मंगलवार, 8 अप्रैल 2008

शहरी नागरिकों को बेहतर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराएं

शहरी नागरिकों को बेहतर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराएं
प्रमुख सचिव श्री चन्द्रा द्वारा निगमायुक्तों को निर्देश जारी
प्रदेश के शहरों में रहने वाले नागरिकों को समुचित रूप से मूलभूत सुविधाओं का लाभ मिल सके इसके लिए प्रमुख सचिव, नगरीय प्रशासन एवं विकास, श्री राघवचन्द्रा ने सभी आयुक्तों को निर्देश जारी किए हैं। श्री चन्द्रा ने सभी निगमायुक्तों के भेजे परिपत्र में साफ-सफाई, भवनों के संधारण, शौचालयों-मूत्रालयों की व्यवस्था, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, खाद्य पदार्थों की जांच, जलापूर्ति, प्रकाश प्रबंधन आदि के संबंध में विस्तृत निर्देश जारी किए हैं।
श्री राघव चन्द्रा ने कहा है कि निकायों में बेहतर प्रशासनिक प्रबंधन और निकायों से अपेक्षित दायित्वों का निर्वहन समुचित रूप से हो सके इस उद्देश्य से ये निर्देश प्रसारित किए जा रहे हैं। निर्देशों में कहा गया है कि नगर पालिका क्षेत्र की नालियों की नियमित सफाई करवाई जाये। विशेष रूप से सार्वजनिक महत्व के स्थलों, रेल्वे स्टेशन, बस अड्डा, धार्मिक स्थलों, पर्यटन महत्व के स्थलों के आसपास नाली का पानी सड़कों पर न बहे, इसका समुचित ध्यान रखा जाये। पुल और पुलियों के नीचे एकत्रित कचरे को नियमित रूप से हटाया जाये। बरसात के पूर्व शहर के बड़े नालों की सफाई अवश्य करायी जाये एवं जहां आवश्यक हो, नाले पर बने अतिक्रमण को जिला प्रशासन के सहयोग से हटाया जाये ताकि बरसात में कृत्रिम बाढ़ के कारण जन-धन की हानि रोकी जा सके।
निकाय के स्वामित्व के सार्वजनिक भवनों की दीवारों पर किसी भी प्रकार के पोस्टर#विज्ञापन आदि न चिपकाए जाएं एवं न ही कोई नारा लिखा जाये। आवश्यक होने पर सार्वजनिक भवनों के बाहर नोटिस बोर्ड या होर्डिंग्स का उपयोग किया जाये। भवनों के रख-रखाव हेतु विशेष रुचि लेकर समय-समय पर निरीक्षण कराया जाकर आवश्यकतानुसार रिपेयरिंग एवं रंग-रोगन का कार्य कराया जाये। नगरीय निकायों के भवनों व कार्यालयों में विद्युत फिटिंग और बोर्ड अस्थायी स्वरूप से लटके मिलते हैं जिनसे कार्यालय की छवि पर बेहद विपरीत प्रभाव पड़ता है। पंखे की धूल काफी समय से साफ नहीं होती है। सुनिश्चित किया जाये कि प्रत्येक विद्युत कनेक्शन सुव्यवस्थित फिटिंग के साथ चालू हालत में रहे ताकि शार्ट सर्किट से आग लगने जैसी घटनाओं की संभावना को टाला जा सके।
सार्वजनिक शौचालयों एवं मूत्रालयों की सफाई नियमित रूप से दिन में दो बार की जाकर फिनाइल एवं दुर्गन्ध नाशक रसायन का छिड़काव किया जाना सुनिश्चित किया जाये। शुष्क शौचालयों की सतत जांच की जाकर उन्हें विनष्ट करने की कार्यवाही तथा बार-बार बाधा पहुंचाने वालों को सक्षम न्यायालय में दंडित कराने की कार्यवाही की जाये एवं बस्तियों में 'भुगतान और उपयोग करें' आधार पर सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया जाये अर्थात सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण सुधार तथा उनका निजी भागीदारी से संचालन कराया जाये।
कूड़ा-करकट एवं कचरा जैसे ठोस अपशिष्टों के ढेरों का उपयुक्त समेकित उपचार किया जाये। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की समस्या के निराकरण हेतु लैण्डफिल साईट की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये एवं जैविक तथा अजैविक अपशिष्ट के पृथक्कीकरण की कार्यवाही की जाये। रैगपिकर तथा पन्नी उठाने वालों को संगठित कर उनकी संस्था का पंजीयन करवा कर पुनर्चक्रण योग्य पदार्थों को अलग करने तथा उपयोग की कार्य योजना को मूर्त रूप दिया जाये।
सड़े-गले फलों व सब्जियों एवं होटलों में बिकने वाले अमानक खाद्य पदार्थों की जांच नियमित रूप से की जाये। यातायात में बाधक तथा दुर्घटनाओं का कारण बनने वाले नगर में घूमने वाले आवारा पशुओं की धरपकड़ के मामले में तत्काल योजनाबध्द तरीके से प्रभावी कार्यवाही की जाये। शहर के पार्कों के अलावा शहरी क्षेत्रों में वृक्षों को सजावट हेतु आकार#स्वरूप दिया जाये ताकि शहर की सुन्दरता नष्ट न हो।
पेयजल व्यवस्था के लिए भी विस्तृत निर्देश जारी किए गये हैं। तदनुसार प्रत्येक वर्ष कम से कम दो माह मई एवं जून में बस स्टैण्ड बाजार, पार्क, अनुसूचित जाति#अनुसूचित जनजाति बाहुल्य बस्तियों में नि:शुल्क प्याऊ की व्यवस्था की जाये। इस हेतु क्लोरीनयुक्त शुध्द जल का ही उपयोग किया जाये। जल प्रदाय व्यवस्था के संधारण से संबंधित सामग्री भंडार में उपलब्ध रखी जाये ताकि आवश्यकता पड़ने पर काम आ सके एवं जलापूर्ति बाघित न हो। जल प्रदाय व्यवस्था में अंतिम छोर के उपभोक्ताओं तक जल में शेष क्लोरीन की निर्धारित मात्रा दो पी.एम. सुनिश्चित करें। पानी की शुध्दता की निरंतर जांच करें। जलप्रदाय केन्द्रों में विद्युत कैपेसिटर लगाया जाए। पाईप लाइनों का संधारण हो और लीकेज तुरंत सुधारे जाएं।

