन्द्रीय अधिनियम के तहत अन्य किसी सशक्त अभिकरण द्वारा की गई हो। साथ ही ऐसी महिला बंदी जो आदतन अपराधी हैं या प्रतिभूति न देने के कारण सजा भुगत रही है को भी इस छूट का लाभ नहीं मिलेगा।
इसी प्रकार विभिन्न अधिनियमों जैसे कि दहेज प्रतिषेध अधिनियम, भ्रष्टाचार अधिनियम, आतंकवादी और विध्वंसकारी क्रिया कलाप (निवारण), राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम, औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम, विदेशी मुद्रा विनिमय, कर्मचारी भविष्य निधि और प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम, मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम, विदेशी मुद्रा संरक्षण और तस्करी निवारण अधिनियम, खाद्य अपमिश्रण निवारण अधिनियम, आवश्यक वस्तु अधिनियम, सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम, सीमा शुल्क अधिनियम, लोक प्रतिनिधित्व आदि अधिनियमों के तहत दोषी सिध्द की गई महिला बंदियों को भी सजा में छूट का लाभ नहीं मिलेगा।

रिश्वत लेने पर सश्रम कारावास और जुर्माना

रिश्वत लेने पर सश्रम कारावास और जुर्माना
विशेष न्यायाधीश इंदौर ने रिश्वत लेने का आरोप दोष सिध्द होने पर जिले की महू तहसील के राजस्व निरीक्षक कृपाराम सोलंकी और पटवारी मनोज गिरदवाल को अलग-अलग धाराओं में डेढ़-डेढ़ वर्ष के सश्रम कारावास और डेढ़-डेढ़ हजार रूपये के जुर्माने की सजा सुनाई है।
लोकायुक्त कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार फरियादी श्री अनवर खांन, निवासी तहसील महू, जिला इंदौर की शिकायत के आधार पर श्री कृपाराम सोलंकी, राजस्व निरीक्षक एवं श्री मनोज गिरदवाल, पटवारी, ह.नं.-4 तहसील महू, जिला इंदौर के विरूध्द प्रकरण पंजीबध्द कर 20 जून 2003 को एक हजार रूपये आरोपीगण श्री कृपाराम सोलंकी, राजस्व निरीक्षक एवं श्री मनोज गिरदवाल, पटवारी को रिश्वत लेते हुये रंगे हाथों पकड़ा गया।
फरियादी की कृषि भूमि के सीमांकन हेतु तहसीलदार को प्रस्तुत आवेदन राजस्व निरीक्षक को मार्क करने के उपरान्त सीमांकन हेतु 17 जून 2003 की तिथि नियत थी। सीमांकन कराने के लिये आरोपीगण ने एक हजार रूपये रिश्वत की मांग की थी। दोनों आरोपियों के विरूध्द अभियोजन योग्य साक्ष्य पाये जाने से विशेष न्यायालय जिला इंदौर में 26 मार्च, 2004 को चालान पस्तुत किया गया।
प्रकरण में विशेष न्यायाधीश श्री अखिलेश पंडया जिला इंदौर द्वारा अपने निर्णय में आरोपियों को धारा-7 पी.सी. एक्ट 1988 में छ:-छ: माह के सश्रम कारावास एवं पांच-पांच सौ रूपये अर्थदण्ड तथा धारा-13 (1) डी, 13(2) पी.सी. एक्ट 1988 में एक-एक वर्ष के सश्रम कारावास एवं एक - एक हजार रूपये अर्थदण्ड से दंडित किया गया है।

कुएं की गहराईयों ने दी जीवन को ऊँचाईयाँ (कपिल धारा योजना)

कुएं की गहराईयों ने दी जीवन को ऊँचाईयाँ (कपिल धारा योजना)
यह कहानी एक-दो और सौ नहीं बल्कि दमोह जिले के हजारों-हजार परिवारों की कहानी है। यह कहानी उनकी है जिनके जीवन को कुएं की गहराईयों ने प्रगति की ऊँचाईयां दी हैं। यह बदलाव राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम मध्यप्रदेश की उपयोजना कपिलधारा के कारण आ रहा है। कपिलधारा योजना को इस जिले में जिला प्रशासन ने अभियान का रूप जो दिया है। नतीजतन जिले में ऐसे ढाई एकड़ या उससे ज्यादा कृषि भूमि वाले अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के किसान तथा गरीबी रेखा सूची में शामिल पिछड़ा वर्ग और सामान्य वर्ग के तकरीबन पाँच हजार किसान परिवारों के लिये यह योजना वरदान बन गई।
जिन किसानों के यहाँ इस योजना के तहत कुएं खोदे जा रहे है उनके संबंध में इतना कहना ही काफी है कि इनकी पीढ़ियां गुजर गई पर ये अपने खेतों में एक कुआं नही खुदवा सके। आगे भी इन किसानों को ऐसी हैसियत की उम्मीद नहीं है कि आगे भी उनकी हैसियत कभी बन सकेगी नहीं बनती की ये कुआं खुदवा सकते थे।
मानपुरा के श्री चम्पू आदिवासी बताते हैं कि साढ़े तीन एकड़ खेती की जमीन है। कुआं नहीं, तो पानी नहीं मजबूरी मे एक डेढ़ क्विंटल गेंहूं पर खेत ठेके से दूसरों को दे देते थे। पर अब कुआं खुद रहा है। अब स्वयं खेती करेंगे और कुए से सिंचाई कर कम से कम 20 क्विंटल उत्पादन लेंगे। आमदनी बीस गुनी बढ़ेगी। एक पंचू रजक है दो भाई है बंटवारा मे ढाई-ढाई एकड़ जमीन मिली। फसल कटाई के बाद सपरिवार रोजी रोटी की तलाश में गांव छोड़कर चले जाते थे। अब गांव नहीं छोड़ने की कसम ले ली है वो इसलिये कि कुएं से पांच एकड़ जमीन अब सिंचित हो जायेगी। कृषक श्री सुन्दर सिंह आदिवासी की खुशी तो देखते ही बनती है, कुएं में इतना पानी आ गया कि ढाई एकड़ में बोये गेंहूं की तीन बार सिंचाई कर चुके हैं। इन्हीं खेतों से पहले ये दो चार क्विंटल उत्पादन लेते थे अब 20-25 क्विंटल गेंहूं हर हाल में प्राप्त कर लेंगे।
ग्राम पंचायत बिल्थरा के धनसिंह गौड़ इतने भाग्यशाली है कि केवल 16 फिट खोदने पर ही कुएं में इतना पानी आया है कि चारों भाईयों की 10 एकड़ जमीन सिंचित होने लगेगी। सरपंच श्री मदन गोपाल तिवारी और सचिव श्री जवाहर सिंह लोधी के लिए तो खुशी का कारण कुछ अलग ही है क्योंकि गर्मियों में गांव में पानी का संकट हो जाता था। अब यहाँ 26 कुएं स्वीकृत हैं 22 कुओं का काम चल रहा है और 18 में पानी निकल आया है।
अनुसूचित जाति वर्ग के 65 वर्षीय हल्के का कहना है कि - ''दूसरों की मजदूरी करते करते हमाये हड़ला निकल आये'' अब नहीं करेंगे ये किसी की मजदूरी। अपना कुआं जो इन्हें मिल गया है।
ये तो कुछ किसानों की ही बात है। जिले में ऐसे पाँच हजार किसानों के कुएं मंजूर हो चुके हैं। कपिलधारा योजना को अमली जामा पहनाकर जिले को पेयजल संकट से अमूमन उबार लिया है। हर जिले की सभी 461 ग्राम पंचायतों के गांवों में जब ये कुएं बनकर तैयार हो जायेंगे तो कम से कम 10 हजार एकड़ जमीन की सिंचाई क्षमता बढ़ जायेगी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान से डी.एफ.आई.डी. दल की भेंट

मुख्यमंत्री श्री चौहान से डी.एफ.आई.डी. दल की भेंट
मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान से आज यहाँ डी.एफ.आई.डी. के दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र के संचालक श्री जिम ड्रमण्ड ने सौजन्य भेंट की। डिपार्टमेंट फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (डी.एफ.आई.डी.) द्वारा संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित सहस्त्राब्दी विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाती है। भारत में मध्यप्रदेश सहित उड़ीसा, पश्चिम बंगाल और आंध्रप्रदेश में विभिन्न कार्यक्रमों के संचालन के लिए वित्तीय सहायता दी जा रही है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य, ग्रामीण आजीविका, शिक्षा और वित्तीय प्रबंधन क्षेत्र में हो रहे कार्य की जानकारी दी। गरीबी उन्मूलन के लिए डी.एफ.आई.डी. के सहयोग से संचालित कार्यक्रमों का विस्तृत विवरण डी.एफ.आई.डी. दल को दिया गया। दल में श्री ड्रमण्ड के अलावा सीनियर प्रोग्राम मैनेजर क्रिस चार्ल्स, गवर्नेस सलाहकार श्री पीटर इवान्स, राज्य प्रतिनिधि श्री तपोष रॉय शामिल थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने डी.एफ.आई.डी. दल को आश्वस्त किया कि उनके सहयोग से संचालित योजनाओं में अच्छे परिणाम लाए जायेंगे। आजीविका मिशन की गतिविधियों से ग्रामवासियों को लाभ मिल रहा है। उन्होंने डी.एफ.आई.डी. द्वारा प्राप्त सहयोग के लिए धन्यवाद व्यक्त करते हुए बताया कि मध्यप्रदेश में संस्थागत प्रसव में वृध्दि में सफलता मिली है। प्रदेश में प्रारंभ नई योजनाओं एवं कुपोषण में कमी लाने और निर्धन वर्ग की सहायता के लिए संचालित कार्यक्रमों का विस्तृत ब्यौरा भी डी.एफ.आई.डी. दल को दिया गया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मध्यप्रदेश स्वास्थ्य क्षेत्र सपोर्ट कार्यक्रम और ग्रामीण आजीविका परियोजना में अधिक सहयोग की आशा की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बाल संजीवनी, बाल शक्ति एवं शक्तिमान कार्यक्रमों के अलावा प्रदेश में रोगी कल्याण समितियों की भूमिका की जानकारी भी दी। इस अवसर पर प्रमुख सचिव वित्त श्री अशोक दास, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुराग जैन एवं संचालक संस्थागत वित्त श्रीमती पल्लवी जैन गोविल उपस्थित थीं।

परीक्षा केन्द्रों का सघन निरीक्षण : नकल का एक प्रकरण दर्ज (हाई स्कूल परीक्षा)

परीक्षा केन्द्रों का सघन निरीक्षण : नकल का एक प्रकरण दर्ज (हाई स्कूल परीक्षा)
कलेक्टर श्री आर.के. माथुर के निर्देश पर जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा गठित दल द्वारा परीक्षा केन्द्रों का सघन निरीक्षण किया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान आज शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मुगालिया छाप में नकल का एक प्रकरण दर्ज किया गया। शेष सभी परीक्षा केन्द्रों पर परीक्षा व्यवस्था संतोषजनक पाई गई।
निरीक्षण दल द्वारा आज शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैरागढ़, शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैरागढ़, अशासकीय ए.टी. शाहनी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैरागढ़, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मुगालिया छाप और शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रातीबढ़ का निरीक्षण किया गया।

राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा रेडियो के माध्यम से जनसंवाद कार्यक्रम 10 मार्च को

राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा रेडियो के माध्यम से जनसंवाद कार्यक्रम 10 मार्च को
राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा बेहतर शैक्षिक मॉनिटरिंग एवं अपने कार्यक्रमों की प्रभावशीलता को आंकने की दृष्टि से रेडियो के फोन इन कार्यक्रम 'हेलो आकाशवाणी' को माध्यम बनाया जा रहा है। कार्यक्रम का द्वितीय प्रसारण 10 मार्च, 2008 को दोपहर 12 से 1 बजे के मध्य आकाशवाणी के भोपाल केन्द्र से होगा, जिसे मध्यप्रदेश स्थित आकाशवाणी के सभी केन्द्र एक साथ प्रसारित करेंगे। कार्यक्रम के दौरान संपूर्ण मध्यप्रदेश के श्रोतागण, आकाशणी भोपाल के स्टूडियो स्थित दूरभाष नंबर 0755-2660902 एवं 2660903 पर फोन कर अपने प्रश्नों एवं समस्याओं से विभाग के विरष्ठ अधिकारियों को सीधे अवगत करा सकेंगे।
इस कार्यक्रम के माध्यम से प्रदेश के सभी अंचलों के व्यक्ति अपने क्षेत्र की स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता गतिविधियों की उपलब्धियों, कमियों व उनमें सुधार की दृष्टि से स्कूल शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से सीधे संवाद स्थापित कर सकेंगे। कार्यक्रम के प्रसारण के दौरान, स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव, आयुक्त राज्य शिक्षा केन्द्र एवं आयुक्त लोक शिक्षण आदि वरिष्ठ अधिकारीगण, आकाशवाणी भोपाल के स्टूडियो में उपस्थित रहकर प्रश्नों के उत्तर देंगे एवं जनसामान्य से राज्य शिक्षा केन्द्र तथा स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा संचालित योजनाओं पर चर्चा करेंगे।
इस समयावधि में सभी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा केन्द्र समन्वयक, अन्य अधिकारीगण एवं विद्यालयों के शिक्षक भी अपने-अपने कार्यस्थल पर रेडियो सुनेंगे, जिससे यथा संभव रेडियो कार्यक्रम के दौरान ही फोनकर्ता व्यक्ति की समस्याओं का समाधान हो सकेगा।
इस कार्यक्रम के दौरान स्कूल शिक्षा विभाग की गतिविधियों यथा-विद्यालयों के संचालन, शाला भवन निर्माण, विद्यालयों में पठन-पाठन की स्थिति, विद्यार्थियों एवं शिक्षकों की उपस्थिति, पालक शिक्षक संघ की गतिविधियां तथा साक्षरता योजनाओं के संबंध में चर्चा की जा सकेगी।
कार्यक्रम के दौरान पालक शिक्षक संघ के सदस्यों, शैक्षिक अभिरुचि रखने वाले व्यक्ति छात्र-छात्राओं एवं आम जनसामान्य से दूरभाष पर अपने-अपने क्षेत्र की शैक्षिक स्थिति पर चर्चा कर सकते हैं।

सामूहिक विवाह 9 मार्च को कम्युनिटी हाल टी.टी.नगर में

सामूहिक विवाह 9 मार्च को कम्युनिटी हाल टी.टी.नगर में
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत जिला प्रशासन द्वारा निर्धन और निराश्रित परिवार की 11 कन्याओं के सामूहिक विवाह का आयोजन 9 मार्च 2008 को प्रात: 10 बजे कम्युनिटी हाल टी.टी. नगर में किया जा रहा है।

प्राकृतिक आपदा से 7.44 लाख रूपये की राशि आवंटित

प्राकृतिक आपदा से 7.44 लाख रूपये की राशि आवंटित
राज्य शासन द्वारा कलेक्टर, दमोह को प्राकृतिक आपदा से राहत मद के अन्तर्गत सात लाख चवालीस हजार छह सौ उन्हत्तर रूपये की राशि आवंटित की गयी है। उक्त राशि वर्ष 2005 में आई बाढ़ में प्रभावितों को वितरित खाद्यान्न के लंबित देयकों के भुगतान के लिये चालू वित्तीय वर्ष के बजट से आवंटित की गयी है।

सिल्क फेब 2008 में लगभग 28 लाख रुपये की बिक्री

सिल्क फेब 2008 में लगभग 28 लाख रुपये की बिक्री
म.प्र. सिल्क फेडरेशन द्वारा आयोजित सिल्क फेब 2008 में मात्र नौ दिनों में 27 लाख 83 हजार रुपये के रेशमी वस्त्रों का विक्रय हुआ।
म.प्र. शासन ग्रामोद्योग विभाग के अंतर्गत म.प्र. सिल्क फेडरेशन द्वारा गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी राजधानी वासियों को उत्तम गुणवत्ता की रेशम साड़ियां व वस्त्र विक्रय हेतु उपलब्ध कराने के लिए 'सिल्क फेब-2008' का आयोजन 27 फरवरी से छह मार्च, 2008 तक गौहर महल, व्ही.आई.पी. रोड, भोपाल में किया गया।
म.प्र. के विभिन्न अंचलों से प्रदर्शनी में सहभागिता कर रहे बुनकर और शिल्पियों को उनके द्वारा रेशमी वस्त्रों पर किये गये अभिनव प्रयास का सार्थक मूल्य प्राप्त हुआ। भोपाल वासियों द्वारा सिल्क फेब-2008 में कतान सिल्क फेडरेशन द्वारा उत्पादित रेशमी वस्त्रों, विशेषकर मलबरी सिल्क की बाग प्रिंट साड़ियां, सलवार सूट्स, ड्रेस मटेरियल, महेश्वर में निर्मित डिजाइनर साड़ियां, बालाघाट में बनी वैवाहिक साड़ियों को अत्यधिक पसंद किया गया। इसके अलावा अन्य सहभागी स्व सहायता समूहों द्वारा प्रदर्शित घींचा टसर ब्लेन्ड साड़िया रेशमी क्विलट, बेड कव्हर्स को विशेष रूप से सराहा गया।

अनुसूचित जाति वर्ग के मेधावी विद्यार्थियों का विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त करने हेतु चयन

