शुक्रवार, 14 मार्च 2008

हिंसा से पीड़ित महिलाओं की मदद करेगी उषा किरण योजना

हिंसा से पीड़ित महिलाओं की मदद करेगी उषा किरण योजना
14 मार्च08/अब प्रदेश में गरीब परिवारों की वे महिलाएं भी अपने साथ हुए अत्याचार और अन्याय को उजागर करने का साहस कर सकेंगी, जो कल तक रसूखदारों और दबंगों के भय से मौन रहकर प्रताड़ना झेलने को विवश थीं। यह संभव हुआ है प्रदेश सरकार की उषा किरण योजना से, जो इन महिलाओं के जीवन में नई किरण बनकर आई है। उषा किरण योजना के तहत हिंसा से पीड़ित महिलाओं को तत्काल मदद और समस्या के समाधान की दिशा में जरूरी परामर्श देने की व्यवस्था की गई है।
महिला एवं बाल विकास मंत्री सुश्री कुसुम सिंह महदेले ने बताया कि प्रदेश में हिंसा से पीड़ित महिलाओं की मदद और सुरक्षा के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा यह योजना लागू की जा रही है। इस योजना के तहत प्रत्येक जिले में एक हेल्प-लाईन सर्विस की व्यवस्था होगी, जिसमें पूरे प्रदेश के लिए एक ही दूरभाष नम्बर की व्यवस्था रहेगी। पीड़ित महिला किसी भी समय, कहीं से भी इस टोल फ्री नम्बर पर फोन कर अपनी शिकायत और समस्याएं दर्ज करा सकेगी और सुरक्षा तथा समस्या का समाधान प्राप्त कर सकेगी।
सुश्री महदेले ने योजना का ब्यौरा देते हुए बताया कि हिंसा पीड़ित महिलाओं को संरक्षण देने के उद्देश्य से प्रत्येक समेकित बाल विकास परियोजना स्तर पर संरक्षण अधिकारियों की नियुक्ति की गई हैं। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत पीड़ित महिलाओं को सबसे पहले विकासखंड स्तर पर उसकी समस्या के बाबत् संबंधित विषय-विशेषज्ञों से परामर्श उपलब्ध कराया जायेगा ताकि समस्या का स्थानीय स्तर पर ही समाधान हो सके।
महिला-बाल विकास मंत्री सुश्री महदेले ने योजना का खुलासा करते हुए जानकारी दी कि ऐसी महिलाओं जिनके पास रहने की व्यवस्था नहीं है, उनके लिए जिला स्तर पर एक संरक्षण गृह की व्यवस्था की जायेगी जहां पीड़ित महिला के ठहरने, भोजन, चिकित्सा के साथ-साथ परामर्श देने की व्यवस्था भी होगी।
सलाह और परामर्श से समस्या के हल न होने पर योजना के तहत नि:शुल्क विधिक सहायता उपलब्ध कराने का भी प्रावधान किया गया है। इस योजना से घरेलू हिंसा से पीड़ित उन महिलाओं को राहत मिलेगी, जो पारिवारिक सदस्यों की यातनाओं से तंग आकर घर छोड़ देती हैं और उनके साथ दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं घट जाती हैं।
योजना के संचालन एवं समीक्षा के लिए प्रत्येक जिले में कलेक्टर की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जायेगी जिसमें पुलिस, महिला बाल विकास और सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारी तथा सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल रहेंगे।
इस योजना के तहत घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम 2005 का विभिन्न माध्यमों से व्यापक प्रचार-प्रसार का अभियान भी चलाया जायेगा। इसके अलावा राज्य, जिला एवं परियोजना स्तर पर इस अधिनियम पर केंद्रित कार्यशालाएं भी आयोजित की जा रही हैं।

