शनिवार, 29 मार्च 2008

उपराष्ट्रपति ने असरार-उल-हक मजाज़ पर डाक टिकट जारी किया

उपराष्ट्रपति ने असरार-उल-हक मजाज़ पर डाक टिकट जारी किया
भारत के उपराष्ट्रपति श्री मोहम्मद हामिद अंसारी ने आज यहां एक समारोह में प्रसिध्द उर्दू कवि असरार-उल-हक मजाज़ के संस्मरण में डाक टिकट और प्रथम दिवस आवरण जारी किया । उन्होंने मजाज़ की बहन श्रीमती हमिदा सलीम तथा अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय के उपकुलपति को इसका एक-एक सेट भेंट किया।
इस अवसर पर बोलते हुए उपराष्ट्रपति ने बताया कि उनकी उम्र का प्रत्येक युवा मजाज़ के लिखे गीत अवश्य पढा होगा और याद किया होगा और विश्व के सभी हिस्से के लोग उनके लिखे गीत याद करते हैं । वे एक क्रांतिकारी कवि थे और उनकी लेखनी का साज़ और क्रांति पर प्रभाव पड़ा है । उनका प्रभाव पीढी क़े सभी लोगों पर था तथा उनके गीत रोमांस और क्रांति से लबरेज थे । उपराष्ट्रपति ने डाक विभाग द्वारा मजाज़ की याद में डाक टिकट तथा प्रथम दिवस आवरण जारी कर सम्मान देने के लिए उनकी प्रशंसा की ।
अपने संबोधन में संचार तथा सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री डा0 शकील अहमद ने बताया कि यह डाक विभाग की मौलिक जिम्मेदारी है कि देश के प्रतिष्ठित व्यक्तियों का सम्मान करें और बहुत जल्दी ही और अधिक संस्मरण डाक टिकट जारी किये जायेंगे ।
मजाज़ की बहन श्रीमती हामिदा सलीम ने अपने भाषण में मजाज़ के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। जाने माने गीतकार और मजाज़ के भतीजे श्री जावेद अख्तर ने भी अपना अनुभव बांटा ।
प्रधानमंत्री डा0 मनमोहन सिंह की पत्नी श्रीमती गुरशन कौर, सांसद तथा पूर्व केन्द्रीय मंत्री मोहसिना किदवई तथा पूर्व सांसद श्रीमती शबाना आज़मी, सचिव (डाक) श्री आई एम जी खान, श्रीमती के नूरीजहां सदस्य (संचालन तथा विपणन), डाक सेवा बोर्ड इस अवसर पर मौजूद थे । डाक टिकट जारी समारोह के अवसर पर प्रख्यात साहित्यकारों, शिक्षाविदों, कवियों तथा अन्य वरिष्ठ लोगों के आने की उम्मीद की जा रही है ।

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