अनुसूचित जाति वर्ग के मेधावी विद्यार्थियों का विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त करने हेतु चयन
अनुसूचित जाति वर्ग के 18 विद्यार्थियों का विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिये चयन किया गया है। इनमें से 10 विद्यार्थियों को विदेश में उच्च शिक्षा के लिये छात्रवृत्ति दी जायेगी।
राज्य शासन द्वारा गठित चयन समिति द्वारा आयोजित साक्षात्कार में उपस्थित विद्यार्थियों में से विदेश भेजे जाने हेतु 18 विद्यार्थियों को चयनित किया गया है। 'पहले आएं पहले पाएं' के सिध्दांत पर पहले आने वाले कुल 10 विद्यार्थियों को ही छात्रवृत्ति स्वीकृत की जायेगी। इनमें 4 महिला एवं 6 पुरूष विद्यार्थी होंगे।
महिला विद्यार्थियों में कु. अनीता तिलवारी, कु. इन्दु सिंह अपूरिया, कु. कविता सूर्यवंशी, कु. जूही मालवीय, कु. पूर्णिमा सोमकुंवर और कु. शिखा जाट शामिल हैं। पुरूष विद्यार्थियों में डॉ. रामफूल अहिरवार, श्री अरविन्द लोखण्डे, श्री शरद कुमार विपारा, श्री मयूर बेलवंशी, श्री जितेन्द्र कुमार अम्बुलकर, श्री लक्ष्मी प्रसाद बिंजारे, श्री भीमा राव वैद्य, श्री राकेश मण्डलेकर, श्री सुरेश वर्मा, श्री हर्षवर्धन साधव, श्री कार्तिकेय बौध्द और श्री गनपत सिंह अर्गल शामिल हैं।
छात्रवृत्ति योजना के नियम के प्रावधान के अनुसार चयनित विद्यार्थियों को 2 वर्ष के भीतर विदेश में स्थित शैक्षणिक संस्था में प्रवेश लेना अनिवार्य होगा अन्यथा उनका चयन अमान्य कर दिया जायेगा।
चयनित विद्यार्थियों को अपने साक्ष्यांकन फार्म, प्रतिभूति पत्र, अनुबंध पत्र, विदेश में चयन संबंधी सूचना के पत्र की प्रमाणित प्रति, विदेश जाने हेतु वीजा#पासपोर्ट की प्रमाणित प्रति, विदेश शिक्षा हेतु निर्धारित अन्य शर्तों संबंधी अभिलेख और शैक्षणिक, आयु, जाति एवं आय संबंधी मूल दस्तावेज#अभिलेख सहित कार्यालय आयुक्त, अनुसूचित जाति विकास, राजीव गांधी भवन, 35 श्यामला हिल्स, भोपाल में उपस्थित होने के लिये कहा गया है। इस संबंध में चयनित विद्यार्थियों को अलग से लिखित सूचना भेजी जा रही है।

बालिका भ्रूण हत्या रोकने के लिए सिर्फ एक कानून बने : न्यायमूर्ति श्री डी.एम. धर्माधिकारी

बालिका भ्रूण हत्या रोकने के लिए सिर्फ एक कानून बने : न्यायमूर्ति श्री डी.एम. धर्माधिकारी
बेटियों को जन्म देने का हक दे समाज, नई टेक्नालॉजी का दुरुपयोग बंद हो, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर ''कन्या भ्रूण हत्या : समस्या एवं समाधान'' पर सेमीनार हुआ
मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री डी.एम. धर्माधिकारी ने कहा है कि बालिका भ्रूण हत्या को सख्ती से रोकने के लिए वर्तमान में प्रचलित विभिन्न कानूनों को मिलाकर एक नया कानून बनाना चाहिये। इसमें चिकित्सा जगत का भी व्यापक सहयोग लिया जाना चाहिये। न्यायमूर्ति श्री धर्माधिकारी आज यहां समन्वय भवन में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग और मानव अधिकार आयोग द्वारा 'बालिका भ्रूण हत्या : समस्या एवं समाधान' विषय पर आयोजित सेमिनार को सम्बोधित कर रहे थे। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित इस सेमीनार में आयोग के सदस्यगण न्यायमूर्ति श्री एन.एस. आजाद, श्री विजय शुक्ल, आयुक्त स्वास्थ्य श्रीमती अलका उपाध्याय, संचालक चिकित्सा सेवाएं डॉ. एम.के. जोशी, यूनिसेफ के सलाहकार डॉ. मनोहर अगनानी आदि उपस्थित थे।
न्यायमूर्ति श्री डी.एम. धर्माधिकारी ने कहा कि बालिका भ्रूण हत्या जैसे अपराध को रोकने में महिलाओं विशेषकर चिकित्सकों की अहम भूमिका है। इस मामले में जब तक महिलाएं एकजुट नहीं होंगी, तब तक भ्रूण हत्या जैसी समस्या का निदान नहीं हो सकता। बालिका भ्रूण हत्या को रोकने के लिए मौजूदा कानून के प्रति लोगों में कोई भय नहीं है। इसीलिए कोई ऐसा नया कानून बने जिसमें दोषी व्यक्तियों को इस घृणित कार्य में लिप्त होने पर सख्त दण्ड दिया जा सके। बालिका भ्रूण हत्या को रोकने में केवल कानून ही नहीं बल्कि समाज को भी आगे आना होगा। चिकित्सा जगत से जुड़ी महिलाएं भी इसमें अपने सुझाव दे सकती हैं। चिकित्सकों को बालिका भ्रूण हत्या कराने वाले तत्वों को उजागर करना चाहिए। कन्या भ्रूण हत्या रोकने में महिला चिकित्सकों की महत्वपूर्ण भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता। पीएनडीटी एक्ट को पालन कराने का दायित्व चिकित्सकों पर ही है क्योंकि वे भ्रूण हत्या के लिए जिम्मेदार माता-पिता की काउंसिलिंग भी कर सकते हैं।
न्यायमूर्ति श्री धर्माधिकारी ने कहा कि आज महिलाओं को अपनी सोच में बदलाव लाने की जरूरत है। पुरुष प्रधान समाज को बदलने के लिए उन्हें पहले सामाजिक कुरीतियों को खत्म तथा अपने अधिकारों के प्रति सचेत व जागरूक होना होगा। विवाह की मौजूदा पध्दति में परिवर्तन लाना होगा। महिलाएं अब भी सजग नहीं हुईं तो पुराने रीति-रिवाजों, सामाजिक बुराईयों को बदलने का कार्य अब उनकी नई पीढ़ी करेगी। विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के आगे आने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है, जब महिलाएं भी अध्यात्म के क्षेत्र में आगे आ रही हैं। उन्होंने कहा कि जब स्त्री का मानस बदलेगा तो उसका आत्मबल भी बढ़ेगा। आज जहां लिंगानुपात घट रहा है वहां स्थितियां भी तेजी से बदल रही हैं। विज्ञान और तकनीक का उपयोग हो लेकिन दुरुपयोग कतई न हो।
सेमीनार में श्रीमती अलका उपाध्याय ने घटते लिंगानुपात पर चिंता व्यक्त करते हुए वर्ष 1901 से 2007 तक का तुलनात्मक विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 1901 में देश का एवं मध्यप्रदेश का लिंगानुपात 972 (प्रति हजार) तथा 2001 में देश का लिंगानुपात 933 एवं मध्यप्रदेश का 919 था। इसी तरह 1961 में शिशु लिंगानुपात (0 से 6 वर्ष) देश का जहां 976 था तो वह वर्ष 2001 में घटकर 927 हो गया। इसी तरह मध्यप्रदेश में शिशु लिंगानुपात की भी 967 से घटकर 932 हो गया। वर्ष 2001 में मध्यप्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में लिंगानुपात 927 एवं शहरी क्षेत्रों में 809 बताया गया है। ग्वालियर-चंबल संभाग में स्थिति चिंताजनक है। मुरैना, ग्वालियर, श्योपुर, शिवपुरी, दतिया, गुना, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, होशंगाबाद, विदिशा, भोपाल तथा रायसेन में लिंगानुपात 900 से भी कम है। प्रदेश में सोनोग्राफी करने वाले 81 शासकीय तथा 1135 प्रायवेट क्लीनिक हैं, जिनमें से अब तक 291 क्लीनिकों का निरीक्षण किया जा चुका है।
यूनिसेफ के सलाहकार डॉ. मनोहर अगनानी ने कहा कि घटता लिंगानुपात समाज में महिलाओं के प्रति सोच को दर्शाता है। ग्वालियर-चंबल संभाग के पांच जिले घटते लिंगानुपात के लिए बदनाम हो चुके हैं। सोनोग्राफी तकनीक का निरंतर दुरुपयोग हो रहा है। लिंगानुपात अंतर समाप्त नहीं हुआ तो इसके घातक परिणाम सामने आयेंगे, जिससे सबसे अधिक गरीब तबका प्रभावित होगा। बालिका भ्रूण हत्या एक ऐसा अपराध है जो परिवारजन संबंधित डाक्टर के साथ मिलकर करते हैं। इस अपराध का चूंकि कोई साक्ष्य नहीं होता, इसीलिए दोषी बच निकलते हैं। उन्होंने कहा कि सोनोग्राफी मशीनों के दुरुपयोग को रोककर स्त्रियों के अस्तित्व को बचाया जा सकता है। समाज को चाहिए कि वह बेटियों को जन्म लेने का हक दें।
इस अवसर पर कानूनविद श्री पी.के. शुक्ल ने कहा कि चिकित्सकों को पी.एन.डी.टी. तथा अन्य संबंधित कानूनों की जानकारी होना चाहिए। चिकित्सक बनते समय ली गई शपथ को उन्हें नहीं भूलना चाहिए। भारत में अवैध गर्भपात के संबंध में कठोर कानून की आवश्यकता है। कन्या भ्रूण हत्या के द्वारा ही संस्कृति के विनाश को रोकना होगा। भ्रूण हत्या जैसे कलंक को खत्म करने के लिए संबंधित सभी कानूनों को एक साथ लागू किया जाना चाहिए। सेमीनार को उप संचालक स्वास्थ्य डॉ. वीणा सिन्हा ने भी संबोधित किया। इसके पूर्व डॉ. एम.के. जोशी ने आयोजन के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला।
प्रारंभ में न्यायमूर्ति श्री धर्माधिकारी ने दीप प्रज्जवलित कर सेमीनार का उद्धाटन किया। श्रीमती अलका उपाध्याय सहित अन्य अधिकारियों ने अतिथियों का स्वागत किया। अंत में बालिका भ्रूण हत्या एवं इसमें सहभागी बनने से रोकने के लिए सभी को शपथ दिलाई गई। कार्यक्रम में पूर्व मंत्री श्रीमती सविता वाजपेई, स्वास्थ्य एवं मानव अधिकार आयोग के अधिकारी, चिकित्सक, स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि, महिला प्राध्यापक और छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित थी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा डिंडौरी जिले के रामनगर में आकस्मिक निरीक्षण

मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा डिंडौरी जिले के रामनगर में आकस्मिक निरीक्षण
जनपद सी.ई.ओ., दो सब इंजीनियर तथा लेखापाल निलंबित
मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने आज डिंडौरी जिले में आकस्मिक निरीक्षण किया तथा मजदूरी के भुगतान के विलंब तथा अन्य अनियमितताओं के लिये मुख्य कार्यालन अधिकारी जनपद पंचायत डी.आर. परमार, दो सब इंजीनियरों भालेराव तथा महस्कोले एवं उनके कार्यालय में पदस्थ लेखापाल के.के. दुबे को निलंबित करने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री श्री चौहान आज दोपहर लगभग 12 बजे हैलीकाप्टर द्वारा भोपाल से रवाना हुए तथा आदिवासी बहुल डिंडौरी जिले के करंजिया विकासखंड मुख्यालय पहुंचे। वहां स्थानीय नागरिकों को मुख्य कार्यपालन अधिकारी तथा लेखापाल के विरूध्द शिकायतें थीं। लेखापाल वहां लगभग 26 वर्षों से पदस्थ था तथा लोगों का कहना था कि अकारण भुगतान रोक लिये जाते हैं।
ग्राम करंजिया से मुख्यमंत्री श्री चौहान मोटरसाईकिल से दस किलोमीटर दूर रामनगर गए। मुख्यमंत्री ने रामनगर में उचित मूल्य दुकान, अस्पताल, निर्माणाधीन सड़क, छात्रावास तथा खेत में क्षतिग्रस्त फसल का निरीक्षण किया।
उचित मूल्य की दुकान बंद पाई गई जबकि दुकान आज खुली रहना था। इस संबंध में कलेक्टर को दोषी व्यक्ति के विरूध्द कार्रवाई के निर्देश दिये गये हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आदिवासी छात्रावास में जाकर बातचीत की। छात्रों ने बताया कि छात्रावास की व्यवस्थाएं ठीक हैं। खेत में क्षतिग्रस्त फसलों का निरीक्षण करते समय श्री चौहान ने किसानों से राजस्व अमले द्वारा अब तक की गई कार्रवाई के संबंध में जानकारी प्राप्त की। किसानों ने बताया कि क्षतिग्रस्त फसल का सर्वे हो चुका है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने किसानों को शीघ्र आवश्यक राहत राशि एवं मुआवजा वितरण के निर्देश दिये।
अस्पताल के निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री को जानकारी प्राप्त हुई कि जननी सुरक्षा योजना के तहत प्रसूता महिलाओं को भुगतान मिल रहा है तथा क्षेत्र में महिलाओं को अस्पताल लाने के लिये जननी एक्सप्रेस मोबाइल वेन भी चल रही है जो उनकी जरूरत पर उपलब्ध हो जाती है।
सड़क निर्माण के निरीक्षण के समय मजदूरों ने समय पर मजदूरी का भुगतान नहीं किये जाने की शिकायत की। समय पर मजदूरी का भुगतान नहीं होने पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, दो सब इंजीनियर तथा लेखापाल को निलंबित करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री श्री चौहान शाम करीब छह बजे भोपाल लौटे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आयुक्त, जबलपुर संभाग को रामनगर में जनसमस्याओं के निराकरण के लिये शिविर लगाने के निर्देश दिये हैं। इस शिविर में ग्रामीणों को चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान के आकस्मिक भ्रमण में उनके सचिव श्री एस.पी.एस. परिहार साथ थे।

प्रिया की बहादुरी और श्रीमती जनक की समाज सेवा का आज होगा सम्मान (अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च, 2008)