राजधानी में 19 मार्च को अनुसूचित जाति के आर्थिक विकास का ऐतिहासिक आयोजन

राजधानी में 19 मार्च को अनुसूचित जाति के आर्थिक विकास का ऐतिहासिक आयोजन
10 हजार हितग्राहियों को सौ करोड़ रुपये लागत के वाहन एवं ऋण मिलेंगे
14 मार्च08/प्रदेश के अनुसूचित वर्ग के आर्थिक विकास में मार्च माह की 19 तारीख एक ऐतिहासिक दिन सिध्द होगी। इस दिन राजधानी भोपाल में आयोजित विराट राज्य स्तरीय समारोह में इस वर्ग के 10 हजार युवा हितग्राहियों को स्वरोजगार के लिए 100 करोड़ रुपये के वाहन एवं ऋण प्रदान किये जायेंगे। अनुसूचित जाति वर्ग के जीवन में बदलाव की इस ऐतिहासिक घड़ी में देश-प्रदेश की कई महत्वपूर्ण हस्तियां मौजूद रहेंगी।
मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के प्रबंध संचालक श्री सुधि रंजन मोहंती ने बताया कि निगम द्वारा 19 मार्च को पुलिस स्टेडियम लाल परेड ग्राउंड भोपाल में प्रात: 10.30 बजे राज्य स्तरीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास सम्मेलन तथा राज्य स्तरीय ऋण वितरण समारोह का आयोजन किया जा रहा है। इस सम्मेलन का उद्धाटन सांसद एवं भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री वैंकेया नायडू करेंगे। यह समारोह मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के मुख्य आतिथ्य और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में संपन्न होगा। इस अवसर पर अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री श्री जगदीश देवड़ा, सांसदद्वय डा. सत्यनारायण जटिया एवं श्री थावरचंद गेहलोत सहित विधायक एवं पदाधिकारी बड़ी संख्या में मौजूद रहेंगे। अनुसूचित जाति वर्ग के आर्थिक उत्थान के इस ऐतिहासिक मौके पर 3 हजार महिला हितग्राहियों सहित 10 हजार व्यक्तियों को 50 करोड़ रुपये के वाहन और इतनी ही राशि का ऋण अनुदान सहायता का वितरण किया जाएगा।
इस समारोह में अनुसूचित जाति वर्ग के हितग्राहियों के आर्थिक उत्थान और उनके स्वरोजगार के लिये स्टेशनरी, किराना शॉप, जनरल स्टोर जैसे छोटे व्यवसायों हेतु ऋण सहायता और स्वरोजगार के लिये टैक्सी, ऑटो, मिनी बस आदि वाहन भी वितरित किये जायेंगे। कार्यक्रम में करीब 500 वाहन जिनमें जीप टैक्सी, टाटा मैजिक, मारुति वेन, टाटा इंडिका, टाटा लोडिंग वाहन और ट्रेक्टर इत्यादि वितरित होंगे। इस अवसर पर लघु एवं कुटीर उद्योग तथा माईक्रो फायनेंस योजना के तहत एक हजार हितग्राहियों ओर महिला समृध्दि योजना के अंतर्गत एक हजार महिला हितग्राहियों को ऋण अनुदान सहायता का वितरण होगा।
इस कार्यक्रम में सफाई कामगार वित्त विकास निगम की योजनाओं के तहत सफाई कामगारों के पुनर्वास के लिये चलाई जा रही प्रतिष्ठा योजना के तहत करीब 250 वाहनों का वितरण किया जायेगा। राष्ट्रीय विकलांग वित्त एवं विकास निगम द्वारा अनुसूचित जाति वर्ग के 500 से अधिक हितग्राहियों को फुटकर व्यवसायों के लिए ऋण बांटे जायेंगें। विभिन्न राष्ट्रीयकृत बैंकों से वित्त पोषित अन्त्योदय स्वरोजगार योजना के तहत 7 हजार हितग्राहियों को करीब 32 करोड़ रुपये की ऋण सहायता विभिन्न काम धंधों के लिये मुहैया कराई जायेंगी। इसके लिये उन्हें 10 हजार रुपये प्रति हितग्राही के मान से 10 करोड़ रुपयों को अनुदान की सुलभ होगा।
मुख्यमंत्री निवास पर विगत अप्रैल 2007 को आयोजित अनुसूचित जाति पंचायत में घोषित अनुसूचित जाति के आर्थिक विकास की 7 अभिनव योजनाओं के लिये भी राज्य सरकार द्वारा 1308 लाख रुपयों का बजट प्रावधान किया गया है। इस संबंध में मौजूदा वित्तीय वर्ष में मंजूर दस प्रतिशत राशि 130 लाख रुपये की योजनाओं का लाभ समारोह में हितग्राहियों को सुलभ होगा।
मध्यप्रदेश में अनुसूचित वर्ग के समग्र विकास के लिए जारी कल्याणकारी कार्यक्रम से उनके जीवन में यहां सार्थक बदलाव आ रहा है वहीं समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए संचालित योजनाओं से उनमें नया उत्साह और विश्वास पैदा हुआ है। राज्य में अनुसूचित जाति वर्ग की शिक्षा और उनके आर्थिक पुनर्वास की योजनाओं के सार्थक क्रियान्वयन से वे अब विकास में समाज के अन्य वर्गों के साथ बराबरी से अपने कदम बढ़ा रहे हैं।
अनुसूचित जाति के गरीबी के रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले और गरीबी की रेखा की दुगनी आय सीमा तक के परिवारों को स्वरोजगार के अवसर मुहैया कर उन्हें आर्थिक रूप से सबल बनाने की लगातार कोशिशें जारी हैं। इस उद्देश्य से पिछले चार वर्षों में इस वर्ग के 41 हजार 137 हितग्राहियों को 168 करोड़ रुपये से अधिक की ऋण अनुदान सहायता मुहैया कराई गई है।