रिश्वत लेने वाले पटवारी को सजा

रिश्वत लेने वाले पटवारी को सजा
रीवा की विशेष अदालत ने हाल ही में एक पटवारी को रिश्वत लेने और अनुपातहीन संपत्ति का दोष सिध्द होने पर दो-दो साल के सश्रम कारावास तथा दो-दो हजार रूपए के जुर्माने की सजा सुनाई है।
लोकायुक्त की विशेष पुलिस स्थापना ने रीवा में पटवारी वीरेन्द्र कुमार तिवारी को वहीद हसन नामक व्यक्ति से 800 रूपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा था। उस दौरान ही शक होने पर जब पटवारी के घर की तलाशी ली गई तो वहाँ 29 लाख 51 हजार रूपए की अनुपातहीन संपत्ति भी मिली। इस सिलसिले में मामला पंजीबध्द कर जाँच की गई और इसे अदालत में पेश किया गया।

बाबू को छह महीने की कैद

बाबू को छह महीने की कैद
पन्ना जिले के अमानगंज तहसील कार्यालय में पदस्थ लिपिक अनन्तराम भार्गव को जबलपुर की विशेष अदालत ने रिश्वत लेने के जुर्म में डेढ़ वर्ष के कारावास और 300 रूपए के जुर्माने की सजा सुनाई है।
इस लिपिक को लोकायुक्त की विशेष पुलिस स्थापना ने मोहम्मद नासिर नामक व्यक्ति से जमीन का पट्टा उसके पक्ष में कराने के लिए 100 रूपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा था।

