शनिवार, 5 अप्रैल 2008

भोपाल नगर निगम परिषद के अध्यक्ष के चुनाव के दौरान एवं अन्य घटना के लिए गठित जांच आयोग के प्रतिवेदन परीक्षण के लिए समिति गठित

भोपाल नगर निगम परिषद के अध्यक्ष के चुनाव के दौरान एवं अन्य घटना के लिए गठित जांच आयोग के प्रतिवेदन परीक्षण के लिए समिति गठित
संजय गुप्‍ता(मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो चीफ
5 अप्रेल 08/भोपाल नगर निगम परिषद के अध्यक्ष के चुनाव के दौरान एवं हमीदिया चिकित्सालय में पार्षद एवं समर्थकों तथा चिकित्सकों के बीच हुए झगड़े की घटना के संबंध में जांच के लिए गठित जांच आयोग के प्रतिवेदन का परीक्षण करने के लिए मंत्रिपरिषद समिति गठित की गई है। इस समिति के अध्यक्ष गृह परिवहन मंत्री श्री हिम्मत कोठारी होंगे।
मंत्रिपरिषद समिति में शामिल अन्य सदस्यों में ऊर्जा, चिकित्सा शिक्षा, जैवविविधता तथा जैव प्रौद्योगिकी स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार, नगरीय प्रशासन एवं विकास, संसदीय कार्य मंत्री श्री नरोत्तम मिश्रा होंगे। अपर मुख्य सचिव गृह विभाग समिति के संयोजक होंगे।
यह समिति भोपाल नगर निगम परिषद के अध्यक्ष के चुनाव के दौरान हुई घटनाओं तथा 15 जनवरी, 2000 को हमीदिया चिकित्सालय में घायल पार्षद, उनके समर्थकों एवं चिकित्सालय के डॉक्टरों के प्रतिवेदन का परीक्षण कर आवश्यक कार्यवाही के संबंध में अभिमत देगी।
समिति द्वारा जांच आयोग के प्रतिवेदन पर दिए गये अभिमत के साथ प्रकरण पुन: मंत्रिपरिषद के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा।

दो मंत्रियों के प्रभार में आंशिक फेरबदल

दो मंत्रियों के प्रभार में आंशिक फेरबदल
संजय गुप्‍ता(मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो चीफ
5 अप्रेल 08/मंत्रिपरिषद के दो सदस्यों को पूर्व में सौंपे गये जिलों के प्रभार में आंशिक परिवर्तन किया गया है।
इसके अनुसार गृह, परिवहन मंत्री श्री हिम्मत कोठारी इंदौर, नीमच तथा वित्त, योजना आर्थिक और सांख्यिकी मंत्री श्री राघवजी भोपाल एवं मंदसौर के प्रभारी होंगे।

अवैध खनिज परिवहन पर 25 हजार रूपये जुर्माना या 6 माह का कारावास - कलेक्टर श्री माथुर

अवैध खनिज परिवहन पर 25 हजार रूपये जुर्माना या 6 माह का कारावास - कलेक्टर श्री माथुर
संजय गुप्‍ता(मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो चीफ
5 अप्रेल 08/कलेक्टर श्री आर.के.माथुर ने बताया कि अवैध खनिज परिवहन को रोकने के लिए कड़े कदम उठाये जा रहे है। उन्होंने सभी खनिज परिवहन कर्ताओं से कहा है कि वह खनिज परिवहन करते समय परिवहन किये जा रहे खनिज का निर्धारित (ट्राजिट पास) रखकर ही परिवहन करें। अवैध रूप से खनिज परिवहन करना दण्डनीय अपराध है । अवैध परिवहन करने पर 6 माह का कारावास या 25 हजार रूपये का अर्थ दण्ड या दोनों से दण्डित किया जा सकता है।
खनिज खरीदते समय विक्रेता से रॉयल्टी रसीद जरूर प्राप्त करें। अवैध खनिज निकासी और परिवहन करने पर खदान मालिक और परिवहनकर्ता साथ ही खनिज क्रय करने वाले भी दण्ड के भागीदार होंगे।