मध्यप्रदेश में आदिवासी बच्चों के लिये रंग शिविरों का आयोजन

मध्यप्रदेश में आदिवासी बच्चों के लिये रंग शिविरों का आयोजन
1200 से अधिक बच्चों की भागीदारी
14 मार्च08/उस्ताद अलाउद्दीन खाँ संगीत एवं कला अकादमी द्वारा 'बाल रंगमण्डल' के तत्वावधान में प्रदेश के पन्द्रह जिलों में आदिवासी बच्चों के लिये रंग शिविर पिछले दिनों आयोजित किये गये। प्रदेश के वरिष्ठ और अनुभवी नाटयकर्मियों-निर्देशकों और कलाकारों ने कार्यशालाएँ आयोजित कर रंगकर्म के प्रति रूझान रखने वाले बाल कलाकारों को प्रशिक्षित करने का काम किया। प्रशिक्षण के दौरान उन्होंने एक कृति का चुनाव किया जिस पर अभ्यास उपरान्त कार्यशाला सम्पन्न होने पर बच्चों के माध्यम से उनका प्रदर्शन भी कराया गया।
बाल रंगमण्डल द्वारा ये शिविर 1 नवम्बर, 07 से 20 फरवरी, 08 के बीच कटनी, इन्दौर, सतना, पन्ना, रीवा, उज्जैन, सीधी, दमोह, जबलपुर, भोपाल, ग्वालियर, खरगोन, छिन्दवाड़ा, झाबुआ और खण्डवा जिलों में आयोजित किए गये। इन शिविरों में पन्द्रह जिलों के लगभग 1200 प्रतिभागी कलाकारों ने भाग लिया, बच्चों और विशेषकर प्रशिक्षण प्रदान करने वाले रंगकर्मियों के लिये यह अनुभव अनूठा रहा जिसमें यह बात देखी गयी कि भाग लेने वाले बाल कलाकारो ने अपनी पढ़ाई के साथ-साथ अपने रचनात्मक आयाम के विस्तार में रूचि ली। इस कार्य में उनके अभिभावकों ने भी उत्साह दिखाया और बच्चों को प्रोत्साहित किया। इस कार्य के लिए बाल रंगमण्डल ने जिन कलाकारों को बच्चों के मार्गदर्शन के लिए चुना उनमें सर्वश्री सादात भारती, इदरीस खत्री, आनंद प्रकाश मिश्र, फैज मोहम्मद, चन्द्रशेखर पाण्डे, राजेन्द्र चावड़ा, नीरज इन्द्रावती कुन्दरे, राजीव अयाची, अजय सिन्हा, अशोक आनंद, गौतम मालवीय, विनोद विश्वकर्मा, शरद शबल, विजय सोनी एवं सरोज शर्मा प्रमुख थे।
इस कार्यशाला के अच्छे परिणाम सामने आये। कटनी में रेखा जैन लिखित 'अनोखा वरदान', इन्दौर में कृष्ण चन्दर लिखित 'गङ्ढा', सतना में अलखनन्दन लिखित 'नारद जी फँसे चकल्लस में', पन्ना में फैज मोहम्मद लिखित 'दंगल', रीवा में अलखनन्दन लिखित 'जादू का सूट', उज्जैन में राजेन्द्र चावड़ा लिखित 'चन्द्रशेखर आजाद', सीधी में संजय मेहता लिखित 'मक्खीचूस', दमोह में राजीव आयाची लिखित 'पन्नी वाले बच्चे हम', जबलपुर में अलखनन्दन लिखित 'बुध्दि बहादुर', भोपाल में बालेन्द्र सिंह लिखित 'एक जतन' और ग्वालियर में प्रशान्त चटर्जी लिखित 'घमण्डी राजा', खरगोन में गौतम मालवीय लिखित 'हमू काजे काई समझ', छिन्दवाड़ा में विनोद विश्वकर्मा लिखित 'एक राजा की सुन लो कहानी' और झाबुआ तथा खण्डवा में अभिरंजन कृति 'खेल-खेल में' तथा 'चेहरे' नाटयों का मंचन हुआ। बाल रंगमण्डल के ये प्रयास ऐसे थे कि इनका उपस्थितजनों ने स्वागत भी किया और कलाकारों में रचनात्क सम्भावनाएँ देखकर उत्साहवर्धन भी किया।
छिन्दवाड़ा में तैयार हुए नाटक 'एक राजा की सुन लो कहानी' नाटक के कलाकार पातालकोट अंचल से थे। पातालकोट आदिवासी बाहुल है। विनोद विश्वकर्मा लिखित व निर्देशित इस कृति को देखकर परासिया के विधायक श्री ताराचन्द्र बावरिया ने बाल कलाकारों को पुरस्कृत भी किया।
बाल रंगमण्डल के इस प्रकल्प में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले बच्चों में यह उत्साह भी बना हुआ है कि वे परीक्षा के पश्चात् फिर ग्रीष्म अवकाश में अपनी इस रचनात्मक प्रतिभा को विस्तार देने के लिए जुटेंगे। 'बाल रंगमण्डल' संस्कृति विभाग के अंतर्गत संचालित उस्ताद अलाउद्दीन खाँ संगीत एवं कला अकादमी का एक प्रभाग है।

रालामंडल का डिनोटीफिकेशन किसी दवाब के कारण नहीं

रालामंडल का डिनोटीफिकेशन किसी दवाब के कारण नहीं
14 मार्च08/इंदौर के पास स्थित रालामंडल अभ्यारण्य को डीनोटीफाई करने की कार्यवाही किसी भी दवाब के कारण नही की जा रही है। प्रधान मुख्य वनसंरक्षक ने कतिपय समाचार पत्रों मे प्रकाशित इस आशय के समाचार को भ्रामक बताया है कि बिल्डर लॉबी के दवाब में इस अभ्यारण्य को रूप में डिनोटीफाई किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अभ्यारण्य न रहने पर भी यह क्षेत्र आरक्षित वन के रूप में बना रहेगा और इसका उपयोग गैर वानिकी कार्यो के लिए नहीं होगा।
रालामंडल अभ्यारण्य का गठन राज्य शासन की अधिसूचना द्वारा 21 अगस्त 1989 को किया गया। इसका क्षेत्रफल 234.55 हेक्टेयर है। इन्दौर शहर से लगा यह क्षेत्र भारतीय वन अधिनियम के अंतर्गत आरक्षित वन घोषित किया गया है। अभ्यारण्य क्षेत्र के अंदर पहाड़ी पर एक शिकारगाह नाम का पुराना भवन है। अभ्यारण्य का पूरा क्षेत्र चैनलिंक फेन्स से घिरा हुआ है। इस अभ्यारण्य में इन्दौर शहर से काफी लोग घूमने और प्रकृति का आनंद लेने आते हैं।
इस अभ्यारण्य में कोई महत्वपूर्ण स्थानीय वन्यप्राणी नहीं है। केवल अन्य क्षेत्रों से लाकर रखे गये नीलगाय, चीतल, चिंकारा आदि हैं। हालाकि वन्य प्राणियों की दृष्टि से इस अभ्यारण्य का कोई विशेष महत्व नहीं है, लेकिन इन्दौर शहर के पास स्थित होने से इसे ईको पर्यटन एवं पर्यावरण शिक्षा और प्रचार-प्रसार के लिए उपयोग किये जाने की काफी संभावनाएं है। इस संबंध में इन्दौर जिले के गणमान्य नागरिकों के सुझाव भी प्राप्त हुये हैं। लेकिन इसे अभ्यारण्य बनाये रखने पर वन्यप्राणी (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के वर्तमान प्रावधानों तथा सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के कारण इस क्षेत्र में स्थित पुराने भवन शिकारगार को इंटरप्रिटेशन सेन्टर के रूप में विकसित करने, केम्ंपिग साइट्स विकसित करने तथा पर्यावरण शिक्षण केन्द्र बनाने में कठिनाई आ रही है।
जब इस क्षेत्र को अभ्यारण्य घोषित किया गया था तब अत्यधिक जैविक दवाब के कारण यह पहाड़ी वनविहीन हो गयी थी और शहर के नजदीक होने से यह क्षेत्र अतिक्रमण की दृष्टि से भी काफी संवेदनशील था। अब सम्पूर्ण क्षेत्र वनाच्छादित होकर प्राकृतिक वन में परिवर्तित हो चुका है। अत: इसे ईको पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने में आ रही कठिनाई को दूर करने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश ईको पर्यटन विकास बोर्ड एवं मध्यप्रदेश राज्यवन्य प्राणी बोर्ड द्वारा भी रालामंडल अभ्यारण्य को डिनोटीफाई करने की अनुशंसा की गयी है।
वन्यप्राणी (संरक्षण) अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार राष्ट्रीय वन्यप्राणी बोर्ड की अनुमति के बिना राज्य शासन अभ्यारण्य की सीमाओं में परिवर्तन नहीं कर सकता।
राज्य शासन ने रालामंडल अभ्यारण्य को डिनोटीफाई करने के लिए केन्द्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को पत्र लिखकर प्रस्ताव राष्ट्रीय वन प्राणी संरक्षण बोर्ड के समक्ष विचारार्थ रखने का अनुरोध किया है। इसकी अनुशंसा प्राप्त हो जाने पर सर्वोच्च न्यायालय से अनुमति लेने की कार्यवाही की जाएगी। इसके बाद ही इसे डिनोटीफाई करने की वैधानिक कार्यवाही हो सकेगी।
केन्द्र शासन को यह भी स्पष्ट किया गया है कि अभ्यारण्य के रूप में डिनोटीफाई करने के बाद भी इसका आरक्षित वन के रूप में प्रबंधन किया जाएगा और भारतीय वन अधिनियम तथा वनसंरक्षण अधिनियम, 1980 के प्रावधाओं को कड़ाई से पालन किया जाएगा।