काश्तकारों की जिन्दगी बदल रही हैं उद्यानिकी फसलें

काश्तकारों की जिन्दगी बदल रही हैं उद्यानिकी फसलें
कृषि अर्थव्यवस्था में समृध्दता के साथ-साथ बढ़ती रोजगार जरूरतों को पूरा करने में बागवानी क्षेत्र सबसे आगे बना हुआ है और काश्तकारों में बेतहाशा लाभ पहुंचाने वाला यह क्षेत्र हर साल बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार प्रदान कर रहा है। इस क्षेत्र ने पन्ना जिले के ग्रामीण जीवन की तस्वीर बदल दी है। जिले की अजयगढ़ जनपद पंचायत के ग्राम गुठला के श्री रामलखन पाल कल तक दूसरों के खेतों में दिहाडी मजदूरी करके अपने परिवार का गुजारा करते थे, वह अब बागवानी क्षेत्र की बदौलत मसाला फसलें उगाकर अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं।
खेतों की प्यास बुझाने को सिर्फ दो साल पहले एक बून्द पानी नहीं होने से खेतों के मालिक होने के बावजूद श्री रामलखन पाल दूसरों के खेतों में जाकर मजदूरी करने को विवश थे। उन्हें प्राय: अपनी जरूरतों की पूर्ति हेतु दूसरों से कर्ज लेना पड़ता था। श्री पाल किसी तरह अपने परिवार की आजीविका चला रहे थे।
इन्हीं दिनों श्री पाल पन्ना पहुंचे, जहां उन्हें उद्यानिकी फसलें उगाने के प्रयासों में मदद देने के राज्य सरकार के उद्यानिकी विभाग के बारे में जानकारी मिली। ग्रामीण अंचल में काश्तकारों को बागवानी क्षेत्र में स्थापित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने जो बयार चलाई, उसके तहत उद्यानिकी विभाग ने श्री पाल को न केवल ताईवान पपीता, अदरक, लहसुन, मिर्च, प्याज, हल्दी उगाने के लिए तकनीकी मार्गदर्शन किया, बल्कि बीज, दवाएं भी उपलब्ध कराई। उद्यानिकी फसलों के सिंचित क्षेत्र में विस्तार के उद्देश्य से डिप प्रतिस्थापन के लिए श्री पाल को अनुदान भी उपलब्ध कराया गया।
फिर क्या था, डिप प्रतिस्थापन के बाद श्री पाल ने सूखे के बाबजूद मसाला फसलें उगाई। पहली बार में ही उन्होंने साठ हजार रूपये की मसाला फसलों का कारोबार किया। उन्होंने सारा कर्ज भी अदा कर दिया। अभी गर्मियों के मौसम में भी श्री पाल के खेतों में फसलें उगी हुई हैं और उनके यहां करीब सत्तर-अस्सी हजार रूपये की फसलें भरी पड़ी हैं। उद्यानिकी फसलों ने आज श्री पाल का जीवन स्तर बदल दिया है। वे आज मसाला फसलों के प्रमुख उत्पादक बन गए हैं। अब उन्हें दूसरों के आगे हाथ नहीं फैलाने पड़ते। गांठ में चार पैसा न होने से कल तक जो लोग उनसें मुंह फेर लेते थे, वे अब उन्हें सम्मान से बगल में बैठाते हैं। अपने जीवन में आए इस बदलाव से बेहद खुश हैं।

मध्यप्रदेश के हज यात्रियों को आबे ज़मज़म हज कमेटी इण्डिया के मुम्बई कार्यालय से मिलेगा