दीनदयाल उपचार योजना में ग्वालियर संभाग में तीन लाख से ज्यादा कार्ड बने

दीनदयाल उपचार योजना में ग्वालियर संभाग में तीन लाख से ज्यादा कार्ड बने
संजय गुप्‍ता(मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो चीफ
5 अप्रेल 08/गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को दीनदयाल अन्त्योदय उपचार योजना के तहत पिछले माह तक ग्वालियर संभाग में 3 लाख एक हजार 786 परिवारों के उपचार कार्ड बनाये गये हैं। जिसमें सर्वाधिक एक लाख 4 हजार 866 परिवार के उपचार कार्ड शिवपुरी जिले में बनाये गये हैं। गुना जिले में 89 हजार 220, ग्वालियर जिले में 49 हजार, दतिया जिले में 22 हजार 115 और अशोकनगर जिले में 36 हजार 585 परिवारों के दीनदयाल अन्त्योदय उपचार कार्ड बनाये गये है।
दीनदयाल अन्त्योदय उपचार योजना में एक परिवार को अभी तक एक वित्तीय वर्ष में 20 हजार रुपये तक नि:शुल्क जांच एवं उपचार कराने का प्रावधान है। लेकिन राज्य सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में एक अप्रैल 08 से योजना में 10 हजार रुपये की बढ़ौत्री कर अब प्रति परिवार को तीस हजार रुपये की निशुल्क जांच एवं उपचार कराने की पात्रता रहेगी।
इस योजना के हितग्राहियों को उन शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में जहां भर्ती सुविधा उपलब्ध है, भर्ती होकर उपचार कराने पर लाभ दिया जाता है। हितग्राही को इस योजना का लाभ शासन द्वारा मान्यता प्राप्त चिकित्सा संस्थाओं में रेफर किये जाने पर भी प्राप्त होगा।

उज्जैन जिले की 20 गौशालाओं को 19 लाख 52 हजार रुपये आवंटित

उज्जैन जिले की 20 गौशालाओं को 19 लाख 52 हजार रुपये आवंटित
संजय गुप्‍ता(मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो चीफ
5 अप्रेल 08/उज्जैन जिले की 20 गौशालाओं में चारे हेतु 19 लाख 52 हजार रूपये की राशि का अनुमोदन गोपालन एवं पशुधन संवर्धन समिति की बैठक में किया गया है। गौशालाओं के शेड एवं पेयजल व्यवस्था के लिये जो गौशालाएं राशि की माँग करेगी, उन गौशालाओं को 50 प्रतिशत राशि का वहन स्वयं को करना होगा तथा शेष राशि का वहन जिला गोपालन समिति करेगी । उल्लेखनीय है कि जिले में कुल 38 गौशालायें हैं।