छिन्दवाड़ा में महिला कोटवारों को भी साइकिल मिलेगी

छिन्दवाड़ा में महिला कोटवारों को भी साइकिल मिलेगी
14 मार्च08/छिन्दवाड़ा जिले में महिला कोटवारों को भी साइकिलें प्रदाय की जा रही है। कोटवारों को नि:शुल्क साइकिले प्रदाय करने की योजना के तहत कुल 1598 कोटवारों को साइकिलें दी जा रही है।
कलेक्टर ने कोटवारों को दी जाने वाली नि:शुल्क सायकिलें वितरण जनप्रतिनिधियों कों की उपस्थिति में समारोह पूर्वक वितरित करने पर जोर दिया है। छिन्दवाड़ा जिले में 1598 कार्यरत कोटवार लाभान्वित होंगे इसमें 192 महिला और 1406 पुरुष कोटवार शामिल हैं। कलेक्टर ने सर्वप्रथम दूरस्थ क्षेत्रों में पूर्ण रुप से कसी सायकिलें भेजने के निर्देश दिये।

उज्जैन संभाग में परिवहन विभाग द्वारा 57 करोड़ रुपये का राजस्व

उज्जैन संभाग में परिवहन विभाग द्वारा 57 करोड़ रुपये का राजस्व
14 मार्च08/उज्जैन संभाग में परिवहन विभाग द्वारा फरवरी माह के अंत तक 57 करोड़ 97 लाख 89 हजार रुपये का राजस्व संग्रहित किया गया है। यह वर्ष 2007-08 के लिए निर्धारित 74 करोड़ 77 लाख रुपये के लक्ष्य का 77.5 प्रतिशत है।
उज्जैन संभाग के क्षेत्रीय परिवहन विभाग के तहत इस वित्तीय वर्ष में उज्जैन जिले में 17 करोड़ 78 लाख 38 हजार रुपये का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस लक्ष्य के विरुध्द 14 करोड़ 51 लाख 81 हजार रुपये की वसूली कर ली गई है। यह निर्धारित लक्ष्य का 81.6 प्रतिशत है। उज्जैल संभाग के देवास जिले के लिए 8 करोड़ 93 लाख 11 हजार रुपये का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इसके विरुध्द फरवरी 08 के अंत तक 7 करोड़ 28 लाख 59 हजार रुपये का राजस्व संग्रहित कर लिया गया है। यह निर्धारित लक्ष्य का 81.5 प्रतिशत है। शाजापुर जिले के लिए वर्ष 2007-08 के लिए 8 करोड़ 58 लाख 76 हजार रुपये का लक्ष्य निर्धारित किया गया। इस लक्ष्य के विरुध्द अब तक 7 करोड़ 2 लाख 41 हजार रुपये की वसूली की जा चुकी है। यह लक्ष्य का 81.7 प्रतिशत है।
मंदसौर जिले में वर्ष 2007-08 के लिए 10 करोड़ 98 लाख 25 हजार रुपये का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इस लक्ष्य के विरुध्द फरवरी माह के अंत तक 8 करोड़ 45 लाख 67 हजार रुपये का राजस्व संग्रह कर लिया गया है। यह निर्धारित लक्ष्य का 77 प्रतिशत है। नीमच जिले को इस वित्तीय वर्ष में 17 करोड1 31 लाख 79 हजार रुपये का लक्ष्य निर्धारित है, तथा इस लक्ष्य के विरुध्द 11 करोड़ 87 लाख 85 हजार रुपये की वसूली की गई है। यह लक्ष्य का 68.5 प्रतिशत है। रतलाम जिले को इस वित्तीय वर्ष के लिए 11 करोड़ 16 लाख 97 हजार रुपये का लक्ष्य प्रदान किया गया है। इस लक्ष्य के विरुध्द 8 करोड़ 81 लाख 65 हजार रुपये का राजस्व संग्रहित किया गया है।