प्रिया की बहादुरी और श्रीमती जनक की समाज सेवा का आज होगा सम्मान (अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च, 2008)
वीरता के लिये रानी अवंतिबाई और समाज सेवा के लिये राजमाता सिंधिया सम्मान दिये जायेंगे
प्रदेश सरकार अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च के अवसर पर उज्जैन जिले की कु. प्रिया सैनी को रानी अवंतिबाई राज्य स्तरीय वीरता पुरस्कार वर्ष 2007 और इंदौर जिले की निवासी डॉ. श्रीमती जनक पलटा मिगिलिगन को राजमाता विजयाराजे सिंधिया समाज सेवा पुरस्कार वर्ष 2007 से सम्मानित करेगी। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आठ मार्च को प्रात: 11 बजे बाल भवन भोपाल में आयोजित अलंकरण समारोह में पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं राज्यसभा सदस्य श्रीमती सुषमा स्वराज मुख्य अतिथि होंगी। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथियों में महिला एवं बाल विकास तथा सामाजिक न्याय मंत्री सुश्री कुसुम सिंह महदेले, श्री गंगाराम पटेल राज्यमंत्री महिला एवं बाल विकास तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, श्रीमती रंजना बघेल राज्यमंत्री आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति कल्याण, सामान्य प्रशासन, विमानन और सुश्री मीना सिंह राज्यमंत्री पंचायत एवं ग्रामीण विकास कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगी।
ज्ञात रहे कि पन्ना की कुमारी अनीता लोधी को वीरता के लिये पहला अवंतिबाई राज्य स्तरीय वीरता पुरस्कार और समाज सेवा के लिये इंदौर की श्रीमती मनोरमा जोशी को पहला राजमाता विजयाराजे सिंधिया समाजसेवा पुरस्कार दिया गया था।
रानी अवंतिबाई राज्य स्तरीय वीरता पुरस्कार
एक सामान्य महिला भी कई बार किसी की जीवन अथवा अस्मिता की रक्षा जैसे या सामाजिक कुप्रथाओं, विषमताओं, दुष्प्रवृत्तियों अथवा शोषण के विरुध्द व्यक्तिगत अथवा सामूहिक रूप से संघर्ष अथवा जनचेतना जागृत करने जैसे साहसिक कार्य को अंजाम देती है, जिन्हें निश्चय ही वीरतापूर्ण कार्य कहा जा सकता है। अक्सर ऐसी महिलाओं के कृतत्व अनदेखे और अनसराहे रह जाते हैं। यदि ऐसी महिलाओं के उन साहसिक कार्यों को पर्याप्त सराहना और पारितोषिक मिले तो न केवल उन्हें वरन् उनकी जैसी अन्य कई महिलाओं को प्रोत्साहन मिल सकता है और वे आगे आ सकती है। प्रदेश सरकार ने ऐसी साहसिक महिलाओं को सम्मानित एवं पुरस्कृत करने हेतु एक वीरता पुरस्कार स्थापित किया है।
यह पुरस्कार प्रतिवर्ष प्रदेश की किसी एक साहसी महिला को रानी अवंतिबाई के नाम से दिया जाएगा, जिन्होंने स्वयं शौर्य और वीरतापूर्वक कार्यों के जरिए एक प्रतिमान स्थापित किया है। यह पुरस्कार राशि एक लाख रुपये और प्रशंसा पत्र के रूप में दिया जाता है।
प्रिया सैनी को रानी अवंतिबाई वीरता पुरस्कार 2007
उज्जैन जिले की मूल निवासी कुमारी प्रिया सैनी को रानी अवंतिबाई वीरता पुरस्कार वर्ष 2007 से सम्मानित किया जा रहा है।
कुमारी प्रिया ने वीरता की मिसाल पेश करते हुए उत्तरप्रदेश के मुजफ्फर नगर में दो गुंडे बदमाशों को धर-दबोचा। विगत 25 अप्रैल 2007 को शाम 7 बजे मुजफ्फरनगर में प्रिया अपनी मौसी सुदेश सैनी के साथ एक विवाह समारोह से लौट रही थी तभी दो बदमाशों ने मौसी के गले से चैन खींची और प्रिया को धक्का देकर भागने लगे। प्रिया ने बहादुरी दिखाते हुए उनमें से एक को दबोच लिया। बदमाश ने प्रिया के मुंह और शरीर पर जोरदार प्रहार किए लेकिन प्रिया ने उसे नहीं छोड़ा। तब दूसरे बदमाश ने प्रिया की पीठ पर अपनी बंदूक से गोली मार दी, लेकिन प्रिया ने बदमाश को पकड़े रखा। इससे हड़बड़ाये बदमाशों का हौसला पस्त हो गया और शोर-शराबा सुनकर इकट्ठा हुए लोगों ने गुंडों को पकड़ लिया। अब वे मुजफ्फरनगर जेल में बंद हैं।
प्रिया वर्तमान में उज्जैन में अध्ययनरत है ओैर शहर की युवतियों में हौसला अफजाई के लिये विभिन्न सामाजिक-सांस्कृतिक आयोजनों में शामिल होकर महिलाओं की मानसिकता सशक्त करने के लिए अपना उदाहरण पेष करती हैं। सामान्य परिवार की इस वीर बेटी पर पूरे शहर और प्रदेश को नाज है।
बदमाशों द्वारा गोली चलाने के बावजूद प्रिया ने हिम्मत दिखाते हुए बदमाश को नहीं छोड़ा । इस घटना को राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय मीडिया ने वीरता की मिसाल के रूप में पेश किया। देश भर के सामाजिक संगठनों और लोगों ने प्रिया की इस बहादुरी को सराहा, साथ ही युवतियों-महिलाओं ने प्रेरणा भी ली।
जिला प्रशासन मुजफ्फर नगर द्वारा इस बहादुरी के लिये कुमारी प्रिया को सम्मानित किया गया है। पुलिस अधीक्षक मुजफ्फर नगर ने भी प्रिया के हौसले को सम्मानित किया। स्टार टेलीविजन नेटवर्क ने प्रिया की वीरता को अपने चेैनल के माध्यम से पूरे देश में पहुॅचाकर हौसला अफजाई के पुरस्कार से नवाजा। उज्जेैन स्थित महिलाओं के संगठन ''संगिनी गुप'' ने भी प्रिया का सम्मान किया। स्वस्थ संसार, उज्जेैन स्थित महिला जिम ने प्रिया सेैनी को रानी लक्ष्मीबाई वीरता पुरस्कार प्रदान किया और समाचार पत्र ''राज एक्सप्रेस'' ने 15 अगस्त, 2007 को आयोजित संभाग स्तरीय कार्यक्रम में सुश्री सैनी को वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया।
राजमाता विजयाराजे सिंधिया राज्य स्तरीय पुरस्कार
अनेक महिलाएं स्व-प्रेरणा से ही घर और आस-पड़ौस से ही शुरू करके सफल समाज सुधार के विशिष्ट कार्य करती ऐसे कार्य, चाहे लोगों के स्वास्थ्य, शिक्षा, साक्षरता, पर्यावरण, आर्थिक गतिविधियों के संचालन, अधिकारों के प्रति जागृति, सामाजिक उत्थान के ही क्यों न हो, समाज सुधार के क्षेत्र में सभी गतिविधियाँ महत्वपूर्ण हैं। अनेक बार महिलाओं के ऐसे कार्यो को मान्यता नहीं मिल पाती है और वे कार्य अनजाने से रह जाते हैं। जिससे समाज में जो व्यापक सकारात्मक वातावरण बनना चाहिए, वह नहीं बन पाता।
प्रदेश सरकार द्वारा समाज सेवा के क्षेत्र में कार्यरत ऐसी महिलाओं के ऐसे योगदान के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए स्वर्गीय राजमाता विजयाराजे सिंधिया, के नाम से महिलाओं के लिए राज्य स्तरीय पुरस्कार स्थापित किया गया है। यह पुरस्कार राशि रूपये एक लाख और प्रशंसा पत्र के रूप में दिया जाता है।
राजमाता विजयाराजे सिंधिया समाजसेवा पुरस्कार वर्ष 2007 से सम्मानित डॉ. श्रीमती जनक पलटा मिगिलिगन
इंदौर जिले की निवासी डॉ. श्रीमती जनक पलटा मिगिलिगन को राजमाता विजयाराजे सिंधिया समाजसेवा पुरस्कार वर्ष 2007 से सम्मानित किया जा रहा है। डॉ. श्रीमती जनक पलटा मिगिलिगन, 1985 से आज तक आदिवासी एवं ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए लगातार प्रशिक्षित करते हुए उनके समग्र विकास की दिशा में संपूर्ण रूप से समर्पित महिला हैं। पिछले 23 सालों से महिलाओं को लगातार छ: माही व एक साल के आवासीय समग्र विकास का व्यवहारिक प्रशिक्षण देकर उन्हें सषक्त बनने में पूरा सहयोग दे रही हैैं। इन कार्यक्रमों में सामाजिक ओैर आर्थिक रूप से पिछडे, जैसे कि अनुसूचित जाति-जनजाति, आदिवासी अन्य पिछडे वर्ग, अपंग, अनाथ, विधवाएं, तलाकशुदा एवं उपेक्षित महिलाओं को प्राथमिकता दी जाती रही है। यह सेवा ही उनके जीवन का उद्देश्य है। प्रशिक्षण देने में पूरे वैज्ञानिक शोध को आधार बनाकर नवान्वेषण को निरन्तर महत्व देती आ रही है। अपने संस्थान से जिन महिलाओं को प्रशिक्षित किया जाता है पिछले कुछ सालों से इन प्रशिक्षाथिर्यों को नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ ओपन स्कूलिंग की परीक्षाएं दिलाकर इन महिलाओं की निरन्तर सहायता की जा रही है।
उन महिलाओं को ही प्रशिक्षिका भी बनाया जाता है। ग्रामीण अंचलों में पुन: जाकर उन सशक्त महिलाओं के सेवाकार्यों को प्रमाणित कर प्रोत्साहित भी करती है। इस प्रकार पुन: परीक्षण और पुनरावर्तन का मार्ग अपनाने के कारण डॉ. श्रीमती जनक पलटा मिगिलिगन का समाज सेवा कार्य अत्यंत सार्थक साबित हुआ है। अब तक इनके संस्थान से 4000 से भी अधिक ग्रामीण आदिवासी महिलाएं प्रशिक्षित होकर अपने गांव लौटी हैं।
श्रीमती जनक को ऑल इंडिया विमेन्स कान्फ्रेंस अखिल भारतीय महिला सम्मेलन द्वारा आदिवासी व ग्रामीण महिलाओं के लिए की गई सेवाओं के उपलक्ष्य 1992 में सम्मान दिया गया। वे संयुक्त राष्ट्रसंघ पर्यावरण कार्यक्रम (यू.एन.ई.पी.) न्यूयार्क द्वारा रियो डी जिनेरियो, ब्राजील में ग्लोबल 500 रोल ऑफ ऑनर (विश्व 500 क्रम का सम्मान) द्वारा झाबुआ जिले के 302 गाँवों में नारू उन्मूलन की सेवाओं के लिए जून, 92 में सम्मानित की गई।
ऑल इंडिया वाटर वर्क्स एसोसियेशन, इंदौर द्वारा अक्टूबर 1995 में आदिवासी व ग्रामीण महिलाओं को स्वच्छ जल के लिए प्रशिक्षित करने हेतु सम्मानित की गई। इनर व्हील क्लब, इंदोर से ग्रामीण एवं आदिवासी महिलाओं के लिए की गई सेवाओं के उपलक्ष्य में अक्टूबर 2000 को सम्मानित की गई!
स्टेट बैंक ऑफ इंदोर (प्रमुख कार्यालय) के समाज सेवा प्रकोष्ठ के पांचवें स्थापना दिवस 2 अक्टूबर 2000के उपलक्ष्य में आदिवासी व ग्रामीण महिलाओं की विशिष्ट सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया।
इन्दोर जिले के तत्कालीन कलेक्टर श्री मनोज श्रीवास्तव द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर 60 स्थानीय स्वैच्छिक संगठनों के समूह महिला सशक्तिकरण महासंगठन द्वारा प्रदेश की आदिवासी एवं ग्रामीण महिलाओं के उत्थान के लिए की गई महत्वपूर्ण सेवाओं के लिए 8 मार्च 2001 को सम्मानित की गई।
भारतीय दलित साहित्य अकादमी, मध्यप्रदेश द्वारा उज्जैन में आयोजित ''महिला सृजन के विविध आयाम-महिलाओं की वैयक्तिक स्वतंत्रता एवं भारतीय परिवेश में सामंजस्य की समस्या'' पर 'राष्ट्रीय अम्बेडकर साहित्य सम्मान' से 20-21 अक्टूबर 2001 को सम्मानित की गई। सम्प्रीति से ग्रामीण एवं आदिवासी महिलाओं के बीच की गई सेवाओं के उपलक्ष्य में 15 जनवरी 2003 को सम्मानित की गई। उन्हें शिक्षक कल्याण सदन समिति, इंदोर द्वारा 29 अप्रैल 2003 को मालव शिक्षा सम्मान अलंकरण 'समाज सेवा संवर्ग' सम्मान से सम्मानित किया गया। राजीव गांधी अक्षय उर्जा पखवाडा अपारंपरिक उर्जा स्त्रोत मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अगस्त 2005 में सम्मानित की गई।
मध्यप्रदेश राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, हिन्दी भवन भोपाल द्वारा आदिवासी व ग्रामीण महिलाओं के समग्र विकास के साथ साथ अपंग, अनाथ, तलाकशुदा औेर अन्य उपेक्षित महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने, जागरूकता, उत्कृष्ट समाज सेवा के लिए 25 सितम्बर 2005 को 'महिला समाजसेवी सम्मान' राज्यपाल श्री बलराम जाखड़ द्वारा प्रदान किया गया।
अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च 2006 को मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग, इन्दौर द्वारा समाज हित में किये अविस्मरणीय कार्यों के लिये मानव अधिकार मित्र के रूप् में सम्मानित हुई।
अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च 2007 को इंदौर के विभिन्न शैक्षणिक एवं सामाजिक संगठन द्वारा आदिवासी महिला कल्याण के क्षेत्र में सतत् साधना एवं त्याग तपस्या पूर्ण सेवाओं के लिए संभागायुक्त श्री अशोक दास, इंदौर द्वारा सम्मानित की गई। गांवों में नेत्र से जुडी समस्याओं का निदान करने के लिए महामहिम राज्यपाल डॉ. बलराम जाखड़ द्वारा 24 जुलाई 2007 को डॉ. एम.सी. नाहटा राष्ट्रीय नेत्र सुरक्षा पुरस्कार से उन्हें सम्मानित किया गया।

प्रिया की बहादुरी और श्रीमती जनक की समाज सेवा का आज होगा सम्मान (अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च, 2008)