अस्पताल भवनों के निर्माण पर 112 करोड़ रुपये खर्च होंगे - श्री विश्नोई

अस्पताल भवनों के निर्माण पर 112 करोड़ रुपये खर्च होंगे - श्री विश्नोई
एनआरएचएम के तहत उप स्वास्थ्य केन्द्रों के पांच सौ भवन बनेंगे
संजय गुप्‍ता(मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो चीफ
5 अप्रेल 08/राज्य सरकार ने अस्पताल भवन के निर्माण और अधोसंरचना के विकास के लिए चालू साल के बजट में 112 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान रखा है। जबकि पिछले वित्तीय वर्ष 2007-08 में यह राशि 92 करोड़ रुपये ही थी। यह जानकारी लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री अजय विश्नोई ने आज यहां दी।
अस्पताल भवन
• गत वर्ष 92 करोड के बजाय चालू वर्ष के बजट में 112 करोड़ रुपये का प्रावधान
• इस साल सात भवनों का कार्य पूरा होगा
• 39 सामु. स्वास्थ्य केन्द्र के भवन बनाने का लक्ष्य
• पिछले साल 42 सामु. स्वा. केन्द्र के भवन बने
• गत वर्ष 34 सामु. स्वा. केन्द्र के लिए 21.88 करोड़ की स्वीकृति
• 293 में से 113 प्रा. स्वा. केन्द्र के भवन बनाने का लक्ष्य
• 2007-08 में 80 प्रा. स्वा. केन्द्र भवन बने
• एनआरएचएम के अंतर्गत उप स्वास्थ्य केन्द्रों के 500 भवन बनेंगे
• इस साल 261 उप स्वास्थ्य केन्द्र भवन बनाने का लक्ष्य
• 2007-08 में उप स्वा. केन्द्र के 95 भवन बने
श्री विश्नोई ने बताया कि चार साल पहले बजट में शासकीय अस्पतालों के भवन निर्माण के लिए जहां केवल 24 करोड़ 40 लाख रुपये की राशि आवंटित हुई थी, वहीं वह अब मौजूदा सरकार के कार्यकाल में उसमें साढ़े चार गुना की बढ़ोत्तरी हुई है। सरकार ने चालू साल के बजट में शहरी क्षेत्र के अस्पतालों के उन्नयन हेतु भी प्रावधान रखा है। वर्ष 2008-09 में सात स्थानों पर अस्पताल भवनों के निर्माण कार्य पूरे किये जायेंगे। विगत वर्ष 2007-08 में 6 शहरी संस्थाओं के भवनों के 14 करोड़ 89 लाख रुपये लागत के निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये थे। उन्होंने बताया कि विकासखण्ड स्तर की स्वास्थ्य संस्थाओं के उन्नयन हेतु राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत अस्पताल भवनों के लिए वर्ष 2008-09 की कार्ययोजना तैयार कर भारत सरकार को भेजी गई है।
श्री विश्नोई के अनुसार पिछले साल इंदौर, उज्जैन, सागर और नौगांव के क्षय चिकित्सालयों के भवनों के उन्नयन हेतु आठ करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है। निर्माण कार्यों की प्रारंभिक कार्यवाही हेतु एक लाख 60 हजार रुपये की राशि आवंटित की गई है। ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों के उन्नयन, निर्माण कार्यों की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि गत वर्ष सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के 42 भवनों का निर्माण कार्य पूरा किया गया था। वर्ष 2007-08 में 21 करोड़ 88 लाख 60 हजार रुपये की लागत के 34 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृत किये गये थे, जिनका निर्माण कार्य जारी है। सरकार ने चालू वर्ष 2008-09 में 91 में से 39 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के भवनों का निर्माण पूर्ण कराने का लक्ष्य रखा है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि वर्ष 2007-08 में निर्माणाधीन 370 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में से 80 भवनों का निर्माण कार्य पूरा किया गया। इसी वर्ष 61 लाख 20 हजार रुपये लागत के तीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृत किये गये थे। इस साल निर्माणाधीन 293 भवनों में से 113 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवनों का निर्माण पूरा किया जायेगा। इसी प्रकार वर्ष 2007-08 के दौरान उप स्वास्थ्य केन्द्रों के 95 भवनों का निर्माण कार्य पूरा किया गया। अब इस वर्ष 731 में से 261 उप स्वास्थ्य केन्द्र भवनों का निर्माण पूरा कराने का लक्ष्य रखा गया है। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) के अंतर्गत वर्ष 2008-09 में उप स्वास्थ्य केन्द्रों के 500 भवनों का निर्माण कार्य जारी रहेगा।