लड़कियां किसी से कम नहीं - राज्यपाल डा. जाखड़

लड़कियां किसी से कम नहीं - राज्यपाल डा. जाखड़
14 मार्च08/राज्यपाल डा. बलराम जाखड़ ने कहा है कि लड़कियां किसी से कम नहीं होतीं। बेटियों की अनदेखी करने वाले और भ्रूण हत्या के हिमायती इंसानियत के दुश्मन हैं। डा. जाखड़ आज यहां सरोजिनी नायडू कन्या स्नात्तकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय के वार्षिक अलंकरण समारोह में छात्राओं को संबोधित कर रहे थे। समारोह की अध्यक्षता उच्च शिक्षा मंत्री श्री अनूप मिश्रा ने की।
राज्यपाल डा. जाखड़ ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि जब बच्चे अच्छा काम करते हैं तो घर और समाज गौरवान्वित होता है क्याेंकि इनके काम में देश का उज्जवल भविष्य दिखता है। उदंडता और बेईमानी को तरक्की में रूकावट निरूपित करते हुए डा. जाखड़ ने छात्राओं से कहा कि वे इन बुराईयों से हमेशा बचें। विरांगनाएं बनें और समाज में प्रेम तथा कल्याण की भावना का प्रसार करें। राज्यपाल ने गुरूजनों को संबोधित करते हुए कहा कि छात्र-छात्राओं को सही समय पर सही मार्गदर्शन देने की जिम्मेदारी का ईमानदारी से निर्वहन करें। औषधीय पौधे की भेंट से स्वागत करने पर राज्यपाल ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रकृति हमारी मां है! इस मां की रक्षा और संरक्षण हर इंसान की जिम्मेदारी है। डा. जाखड़ ने छात्राओं से वृक्षारोपण के लिए समर्पित भाव से कार्य करते रहने का आव्हान किया।
उच्च शिक्षा मंत्री श्री अनूप मिश्रा ने अलंकरण समारोह में अपने अध्यक्षीय भाषण में कोचिंग व्यवस्था पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि विद्या के मंदिरों को राजनीति का अखाड़ा नहीं बनना चाहिए। श्री मिश्रा ने महाविद्यालयों की जनभागीदारी समितियों से आग्रह किया कि वे अपने उद्देश्यों से नहीं भटकें। शिक्षा की बेहतर व्यवस्थाओं के लिए शासन के पास बजट की कमी नहीं है। श्री मिश्रा ने इस अवसर पर बताया कि देश का दूसरा हार्टिकल्चर विश्वविद्यालय आगामी वर्ष से प्रदेश के मन्दसौर जिले में प्रारंभ किया जा रहा है। अगले वर्ष ही उज्जैन में संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना भी की जा रही है। उन्होंने बताया कि आगामी शिक्षण सत्र से महाविद्यालयों में तकनीकी शिक्षा के विषय भी प्रारंभ किये जा रहे हैं ताकि बेरोजगारी का निश्चित समाधान हो सके।
राज्यपाल डा. जाखड़ का समारोह स्थल पर छात्राओं ने रक्षा सूत्र बांधकर स्वागत किया। प्राचार्या ने अतिथियों को औषधीय पौधे भेंट कर सम्मानित किया। राज्यपाल डा. जाखड़ और उच्च शिक्षा मंत्री श्री मिश्रा ने छात्राओं को शैक्षणिक, सांस्कृतिक और अन्य रचनात्मक कार्यों में उत्कृष्टता के लिए पुरस्कृत किया।

मध्यप्रदेश के प्रख्यात चित्रकारों की पेंटिग्स को संरक्षित किया जायेगा - संस्कृति मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा

मध्यप्रदेश के प्रख्यात चित्रकारों की पेंटिग्स को संरक्षित किया जायेगा - संस्कृति मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा
कला परिषद में वरिष्ठ चित्रकारों की सात दिवसीय कार्यशाला प्रारम्भ
14 मार्च08/संस्कृति, जनसम्पर्क एवं खनिज साधन मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने कहा है कि मध्यप्रदेश के ख्याति प्राप्त चित्रकारों की पेंटिग्स को संरक्षित कर उनका प्रकाशन कराया जायेगा जिससे भावी पीढ़ी उनसे प्रेरणा ले सकें। प्रदेश में कला एवं संस्कृति के विकास के लिए प्रदेश के कलाकारों की हर संभव मदद ली जायेगी। संस्कृति मंत्री श्री शर्मा आज भोपाल के बाणगंगा स्थित उस्ताद अलाउद्दीन खाँ संगीत एवं कला अकादमी की कला वीथिका में आयोजित वरिष्ठ चित्रकारों की विशिष्ट कार्यशाला एवं सात दिवसीय शिविर को संबोधित कर रहे थे। कार्यशाला का आयोजन संस्कृति संचालनालय भोपाल, मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद एवं उस्ताद अलाउद्दीन खाँ संगीत एवं कला अकादमी द्वारा किया गया।
संस्कृति मंत्री श्री शर्मा ने कहा कि प्रदेश में बच्चों एवं युवाओं में चित्रकला के क्षेत्र में छिपी हुई प्रतिभाओं को निखारने के लिए विभिन्न अंचलों में कार्यशाला और शिविर आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने शिविर में भाग ले रहे प्रख्यात चित्रकारों को अपनी शुभकाँमनाए भी दी। संचालक संस्कृति संचालनालय श्री पवन श्रीवास्तव ने इस अवसर पर कहा कि कला की विभिन्न विधाओं में पिछले कुछ वर्षों में अनेक उल्लेखनीय कार्य किए गए हैं, लेकिन अब रंगकर्म एवं चित्रकला के क्षेत्र को फोकस कर योजनाएं तैयार की जा रही है। इसी कड़ी में यह कार्यशाला आयोजित की गई है।
कार्यशाला के संयोजक एवं समन्वयक डॉ. लक्ष्मीनारायण भावसार ने स्वागत भाषण में कहा कि जिन देशों में कला एवं संस्कृति को संरक्षण मिलता है, उन देशों में शांति का माहौल रहता है। श्री भावसार ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में मध्यप्रदेश में अनेक उल्लेखनीय कार्य हुए है, इसकी वजह से मध्यप्रदेश की देश में अलग पहचान बनी है।
कार्यशाला के प्रारंभ में संस्कृति मंत्री श्री शर्मा ने दीप प्रज्जवलित किया। इस कार्यशाला में प्रसिध्द चित्रकार सर्वश्री बसन्त अगाशे, हरि भटनागर, लक्ष्मण भाण्ड, आर.सी. भावसार, सुरेश चौधरी, श्रेणिक जैन तथा सुश्री मीरा गुप्ता एवं डॉ. लक्ष्मीनारायण भावसार प्रतिभागी के रूप में शामिल हो रहे है। प्रदेश के ये प्रख्यात चित्रकार 20 मार्च तक शिविर में अपनी उत्कष्ट चित्रकृतियों को बनाएंगे। बाद में इन चित्रकृतियों की प्रदर्शनी भी लगायी जायगी।