प्रिया की बहादुरी और श्रीमती जनक की समाज सेवा का आज होगा सम्मान (अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च, 2008)
वीरता के लिये रानी अवंतिबाई और समाज सेवा के लिये राजमाता सिंधिया सम्मान दिये जायेंगे
प्रदेश सरकार अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च के अवसर पर उज्जैन जिले की कु. प्रिया सैनी को रानी अवंतिबाई राज्य स्तरीय वीरता पुरस्कार वर्ष 2007 और इंदौर जिले की निवासी डॉ. श्रीमती जनक पलटा मिगिलिगन को राजमाता विजयाराजे सिंधिया समाज सेवा पुरस्कार वर्ष 2007 से सम्मानित करेगी। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आठ मार्च को प्रात: 11 बजे बाल भवन भोपाल में आयोजित अलंकरण समारोह में पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं राज्यसभा सदस्य श्रीमती सुषमा स्वराज मुख्य अतिथि होंगी। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथियों में महिला एवं बाल विकास तथा सामाजिक न्याय मंत्री सुश्री कुसुम सिंह महदेले, श्री गंगाराम पटेल राज्यमंत्री महिला एवं बाल विकास तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, श्रीमती रंजना बघेल राज्यमंत्री आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति कल्याण, सामान्य प्रशासन, विमानन और सुश्री मीना सिंह राज्यमंत्री पंचायत एवं ग्रामीण विकास कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगी।
ज्ञात रहे कि पन्ना की कुमारी अनीता लोधी को वीरता के लिये पहला अवंतिबाई राज्य स्तरीय वीरता पुरस्कार और समाज सेवा के लिये इंदौर की श्रीमती मनोरमा जोशी को पहला राजमाता विजयाराजे सिंधिया समाजसेवा पुरस्कार दिया गया था।
रानी अवंतिबाई राज्य स्तरीय वीरता पुरस्कार
एक सामान्य महिला भी कई बार किसी की जीवन अथवा अस्मिता की रक्षा जैसे या सामाजिक कुप्रथाओं, विषमताओं, दुष्प्रवृत्तियों अथवा शोषण के विरुध्द व्यक्तिगत अथवा सामूहिक रूप से संघर्ष अथवा जनचेतना जागृत करने जैसे साहसिक कार्य को अंजाम देती है, जिन्हें निश्चय ही वीरतापूर्ण कार्य कहा जा सकता है। अक्सर ऐसी महिलाओं के कृतत्व अनदेखे और अनसराहे रह जाते हैं। यदि ऐसी महिलाओं के उन साहसिक कार्यों को पर्याप्त सराहना और पारितोषिक मिले तो न केवल उन्हें वरन् उनकी जैसी अन्य कई महिलाओं को प्रोत्साहन मिल सकता है और वे आगे आ सकती है। प्रदेश सरकार ने ऐसी साहसिक महिलाओं को सम्मानित एवं पुरस्कृत करने हेतु एक वीरता पुरस्कार स्थापित किया है।
यह पुरस्कार प्रतिवर्ष प्रदेश की किसी एक साहसी महिला को रानी अवंतिबाई के नाम से दिया जाएगा, जिन्होंने स्वयं शौर्य और वीरतापूर्वक कार्यों के जरिए एक प्रतिमान स्थापित किया है। यह पुरस्कार राशि एक लाख रुपये और प्रशंसा पत्र के रूप में दिया जाता है।
प्रिया सैनी को रानी अवंतिबाई वीरता पुरस्कार 2007
उज्जैन जिले की मूल निवासी कुमारी प्रिया सैनी को रानी अवंतिबाई वीरता पुरस्कार वर्ष 2007 से सम्मानित किया जा रहा है।
कुमारी प्रिया ने वीरता की मिसाल पेश करते हुए उत्तरप्रदेश के मुजफ्फर नगर में दो गुंडे बदमाशों को धर-दबोचा। विगत 25 अप्रैल 2007 को शाम 7 बजे मुजफ्फरनगर में प्रिया अपनी मौसी सुदेश सैनी के साथ एक विवाह समारोह से लौट रही थी तभी दो बदमाशों ने मौसी के गले से चैन खींची और प्रिया को धक्का देकर भागने लगे। प्रिया ने बहादुरी दिखाते हुए उनमें से एक को दबोच लिया। बदमाश ने प्रिया के मुंह और शरीर पर जोरदार प्रहार किए लेकिन प्रिया ने उसे नहीं छोड़ा। तब दूसरे बदमाश ने प्रिया की पीठ पर अपनी बंदूक से गोली मार दी, लेकिन प्रिया ने बदमाश को पकड़े रखा। इससे हड़बड़ाये बदमाशों का हौसला पस्त हो गया और शोर-शराबा सुनकर इकट्ठा हुए लोगों ने गुंडों को पकड़ लिया। अब वे मुजफ्फरनगर जेल में बंद हैं।
प्रिया वर्तमान में उज्जैन में अध्ययनरत है ओैर शहर की युवतियों में हौसला अफजाई के लिये विभिन्न सामाजिक-सांस्कृतिक आयोजनों में शामिल होकर महिलाओं की मानसिकता सशक्त करने के लिए अपना उदाहरण पेष करती हैं। सामान्य परिवार की इस वीर बेटी पर पूरे शहर और प्रदेश को नाज है।
बदमाशों द्वारा गोली चलाने के बावजूद प्रिया ने हिम्मत दिखाते हुए बदमाश को नहीं छोड़ा । इस घटना को राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय मीडिया ने वीरता की मिसाल के रूप में पेश किया। देश भर के सामाजिक संगठनों और लोगों ने प्रिया की इस बहादुरी को सराहा, साथ ही युवतियों-महिलाओं ने प्रेरणा भी ली।
जिला प्रशासन मुजफ्फर नगर द्वारा इस बहादुरी के लिये कुमारी प्रिया को सम्मानित किया गया है। पुलिस अधीक्षक मुजफ्फर नगर ने भी प्रिया के हौसले को सम्मानित किया। स्टार टेलीविजन नेटवर्क ने प्रिया की वीरता को अपने चेैनल के माध्यम से पूरे देश में पहुॅचाकर हौसला अफजाई के पुरस्कार से नवाजा। उज्जेैन स्थित महिलाओं के संगठन ''संगिनी गुप'' ने भी प्रिया का सम्मान किया। स्वस्थ संसार, उज्जेैन स्थित महिला जिम ने प्रिया सेैनी को रानी लक्ष्मीबाई वीरता पुरस्कार प्रदान किया और समाचार पत्र ''राज एक्सप्रेस'' ने 15 अगस्त, 2007 को आयोजित संभाग स्तरीय कार्यक्रम में सुश्री सैनी को वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया।
राजमाता विजयाराजे सिंधिया राज्य स्तरीय पुरस्कार
अनेक महिलाएं स्व-प्रेरणा से ही घर और आस-पड़ौस से ही शुरू करके सफल समाज सुधार के विशिष्ट कार्य करती ऐसे कार्य, चाहे लोगों के स्वास्थ्य, शिक्षा, साक्षरता, पर्यावरण, आर्थिक गतिविधियों के संचालन, अधिकारों के प्रति जागृति, सामाजिक उत्थान के ही क्यों न हो, समाज सुधार के क्षेत्र में सभी गतिविधियाँ महत्वपूर्ण हैं। अनेक बार महिलाओं के ऐसे कार्यो को मान्यता नहीं मिल पाती है और वे कार्य अनजाने से रह जाते हैं। जिससे समाज में जो व्यापक सकारात्मक वातावरण बनना चाहिए, वह नहीं बन पाता।
प्रदेश सरकार द्वारा समाज सेवा के क्षेत्र में कार्यरत ऐसी महिलाओं के ऐसे योगदान के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए स्वर्गीय राजमाता विजयाराजे सिंधिया, के नाम से महिलाओं के लिए राज्य स्तरीय पुरस्कार स्थापित किया गया है। यह पुरस्कार राशि रूपये एक लाख और प्रशंसा पत्र के रूप में दिया जाता है।
राजमाता विजयाराजे सिंधिया समाजसेवा पुरस्कार वर्ष 2007 से सम्मानित डॉ. श्रीमती जनक पलटा मिगिलिगन
इंदौर जिले की निवासी डॉ. श्रीमती जनक पलटा मिगिलिगन को राजमाता विजयाराजे सिंधिया समाजसेवा पुरस्कार वर्ष 2007 से सम्मानित किया जा रहा है। डॉ. श्रीमती जनक पलटा मिगिलिगन, 1985 से आज तक आदिवासी एवं ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए लगातार प्रशिक्षित करते हुए उनके समग्र विकास की दिशा में संपूर्ण रूप से समर्पित महिला हैं। पिछले 23 सालों से महिलाओं को लगातार छ: माही व एक साल के आवासीय समग्र विकास का व्यवहारिक प्रशिक्षण देकर उन्हें सषक्त बनने में पूरा सहयोग दे रही हैैं। इन कार्यक्रमों में सामाजिक ओैर आर्थिक रूप से पिछडे, जैसे कि अनुसूचित जाति-जनजाति, आदिवासी अन्य पिछडे वर्ग, अपंग, अनाथ, विधवाएं, तलाकशुदा एवं उपेक्षित महिलाओं को प्राथमिकता दी जाती रही है। यह सेवा ही उनके जीवन का उद्देश्य है। प्रशिक्षण देने में पूरे वैज्ञानिक शोध को आधार बनाकर नवान्वेषण को निरन्तर महत्व देती आ रही है। अपने संस्थान से जिन महिलाओं को प्रशिक्षित किया जाता है पिछले कुछ सालों से इन प्रशिक्षाथिर्यों को नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ ओपन स्कूलिंग की परीक्षाएं दिलाकर इन महिलाओं की निरन्तर सहायता की जा रही है।
उन महिलाओं को ही प्रशिक्षिका भी बनाया जाता है। ग्रामीण अंचलों में पुन: जाकर उन सशक्त महिलाओं के सेवाकार्यों को प्रमाणित कर प्रोत्साहित भी करती है। इस प्रकार पुन: परीक्षण और पुनरावर्तन का मार्ग अपनाने के कारण डॉ. श्रीमती जनक पलटा मिगिलिगन का समाज सेवा कार्य अत्यंत सार्थक साबित हुआ है। अब तक इनके संस्थान से 4000 से भी अधिक ग्रामीण आदिवासी महिलाएं प्रशिक्षित होकर अपने गांव लौटी हैं।
श्रीमती जनक को ऑल इंडिया विमेन्स कान्फ्रेंस अखिल भारतीय महिला सम्मेलन द्वारा आदिवासी व ग्रामीण महिलाओं के लिए की गई सेवाओं के उपलक्ष्य 1992 में सम्मान दिया गया। वे संयुक्त राष्ट्रसंघ पर्यावरण कार्यक्रम (यू.एन.ई.पी.) न्यूयार्क द्वारा रियो डी जिनेरियो, ब्राजील में ग्लोबल 500 रोल ऑफ ऑनर (विश्व 500 क्रम का सम्मान) द्वारा झाबुआ जिले के 302 गाँवों में नारू उन्मूलन की सेवाओं के लिए जून, 92 में सम्मानित की गई।
ऑल इंडिया वाटर वर्क्स एसोसियेशन, इंदौर द्वारा अक्टूबर 1995 में आदिवासी व ग्रामीण महिलाओं को स्वच्छ जल के लिए प्रशिक्षित करने हेतु सम्मानित की गई। इनर व्हील क्लब, इंदोर से ग्रामीण एवं आदिवासी महिलाओं के लिए की गई सेवाओं के उपलक्ष्य में अक्टूबर 2000 को सम्मानित की गई!
स्टेट बैंक ऑफ इंदोर (प्रमुख कार्यालय) के समाज सेवा प्रकोष्ठ के पांचवें स्थापना दिवस 2 अक्टूबर 2000के उपलक्ष्य में आदिवासी व ग्रामीण महिलाओं की विशिष्ट सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया।
इन्दोर जिले के तत्कालीन कलेक्टर श्री मनोज श्रीवास्तव द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर 60 स्थानीय स्वैच्छिक संगठनों के समूह महिला सशक्तिकरण महासंगठन द्वारा प्रदेश की आदिवासी एवं ग्रामीण महिलाओं के उत्थान के लिए की गई महत्वपूर्ण सेवाओं के लिए 8 मार्च 2001 को सम्मानित की गई।
भारतीय दलित साहित्य अकादमी, मध्यप्रदेश द्वारा उज्जैन में आयोजित ''महिला सृजन के विविध आयाम-महिलाओं की वैयक्तिक स्वतंत्रता एवं भारतीय परिवेश में सामंजस्य की समस्या'' पर 'राष्ट्रीय अम्बेडकर साहित्य सम्मान' से 20-21 अक्टूबर 2001 को सम्मानित की गई। सम्प्रीति से ग्रामीण एवं आदिवासी महिलाओं के बीच की गई सेवाओं के उपलक्ष्य में 15 जनवरी 2003 को सम्मानित की गई। उन्हें शिक्षक कल्याण सदन समिति, इंदोर द्वारा 29 अप्रैल 2003 को मालव शिक्षा सम्मान अलंकरण 'समाज सेवा संवर्ग' सम्मान से सम्मानित किया गया। राजीव गांधी अक्षय उर्जा पखवाडा अपारंपरिक उर्जा स्त्रोत मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अगस्त 2005 में सम्मानित की गई।
मध्यप्रदेश राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, हिन्दी भवन भोपाल द्वारा आदिवासी व ग्रामीण महिलाओं के समग्र विकास के साथ साथ अपंग, अनाथ, तलाकशुदा औेर अन्य उपेक्षित महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने, जागरूकता, उत्कृष्ट समाज सेवा के लिए 25 सितम्बर 2005 को 'महिला समाजसेवी सम्मान' राज्यपाल श्री बलराम जाखड़ द्वारा प्रदान किया गया।
अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च 2006 को मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग, इन्दौर द्वारा समाज हित में किये अविस्मरणीय कार्यों के लिये मानव अधिकार मित्र के रूप् में सम्मानित हुई।
अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च 2007 को इंदौर के विभिन्न शैक्षणिक एवं सामाजिक संगठन द्वारा आदिवासी महिला कल्याण के क्षेत्र में सतत् साधना एवं त्याग तपस्या पूर्ण सेवाओं के लिए संभागायुक्त श्री अशोक दास, इंदौर द्वारा सम्मानित की गई। गांवों में नेत्र से जुडी समस्याओं का निदान करने के लिए महामहिम राज्यपाल डॉ. बलराम जाखड़ द्वारा 24 जुलाई 2007 को डॉ. एम.सी. नाहटा राष्ट्रीय नेत्र सुरक्षा पुरस्कार से उन्हें सम्मानित किया गया।

प्रिया की बहादुरी और श्रीमती जनक की समाज सेवा का आज होगा सम्मान (अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च, 2008)

प्रिया की बहादुरी और श्रीमती जनक की समाज सेवा का आज होगा सम्मान (अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च, 2008)
वीरता के लिये रानी अवंतिबाई और समाज सेवा के लिये राजमाता सिंधिया सम्मान दिये जायेंगे
प्रदेश सरकार अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च के अवसर पर उज्जैन जिले की कु. प्रिया सैनी को रानी अवंतिबाई राज्य स्तरीय वीरता पुरस्कार वर्ष 2007 और इंदौर जिले की निवासी डॉ. श्रीमती जनक पलटा मिगिलिगन को राजमाता विजयाराजे सिंधिया समाज सेवा पुरस्कार वर्ष 2007 से सम्मानित करेगी। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आठ मार्च को प्रात: 11 बजे बाल भवन भोपाल में आयोजित अलंकरण समारोह में पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं राज्यसभा सदस्य श्रीमती सुषमा स्वराज मुख्य अतिथि होंगी। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथियों में महिला एवं बाल विकास तथा सामाजिक न्याय मंत्री सुश्री कुसुम सिंह महदेले, श्री गंगाराम पटेल राज्यमंत्री महिला एवं बाल विकास तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, श्रीमती रंजना बघेल राज्यमंत्री आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति कल्याण, सामान्य प्रशासन, विमानन और सुश्री मीना सिंह राज्यमंत्री पंचायत एवं ग्रामीण विकास कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगी।
ज्ञात रहे कि पन्ना की कुमारी अनीता लोधी को वीरता के लिये पहला अवंतिबाई राज्य स्तरीय वीरता पुरस्कार और समाज सेवा के लिये इंदौर की श्रीमती मनोरमा जोशी को पहला राजमाता विजयाराजे सिंधिया समाजसेवा पुरस्कार दिया गया था।
रानी अवंतिबाई राज्य स्तरीय वीरता पुरस्कार
एक सामान्य महिला भी कई बार किसी की जीवन अथवा अस्मिता की रक्षा जैसे या सामाजिक कुप्रथाओं, विषमताओं, दुष्प्रवृत्तियों अथवा शोषण के विरुध्द व्यक्तिगत अथवा सामूहिक रूप से संघर्ष अथवा जनचेतना जागृत करने जैसे साहसिक कार्य को अंजाम देती है, जिन्हें निश्चय ही वीरतापूर्ण कार्य कहा जा सकता है। अक्सर ऐसी महिलाओं के कृतत्व अनदेखे और अनसराहे रह जाते हैं। यदि ऐसी महिलाओं के उन साहसिक कार्यों को पर्याप्त सराहना और पारितोषिक मिले तो न केवल उन्हें वरन् उनकी जैसी अन्य कई महिलाओं को प्रोत्साहन मिल सकता है और वे आगे आ सकती है। प्रदेश सरकार ने ऐसी साहसिक महिलाओं को सम्मानित एवं पुरस्कृत करने हेतु एक वीरता पुरस्कार स्थापित किया है।
यह पुरस्कार प्रतिवर्ष प्रदेश की किसी एक साहसी महिला को रानी अवंतिबाई के नाम से दिया जाएगा, जिन्होंने स्वयं शौर्य और वीरतापूर्वक कार्यों के जरिए एक प्रतिमान स्थापित किया है। यह पुरस्कार राशि एक लाख रुपये और प्रशंसा पत्र के रूप में दिया जाता है।
प्रिया सैनी को रानी अवंतिबाई वीरता पुरस्कार 2007
उज्जैन जिले की मूल निवासी कुमारी प्रिया सैनी को रानी अवंतिबाई वीरता पुरस्कार वर्ष 2007 से सम्मानित किया जा रहा है।
कुमारी प्रिया ने वीरता की मिसाल पेश करते हुए उत्तरप्रदेश के मुजफ्फर नगर में दो गुंडे बदमाशों को धर-दबोचा। विगत 25 अप्रैल 2007 को शाम 7 बजे मुजफ्फरनगर में प्रिया अपनी मौसी सुदेश सैनी के साथ एक विवाह समारोह से लौट रही थी तभी दो बदमाशों ने मौसी के गले से चैन खींची और प्रिया को धक्का देकर भागने लगे। प्रिया ने बहादुरी दिखाते हुए उनमें से एक को दबोच लिया। बदमाश ने प्रिया के मुंह और शरीर पर जोरदार प्रहार किए लेकिन प्रिया ने उसे नहीं छोड़ा। तब दूसरे बदमाश ने प्रिया की पीठ पर अपनी बंदूक से गोली मार दी, लेकिन प्रिया ने बदमाश को पकड़े रखा। इससे हड़बड़ाये बदमाशों का हौसला पस्त हो गया और शोर-शराबा सुनकर इकट्ठा हुए लोगों ने गुंडों को पकड़ लिया। अब वे मुजफ्फरनगर जेल में बंद हैं।
प्रिया वर्तमान में उज्जैन में अध्ययनरत है ओैर शहर की युवतियों में हौसला अफजाई के लिये विभिन्न सामाजिक-सांस्कृतिक आयोजनों में शामिल होकर महिलाओं की मानसिकता सशक्त करने के लिए अपना उदाहरण पेष करती हैं। सामान्य परिवार की इस वीर बेटी पर पूरे शहर और प्रदेश को नाज है।
बदमाशों द्वारा गोली चलाने के बावजूद प्रिया ने हिम्मत दिखाते हुए बदमाश को नहीं छोड़ा । इस घटना को राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय मीडिया ने वीरता की मिसाल के रूप में पेश किया। देश भर के सामाजिक संगठनों और लोगों ने प्रिया की इस बहादुरी को सराहा, साथ ही युवतियों-महिलाओं ने प्रेरणा भी ली।
जिला प्रशासन मुजफ्फर नगर द्वारा इस बहादुरी के लिये कुमारी प्रिया को सम्मानित किया गया है। पुलिस अधीक्षक मुजफ्फर नगर ने भी प्रिया के हौसले को सम्मानित किया। स्टार टेलीविजन नेटवर्क ने प्रिया की वीरता को अपने चेैनल के माध्यम से पूरे देश में पहुॅचाकर हौसला अफजाई के पुरस्कार से नवाजा। उज्जेैन स्थित महिलाओं के संगठन ''संगिनी गुप'' ने भी प्रिया का सम्मान किया। स्वस्थ संसार, उज्जेैन स्थित महिला जिम ने प्रिया सेैनी को रानी लक्ष्मीबाई वीरता पुरस्कार प्रदान किया और समाचार पत्र ''राज एक्सप्रेस'' ने 15 अगस्त, 2007 को आयोजित संभाग स्तरीय कार्यक्रम में सुश्री सैनी को वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया।
राजमाता विजयाराजे सिंधिया राज्य स्तरीय पुरस्कार
अनेक महिलाएं स्व-प्रेरणा से ही घर और आस-पड़ौस से ही शुरू करके सफल समाज सुधार के विशिष्ट कार्य करती ऐसे कार्य, चाहे लोगों के स्वास्थ्य, शिक्षा, साक्षरता, पर्यावरण, आर्थिक गतिविधियों के संचालन, अधिकारों के प्रति जागृति, सामाजिक उत्थान के ही क्यों न हो, समाज सुधार के क्षेत्र में सभी गतिविधियाँ महत्वपूर्ण हैं। अनेक बार महिलाओं के ऐसे कार्यो को मान्यता नहीं मिल पाती है और वे कार्य अनजाने से रह जाते हैं। जिससे समाज में जो व्यापक सकारात्मक वातावरण बनना चाहिए, वह नहीं बन पाता।
प्रदेश सरकार द्वारा समाज सेवा के क्षेत्र में कार्यरत ऐसी महिलाओं के ऐसे योगदान के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए स्वर्गीय राजमाता विजयाराजे सिंधिया, के नाम से महिलाओं के लिए राज्य स्तरीय पुरस्कार स्थापित किया गया है। यह पुरस्कार राशि रूपये एक लाख और प्रशंसा पत्र के रूप में दिया जाता है।
राजमाता विजयाराजे सिंधिया समाजसेवा पुरस्कार वर्ष 2007 से सम्मानित डॉ. श्रीमती जनक पलटा मिगिलिगन
इंदौर जिले की निवासी डॉ. श्रीमती जनक पलटा मिगिलिगन को राजमाता विजयाराजे सिंधिया समाजसेवा पुरस्कार वर्ष 2007 से सम्मानित किया जा रहा है। डॉ. श्रीमती जनक पलटा मिगिलिगन, 1985 से आज तक आदिवासी एवं ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए लगातार प्रशिक्षित करते हुए उनके समग्र विकास की दिशा में संपूर्ण रूप से समर्पित महिला हैं। पिछले 23 सालों से महिलाओं को लगातार छ: माही व एक साल के आवासीय समग्र विकास का व्यवहारिक प्रशिक्षण देकर उन्हें सषक्त बनने में पूरा सहयोग दे रही हैैं। इन कार्यक्रमों में सामाजिक ओैर आर्थिक रूप से पिछडे, जैसे कि अनुसूचित जाति-जनजाति, आदिवासी अन्य पिछडे वर्ग, अपंग, अनाथ, विधवाएं, तलाकशुदा एवं उपेक्षित महिलाओं को प्राथमिकता दी जाती रही है। यह सेवा ही उनके जीवन का उद्देश्य है। प्रशिक्षण देने में पूरे वैज्ञानिक शोध को आधार बनाकर नवान्वेषण को निरन्तर महत्व देती आ रही है। अपने संस्थान से जिन महिलाओं को प्रशिक्षित किया जाता है पिछले कुछ सालों से इन प्रशिक्षाथिर्यों को नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ ओपन स्कूलिंग की परीक्षाएं दिलाकर इन महिलाओं की निरन्तर सहायता की जा रही है।
उन महिलाओं को ही प्रशिक्षिका भी बनाया जाता है। ग्रामीण अंचलों में पुन: जाकर उन सशक्त महिलाओं के सेवाकार्यों को प्रमाणित कर प्रोत्साहित भी करती है। इस प्रकार पुन: परीक्षण और पुनरावर्तन का मार्ग अपनाने के कारण डॉ. श्रीमती जनक पलटा मिगिलिगन का समाज सेवा कार्य अत्यंत सार्थक साबित हुआ है। अब तक इनके संस्थान से 4000 से भी अधिक ग्रामीण आदिवासी महिलाएं प्रशिक्षित होकर अपने गांव लौटी हैं।
श्रीमती जनक को ऑल इंडिया विमेन्स कान्फ्रेंस अखिल भारतीय महिला सम्मेलन द्वारा आदिवासी व ग्रामीण महिलाओं के लिए की गई सेवाओं के उपलक्ष्य 1992 में सम्मान दिया गया। वे संयुक्त राष्ट्रसंघ पर्यावरण कार्यक्रम (यू.एन.ई.पी.) न्यूयार्क द्वारा रियो डी जिनेरियो, ब्राजील में ग्लोबल 500 रोल ऑफ ऑनर (विश्व 500 क्रम का सम्मान) द्वारा झाबुआ जिले के 302 गाँवों में नारू उन्मूलन की सेवाओं के लिए जून, 92 में सम्मानित की गई।
ऑल इंडिया वाटर वर्क्स एसोसियेशन, इंदौर द्वारा अक्टूबर 1995 में आदिवासी व ग्रामीण महिलाओं को स्वच्छ जल के लिए प्रशिक्षित करने हेतु सम्मानित की गई। इनर व्हील क्लब, इंदोर से ग्रामीण एवं आदिवासी महिलाओं के लिए की गई सेवाओं के उपलक्ष्य में अक्टूबर 2000 को सम्मानित की गई!
स्टेट बैंक ऑफ इंदोर (प्रमुख कार्यालय) के समाज सेवा प्रकोष्ठ के पांचवें स्थापना दिवस 2 अक्टूबर 2000के उपलक्ष्य में आदिवासी व ग्रामीण महिलाओं की विशिष्ट सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया।
इन्दोर जिले के तत्कालीन कलेक्टर श्री मनोज श्रीवास्तव द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर 60 स्थानीय स्वैच्छिक संगठनों के समूह महिला सशक्तिकरण महासंगठन द्वारा प्रदेश की आदिवासी एवं ग्रामीण महिलाओं के उत्थान के लिए की गई महत्वपूर्ण सेवाओं के लिए 8 मार्च 2001 को सम्मानित की गई।
भारतीय दलित साहित्य अकादमी, मध्यप्रदेश द्वारा उज्जैन में आयोजित ''महिला सृजन के विविध आयाम-महिलाओं की वैयक्तिक स्वतंत्रता एवं भारतीय परिवेश में सामंजस्य की समस्या'' पर 'राष्ट्रीय अम्बेडकर साहित्य सम्मान' से 20-21 अक्टूबर 2001 को सम्मानित की गई। सम्प्रीति से ग्रामीण एवं आदिवासी महिलाओं के बीच की गई सेवाओं के उपलक्ष्य में 15 जनवरी 2003 को सम्मानित की गई। उन्हें शिक्षक कल्याण सदन समिति, इंदोर द्वारा 29 अप्रैल 2003 को मालव शिक्षा सम्मान अलंकरण 'समाज सेवा संवर्ग' सम्मान से सम्मानित किया गया। राजीव गांधी अक्षय उर्जा पखवाडा अपारंपरिक उर्जा स्त्रोत मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अगस्त 2005 में सम्मानित की गई।
मध्यप्रदेश राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, हिन्दी भवन भोपाल द्वारा आदिवासी व ग्रामीण महिलाओं के समग्र विकास के साथ साथ अपंग, अनाथ, तलाकशुदा औेर अन्य उपेक्षित महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने, जागरूकता, उत्कृष्ट समाज सेवा के लिए 25 सितम्बर 2005 को 'महिला समाजसेवी सम्मान' राज्यपाल श्री बलराम जाखड़ द्वारा प्रदान किया गया।
अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च 2006 को मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग, इन्दौर द्वारा समाज हित में किये अविस्मरणीय कार्यों के लिये मानव अधिकार मित्र के रूप् में सम्मानित हुई।
अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च 2007 को इंदौर के विभिन्न शैक्षणिक एवं सामाजिक संगठन द्वारा आदिवासी महिला कल्याण के क्षेत्र में सतत् साधना एवं त्याग तपस्या पूर्ण सेवाओं के लिए संभागायुक्त श्री अशोक दास, इंदौर द्वारा सम्मानित की गई। गांवों में नेत्र से जुडी समस्याओं का निदान करने के लिए महामहिम राज्यपाल डॉ. बलराम जाखड़ द्वारा 24 जुलाई 2007 को डॉ. एम.सी. नाहटा राष्ट्रीय नेत्र सुरक्षा पुरस्कार से उन्हें सम्मानित किया गया।