निजी रोपणियों की स्थापना को प्रोत्साहित करने अनुदान की योजना 20 जिलो में

निजी रोपणियों की स्थापना को प्रोत्साहित करने अनुदान की योजना 20 जिलो में
संजय गुप्‍ता(मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो चीफ
5 अप्रेल 08/उद्यानिकी विभाग द्वारा निजी रोपणियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से रोपणियों की स्थापना के लिए अनुदान देने की योजना क्रियान्वित की जा रही है। उद्यानिकी, ग्रामोद्योग मंत्री श्री करण सिंह वर्मा ने बताया कि योजना का क्रियान्वयन 20 जिलो में इसी वर्ष से किया जायेगा।
निजी रोपणी की स्थापना से उद्यमिता विकास योजना के अन्तर्गत एक हेक्टेयर की कृषि योग्य उपयुक्त भूमि उपयोग में लाने की क्षमता रखने वाले सामान्य वर्ग के किसान की इकाई लागत का 33 प्रतिशत या अधिकतम एक लाख 75 हजार जो भी कम, हो अनुदान दिया जायेगा।
इस योजना के तहत अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के किसानों को यह अनुदान 50 प्रतिशत तक अथवा 2 लाख 50 हजार रूपये जो भी कम हो, दिया जायेगा।
योजना के क्रियान्वयन के लिए जिन 20 जिलों का चयन किया गया है उनमें भिण्ड, मुरैना, श्योपुर, दतिया, शिवपुरी, अशोकनगर, सीहोर, रायसेन, दमोह, टीकमगढ़, पन्ना, बालाघाट सिवनी, नरसिंहपुर, कटनी, विदिशा सीधी, शहडोल, उमरिया एंव अनूपपुर जिले शामिल है।

शहरी अतिक्रमणों को हटाने हेतु समुचित कार्रवाई की जाय

शहरी अतिक्रमणों को हटाने हेतु समुचित कार्रवाई की जाय
प्रमुख सचिव श्री राघव चन्द्रा के निर्देश
संजय गुप्‍ता(मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो चीफ
5 अप्रेल 08/प्रमुख सचिव, नगरीय प्रशासन एवं विकास, श्री राघव चन्द्रा ने आयुक्त, नगर निगम भोपाल को नगर निगम सीमा में कहीं भी आवासीय अथवा सार्वजनिक स्थल का गैर आवासीय और गैर कानूनी उपयोग पाये जाने पर संबंधितों के विरूध्द वैधानिक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। श्री चन्द्रा ने कहा कि नगर निगम इसके लिए योजना बनाकर ठोस कार्रवाई करें। कार्य योजना को पारदर्शी बनाने के लिए इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। ताकि अतिक्रमण हटाने में कहीं भी पक्षपात का आरोप न लगे। दोषी अधिकारियों, आर्किटेक्ट, बिल्डर आदि के विरूध्द नगर पालिक निगम अधिनियम के तहत कार्रवाई सुनिश्चितत करें।
• प्रमुख सचिव के शहरी अतिक्रमण हटाने के निगमायुक्त को निर्देश
• आवासीय अथवा सार्वजनिक स्थल के गैर कानूनी उपयोग के विरूध्द तत्काल कार्रवाई हो
• कार्रवाई ठोस योजना बनाकर की जाए
• कार्ययोजना को प्रचार-प्रसार के जरिए पारदर्शी बनाया जाए
• इससे नागरिकों को पक्षपात करने संबंधी शिकायत का मौका नहीं मिलेगा
• दोषी अधिकारियों, आर्किटेक्ट, बिल्डर आदि के विरूध्द कार्रवाई सुनिश्चित हो
• एम.पी.नगर और अन्य बाजारों की सामान्य सड़कों पर अनियमित पार्किंग रोकने के कदम उठाएं
• इसके लिए इन स्थलों पर पार्किंग स्थल से कई गुना अधिक पार्किंग शुल्क वसूली जाए
श्री राघव चन्द्रा ने महाराणा प्रताप नगर और अन्य बाजारों में आम सड़कों पर पार्किंग रोकने के लिए भी प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। श्री चन्द्रा ने कहा कि इन स्थानों पर पार्किंग स्थल से कई गुना अधिक दर से वसूली की जाए। इससे लोग पार्किंग स्थल पर ही वाहन खड़े करेंगे। दुकानों व कार्यालयों के सामने, सामान्य व संकीर्ण सड़क पर पार्किंग सामान्यत: वर्जित की जानी चाहिए। दोषी व्यक्तियों के विरूध्द ठोस कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
प्रमुख सचिव, नगरीय प्रशासन और विकास ने उक्त बिन्दुओं पर नगर निगम को तत्काल कार्ययोजना बनाकर कार्रवाई करने और कार्रवाई से नगरीय प्रशासन विभाग को सतत अवगत कराने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने जनसामान्य को कार्ययोजना से अवगत कराने की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए है जिससे नागरिकों को पक्षपात करने संबंधी शिकायत का मौका न मिले। इस संबंध में अपनेर् कत्तव्यों के निर्वहन में उदासीनता बरतने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के विरूध्द भी कार्रवाई हो।