इदिर गांधी राष्‍ट्रीय वृद्वावस्‍था पेंशन योजना के अंतर्गत आयु में छूट देना

इदिर गांधी राष्‍ट्रीय वृद्वावस्‍था पेंशन योजना के अंतर्गत आयु में छूट देना
14 मार्च08/ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री चन्द्रशेखर साहू ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृध्दावस्था पेंशन योजना (आईजीएनओएपीएस) के तहत आयु सीमा को 65 वर्ष से घटाकर 60 वर्ष करके भारत सरकार द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुसार गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों के 60 वर्ष अथवा इससे अधिक की आयु के व्यक्तियों को पेंशन उपलब्ध कराने का एक प्रस्ताव विचाराधीन है।
राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (एनएसएपी) के लिए राज्यों को निधियों की रिलीज संयुक्त रूप में की जाती है, जिसमें राष्ट्रीय वृध्दावस्था पेंशन योजना, राष्ट्रीय परिवार लाभ योजना तथा अन्नपूर्णा शामिल हैं।

गरीबों के लिए आवास निर्माण

गरीबों के लिए आवास निर्माण
14 मार्च08/ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्रीमती सूर्यकांता पाटील ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि न्नभारत निर्माण न्न कार्यक्रम के अंतर्गत 2005-06 से 2008-09 तक 4 वर्षों की अवधि में ग्रामीण बीपीएल परिवारों के 60 लाख मकान बनाने पर विचार किया गया है। इस कार्यक्रम को इंदिरा आवास योजना (आईएवाई) के माध्यम से कार्यान्वित किया जा रहा है। बजट आबंटन के आधार पर वर्ष-दर-वर्ष राज्यवार लक्ष्य निर्धारित किए जाते हैं। इंदिरा आवास योजना पहले से चल रही आबंटन आधारित योजना है। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में आवास की कमी और गरीबी अनुपात के आधार पर राज्यवार वास्तविक लक्ष्य निर्धारित किए जाते हैं। भारत के महापंजीयक के कार्यालय द्वारा 2001 की जनगणना के आधार पर सूचित आवासीय कमी को ध्यान में रखा जाता है। इस संबंध में राज्य सरकार से किसी प्रस्ताव की जरूरत नही है।
ग्रामीण आवास नीति का एक मसौदा तैयार किया गया है तथा राज्य सरकारों को उनकी टिप्पणियों के लिए परिचालित किया गया है।

एन आर ई जी एस के अंतर्गत आबंटन

एन आर ई जी एस के अंतर्गत आबंटन
14 मार्च08/ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री चन्द्रशेखर साहू ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि एनआरईजीए मांग आधारित कार्यक्रम है इसलिए एनआरईजीए के अंतर्गत निधियां आबंटित नहीं की जाती हैं। वर्ष 2007-08 में एनआरईजीए के लिए 12000 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया था। वर्ष 2007-08 के दौरान, 10.03.2008 की स्थिति के अनुसार राज्यों को 12044.98 करोड़ रुपये रिलीज किए गए हैं।
ग्यारहवीं योजना के अंतर्गत एनआरईजीए के कार्यान्वयन के लिए 1,00,000 के लिए एनआरईजीए हेतु 16000 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया जाएगा जो वर्ष 2007-08 में एनआरईजीए के लिए किए गए बजट प्रावधान से 4000 करोड़ रुपये अधिक है।

मंगलवार, 11 मार्च 2008

राज्य अधिवक्ता परिषद के मुस्लिम सदस्यों का निर्वाचन

राज्य अधिवक्ता परिषद के मुस्लिम सदस्यों का निर्वाचन
आपत्तियां 17 मार्च तक आयोजित
संजय गुप्‍ता (मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो 11 फरवरी,08/मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड के गठन हेतु ''मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड के सदस्यों का निर्वाचन नियम 1995'' के अंतर्गत मध्यप्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद के मुस्लिम सदस्यों में से बोर्ड के सदस्यों का निर्वाचित किया जाना है। इस हेतु राज्य अधिवक्ता परिषद के वर्तमान एवं भूतपूर्व मुस्लिम सदस्यों की प्रकाशित सूची के संबंध में यदि किसी व्यक्ति को कोई आपत्ति हो तो 17 मार्च, 08 को प्रात: 11 बजे मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सहायक रिटर्निंग आफीसर) म.प्र. वक्फ बोर्ड, ताजुल मसाजिद के पीछे भोपाल में प्रस्तुत की जा सकती है। उक्त तिथि के पश्चात प्राप्त होने वाली किसी भी आपत्ति पर विचार नहीं किया जाएगा।

पेयजल परिवहन हेतु 15 लाख रूपये आबंटित

पेयजल परिवहन हेतु 15 लाख रूपये आबंटित
संजय गुप्‍ता (मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो 11 फरवरी,08/राज्य शासन ने पेयजल की समस्या के मद्देनजर सागर जिले के नगरीय निकायों को आवश्यकतानुसार पेयजल परिवहन हेतु 15 लाख रूपये की राशि आबंटित की है।
इसके अनुसार नगर पालिका निगम सागर को 3 लाख रूपये, नगर पालिका परिषद बीना को एक लाख रूपये, नगर पालिका परिषद खुरई को एक लाख रूपये, नगर पालिका परिषद गढ़ाकोटा को दो लाख रूपये, नगर पालिका परिषद देवरी को एक लाख रूपये, नगर पालिका परिषद रहली को दो लाख रूपये, नगर पंचायत राहतगढ़ को एक लाख रूपये, नगर पंचायत राहतगढ़ को एक लाख रूपये, नगर पचायत बंडा को दो लाख रूपये, नगर पंचायत शाहपुर को एक लाख रूपये तथा नगर पंचायत शाहगढ़ को एक लाख रूपये की राशि पेयजल परिवहन हेतु आबंटित की गई है।