साहित्य जिंदगी का ज़रूरी हिस्सा : राज्यपाल डॉ. जाखड़

साहित्य जिंदगी का ज़रूरी हिस्सा : राज्यपाल डॉ. जाखड़
राज्यपाल डॉ. बलराम जाखड़ ने आज यहां जाने-माने शायर और गीतकार निदा फाजली को दुष्यंत अलंकरण सम्मान से विभूषित करते हुए कहा कि साहित्य जिंदगी का जरूरी हिस्सा है। अगर साहित्यकार की लेखनी काम करना बंद कर दे तो जिंदगी की रवानी ही रुक जाये।
राज्यपाल डॉ. जाखड़ ने दुष्यंत कुमार पाण्डुलिपि संग्रहालय द्वारा यहां टी.टी.टी.आई. सभागृह में आयोजित समारोह में शायर निदा फाजली के साथ ही प्रोफेसर प्रेमशंकर रघुवंशी को सुदीर्घ साधना सम्मान तथा श्री लक्ष्मण मस्तूरिया को आंचलिक रचनाकार सम्मान से अलंकृत किया। डॉ. जाखड़ ने अलंकरण समारोह में अपनी बात कुछ इस तरह कही कि पूरा माहौल ही साहित्यमय हो गया। राज्यपाल ने कहा कि आने वाली पीढ़ी का निर्माण वास्तव में साहित्यकारों को ही करना है। तहज़ीब, इंसानियत, प्यार, इन सभी के कायम रखने की सच्ची नसीहत एक साहित्यकार ही दे सकता है। गीत, गज़ल के जरिये जिंदगी को ज़ुबा मिलती है।
राज्यपाल डॉ. जाखड़ ने इस मौके पर आयोजित कवि सम्मेलन का लुत्फ भी उठाया। समारोह में डॉ. जाखड़ ने संग्रहालय की स्मारिका का विमोचन किया। आयोजन संस्था ने राज्यपाल को स्मृति चिन्ह भेंट किया। समारोह में टी.टी.टी.आई. के अध्यक्ष श्री महेन्द्र सिंह चौहान और प्रदेश के साहित्यकारगण तथा साहित्य प्रेमी भी उपस्थित थे।

बुधवार, 5 मार्च 2008

श्री अनिल अंबानी द्वारा मुख्यमंत्री श्री चौहान से भेंट

श्री अनिल अंबानी द्वारा मुख्यमंत्री श्री चौहान से भेंट
अनिल धीरूबाई अंबानी ग्रुप के चेयरमेन श्री अनिल अंबानी ने आज यहाँ मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान से भेंट की। इस अवसर पर उद्योग मंत्री श्री जयंत मलैया, जनसंपर्क तथा खनिज मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा तथा राज्य सरकार एवं अंबानी ग्रुप के अधिकारी भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री निवास में हुई इस बैठक में ग्रुप द्वारा मध्यप्रदेश में प्रस्तावित धीरूभाई अंबानी इंस्टीटयूट ऑफ कम्यूनिकेशन्स, सासन विद्युत परियोजना (सीधी), सीमेंट निर्माण तथा बिजली घरों की राख के सीमेंट उत्पादन में उपयोग संबंधी परियोजनाओं के अमल पर प्रगति के संबंध में चर्चा हुई।
इस बैठक के बाद मुख्यमंत्री श्री चौहान ने श्री अनिल अंबानी को इंस्टीटयूट ऑफ कम्यूनिकेशन्स की स्थापना के लिए आचारपुरा (भोपाल) में 125 एकड़ तथा सतना जिले में सीमेंट कारखाने की स्थापना के लिए 1306 हेक्टेयर जमीन आवंटन संबंधी आदेश सौंपे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इस अवसर पर कहा कि प्रमुख उद्योगपतियों से किए गए करारनामों पर अमल की दिशा में निरंतर प्रगति हो रही है। प्रदेश में औद्योगिक निवेश के प्रति गंभीर निवेशकों को निर्धारित नीति के अनुसार उद्योग स्थापना के लिए सुविधाएं दी जा रही हैं।

सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण के बचाव के लिए समर्पित प्रयास जरूरी

सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण के बचाव के लिए समर्पित प्रयास जरूरी
राज्यपाल डा. जाखड़ की अध्यक्षता में सुरक्षा दिवस कार्यक्रम सम्पन्न
राज्यपाल डा. बलराम जाखड़ की अध्यक्षता में आज यहां राजभवन में राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस कार्यक्रम आयोजित किया गया। डा. जाखड़ ने कार्यक्रम में उपस्थित भेल भोपाल के अधिकारियों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों के प्रतिनिधियों को सुरक्षा दिवस की प्रतिज्ञा दिलाते हुए कहा कि समाज के हर क्षेत्र में सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण के बचाव के लिए समर्पित प्रयासों की जरूरत है। कार्यक्रम के प्रारंभ में प्रदेश के श्रम मंत्री श्री जगदीश देवड़ा ने राज्यपाल डा. जाखड़ का स्वागत किया और उन्हें सुरक्षा बैज लगाया।
राज्यपाल डा. जाखड़ ने इस अवसर पर कहा कि हर इंसान को पर्यावरण,स्वास्थ्य और सुरक्षा के वातावरण को प्रदूषणमुक्त बनाये रखने की पहली शिक्षा उसके घर से ही मिलती है। घर, मोहल्ले और समाज को मिलाकर ही देश बनता है। इसलिए जरूरी है कि हर आदमी इन मामलों में एक दूसरे का पथ-प्रदर्शक बने तथा सुव्यवस्था और प्रकृति से लगाव का वातावरण बनाने में सहभागी बने। भेल भोपाल की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए राज्यपाल ने पंडित जवाहरलाल नेहरू को याद किया। उन्होंने कहा कि समाज में सुव्यवस्था तभी बनेगी जब हर आदमी गरीब की मदद करने के लिए आगे आयेगा और गरीब को प्रताड़ित करने वालों को रोकेगा। डा. जाखड़ ने कहा कि ऊंच नीच की भावना ही सुरक्षा के वातावरण को बिगाड़ती है, इसे जड़ से समाप्त करना जरूरी है।
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के मध्यप्रदेश चेप्टर के मुख्य संरक्षक एवं भेल भोपाल के कार्यपालक निदेशक श्री आर.के. सिंह ने सुरक्षा दिवस के आयोजन की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि इसका प्रमुख उद्देश्य कर्मचारियों में सकारात्मक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं पर्यावरण संस्कृति का विकास करना है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष मनाये जा रहे 37 वें राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का मुख्य उद्देश्य शून्य दुर्घटना एवं स्वच्छ पर्यावरण का लक्ष्य प्राप्त करना है। कार्यक्रम में इंटक के अध्यक्ष श्री आर.डी. त्रिपाठी ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम में राज्यपाल के सचिव श्री के.के. सिंह, विधि अधिकारी श्री सी.सी. द्विवेदी और राज्यपाल के ओ.एस.डी श्री हरबीर सिंह भी उपस्थित थे।

वन अधिनियम राज्य स्तरीय समिति की प्रथम बैठक सम्पन्न

वन अधिनियम राज्य स्तरीय समिति की प्रथम बैठक सम्पन्न
प्रदेश में अभी तक 28 हजार 242 पट्टेधारी चिन्हांकित
अनुसूचित जन जाति और अन्य परम्परागत वन निवासी अधिनियम 2006 एवं नियम 2007 के अन्तर्गत गठित राज्य स्तरीय निगरानी समिति की प्रथम बैठक मुख्य सचिव श्री राकेश साहनी की अध्यक्षता में आज सम्पन्न हुई।
बैठक में अधिनियम से संबंधित अभी तक की प्रगति की जानकारी दी गई तथा बताया गया कि जिला स्तरीय एवं उपखण्ड स्तरीय समितियों का गठन पूर्ण हो चुका है। ग्राम सभा में वन अधिकार समिति का गठन 80 प्रतिशत पूर्ण हो गया है। इस अधिनियम के क्रियान्वयन हेतु दो वर्ष के लिये राशि 2324.64 लाख का वित्तीय भार अनुमानित है। पूरे प्रदेश में अभी तक 28 हजार 242 पट्टेधारी चिन्हांकित है।
बैठक में जानकारी दी गई कि 187 राजस्व उपखण्ड वर्कलोड आंकलन करने हेतु गठित किये गये है। प्रशिक्षण का कार्य ग्राम स्तर एवं जिला स्तर पर वर्तमान में चल रहा है। सभी स्तरों पर 15 अप्रैल तक प्रशिक्षण पूर्ण हो जायगा।
बैठक में बताया गया कि ग्राम सभा दावे आंमत्रण की प्रक्रिया आरंभ की जा चुकी है। इस अधिनियम के क्रियान्वयन हेतु एक समयबद्व कार्यक्रम भी बनाया गया है। इस पूरी प्रक्रिया का डिजिटल रिकार्ड बनाया जा रहा है।
बैठक में सांसद श्री फग्गनसिंह कुलस्ते, विधायक श्री महेन्द्र सिंह, विधायक श्री दीपक सिंह पटेल, अपर मुख्य सचिव श्री प्रदीप भार्गव, प्रमुख सचिव आदिम जाति कल्याण श्री ओ.पी. रावत, प्रमुख सचिव वन श्री प्रशांत मेहता, आदिवासी विकास आयुक्त श्री जयदीप गोविन्द एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
इस अवसर पर आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा वन अधिनियम 2007 के संदर्भ में विभिन्न भाषाओं (भीली, कोरकू एवं अन्य) में प्रकाशित पुस्तिका का विमोचन मुख्य सचिव श्री साहनी एवं सांसद श्री कुलस्ते ने किया।

कबीर बुनकर प्रोत्साहन योजना के तहत प्रविष्टियां 20 मार्च तक आमंत्रित

कबीर बुनकर प्रोत्साहन योजना के तहत प्रविष्टियां 20 मार्च तक आमंत्रित
प्रथम पुरस्कार एक लाख रूपये का
मध्यप्रदेश में हाथकरघा क्षेत्र के उत्कृष्ट एवं परम्परागत संस्कृति के संरक्षण करने वाले हाथकरघा बुनकरों को प्रोत्साहित करने के लिये कबीर बुनकर प्रोत्साहन योजना शुरू की गई है। इस योजनांतर्गत वर्ष 2007 के लिये बुनकर द्वारा स्वयं उत्पादित उत्कृष्ट प्रविष्टि आवेदन पत्र सहित आगामी 20 मार्च तक आमंत्रित की गई हैं।
इस योजना में प्रथम पुरस्कार राशि एक लाख रूपये, द्वितीय पुरस्कार राशि 50 हजार रूपये एवं तृतीय पुरस्कार राशि 25 हजार रूपये से चयनित बुनकरों को पुरस्कृत किया जायेगा।
प्रविष्टि भेजने के लिये आवश्यक है कि आवेदक मध्यप्रदेश का मूल निवासी होकर वास्तविक रूप से हाथकरघा बुनकर होना चाहिए। विगत वर्षों से वास्तविक रूप से हाथकरघा पर वस्त्र उत्पादित कर अपनी आय अर्जित करता हो। इस योजना में पुरस्कृत बुनकर दुबारा भाग लेने के लिये पात्र नही होगा। एक बुनकर की एक ही प्रविष्टि मान्य होगी।
आवेदन पत्र निर्धारित प्रारूप में प्रविष्टि सहित संबंधित जिले के जिला हाथकरघा कार्यालय, जिला ग्रामोद्योग अधिकारी, जिला पंचायत कार्यालय में 20 मार्च 2008 तक अनिवार्य रूप से जमा करना होगा। जिला स्तर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत तीन सदस्यों की कमेटी का गठन कर प्रत्येक जिले से एक प्रविष्टि का चयन करके अपनी अनुशंसा सहित संचालक हाथकरघा एवं हस्तशिल्प हाथकरघा संचालनालय शिक्षा मंडल परिसर शिवाजी नगर, भोपाल को 25 मार्च 2008 तक भेजेंगे।
कबीर बुनकर पुरस्कार योजना की विस्तृत जानकारी संबंधित जिले के जिला हाथकरघा कार्यालय#जिला ग्रामोद्योग अधिकारी जिला पंचायत से संपर्क की जा प्राप्त कर सकती है।