मध्यप्रदेश के हज यात्रियों को आबे ज़मज़म हज कमेटी इण्डिया के मुम्बई कार्यालय से मिलेगा
मध्यप्रदेश स्टेट हज कमेटी के माध्यम से हज वर्ष 2007 में जिन हज यात्रियों ने हज अदा किया है, उन्हें आबे ज़मज़म हज कमेटी इण्डिया मुम्बई से मिलेगा।
स्टेट हज कमेटी की सचिव श्रीमती नुसरत मेहंदी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार मुख्य कार्यपालन अधिकारी हज कमेटी ऑफ इण्डिया मुम्बई ने सूचित किया है कि उनके कार्यालय में आबे ज़मज़म उपलब्ध हो गया है। ऐसे हज यात्री जिन्होंने हज वर्ष 2007 में हज अदा किया और उन्हें आबे ज़मज़म प्राप्त नहीं हुआ है। वे हज कमेटी ऑफ इण्डिया, हज हाऊस, 7-ए, एम.आर.ए. मार्ग (पल्टन रोड), मुम्बई कार्यालय में सम्पर्क कर सकते हैं।

पदस्थापना

पदस्थापना
राज्य शासन द्वारा भारतीय प्रशासनिक सेवा के तीन अधिकारियों की पदस्थापना के आदेश जारी किये गये हैं।
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा आज जारी किये गये आदेश में प्रमुख सचिव पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण श्री मनोज गोयल की सेवाएं वित्त विभाग को सौंपते हुए उन्हें सदस्य राज्य वित्त आयोग के पद पर पदस्थ किया गया है।
इसी आदेश में प्रमुख सचिव खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण श्री एम.के. राय को प्रमुख सचिव पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं अल्पसंख्यक कल्याण के पद पर पदस्थ किया गया है और आयुक्त -सह-संचालक खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण श्री के.पी सिंह को सचिव खाद्य, नागरिक आपूतिर् एवं उपभोक्ता संरक्षण तथा पदेन आयुक्त-सह-संचालक, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण के पद पर पदस्थ किया गया है।

उज्जैन जिले में 'सेल' द्वारा स्टील प्रोसेसिंग इकाई लगाई जायेगी

उज्जैन जिले में 'सेल' द्वारा स्टील प्रोसेसिंग इकाई लगाई जायेगी
उज्जैन जिले की तहसील घटिया के ग्राम बांदका में प्रतिष्ठित औद्योगिक समूह 'सेल' द्वारा स्टील प्रोसेसिंग इकाई की स्थापना संभावित है। इसके अलावा मध्यम उद्योग के रूप में मै. श्रीनिवास पेट, मै. कृष्णा आईल एण्ड प्रोटीन्स तथा मै. विराट इन्श्यूजन प्रा. लि. द्वारा उत्पादन प्रारंभ करने की संभावना है। इन इकाईयों में लगभग 260 करोड़ का पूंजी विनियोजन प्रस्तावित है तथा 1000 व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त होने की संभावना है।
उज्जैन जिले में विगत वित्तीय वर्ष 2007-08 में सूक्ष्म, लघु, मध्यम एवं वृहद उद्योगों की स्थापना एवं विस्तार के तहत 210 करोड़ रुपये की पूंजी का विनियोग हुआ है। इससे जिले में लगभग 1700 व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त हुआ है।
जिले में वित्तीय वर्ष के दौरान सूक्ष्म एवं लघु उद्योग इकाईयों के 688 के लक्ष्य के विरुध्द 690 इकाईयां स्थापित की गईं। इसमें तीन करोड़ 35 लाख रुपये की पूंजी का विनियोजन हुआ और 1400 व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त हुआ है।
पूर्व से स्थापित लघु उद्योगों एवं वृहद मध्यम उद्योगों के द्वारा विस्तार करते हुए क्रमश: चार करोड़ 51 लाख रुपये एवं 202 करोड़ 13 लाख रुपये का पूंजी विनियोजन किया गया एवं लगभग 300 व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। जिन उद्योगों में विस्तार किया गया उनमें ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज लि. एवं मै. ग्वालियर केमिकल्स, नागदा की इकाईयां प्रमुख हैं।

विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिये 81.52 लाख रुपये राशि का आवंटन जारी

विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिये 81.52 लाख रुपये राशि का आवंटन जारी
राज्य शासन ने वर्ष 2007-08 की विशेष केन्द्रीय सहायता, आदिवासी उपयोजना मद अंतर्गत प्रोत्साहन राशि एवं अतिरिक्त राशि में से 81 लाख 52 हजार रुपये राशि का आवंटन जारी किया है। यह राशि विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिये आवंटित की गई है। इस राशि से हितग्राही मूलक एवं आय सृजन की योजनाएं ली जाएंगी। शासन ने परियोजना प्रशासक एकीकृत आदिवासी परियोजना, बैगा एवं भारिया विकास अभिकरण, मण्डला, डिण्डोरी, सोहागपुर (शहडोल), पुष्पराजगढ़ (अनूपपुर), बांधवगढ़ (उमरिया), बैहर (बालाघाट) तथा तामिया (छिन्दवाड़ा) एवं जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग सहरिया विकास अभिकरण, ग्वालियर, श्योपुर, शिवपुरी तथा गुना को आवंटित राशि व्यय करने के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिये हैं।
शासन ने अभिकरणों को जो राशि आवंटित की है उसमें सहरिया विकास अभिकरण जिला ग्वालियर को चार लाख 45 हजार रुपये है। इसमें जिला दतिया की 80 हजार रुपये की राशि शामिल है। सहरिया विकास अभिकरण जिला श्योपुर को 12 लाख 65 हजार रुपये की राशि आवंटित की गई है, इसमें जिला मुरैना की 39 हजार रुपये तथा जिला भिण्ड की 89 हजार रुपये की राशि सम्मिलित है।
इसी प्रकार सहरिया विकास अभिकरण जिला शिवपुरी को 16 लाख 50 हजार रुपये, सहरिया विकास अभिकरण जिला गुना को 12 लाख 85 हजार रुपये राशि आवंटित की गई है। इसमें जिला अशोकनगर की एक लाख 24 हजार रुपये की राशि शामिल है। बैगा विकास अभिकरण जिला मण्डला को छह लाख 65 हजार रुपये, बैगा विकास अभिकरण जिला डिण्डोरी को पांच लाख 85 हजार रुपये, बैगा विकास अभिकरण जिला शहडोल को पांच लाख 95 हजार रुपये, बैगा विकास अभिकरण (पुष्पराजगढ़) जिला अनूपपुर को एक लाख रुपये, बैगा विकास अभिकरण जिला उमरिया को सात लाख 50 हजार रुपये, बैगा विकास अभिकरण (बैहर) जिला बालाघाट को चार लाख 90 हजार रुपये तथा भारिया विकास अभिकरण (तामिया) जिला छिन्दवाड़ा को विशेष केन्द्रीय सहायता मद के अंतर्गत विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिये तीन लाख 22 हजार रुपये की राशि का आवंटन जारी किया जाना शामिल है।
आवंटित राशि के व्यय के संबंध में रोजगार से आय सृजित योजनाओं के प्रस्तावों का अनुमोदन प्राप्त कर राशि व्यय करने के निर्देश दिये गये हैं। स्वीकृत प्रस्तावों को क्रियान्वित करने वाली एजेंसियों को तत्काल राशि प्रदान करने, राशि का उपयोगिता प्रमाण-पत्र तथा कार्यों का पूर्णता प्रमाण-पत्र भारत सरकार द्वारा निर्धारित प्रपत्र में उपलब्ध कराया जाये। साथ ही शासन द्वारा समय-समय पर जारी किये गये निर्देशों का कड़ाई से पालन किये जाने के निर्देश दिये गये हैं।