अपरान्ह में ही होगी अब बिजली कटौती

अपरान्ह में ही होगी अब बिजली कटौती
संजय गुप्‍ता (मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो 11 फरवरी,08/छात्रों की चल रही परीक्षाओं के मद्देनजर बिजली कटौती अब अपरान्ह में ही की जाएगी। ज्ञात रहे कि संजय गाँधी ताप विद्युत गृह बिरसिंहपुर की 500 मेगावॉट क्षमता की इकाई में तकनीकी खराबी और देशभर में बिजली की उपलब्धता में कमी के चलते प्रदेश में मांग और पूर्ति में अंतर आ गया है।
छात्रों की एक मार्च से शुरु हो चुकी परीक्षाओं में व्यवधान न हो इसके लिए संभागीय मुख्यालयों पर प्रात:कालीन बिजली कटौती पूर्व में ही बंद कर दी गई थी। माँग और पूर्ति के अंतर को पाटने के लिए अब अपरान्ह में बिजली कटौती का निर्णय लिया गया है।
मध्यप्रदेश पॉवर ट्रेडिंग कंपनी से मिली जानकारी के मुताबिक बिरसिंहपुर की 500 मेगावाट क्षमता की इकाई में आई इस तकनीकी खराबी को सुधारा जा रहा है। इस इकाई से जल्द ही बिजली उत्पादन शुरु होने की उम्मीद है। फिलहाल देश में जहाँ कहीं भी बिजली उपलब्ध है उसे खरीद कर प्रदेश में आपूर्ति करने के हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं।

सूखा प्रभावितों की सहायता राशि वितरण के मामले निराकृत करने पन्ना में पंचायत स्तर पर सात सदस्यीय समिति गठित होगी

सूखा प्रभावितों की सहायता राशि वितरण के मामले निराकृत करने पन्ना में पंचायत स्तर पर सात सदस्यीय समिति गठित होगी
संजय गुप्‍ता (मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो 11 फरवरी,08/खरीफ फसल 2007 में सूखा से प्रभावित फसलों के संबंध में सहायता राशि वितरण के मामलों के निराकरण के लिए ग्राम पंचायत के सरपंच, उपसरपंच, दो पंच एवं ग्राम के दो प्रतिष्ठित व्यक्तियों सहित पांच अशासकीय व्यक्ति तथा पटवारी एवं ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी की सात सदस्यीय समिति गठित की जाएगी। यह समिति मौके पर खेत जाकर पंचनामा तैयार करेगी। इसके आधार पर राजस्व अधिकारी द्वारा स्थल निरीक्षण कर पुष्टि करते हुए क्षति के मामलों का निराकरण किया जाएगा। राज्य शासन के निर्देशों के अनुक्रम में कलेक्टर श्रीमती दीपाली रस्तोगी ने जिले के समस्त अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, तहसीलदार पन्ना, पवई, अजयगढ, गुनौर एवं शाहनगर से कहा है कि वे खरीफ फसल 2007 की सूखा प्रभावित फसलों के मामलों में आथिर्क सहायता अनुदान राशि के निर्धारण एवं वितरण के लिए शासन के निर्देशानुसार कार्रवाई करना सुनिश्चित करें।

मुरैना में उद्यानिकी मेला

मुरैना में उद्यानिकी मेला
संजय गुप्‍ता (मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो 11 फरवरी,08/मुरैना जिले के सेंथरा गांव में ग्रामीणों को उद्यानिकी की विभिन्न योजनाओं की जानकारी देने के लिए शासकीय संजय निकुंज सेंथरा पोरसा में गत दिवस उद्यानिकी मेला एवं प्रदर्शनी का आयोजन किया है। इसमें अध्यक्ष कृषि विकास समिति सहित विभिन्न ग्राम पंचायतों के सरपंच, अधिकारी और कृषक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
इस मेले में उद्यानिकी योजनाओं तथा सब्जी, मशाले, औषधीय और पुष्पीय खेती और कीट व्याधि नियंत्रण के तरीके बताये गये। उद्यान अधीक्षक ने आलू की खेती के विषय में बताया तथा अनुविभागीय कृषि अधिकारी ने मिट्टी परीक्षण और उर्वरक के उपयोग की जानकारी दी। इस अवसर पर किसानों को कृषि अनुदानकी विभिन्न योजनाओं से अवगत कराया गया।
इस अवसर पर आयोजित उद्यानिकी प्रदर्शनी में अच्छे प्रादर्श बाले कृषकों को प्रमाण पत्र वितरित किये गये।

नकली होलोग्राम लगी मदिरा पाये जाने पर लायसेंस निरस्त होगा

नकली होलोग्राम लगी मदिरा पाये जाने पर लायसेंस निरस्त होगा
संजय गुप्‍ता (मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो 11 फरवरी,08/नकली होलोग्राम लगी मदिरा पाये जाने पर दुकानों के लायसेंस निरस्तीकरण के साथ-साथ पुलिस थाने में भी प्रकरण दर्ज किया जायेगा। आबकारी आयुक्त टी.धर्माराव ने विभागीय अधिकारियों को इस संबंध में नियमित निरीक्षण के निर्देश दिये है।
प्रदेश में विक्रय होने वाली देशी तथा विदेशी शराब की प्रत्येक किस्म और साइज की बोतलों पर होलोग्राम लगाए जाने की व्यवस्था पिछले एक वर्ष से की गई है। इसके अन्तर्गत समस्त देशी एवं विदेशी मदिरा निर्माता अथवा विक्रेता इकाइयों को निर्देश दिये गये हैं कि वे बिना होलोग्राम लगी मदिरा का निर्माण एवं विक्रय किसी भी स्थिति में न करें। इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को भी निरीक्षण के दौरान बिना होलोग्राम लगी मदिरा पाई जाने पर कठोर कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिये गये है। दुकानों पर नकली होलोग्राम लगी मदिरा पाई जाना प्रमाणित होने पर कठोरतम कार्यवाही करने हेतु तथा ऐसी मदिरा पाई जाने पर मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम के अन्तर्गत लायसेंस निलम्बित करने संबंधी कार्यवाही के साथ-साथ सम्बन्धित लायसेंसी के विरूध्द पुलिस थाने में भी प्रकरण दर्ज कराये जाने के निर्देश आबकारी आयुक्त द्वारा सभी जिला कलेक्टर्स को दिये गये हैं।