जेल मंत्री श्री अन्तरसिंह आर्य के जन्मदिन पर बधाईयां

जेल मंत्री श्री अन्तरसिंह आर्य के जन्मदिन पर बधाईयां
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने जेल, विधि एवं विधायी कार्य मंत्री श्री अन्तरसिंह आर्य को बुधवार पांच मार्च को उनके 49 वें जन्मदिवस पर हादिर्क बधाई एवं शुभकामनाएें दी है। श्री आर्य को मंत्रिपरिषद के सदस्यों, सांसद, विधायक, निगम मंडल अध्यक्ष नगरीय निकायों, पंचायत प्रतिनिधियों, कार्र्यकत्ताओं, गणमान्य नागरिकों और शुभचिंतकों ने भी उनके जन्म दिवस पर बधाई और शुभकामना देकर यशस्वी और सुदीर्घ जीवन की कामना की है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान को जावद क्षेत्र के किसानों और व्यवसायियों ने अपनी समस्याएं बताईं

मुख्यमंत्री श्री चौहान को जावद क्षेत्र के किसानों और व्यवसायियों ने अपनी समस्याएं बताईं
मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान से आज नीमच जिले के जावद विधानसभा क्षेत्र के विधायक श्री ओमप्रकाश सखलेचा के नेतृत्व में जावद क्षेत्र के अफीम उत्पादक किसानों एवं उद्योग संघ, नीमच के प्रतिनिधिमंडल ने भेंट की। मुख्यमंत्री श्री चौहान को बताया गया कि इस वर्ष फसलों को पहुंची क्षति के कारण कृषकों को राहत की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सर्वेक्षण कराने के पश्चात आवश्यक राहत देने का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान को इस अवसर पर यह भी बताया गया कि नीमच के निकट राजस्थान में फिनिश्ड कोटा स्टोन पर वेट की दर घटा दी गई है। इससे मध्यप्रदेश के नीमच क्षेत्र के पत्थर उद्योग से जुड़े व्यवसायियों एवं श्रमिकों को हानि होगी। प्रतिनिधिमंडल ने इसके दृष्टिगत मध्यप्रदेश में भी वेट की दरों में कमी करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आवश्यक अध्ययन के पश्चात इस संबंध में फैसला किए जाने का आश्वासन दिया। प्रतिनिधिमंडल में श्री मुस्तफा चौपड़ा, श्री सचिन लसोद, श्री सुशील जैन, श्री सुरेश तलेसरा एवं श्री राजेश सोनी शामिल थे।

मुख्यमंत्री को श्री गौर ने दी जन्मदिन की बधाई

मुख्यमंत्री को श्री गौर ने दी जन्मदिन की बधाई
वाणिज्यिक कर मंत्री श्री बाबूलाल गौर ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को उनके 50वें जन्मदिन पर बधाई देते हुए उनके सुदीर्घ एवं यशस्वी जीवन की कामना की है। श्री गौर ने उन्हें बधाई का पत्र भी लिखा है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा भारतीय क्रिकेट खिलाड़ियों को बधाई

मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा भारतीय क्रिकेट खिलाड़ियों को बधाई
मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने भारतीय क्रिकेट टीम को आस्ट्रेलिया के विरूध्द आज प्राप्त विजय पर हार्दिक बधाई दी है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि तीन फाइनल मैच के प्रथम एवं द्वितीय फाइनल जीतने के बाद भारतीय क्रिकेट टीम ने श्रृंखला पर भी कब्जा कर लिया है। यह साधारण उपलब्धि नहीं है। भारत के क्रिकेटर्स का उत्कृष्ट खेल प्रदर्शन प्रशंसनीय है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने 19 वर्ष से कम आयु के भारतीय क्रिकेट दल द्वारा श्रेष्ठ खेल का उल्लेख करते हुए कहा कि भोपाल के क्रिकेटर अजितेश अर्गल के स्वागत के लिए प्रदेशवासी बेताब हैं। देश के खिलाड़ियों द्वारा खेलों में बेहतर प्रदर्शन के साथ ही मध्यप्रदेश के खिलाड़ियों से भी राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छे प्रदर्शन की आशा जागी है। मध्यप्रदेश के खिलाड़ियों को राज्य सरकार पूरा प्रोत्साहन देगी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान से बड़वानी जिले के जनप्रतिनिधियों की भेंट

मुख्यमंत्री श्री चौहान से बड़वानी जिले के जनप्रतिनिधियों की भेंट
मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान से आज यहां विधानसभा स्थित उनके कक्ष में जेल मंत्री श्री अंतरसिंह आर्य एवं आदिम जाति कल्याण, सामान्य प्रशासन राज्यमंत्री एवं बड़वानी जिले की प्रभारी मंत्री श्रीमती रंजना बघेल के नेतृत्व में बड़वानी जिले के जनप्रतिनिधियों ने भेंट की। मुख्यमंत्री श्री चौहान से सिंचाई परियोजना से प्रभावित परिवारों के समुचित पुनर्वास का आग्रह किया गया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आवश्यक कदम उठाने की बात कही। प्रतिनिधिमंडल में विधायक श्री देवीसिंह पटेल, श्री प्रेम सिंह पटेल भी उपस्थित थे।

परीक्षा संबंधी कार्य अत्यावश्यक सेवा घोषित

परीक्षा संबंधी कार्य अत्यावश्यक सेवा घोषित
राज्य शासन द्वारा परीक्षा से संबंधित कार्य को एक फरवरी से तीन माह की अवधि के लिये अत्यावश्यक सेवाएँ घोषित किया गया हैं। आयुक्त लोकशिक्षण द्वारा प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर्स और जिला शिक्षा अधिकारी को भेजे एक परिपत्र में शासन के आदेश का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि इस अवधि में कक्षा 9 वीं से कक्षा 12 वीं तक की वार्षिक परीक्षाएँ और उनका मूल्यांकन कार्य सम्पन्न होगा। इस अवधि में शिक्षकों की शाला में उपस्थिति अत्यन्त महत्वपूर्ण और अनिवार्य है।
परिपत्र में कहा गया है कि ऐसी स्थिति में किसी भी प्राचार्य, व्याख्याता, शिक्षक, अध्यापक, संविदा शिक्षक और गुरूजी को असाधारण परिस्थितियों को छोड़कर अवकाश स्वीकृत नहीं किया जाये। इस संबंध में अधीनस्थ समस्त विकासखण्ड शिक्षा अधिकारियों, संकुल प्राचार्यों और शासकीय तथा अशासकीय शालाओं के प्राचार्यों को भी अवगत कराना सुनिश्चित किया जाये।

भूमिहीन खेतिहर मजदूरों के परिवारजनों को अनेक सुविधाएं (मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना)

भूमिहीन खेतिहर मजदूरों के परिवारजनों को अनेक सुविधाएं (मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना)
राज्य शासन द्वारा प्रदेश के भूमिहीन खेतिहर मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लागू 'मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना के तहत भूमिहीन खेतिहर मजदूरों के परिवारजनों को अनेकों सुविधाएं दिए जाने का प्रावधान है। प्रदेश में इन सुविधाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया गया है।
इस योजना के अन्तर्गत समस्त गतिविधियों के प्रभावी संचालन, पर्यवेक्षण एवं अन्तर्विभागीय समन्वय सुनिश्चित करने का दायित्व साधिकार समिति को दिया गया है। इसके अध्यक्ष कृषि उत्पादन आयुक्त है। अन्य सदस्यों में प्रमुख सचिव वित्त, प्रमुख सचिव वन, प्रमुख सचिव श्रम, प्रमुख सचिव किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग, प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास, सचिव आयुक्त सामाजिक न्याय, श्रमायुक्त मध्यप्रदेश, आयुक्त स्वास्थ्य, आयुक्त लोक शिक्षण, आयुक्त सह प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड शामिल है। समिति के सदस्य सचिव संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास है। योजना की समीक्षा एवं पर्यवेक्षण साधिकार समिति द्वारा किया जायेगा।
योजना के तहत निधि के संचालन के लिए उचित व्यवस्थाओं के संबंध में समय-समय पर आवश्यक निर्णय साधिकार समिति द्वारा लिये जा सकेंगे। निधि के संचालन एवं संधारण के लिए पृथक से बैंक खाता खोला गया है। जिसका संचालन संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास करेेंगे। इसी प्रकार निधि का जिला एवं विकासखण्ड स्तर पर बैंक खाता खोला गया है। जिसका संचालन जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा किया जा रहा है। संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास द्वारा निधि से राशि जिला पंचायत को दी जायेगी तथा जिला पंचायत द्वारा विभिन्न जनपद पंचायतों के आवश्यकतानुसार राशि उपलब्ध कराई जायगी। इस निधि से प्राप्त राशि के व्यय उससे संबंध लेखों के संधारण तथा संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास को लेखे प्रस्तुत करने के लिए जिला पंचायते उत्तरदायी होगी। इस निधि से योजना के संचालन के लिए कोई पद का सृजन नही किया जायेगा। इसमें कुल व्यय की 5 प्रतिशत राशि का व्यय, योजना की प्रशासनिक एवं अन्य व्यवस्थाओं के लिए किया जा सकेगा।
इस योजना के तहत पंजीवध्द मजदूरों के परिवार के लिए प्रदान की जाने वाली सामाजिक सुरक्षा में प्रसूति सहायता के तहत पंजीवध्द मजदूर को अधिकतम दो प्रसूतियों के लिए तीन लाभ प्रदान किये जायेंगे। उन्हें 6 सप्ताह की मजदूरी के समान राशि प्रदान की जायगी। पितृत्व अवकाश के रूप में शिशु के पिता द्वारा अर्जित हो रही 15 दिन की मजदूरी के समान भुगतान किया जायेगा। प्रसूति व्यय के लिए एक हजार रूपये की नगद राशि प्रदान की जायगी। यदि प्रसूति व्यय जननी सुरक्षा योजना के अन्तर्गत प्राप्त हो रहा हो तो इस योजना के अन्तर्गत यह भुगतान नही किया जायेगा।
पंजीबध्द मजदूरों के बच्चों को छात्रवृत्ति मेघावी छात्र पुरस्कार का लाभ, आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा उनकी योजना में निर्धारित मापदंड के अनुसार प्राप्त होगा। निर्धारित प्रपत्र में आवेदन संबंधित शाला, महाविद्यालय के प्राचार्य द्वारा अग्रेषित किये जाने पर छात्रवृत्ति#मेघावी छात्र पुरस्कार जनपद पंचायत द्वारा स्वीकृत किए जायेंगे। उपरोक्त नगद पुरस्कार संस्था के वार्षिक समारोह अथवा अन्य किसी भी अवसर पर प्रदान किये जायेंगे। यह पुरस्कार यथा संभव पात्रता स्थापित होने के तीन माह में प्रदान किये जायेगे। पंजीबध्द महिला मजदूर के विवाह, एक बार पुनर्विवाह एवं पंजीबध्द मजदूर की दो पुत्रियों की सीमा तक न्यूनतम 5 महिला मजदूरों के सामूहिक विवाह के आयोजन की दशा में छह हजार रूपये प्रति विवाह के मान से राशि प्रदान की जायगी।
पंजीबध्द मजदूरों के परिवार के किसी सदस्य के बीमार होने की दशा में भर्ती होकर शासकीय अस्पताल#स्वास्थ्य केन्द्रों में होने वाले चिकित्सा व्यय की प्रतिपूर्ति अघिकतम 20 हजार रूपये की सीमा तक प्रति परिवार प्रतिवर्ष स्वीकृत की जायेगी। इसके लिए 'दीनदयाल अन्त्योदय उपचार योजना' के नियम व मापदण्ड लागू होगे। गंभीर बीमारी की स्थिति में उपरोक्त राशि के अतिरिक्त राज्य बीमारी सहायता निधि के अन्तर्गत सहायता की जायेगी तथा आवश्यकता होने पर दी जाने वाली राशि के अतिरिक्त मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान से भी सहायता दी जायेगी।
दुर्घटना में मृत्यु की स्थिति में अनुग्रह सहायता राशि पंजीबध्द मजदूर या उसके परिवार के सदस्य की मृत्यु होने की स्थिति में अन्त्येष्टि के लिए दो हजार रूपये की अनुग्रह सहायता परिवार के सदस्य को उपलब्ध कराई जायेगी। भारत सरकार द्वारा लागू 'आम आदमी बीमा योजना' का क्रियान्वयन प्रदेश में वित्त विभाग द्वारा किया जा रहा है। इस योजना का लाभ भूमिहीन खेतिहर मजदूरों के साधिकार समिति के मार्गदर्शन में दिया जायेगा। दुर्घटना# मृत्यु की दशा में इंदिरा कृषि श्रमिक दुर्घटना क्षतिपूर्ति योजना या राजस्व पुस्तक परिपत्र अथा शासन की अन्य किसी बीमा योजना के अन्तर्गत सहायता स्वीकृत की जाती है, तो इस योजनांतर्गत लाभ की पात्रता नही होगी। साधिकार समिति द्वारा समय-समय पर योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा की जावेगी। आम आदमी बीमा योजना के तहत राज्य सरकार की ओर से प्रीमियम की राशि स्वयं जमा कराई जायगी तथा दुर्घटना के कारण मृत्यु होने पर तथा दुर्घटना के कारण स्थाई अपंगता होने पर उक्त योजना के अन्तर्गत पात्रता के अनुसार सहायता उपलब्ध कराई जायगी। योजना के अन्तर्गत 30 हजार रूपये तक की स्वीकृति के अधिकार जनपद पंचायत को तथा इससे अधिक राशि के स्वीकृति के अधिकार जनपद पंचायत की अनुशंसा पर जिला पंचायत को होंगे।

कक्षा 9 वीं और 10 वीं में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को दी जाने वाली छात्रवृत्ति की दरों में दो गुना वृध्दि

कक्षा 9 वीं और 10 वीं में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को दी जाने वाली छात्रवृत्ति की दरों में दो गुना वृध्दि
राज्य शासन द्वारा अनुसूचित जाति एवं विमुक्त जाति के छात्र-छात्राओं के लिये राज्य छात्रवृत्ति योजना के अन्तर्गत छात्रवृत्ति की दर में दो गुना वृध्दि की गयी है। इसके तहत अब कक्षा 9 वीं और 10 वीं के छात्र-छात्राओं को दी जाने वाली छात्रवृत्ति प्रति छात्र 600 रूपये प्रतिमाह और प्रति छात्रा 800 रूपये प्रति माह मिलेगी।
इसके पूर्व अनुसूचित जाति तथा विमुक्त जाति के छात्र-छात्राओं के लिये छात्रवृत्ति की दर दिसम्बर, 1988 में पुनरीक्षित की गयी थी। वर्तमान में प्रति छात्र 300 रूपये प्रतिमाह और प्रति छात्रा 400 रूपये प्रतिमाह की दर से 10 माह के लिये छात्रवृत्ति का भुगतान किया जाता है। अब लगभग बीस वर्ष के बाद छात्रवृत्ति की दर को पुनरीक्षित करते हुए इस में दो गुना वृध्दि की गयी है।
इस वर्ग के छात्र-छात्राओं को यह बढ़ी हुई छात्रवृत्ति एक जुलाई 2007 से 10 माह के लिये भुगतान की जायेगी।