ड्रायवर की बेटी एयर होस्टेस बन आकाश में उडान भरेगी

ड्रायवर की बेटी एयर होस्टेस बन आकाश में उडान भरेगी
एक टैक्सी चलाने वाले ड्रायवर की बेटी जल्द ही एयर होस्टेस बनकर हवाई यात्रा करेगी। बालाघाट जिले के एक छोटे से गांव टेकाड़ी के राजकुमार देशकर की बेटी वैशाली का एयर होस्टेस बनने का सपना जल्दी ही पूरा हो जायेगा।
वैशाली को बी.ए. की पढ़ाई के दौरान ही केम्पस ऐवियेशन संस्था नागपुर ने चयन कर लिया था। करीब 25 सौ लड़कियों में से चार लड़कियों का चयन किया गया जिनमें वैशाली भी एक थी। उसके ड्रायवर पिता ने कर्ज लेकर एक लाख 30 हजार रूपये चार किश्तों में जमा किये। गांव वालों ने भी उसकी आर्थिक मदद की। कोर्स के दौरान जल्द ही उसे दुबई जाने का अवसर मिलेगा। प्रशिक्षण पूर्ण करते ही उसे निजी विमान कंपनी में नौकरी मिलेगी। एक छोटे से गांव से निकलकर आसमान की ऊँचाइयों पर पहुँचने का यह अनुपम उदाहरण है। मध्यप्रदेश में बेटियों के आसमान छूने की चाहत की भी यह एक बानगी है।

एपीएल-बीपीएल परिवारों के लिए अप्रैल माह के खाद्यान्न का आबंटन

एपीएल-बीपीएल परिवारों के लिए अप्रैल माह के खाद्यान्न का आबंटन
राज्य शासन ने प्रदेश के एपीएल-बीपीएल परिवारों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने हेतु जिलों को चालू माह अप्रैल के लिए खाद्यान्न का आबंटन किया है। एपीएल योजना के अन्तर्गत जिलों को 6 हजार 657 मैट्रिक टन खाद्यान्न का आबंटन किया गया है। जिसमें 4 हजार 740 मैट्रिक टन गेहूँ व एक हजार 917 मैट्रिक टन चावल का आबंटन शामिल है। शासन ने सभी जिला कलेक्टरों से आबंटित खाद्यान्न का उठाव कर मांग अनुसार उचित मूल्य की दुकानों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने के निर्देश दिये है।
इसी प्रकार बीपीएल परिवारों के लिए कुल 92 हजार 752 मैट्रिक टन खाद्यान्न का आबंटन किया गया है। इसमें भारतीय खाद्य निगम से उठाव किये जाने वाला 89 हजार 18 मैेट्रिक टन खाद्यान्न तथा स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन के पास अन्त्योदय अन्न योजना के अतिशेष स्कंध में से उठाव किये जाने वाला 3 हजार 734 मैट्रिक टन खाद्यान्न शामिल है।
शासन के बीपीएल खाद्यान्न के जिलेवार मासिक आबंटन में संशोधन किया गया है। संशोधित आबंटन आदेश के बाद बीपीएल परिवारों को गेहूँ 3 रूपये प्रति किलो एवं चावल साढे चार रूपये प्रति किलो की दर से वितरित कराने के निर्देश कलेक्टरों को दिये गये है। साथ ही यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि किसी भी स्थिति में प्रति बीपीएल परिवार 20 किलो से कम खाद्यान्न का वितरण न हो।
शासन ने पुन: स्पष्ट किया है कि चूंकि भारत शासन से म.प्र. को बीपीएल योजना के तहत खाद्यान्न का आबंटन सीमित मात्रा में प्राप्त हो रहा है, इसीलिए खाद्यान्न उपलब्धता के मान से जिले में प्रचलित राशन कार्डो की संख्या के आधार पर जिलेवार आबंटन तैयार किया गया है। कलेक्टरों को जिले को आबंटित खाद्यान्न का पत्रक भेजकर खाद्यान्न का उठाव कर मांग अनुसार उचित मूल्य की दुकानों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये है।