बैतूल जिले को सूखा राहत में 50 लाख रू. आबंटित

बैतूल जिले को सूखा राहत में 50 लाख रू. आबंटित
संजय गुप्‍ता (मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो 11 फरवरी,08/राज्य शासन द्वारा बैतूल जिले में सूखा राहत एवं रोजगार आदि कार्यो के संचालन के लिए 50 लाख रूपये आबंटित कर दिये गये है। इस राशि का उपयोग संबंधित कलेक्टर को राहत कार्यों के संचालन के संबंध में जारी किये गये निर्देशो एवं आपदा राहत निधि के मानदण्डो के अनुसार राशि व्यय किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। राज्य शासन द्वारा व्यय का नियमित लेखा प्रेषित करने के संबंध में भी निर्देश दिये गये है।

आदिवासी विद्यार्थियों को बीमारी और दुर्घटना में मिलेगी 25 हजार रुपये तक की मदद

आदिवासी विद्यार्थियों को बीमारी और दुर्घटना में मिलेगी 25 हजार रुपये तक की मदद
संजय गुप्‍ता (मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो 11 फरवरी,08/राज्य शासन ने अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को बीमारी और दुर्घटना के दौरान दी जाने वाली सहायता राशि 25 हजार रुपये तक करने के संशोधित आदेश जारी किये हैं। इस उद्देश्य से आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा विद्यार्थी कल्याण सहायता नियम-2006 में आवश्यक संशोधन किया गया हैं।
संशोधित प्रावधानों के अनुसार अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को विशेष रोगों जैसे टी.बी, ब्लड कैंसर, हृदय रोग, मोतियाबिंद, एण्टीरेबीज बाइट, त्वचा रोग, ल्यूकोमा इत्यादि के उपचार और दुर्घटना चिकित्सा के लिये अधिकतम के लिये वास्तविक व्यय या अधिकतम 25 हजार रुपये की सहायता को जिला कलेक्टर मंजूरी प्रदान कर सकेंगे। इस उद्देश्य से जिला स्तरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के मुख्य चिकित्सा अधि2कारी अथवा सिविल सर्जन#विशेषज्ञ की अनुंशसा आवश्यक होगी।

विश्व बैंक दल द्वारा वाटर सेक्टर रिस्ट्रक्चरिंग परियोजना कार्यो की समीक्षा

विश्व बैंक दल द्वारा वाटर सेक्टर रिस्ट्रक्चरिंग परियोजना कार्यो की समीक्षा
संजय गुप्‍ता (मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो 11 फरवरी,08/विश्व बैंक के एक दल ने आज विभिन्न बैठकों में मध्यप्रदेश वाटर सेक्टर रिस्ट्रक्चरिंग परियोजना के अन्तर्गत चल रहे कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। विश्व बैंक दल में टीमलीडर श्री जेवियर जुलेटा, कृषि विशेषज्ञ श्री मणिवरनन, प्रोक्योरमेंट विशेषज्ञ श्री मामचंद और सामाजिक विकास विशेषज्ञ श्री शंकर नारायण शामिल हैं। विश्व बैंक दल ने जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंताओं, गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों और परियोजना के सहयोगी विभागों कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन और उद्यानिकी विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की।
दल ने मुख्य अभियंताओं के साथ हुई बैठक में बाँधों और नहरों के आधुनिकीकरण कार्यो की प्रगति के साथ क्रय और निविदा संबंधी कार्यों की जानकारी प्राप्त की। विश्व बैंक के विशेषज्ञों ने प्रोक्योरमेंट के विश्व बैंक नियमों की विस्तार से जानकारी भी दी । परियोजना के अन्तर्गत नियुक्त होने वाली परामर्शदात्री सेवा संस्थाओं (कन्सल्टेन्सीज) की स्थिति की जानकारी भी विशेषज्ञों ने प्राप्त की। परियोजना संचालक श्री पी.के. तिवारी ने विश्व बैंक दल को जानकारी दी कि 36 सिंचाई परियोजनाओं पर आधुनिकीकरण कार्य प्रारंभ हो चुका है। इनकी लागत 604 करोड़ रूपये है। इसके अलावा 47 अन्य परियोजनाओं पर कार्य शीघ्र प्रारंभ होने वाला है। छह कन्सलटेन्सीज भी नियुक्त की जा चुकी हैं।
कृषि, उद्यानिकी, मत्स्यपालन और पशुपालन विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में विश्व बैंक दल ने अब तक किए गए व्यय और कार्यों की जानकारी प्राप्त करने के साथ वर्ष 2008-09 की कार्ययोजना पर भी विस्तार से चर्चा की। बैठक में बताया गया कि विभागों के द्वारा दो करोड़ 57 लाख रू. व्यय किए जा चुके हैं और वर्ष 2008-09 के लिए 23 करोड़ 18 लाख रू. की कार्ययोजना तैयार की जा चुकी है। गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में परियोजना में गैर सरकारी संगठनों की भूमिका पर विचार किया गया। संगठनों ने जन जागृति के साथ विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन में भी सहयोग करने का प्रस्ताव रखा।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के तीस जिलों में विश्व बैंक की 1919 करोड़ रू. की आर्थिक सहायता से मध्यप्रदेश वाटर सेक्टर रिस्ट्रक्चरिंग परियोजना क्रियान्वित की जा रही है। इस परियोजना में सिंचाई परियोजनाओं के बाँधों और नहरों को आधुनिकी स्वरूप प्रदान करने के साथ किसानों को उन्नत कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन ओर मत्स्यपालन का लाभ दिया जा रहा है।