महिलाओं पर अत्याचार के प्रकरणों में पुलिस को सख्त कार्रवाई के निर्देश

महिलाओं पर अत्याचार के प्रकरणों में पुलिस को सख्त कार्रवाई के निर्देश
मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा समाधान आन लाइन में 12 प्रकरणों का निबटारा
मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने महिलाओं पर अत्याचार के प्रकरणों में सख्त कार्रवाई करने के लिये पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया है। उन्होंने कहा कि ऐसा न होने पर पुलिस अधीक्षक सीधे जिम्मेदार माने जायेंगे। श्री चौहान आज यहां समाधान ऑन लाइन कार्यक्रम में जिला कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों और अन्य अधिकारियों से सीधे मुखातिब थे। कार्यक्रम में कुल 12 आवेदकों की शिकायतों का निराकरण किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सूखा प्रभावित क्षेत्रों के लिए पर्याप्त राहत राशि जिलों में भेज दी गई है। उन्होंने पेजजल की स्थिति की निरंतर समीक्षा करने और अपर्याप्त जल राशि वाले क्षेत्रों में पेयजल परिवहन की सुचारू व्यवस्था करने के लिए अभी से तैयारी करने के निर्देश भी दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजगार के अभाव में पलायन की स्थिति की जानकारी मिलने पर संबंधित अधिकारियों के विरूध्द कड़ी कार्रवाई की जायेगी। श्री चौहान ने बी.पी.एल. सर्वे की दावा#आपत्तियों के निराकरण की प्रगति पर संतोष जताया। उन्होंने मात्र चार जिलों खरगोन, रतलाम, रायसेन और उज्जैन में कार्य में और तेजी लाने के निर्देश दिए। इन जिलों में वर्तमान में 60 से 70 प्रतिशत दावों#आपत्तियों का निराकरण हुआ है।
मुख्यमंत्री ने वन विभाग की आपत्तियों के कारण सतना और अन्य जिलों में विकास के कार्य प्रभावित होने को गंभीरता से लिया। उन्होंने प्रदेश में विकास के कार्यों में अनुमति देने में लापरवाही पाए जाने पर कड़ी कर्रवाई करने की बात कही। श्री चौहान ने प्रमुख सचिव वन को सतना जिले के विकास कार्यों के संबंध में वन विभाग की आपत्तियों की शिकायत की जांच सात दिवस में करने को कहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बी.पी.एल. सूची के गरीबों को 3 रूपए प्रति किलोग्राम की दर से गेहूं और 4 रूपए 50 पैसे प्रति किलोग्राम की दर से चावल प्रदाय करने के लिए प्रदेश के सभी जिलों में आगामी अप्रैल माह की 7, 8 और 9 तारीख को अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि संबंधित विभाग और अधिकारी अभी से इस अभियान की तैयारी कर लें। श्री चौहान ने कहा कि इस हेतु आवंटित खाद्यान्न प्रति परिवार 20 किलोग्राम से कम न हो। आवंटित मात्रा कम होने पर अंतर का खाद्यान्न राज्य शासन द्वारा दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने जिला कलेक्टरों से खाद्यान्न उपार्जन के कार्य में लगी एजेंसियों को सहयोग करने को कहा। उन्होंने कहा कि केन्द्र शासन ने गेहूं का उपार्जन मूल्य 1000 रूपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। इस पर 100 रूपए की बोनस राशि राज्य सरकार द्वारा दी जा रही है।
श्री शिवराजसिंह चौहान ने हालिया किसान महापंचायत में किसानों के लिए घोषित बिजली संबंधी रियायतों का जिक्र करते हुए विवादित बिजली बिलों में सुधार का कार्य विशेष अभियान चलाकर करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि परीक्षा काल में विद्यार्थियों की सुविधा के लिए हर हाल में प्रतिदिन शाम 6 से रात्रि 12 के मध्य कम से कम 4 घंटे बिजली का प्रदाय सुनिश्चित किया जाय।
मूल्यांकन अधिकारी निलंबित
इसके पहले मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के माध्यम से प्राप्त शिकायतों के निराकरण के लिए जिला कलेक्टरों से सीधी चर्चा की। उन्होंने कचरूलाल पुत्र शंकर और अन्य आवेदकों निवासी ग्राम भदवासा जिला शाजापुर के आवेदन की सुनवाई करते हुए आवेदकों के खेत में डबरी बनाने का पैसा देने और उनके लिये पूर्व में स्वीकृत डबरी को शासकीय जमीन पर बनाने की जांच कर सरपंच और पंचायत सचिव के विरूध्द प्राथमिकी दर्ज करवाने और मूल्यांकनकर्ता अधिकारी को निलंबित करने के निर्देश दिये। इसी तरह सुरेश आत्मज भगवानलाल निवासी झारड़ा तहसील महिदपुर जिला उज्जैन को उसकी जमीन पर लगाये गये अवैध क्रशर को हटाने, जमीन का पुन: कब्जा दिलाने और कब्जाधारी के विरूध्द कार्रवाई के निर्देश के साथ ही संबंधित पटवारी और राजस्व निरीक्षक के विरूध्द भी कार्रवाई करने के निर्देश दिये।
साईकिल वितरण में विलंब की जांच
श्री चौहान ने कु. सुनीता कुशवाहा और अन्य छात्राएं, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भोलहरा जिला शहडोल को साइकिलें शीघ्र दिलाने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने सचिव स्कूल शिक्षा को साइकिल वितरण में देरी की जांच के लिये अधिकृत किया। मुख्यमंत्री ने बिहारीलाल चौधरी आत्मज संता चौधरी निवासी ग्राम पसला जिला अनूपपुर को प्रसव के दौरान पत्नी की मौत के बावजूद विजयाराजे योजना के अंतर्गत बीमा राशि का भुगतान न किये जाने की शिकायत की जांच के लिये संभाग आयुक्त रीवा को अधिकृत किया। उन्होंने जांच पूरी होने तक आवेदक को मुख्यमंत्री स्वैच्छानुदान योजना से 20 हजार रूपये की राशि स्वीकृत की। श्री चौहान ने श्रीमती रामकली शुक्ला, पत्नी स्वर्गीय शंकरशरण शुक्ला ग्राम घोड्डिहा पोस्ट उमरी गोविंदपुर जिला रीवा को पति के उपचार की 50 हजार 504 रूपये की चिकित्सा प्रतिपूर्ति राशि का भुगतान न करने के जिम्मेदार अधिकारियों के विरूध्द कार्रवाई करने के निर्देश स्वास्थ्य आयुक्त को दिये। श्री चौहान ने आवेदिका को आज ही चिकित्सा प्रतिपूर्ति राशि का चेक देने के निर्देश भी दिये।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में श्री अशोक कुमार मिश्रा (भोपाल), श्री शंभूलाल जायसवाल (रीवा), नीतिश जैन (सागर), श्रीमती अनुसूइया बाई (गुना), श्रीमती सजलबाई (शाजापुर), श्री कन्हैयालाल जोशी और श्री श्रवण कुमार कल्याणी (इंदौर) की शिकायतों का भी समाधान किया।
कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव श्री विनोद चौधरी, मुख्यमंत्री के सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, आवेदकों की शिकायतों से संबंधित विभाग के प्रमुख सचिव#सचिव आदि उपस्थित थे।

नसरूल्लागंज में रामलीला और रासलीला पर केन्द्रित 'जनरंजन' का समापन 5 मार्च को

नसरूल्लागंज में रामलीला और रासलीला पर केन्द्रित 'जनरंजन' का समापन 5 मार्च को
समापन समारोह में मुख्यमंत्री भी उपस्थित रहेंगे
सीहोर जिले के नसरूल्लागंज में आयोजित रामलीला और रासलीला पर केन्द्रित सात दिवसीय समारोह 'जनरंजन' जनआकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। जनरंजन का समापन 5 मार्च को शाम 7 बजे मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के मुख्य आतिथ्य में तथा संस्कृति, जनसंपर्क एवं खनिज साधन मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा की अध्यक्षता में सम्पन्न होगा। अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पद्मश्री स्वामी रामस्वरूप शर्मा के निर्देशन में श्रीकृष्णलीला संस्थान चैरिबटेल ट्रस्ट वृन्दावन के कलाकार कृष्ण लीला और रामलीला के प्रसंगों का सजीव प्रदर्शन कर रहे हैं।
कृष्णलीला में कृष्ण जन्म की कथा को सहजता और सरलता से मंचित किया गया। कृष्णलीला के अनेक प्रसंगों में भावपूर्ण दृश्यों से दर्शक भावविभोर हो गये। कृष्णलीला में कृष्ण के बाल्यकाल के अनेक प्रसंगों माँ यशोदा एवं बालकृष्ण के संवाद, माखनचोरी के दृश्य, गौवरधन पर्वत, द्रौपती चीरहरण, मीरा के भक्ति प्रसंग तथा सुदामा चरित्र प्रसंग ने दर्शकों को अभिभूत किया। इसी तरह रामलीला में नारद मोह-श्रीराम जन्म, धनुष यज्ञ, परशुराम-लक्ष्मण संवाद- श्रीराम विवाह, श्रीराम वनगमन-केवट प्रसंग, सीता हरण-लंका दहन आदि प्रसंग दर्शकों को सम्मोहित करने में सफल रहे। रामलीला में भगवान राम की बारात जब नसरूल्लागंज के विभिन्न मार्गों से निकली तो स्थानीय महिलाओं ने मांगलिक गीत गाते हुए बड़ी संख्या में भाग लिया। तुलसी साहित्य अकादमी के उप निदेशक प्रो. अवधेश प्रसाद पाण्डे ने बताया कि रामलीला और रासलीला को नसरूल्लागंज के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों द्वारा पूरी आस्था के साथ देखा जा रहा है। समाज को एकता के सूत्र में जोड़े रखने में सांस्कृतिक रूप से रामलीला और रासलीला सशक्त माध्यम के रूप में जानी जाती हैं।
जनरंजन समारोह में प्रतिदिन स्वामी रामस्वरूप शर्मा के निर्देशन में कलाकार प्रात: 10 बजे से रामलीला और शाम 7 बजे से रासलीला के प्रसंगों की प्रस्तुतियाँ उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक शाला के पास नसरूल्लागंज में दे रहे हैं। 5 मार्च को रामलीला में राज्याभिषक और रासलीला में ब्रज की होली आकर्षक का केन्द्र रहेगी।
मध्यप्रदेश आदिवासी लोक कला एवं तुलसी साहित्य अकादमी द्वारा प्रतिवर्ष रामलीला और रासलीला पर केन्द्रित 'जनरंजन' समारोह का आयोजन किया जाता है। यह परिषद संस्कृति विभाग के अंतर्गत संचालित है।

विकास के क्षेत्र में दस साल पर भारी सिध्द हुये चार साल

विकास के क्षेत्र में दस साल पर भारी सिध्द हुये चार साल
वित्तमंत्री राघवजी का बजट पर सामान्य चर्चा का उत्तर, दिवंगत मीसाबंदियों की पत्नियों को आधी सम्मान निधि, सूखा ग्रस्त क्षेत्रों में मई-जून में भी मध्यान्ह भोजन, वित्त मंत्री द्वारा 2008-09 के बजट पर सामान्य चर्चा का उत्तर
म.प्र. के वित्त मंत्री राघवजी ने मंगलवार चार मार्च को राज्य विधानसभा में वर्ष 2008-09 के आय-व्ययक पर हुई सामान्य चर्चा का उत्तर देते हुए चार वर्षों में विकास और जनकल्याण के क्षेत्र में सरकार की उपलब्धियों को रेखांकित कर विपक्ष के विभिन्न आरोपों तथा आक्षेपों को सिलसिलेवार और तर्कपूर्ण उत्तर दिये।
वित्त मंत्री ने कहा कि विगत चार वर्षों में मध्यप्रदेश ने विकास की नयी ऊँचाइयों को छुआ है और विभिन्न क्षेत्रों में अपनी उपलब्धियों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अनेक पुरस्कार हासिल किये हैं। हाल ही में प्रदेश को पर्यटन के क्षेत्र में चार राष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं। 'इंडिया टुडे ' के सर्वे में प्रदेश को तीन वर्षों में सबसे तेज बढ़ने वाला राज्य बताया गया है।राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी योजना में प्रदेश अव्वल है। ई-गवर्नेन्स में भी प्रदेश को गोल्डन-आईकॉन अवार्ड मिला है। इस दौरान प्रदेश के खिलाड़ियों ने विभिन्न राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में 270 पदक जीते है। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन में लगातार चार वर्षों से प्रदेश प्रथम स्थान पर है।
वित्त मंत्री ने पिछली सरकार के दस वर्षों के कार्य तथा बजट प्रावधानों का तुलनात्मक विवरण देते हुए बताया कि पिछली सरकार ने अपने दस वर्ष के कार्यकाल में सड़क पर 2960 करोड़ रूपए खर्च किये, जिसकी तुलना में वर्तमान सरकार द्वारा 8743 करोड़ रूपए खर्च किये गये। उन दस वर्षों में सिर्फ 11011 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया गया, वही विगत चार वर्षों में 43,066 किलोमीटर सड़कों का निर्माण हुआ। चालू वर्ष में ही सड़कों पर 3270 करोड़ रूपए खर्च किये जा रहे हैं।
बिजली के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यों की जानकारी देते हुए श्री राघवजी ने बताया कि वर्ष 1993 से वर्ष 2003 तक सिर्फ 60 मेगावॉट विद्युत उत्पादन क्षमता निर्मित की गयी, जिसकी तुलना में विगत चार वर्षों में 2936 मेगावॉट क्षमता निर्मित की गयी। सिंचाई की चर्चा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि विगत चार वर्षों में प्रदेश में 4.80 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में अतिरिक्त सिंचाई क्षमता निर्मित की गयी।
श्री राघवजी ने कहा कि पिछली सरकार के अंतिम वर्ष में जहॉ 125 दिन का ओवर ड्राफ्ट था वही बीते चार वर्षों में एक भी दिन का ओवर ड्राफ्ट नहीं रहा। ऐसा 13 वर्ष बाद हुआ है। इसी तरह अर्थोपाय अग्रिम तक नहीं लिया गया, यह स्थिति 32 वर्ष बाद बनी है। स्कूल भवनों की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि विगत चार वर्षों में 23,713 नये प्राथमिक शाला भवनों, 15505 मिडिल स्कूल भवन तथा स्कूलों में 47869 अतिरिक्त कक्षों का निर्माण किया गया।
विपक्षी सदस्यों द्वारा केन्द्र धन की धन राशि से सरकार चलने के आरोपों का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार 40 हजार करोड़ रूपए खर्च कर रही है, जिसमें सिर्फ 6,600 करोड़ रूपये केन्द्र का अनुदान है। इससे ज्यादा राशि मिलनी चाहिए थी, लेकिन नहीं मिली है।
बजट में कृषि कार्यों के लिए अपर्याप्त प्रावधान के आरोपों का जबाब देते हुए वित्त मंत्री ने बताया कि 15 हजार करोड़ के प्लान बजट में 5200 करोड़ रूपए सिर्फ कृषि तथा संबध्द क्षेत्र के लिए रखे गये हैं। कृषि के लिए 1250 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है, जबकि सिंचाई के लिए बजट में 1800 करोड़ रूपए रखे गये हैं। राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में सिंचाई संबंधित कार्यो के लिए बजट में 2 हजार करोड़ का प्रावधान है। किसानों के कृषि ऋण 7 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किये जाने के लिए 50 करोड़ रूपए का प्रावधान है। इन सभी का लाभ किसानों को मिलेगा।
बुन्देलखंड में सूखे की चर्चा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के बजट में सूखा राहत, पेयजल तथा चारे की व्यवस्था के लिए 619 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। बुन्देलखण्ड में सिंचाई पैकेज के लिए 6 हजार करोड़ की योजना तैयार है। इससे बुन्देलखंड में सिंचाई का प्रतिशत 13 से बढ़क़र 44 हो जाएगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद की तुलना में सकल ऋण भार लगभग चार प्रतिशत कम हुआ है। वर्ष 2003-04 में यह 40.64 प्रतिशत था, जबकि वर्ष 2008-'09 में यह 36.60 प्रतिशत है। रिजर्व बैक ऑफ इंडिया द्वारा राज्यों के बजट वर्ष 2007-08 के अध्ययन प्रतिवेदन के अनुसार मध्यप्रदेश का आयोजना पूंजीगत व्यय सकल घरेलू उत्पाद का 4 प्रतिशत से अधिक है। इस आधार पर प्रदेश अग्रिम पंक्ति में है।
वित्त मंत्री ने बताया कि श्री सुन्दरलाल पटवा की सरकार ने प्रदेश पर 5 हजार करोड़ का ऋण भार छोड़ा था। जबकि वर्ष 1993-2003 तक की तात्कालीन सरकार में यह बढ़क़र 35 हजार करोड़ हो गया। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में यह 50 हजार करोड़ हुआ है। इस प्रकार विगत चार वर्षों में ऋण भार डेढ़ गुना भी नहीं बढ़ा, ज़बकि वर्ष 1993-2003 तक की सरकार में यह 7 गुना बढ़ा था। वर्ष 2003-04 में राज्य की कुल राजस्व प्राप्तियों से ब्याज भार 25.34 प्रतिशत था जबकि वर्ष 2008-09 में अनुमान 13.05 प्रतिशत है।
आयोजना व्यय की चर्चा करते हुए श्री राघवजी ने बताया कि वर्ष 2001-02 में आयोजना खर्च 75 प्रतिशत था, जिसे इस सरकार ने बढ़ाक़र 95 प्रतिशत किया है।
वित्त मंत्री ने खेद व्यक्त किया कि इस वर्ष के बजट में अनेक अभिनव योजनाओं की घोषणा की गयी है, जिनका विपक्ष ने उल्लेख तक नहीं किया है। इस संदर्भ में उन्होंने ''सुदामा छात्रवृत्ति'' ''कुशाभाऊ ठाकरे अंशदायी पेंशन योजना, ''जयप्रकाश सम्मान'' योजना का विशेष रूप से उल्लेख किया।
वित्त मंत्री ने घोषणा की कि मीसाबंदी के साथ डी.आई.आर. भी शामिल रहेगा। दिवंगत मीसाबंदियो की पत्नियों को उनके जीवनपर्यन्त आधी सम्मान निधि दी जाएंगी। साथ ही, सूखा प्रभावित क्षेत्रों में माह मई और जून में भी मध्यान्ह भोजन योजना लागू रहेगी। उन्होंने यह भी घोषणा की कि शराब पर जो टेक्स बढ़ाये गये हैं, उनमें राजस्व का नुकसान न करते हुए युक्तियुक्तकरण किया जा सकेगा।
वित्त मंत्री ने बताया कि महंगाई कम करने के लिए राज्य सरकार ने अपने स्तर पर प्रयास किये हैं । अनाज, दाल, दलहन, गुण, शक्कर पर एक पैसे का भी ''वेट'' नहीं लगाया गया है। यदि इन पर टेक्स लगाया जाता तो प्रदेश सरकार को 12 हजार करोड़ रूपए मिल सकते थे, लेकिन हमने इसका लालच नहीं किया। उन्होंने कहा कि बजट से डीजल पर एक प्रतिशत टेक्स कम किया गया है, जबकि केन्द्र ने इसे बढ़ाया है। पन्द्रह-बीस सालों में पहली बार स्टाम्प डयूटी आधा प्रतिशत कम की गयी है, जिससे 90 करोड़ रूपए का नुकसान होगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि 24 वस्तुओं पर ''वेट'' समाप्त कर दिया गया है जबकि नौ वस्तुओं पर इसे कम किया गया है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र को जोड़ने वाले दूरस्थ मार्गों के लिए बसों में 120 रूपए प्रति सीट प्रतिमाह की दर प्रस्तावित की गयी है।

