सोमवार, 24 मार्च 2008

उच्च शिक्षा की गुणवत्ता उत्तम रहे - राज्यपाल डा. जाखड़

उच्च शिक्षा की गुणवत्ता उत्तम रहे - राज्यपाल डा. जाखड़
24 मार्च 08/राज्यपाल डा. बलराम जाखड़ ने कहा है कि प्रदेश में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता उत्तम रहे तथा मेधावी विद्यार्थियों का भविष्य उज्जवल बने। ऐसा प्रयास किसी भी राजनीति तथा भेदभाव से परे रहकर होना चाहिए। वे आज यहां राजभवन में प्रदेश के विश्वविद्यालयों की राज्य स्तरीय समन्वय समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
बैठक में तय किया गया कि आगामी शिक्षा सत्र 2008-09 में कम से कम 200 दिवस का शैक्षणिक केलेण्डर बनाया जाए तथा छात्रों से लिए जाने वाले शुल्कों में एक रूपता रहे। यह भी तय किया गया कि आगामी शिक्षा सत्र से स्नातकोत्तर के अलावा स्नातक कोर्सों में भी सेमेस्टर प्रणाली लागू की जाए। राज्यपाल ने निर्देश दिए कि उच्च शिक्षा की गुणवत्ता सुधार के लिए महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों में रिक्त पदों की पूर्ति शीघ्र की जाए और विश्वविद्यालयों में जरूरी प्रशासनिक सुधार किए जाएं।
बैठक का संचालन कर रही प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा श्रीमती स्नेहलता श्रीवास्तव ने सभी विश्वविद्यालयों से कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से स्वीकृत राशि के संदर्भ में उपयोगिता प्रमाण पत्र तथा उत्तम शैक्षणिक गुणवत्ता के लिए प्रयोगशालाओं के भवन तथा कन्या छात्रावासों के भवन निर्माण जैसी योजनाओं के तहत अधिकाधिक वित्तीय सहायता प्राप्त करने के प्रस्ताव भेजे जाएं। बैठक में प्रमुख सचिव ने बताया कि महाविद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या में वृध्दि के प्रयास भी जरूरी हैं। आगामी वर्षों में विद्यार्थियों का दाखिला 15 प्रतिशत तक बढ़ाने का प्रयास किया जाना चाहिए। आपने बताया कि शासन ने महाविद्यालयों में लगभग 800 रिक्त पदों की पूर्ति के लिए लोक सेवा आयोग को प्रस्ताव भेजा है जिसकी कार्यवाही भी शुरू हो गयी है।
बैठक में कुलपतियों ने शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार के लिए विभिन्न स्तरों पर शुल्क वृध्दि की जरूरत बतायी। बैठक में विश्वविद्यालयीन कर्मचारियों अधिकारियों को देय विभिन्न भत्तों, पेंशन तथा ग्रेच्युटी आदि के संदर्भ में कुलपतियों द्वारा आम सहमति के साथ प्रस्ताव प्रस्तुत करने का निर्णय भी लिया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक सुधार के लिए अनुदेशों व परिनियमों में जरूरी संशोधन एवं नए परिनियमों का अनुमोदन किया गया।
बैठक में प्रमुख सचिव श्रीमती स्नेहलता श्रीवास्तव, राज्यपाल के सचिव श्री के.के. सिंह, उच्च शिक्षा आयुक्त श्री आशीष उपाध्याय, वित्त सचिव श्रीमती सुधा चौधरी तथा प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने भी भाग लिया।

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