पेयजल के लिए 322 करोड़ 75 लाख रुपये की योजना

पेयजल के लिए 322 करोड़ 75 लाख रुपये की योजना
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा प्रदेश में पेयजल के लिये इस वर्ष 322 करोड़ 75 लाख रुपये की कार्य योजना प्रस्तावित की गई है। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 232 करोड़ 44 लाख तथा नगरीय क्षेत्र के लिए 90 करोड़ 31 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। पूर्ण श्रेणी की तीन हजार बसाहटों में जल प्रदाय की मात्रा 40 से बढ़ाकर 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन किये जाने का प्रस्ताव है।
मुख्य बिन्दु
• 322 करोड़ 75 लाख रूपये की योजना क्रियान्वित
• ग्रामीण क्षेत्र के लिए 232 करोड़ 44 लाख
• नगरीय क्षेत्र के लिए 90 करोड़ 31 लाख
• छह सौ स्रोतविहीन बसाहटों, छह हजार आंशित पूर्ण बसाहटों में पेयजल व्यवस्था
• तीन हजार बसाहटों में जलप्रदाय की मात्रा 40 से बढ़ाकर 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के मान से
राज्य योजना आयोग द्वारा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की वर्ष 2008-09 की आयोजना राशि 322 करोड़ 75 लाख रुपये से अधिक निर्धारित की गई है। इसमें जल प्रदाय, स्वच्छता एवं पर्यावरण सुधार एवं राज्य क्षेत्र के कार्य किये जायेंगे।
प्रस्तावित योजना के अंतर्गत छह सौ स्रोतविहीन बसाहटों में पेयजल की व्यवस्था की जायेगी। इसी प्रकार से छह हजार आंशिक पूर्ण बसाहटों में पेयजल व्यवस्था की जायेगी।
पूर्ण श्रेणी की तीन हजार बसाहटों में जल प्रदाय की मात्रा 40 लीटर से बढ़ाकर 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के मान से की जायेगी। इसी प्रकार से पुराने अनुपयोगी एवं खराब नलकूपों के स्थान पर नवीन नलकूपों का निर्माण किया जायेगा।
प्रदेश की दो हजार ग्रामीण शालाओं तथा दो सौ अनुसूचित जाति, जनजाति विभाग के छात्रावासों में पेयजल एवं स्वच्छता की व्यवस्था की जायेगी।
भूजल संवर्धन एवं पेयजल स्रोतों को स्थायित्व कार्यक्रम के अंतर्गत दो हजार संरचनाओं का निर्माण किया जायेगा।
ग्रामीण पेयजल योजनाओं का संचालन एवं संधारण कार्यक्रम के अंतर्गत चार लाख दो हजार से अधिक हैण्डपंपों का नियमित रख-रखाव तथा 30 हजार पुराने टूटे-फूटे प्लेटफार्म का निर्माण किया जायेगा। स्रोत सूखने से बंद पांच सौ नलजल योजनाओं में पेयजल स्रोतों का निर्माण किया जायेगा।
उप मिशन कार्यक्रम के अंतर्गत फ्लोरोसिस नियंत्रण कार्यक्रम के तहत एक हजार 175 बसाहटों तथा खारे पानी का नियंत्रण 115 बसाहटों में वैकल्पिक स्रोतों की व्यवस्था की जायेगी।
विभाग की शहरी जलप्रदाय एवं मलजल निकासी योजनाओं के अंतर्गत 35 नगरीय प्रदाय योजनाओं के का कार्य कराया जायेगा।

रविवार, 6 अप्रैल 2008

30 अप्रैल तक दैनिक वेतन भोगियों का नियमितीकरण

30 अप्रैल तक दैनिक वेतन भोगियों का नियमितीकरण
4 अप्रैल 08/भोपाल, प्रशाप्र/राज्‍य शासन ने सभी विभागों को निर्देशित किया है कि आगामी 30 अप्रैल तक पात्र दैनिक वेतन भोगियों के नियमितीकरण की प्रक्रिया पूर्ण कर सामान्‍य प्रशासन विभाग को सूचित करें । इस आदेश के अनुसार सभी विभाग दैवेभो नियमितीकरण सुनिश्‍चित करें ताकि मंत्री परिषद को वस्‍तु स्थिति से अवगत कराया जा सके ।