भारतीय प्रशासनिक सेवा के तीन अधिकारियों को वरिष्ठ वेतनमान स्वीकृत

भारतीय प्रशासनिक सेवा के तीन अधिकारियों को वरिष्ठ वेतनमान स्वीकृत
राज्य शासन द्वारा भारतीय प्रशासनिक सेवा (भाप्रसे) के आवंटन वर्ष 2004 के तीन अधिकारियों को भाप्रसे का वरिष्ठ वेतनमान स्वीकृत करते हुए उनकी पदस्थापना के आदेश जारी किये गये हैं।
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा इस आशय के आज जारी किये गये आदेश में अनुविभागीय अधिकारी अलीराजपुर जिला झाबुआ श्री रघुराज एम. आर. को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत एवं पदेन अपर कलेक्टर विकास छतरपुर, अनुविभागीय अधिकारी जावरा जिला रतलाम श्री जॉन किंग्सली ए. आर. को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत एवं पदेन अपर कलेक्टर विकास दतिया और अनुविभागीय अधिकारी सागर जिला सागर श्री लोकेश कुमार जाटव को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत एवं पदेन अपर कलेक्टर विकास बालाघाट पदस्थ किया गया है।
राज्य प्रशासनिक सेवा के तीन अधिकारियों की नवीन पदस्थापना
एक अन्य आदेश में राज्य शासन ने राज्य प्रशासनिक सेवा के तीन अधिकारियों को स्थानान्तरित करते हुए उनकी नवीन पदस्थापना की है।
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा आज जारी किये गये आदेश में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत बालाघाट श्री आर.के. त्रिपाठी को अपर कलेक्टर डिण्डोरी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत दतिया श्री उमेश कुमार को महाप्रबंधक मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण भोपाल और क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी सागर श्री राकेश सिंह को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत एवं पदेन अपर कलेक्टर विकास सिवनी के पद पर पदस्थ किया गया है।

आस्ट्रेलिया की धरती पर ट्राई सिरीज में फतह के लिए खेलमंत्री श्री पवार द्वारा टीम इंडिया को बधाई

आस्ट्रेलिया की धरती पर ट्राई सिरीज में फतह के लिए खेलमंत्री श्री पवार द्वारा टीम इंडिया को बधाई
खेल एवं युवा कल्याण राज्य मंत्री श्री तुकोजीराव पवार ने आस्ट्रेलिया में संपन्न वनडे क्रिकेट की ट्राई सिरीज में टीम इंडिया की ऐतिहासिक विजय पर हर्ष व्यक्त करते हुए दल के सभी सदस्यों को बधाई दी है। श्री पवार ने कहा कि भारत, आस्ट्रेलिया और श्रीलंका की क्रिकेट टीमों के बीच खेली गई इस श्रृंखला में भारतीय खिलाड़ियों ने आकर्षक खेल का प्रदर्शन कर देशवासियों का मस्तक गर्व से ऊंचा कर दिया है। आस्ट्रेलिया की धरती पर भारतीय क्रिकेट टीम ने 23 वर्षों में पहली बार क्रिकेट मैच श्रृंखला में जीत हासिल की है।

उद्योग मंत्री श्री मलैया नोहटा महोत्सव का शुभारंभ करेंगे

उद्योग मंत्री श्री मलैया नोहटा महोत्सव का शुभारंभ करेंगे
उद्योग मंत्री श्री जयंत कुमार मलैया छह मार्च को सागर जिले के नोहटा में नोहटा महोत्सव का उद्धाटन करेंगे। श्री मलैया सात मार्च को भोपाल लौटेंगे।
निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार श्री मलैया पांच तारीख को दोपहर 3.30 बजे भोपाल से रवाना होकर 6.30 बजे सागर पहुंचेंगे। श्री मलैया रात्रि विश्राम सागर में करने के बाद छह मार्च को सागर से प्रस्थान कर पजनारी होते हुए 12.30 बजे नोहटा जायेंगे। दोपहर में वे प्राचार्य श्री एम.पी. सोनकर के विदाई कार्यक्रम में भाग लेंगे। शाम पांच बजे नोहटा महोत्सव का उद्धाटन करने के बाद 6.30 बजे दमोह पहुंचेंगे। दमोह से शाम सात बजे प्रस्थान कर सात मार्च को सुबह भोपाल आयेंगे।

प्रदेश मंत्रिपरिषद के सदस्यों द्वारा मुख्यमंत्री को जन्मदिन की बधाई

प्रदेश मंत्रिपरिषद के सदस्यों द्वारा मुख्यमंत्री को जन्मदिन की बधाई
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को उनके 50वें जन्म दिवस पर श्री राघवजी भाई, सुश्री कुसुम सिंह महदेले, श्री जयंत मलैया, श्री अनूप मिश्रा, कुँवर विजय शाह, श्री जगदीश देवड़ा, श्री अंतरसिंह आर्य, श्री कमल पटेल, श्री लक्ष्मीकांत शर्मा और श्री तुकोजीराव पंवार सहित प्रदेश मंत्रिपरिषद के सदस्यों ने हार्दिक बधाई और शुभकामनायें दी हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान का बुधवार पांच मार्च को 50वां जन्म दिवस है।

सोमवार, 3 मार्च 2008

राज्यपाल डा. जाखड़ द्वारा अजितेश अर्गल को बधाई

राज्यपाल डा. जाखड़ द्वारा अजितेश अर्गल को बधाई
राज्यपाल डा. बलराम जाखड़ ने अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप की विजेता भारतीय टीम के सदस्य भोपाल निवासी श्री अजितेश अर्गल को फाईनल मैच में मैन ऑफ द मैच घोषित किये जाने पर बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।
राज्यपाल डा. जाखड़ ने भारत की जूनियर क्रिकेट टीम के द्वारा फायनल मैच में दक्षिण अफ्रीका की टीम को 12 रनों से पराजित कर विश्व कप पर कब्जा करने पर पूरी टीम को भी बधाई दी है। डा. जाखड़ ने बधाई संदेश में कहा है कि अजितेश ने हाकी की नर्सरी के नाम से प्रसिध्द भोपाल का नाम क्रिकेट में भी रोशन कर ऐतिहासिक कीर्तिमान स्थापित किया है।

खेल मंत्री श्री तुकोजीराव पंवार ने दी अजितेश अर्गल को बधाई

खेल मंत्री श्री तुकोजीराव पंवार ने दी अजितेश अर्गल को बधाई
खेल मंत्री श्री तुकोजीराव पंवार ने अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप स्पर्धा की विजेता भारतीय टीम के सदस्य भोपाल के श्री अजितेश अर्गल को इस प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए बधाई दी है।
खेल मंत्री श्री पंवार ने अपने बधाई संदेश में कहा है कि अजितेश ने न केवल परिवार और प्रदेश का बल्कि अपने प्रदर्शन से समूचे देश का नाम पूरे विश्व में रोशन किया है। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि अजितेश जल्दी ही भारत की सीनियर टीम में अपनी जगह बना लेंगे।
ज्ञात रहे कि कल मलेशिया के कुआलालंपुर में अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप का फायनल मैच भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेला गया था। इस फायनल मुकाबले में भारत ने द. अफ्रीका को 12 रनों से हराया। अजितेश अर्गल को फायनल मैच के 'मेन आफ द मैच' के खिताब से नवाजा गया। इस मैच में अतिजेश ने 5 ओवर गेंदबाजी की जिसमें से 2 ओवर मेडन रखते हुए उन्होंने 7 रन देकर दो विकेट प्राप्त किये। यह इस स्पर्धा में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था। पूरी स्पर्धा में अतिजेश ने कुल आठ विकेट लिए हैं।

चित्रकूट विश्वविद्यालय को सुदृढ़ अधोसंरचना विकास सुनिश्चित करने के निर्देश

चित्रकूट विश्वविद्यालय को सुदृढ़ अधोसंरचना विकास सुनिश्चित करने के निर्देश
राज्यपाल एवं कुलाधिपति डा.बलराम जाखड़ की अध्यक्षता में आज राजभवन में महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के प्रबंध मंडल की 38 वीं बैठक सम्पन्न हुई। डा.जाखड़ ने विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गतिविधियों पर संतोष व्यक्त करते हुए निर्देश दिये कि सुदृढ़ अधोसंरचना विकास भी सुनिश्चित किया जाए। विश्वविद्यालय की ओर से अधोसंरचना विकास के कार्यों के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से अधिकाधिक सहयोग प्राप्त करने के लिए भी विशेष प्रयास किये जाएं। राज्य शासन इस कार्य में सभी संभव सहयोग प्रदान करेगा।
बैठक में प्रबंध मंडल ने सर्वसम्मति से विश्वविद्यालय में आवश्यक सेवाओं के लिए प्रतिनियुक्ति पर विशेषज्ञों की सेवाएं प्राप्त करने पर बल दिया। इस मौके पर बताया गया कि उच्च शिक्षा विभाग द्वारा विश्वविद्यालय की पुनर्संरचना की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। प्रबन्ध मंडल ने विश्वविद्यालय में अनुशासन का माहौल बनाये रखने के लिए अनुशासनहीनता की कार्य शैली के आरोपी कर्मचारियों के निलंबन की कार्यवाही का अनुमोदन किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय को वर्ष 2008-09 के लिए 3 करोड़ पचास लाख रूपये का बजट आवंटित करने पर सहमति व्यक्त की गई। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ज्ञानेन्द्र सिंह ने बैठक में बताया कि राज्य शासन की ओर से स्वीकृत इस बजट राशि के अतिरिक्त शिक्षण शुल्क आदि से 280 लाख रूपये और अन्य स्रोतों से 165 लाख रूपये की व्यवस्था की जाएगी।
बैठक में प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा सुश्री स्नेहलता श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव, वित्त श्री अशोक दास और राज्यपाल के सचिव श्री के.के. सिंह एवं प्रबंध मंडल के सदस्य उपस्थित थे।

सूखा राहत कार्यों के लिये अनूपपुर जिले को एक करोड़ रुपये का आवंटन

सूखा राहत कार्यों के लिये अनूपपुर जिले को एक करोड़ रुपये का आवंटन
राज्य शासन द्वारा सूखा राहत कार्यों के लिये अनूपपुर जिले को एक करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गयी है।
राहत आयुक्त द्वारा कलेक्टर अनूपपुर को चालू वित्तीय वर्ष के बजट से एक करोड़ रुपये का आवंटन आदेश भेजा गया है। यह राशि सूखा राहत कार्यों पर इसके संचालन के संबंध में जारी किये गये स्थायी निर्देशों और मानदण्डों के अनुसार व्यय की जायेगी।

आयुक्त लोक शिक्षण श्री नायडू पदेन सचिव स्कूल शिक्षा भी होंगे

आयुक्त लोक शिक्षण श्री नायडू पदेन सचिव स्कूल शिक्षा भी होंगे
राज्य शासन द्वारा आयुक्त लोक शिक्षण श्री बी.आर. नायडू को अपने वर्तमान कर्तव्यों के साथ-साथ पदेन सचिव स्कूल शिक्षा विभाग भी घोषित किया गया है।
इस आशय के आदेश सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी किये गये हैं

दीन दुखियों और जरूरतमंदों की सेवा ही रेडक्रास का मुख्य उद्देश्य - डा. जाखड़

दीन दुखियों और जरूरतमंदों की सेवा ही रेडक्रास का मुख्य उद्देश्य - डा. जाखड़
राज्यपाल एवं मध्यप्रदेश रेडक्रास सोसायटी के सभापति डा. बलराम जाखड़ की अध्यक्षता में आज राजभवन में सोसायटी की वार्षिक साधारण सभा की बैठक सम्पन्न हुई । सोसायटी की पिछले चार वर्षों की सेवाओं की समीक्षा करते हुए डा. जाखड़ ने कहा कि रेडक्रास का मुख्य उद्देश्य दीन दुखियों और जरूरतमंदों की ईमानदारी से सेवा करना है। मध्यप्रदेश में रेडक्रास की गतिविधियों की सराहना करते हुए राज्यपाल ने सेवा की गति को निरंतर बनाए रखने के निर्देश दिये। बैठक में राज्यपाल के सचिव श्री के.के. सिंह भी उपस्थित थे।
मध्यप्रदेश रेडक्रास सोसायटी के अध्यक्ष श्री मुकेश नायक ने बैठक में जानकारी दी कि भोपाल स्थित रेडक्रास अस्पताल में शीघ्र ही आंतरिक रोगी उपचार सेवाओं का शुभारंभ किया जा रहा है। इसके लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं एवं अधोसंरचना निर्माण कार्य तेजी से पूर्ण कराये जा रहे हैं। श्री नायक ने बताया कि राज्यपाल डा. जाखड़ की मंशा के अनुरूप मध्यप्रदेश में रेडक्रास सोसायटी पूरी निष्ठा और ईमानादारी के साथ समाज के दीन दुखियों और जरूरतमंदों की सेवा के कार्य में संलग्न है।
बैठक में सचिव श्री ए.एन. तिवारी ने बताया कि रेडक्रास अस्पताल की सेवाओं के प्रति प्रदेश के इन वर्गों में विश्वास निरंतर बढ़ रहा है। इस बढ़ते विश्वास का ही परिणाम है कि सन् 2004-05 में रेडक्रास की स्वास्थ्य सेवाओं का 16 हजार 413 लोगों ने फायदा उठाया था। आज इन सेवाओं का फायदा उठाने वालों की संख्या सालाना पचास हजार से भी अधिक हो गई है। श्री तिवारी ने बताया कि इस विश्वास के कारण ही रेडक्रास के अस्पताल की आय में भी वृध्दि हो रही है। यह आय सन् 2005 में 15 लाख 97 हजार 679 रूपये थी जो वर्ष 2007-08 में पांच गुना से भी अधिक बढ़कर 77 लाख दस हजार 858 रूपये हुई है।

दिहाड़ी मजदूर अब करने लगे हैं गुड़ का कारोबार

दिहाड़ी मजदूर अब करने लगे हैं गुड़ का कारोबार
राज्य सरकार की जिला गरीबी उन्मूलन परियोजना ने रोजगार के अवसर उपलब्ध कराकर पन्ना जिले के ग्रामीण जीवन की तस्वीर बदल दी है। कल तक जो लोग गांव में दिहाड़ी मजदूरी करके अपने परिवार का गुजारा करते थे और ज्यादातर समय बेरोजगार ही रहते थे, वे आज गुड़ निर्माता की हैसियत से न केवल अपना गुड़ कारोबार जमा चुके हैं, बल्कि लोगों की नजरों में प्रतिष्ठित भी हो चुके हैं।
पन्ना जिले के पिष्ठा गांव के अनुसूचित जाति समुदाय के सगे भाई रमेश, संतोष, रामकिशोर और विश्वनाथ गांव में मजदूरी करते थे। वे कई साल से मजदूरी करके अपने परिवार की आजीविका चला रहे थे। ग्रामीण गरीब परिवारों को गरीबी से मुक्त करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने डीपीआईपी के तहत सभी पांच भाइयों का बजरंग समहित स्वसहायता समूह बनाकर गन्ना, कोल्हू और थ्रेसर के लिये 67 हजार 925 रूपये तथा गन्ना की सिंचाई के लिए कुआं खुदाई के लिये 29 हजार 300 रूपये दिए गए।
अपना गुड़ निर्माण का कारोबार शुरू करने के महज कुछ साल के भीतर ही ये पांचों भाई मकान बनवाने, बहन की शादी, दो बीघा जमीन और कतराई मशीन खरीदने तथा ठेके पर ली गई बीस बीघा जमीन पर खेतीबाड़ी शुरू करने में कामयाब हो गये। इन भाइयों की पत्नियां कामकाज में इनकी मदद करती हैं। गुड़ उत्पादन में इनका गुड़ अपना विशेष स्थान बनाने की दिशा में अग्रसर है। इन भाइयों ने अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए अपने आपको सिर्फ गुड़ निर्माण तक ही सीमित नहीं रखा। उन्होंने गुड़ निर्माण के साथ-साथ अन्य कृषि उत्पादों को भी लेना शुरू किया।
ये पांचों भाई गुड़ बनाने के लिए अपनी पांच बीघा जमीन में गन्ना उगाते हैं तथा गुड़ बनाने के लिए दूसरों से भी गन्ना खरीदते हैं। सीजन में करीब 100 क्विंटल गुड़ बना लेते हैं। जो लोग इनके थ्रेसर में अपना गन्ना पिराते हैं, उससे भी उन्हें कमाई होती है। ये लोग गेंहू, चना और मटर कतराई से भी कमाई करते हैं। इन भाइयों में से एक संतोष बताते हैं कि डीपीआईपी योजना के तहत शुरू हुआ गुड़ निर्माण का कार्य उनके लिए बेहद फायदेमंद साबित हो रहा है। अब तक मजदूर होने के कारण लोग उन्हें अपने पास से भगा देते थे, लेकिन गुड़ निर्माण का कारोबार शुरू होने से यही लोग हमें इज्जत से अपने बगल में बैठाते हैं। उनका कारोबार उन्हें हर साल दो लाख रूपये से अधिक कमाकर दे रहा है। अपनी कतराई मशीन की ओर इशारा करते हुए संतोष ने कहा कि गुड़ के कारोबार की कमाई के पैसे से इसे खरीदा गया है। इससे भी उन्हें कमाई हो रही है।