श्री आडवाणी आज उज्जैन में आदि विक्रमादित्य और जनयोध्दा का लोकार्पण करेंगे

श्री आडवाणी आज उज्जैन में आदि विक्रमादित्य और जनयोध्दा का लोकार्पण करेंगे
संजय गुप्‍ता(मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो चीफ
5 अप्रेल 08/पूर्व उप प्रधानमंत्री तथा लोक सभा में नेता प्रतिपक्ष श्री लालकृष्ण आडवाणी नव सम्वत्सर प्रवर्तक 'आदि विक्रमादित्य' पर केन्द्रित पुस्तक तथा 1857 मुक्ति संग्राम के रणबांकुरों पर केन्द्रित कैलेण्डर 'जनयोध्दा' का लोकार्पण 6 अप्रैल को उज्जैन में आयोजित समारोह में करेंगे।
श्री गुरूजी खेल प्रशाल, महानंदा नगर उज्जैन में शाम 6 बजे आयोजित लोकार्पण समारोह की अध्यक्षता मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान करेंगे। विशिष्ट अतिथि संस्कृति-जनसम्पर्क एवं खनिज साधन मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा होगें।
आदि विक्रमादित्य पुस्तक तथा जनयोध्दा कैलेण्डर का प्रकाशन प्रदेश के स्वराज संस्थान संचालनालय ने किया है। अक्षय निधि पुस्तक माला के अन्तर्गत प्रकाशित संस्कृतविद् एवं मर्मज्ञ डॉ. भगवतीलाल राजपुरोहित की पुस्तक 'आदि विक्रमादित्य' भारतीय साहित्य और लोकश्रुति के महानायक विक्रमादित्य को लेकर प्रचलित मिथकों, परम्पराओं, उनकी न्याय एवं राज्य व्यवस्था, विद्यानुराग, सांस्कृतिक वातावरण आदि के बारे में सप्रमाण प्रकाश डालती है। इससे पहले अक्षय निधि पुस्तक माला में स्वराज संस्थान द्वारा वराह मिहिर, भर्तृहरि, भवभूति, भोजनदेव शूद्रक, पतंजलि जैस युगांतरकारी रचनाओं और चिंतकों पर शोधपूर्ण पुस्तकें प्रकाशित की जा चुकी है।
स्वराज संस्थान संचालनालय द्वारा प्रकाशित तथा श्रीराम तिवारी द्वारा सम्पादित कैलेण्डर जनयोध्दा की इस वर्ष की थीम 1857 मुक्ति संग्राम के रणबांकुरे है। पूर्व के वर्षो में स्वाधीनता संग्राम में जनजातीय भागीदारी, भारतीय क्रांतिकारी आन्दोलन, देश की स्वाधीनता के लिए आदिवासियों के देशव्यापी संघर्ष पर जनयोध्दा कैलेण्डर प्रकाशित हुए हैं। इस वर्ष के कैलेण्डर में 1857 मुक्ति संग्राम के मध्यप्रदेश के अमर रणबांकुरों-- तात्या टोपे, रानी अवंतीबाई, उमरावसिंह सूबेदार, गुरूलसिंह, रणमतसिंह, फरजंदअली, दौलतसिंह कछवाहा, देसपत बुंदेला खाज्या नायक, किशोर सिंह, महादेव शास्त्री, बखतबली सहित रानी लक्ष्मी बाई तथा नानासाहब पेशवा के चिताकर्षक एवं संग्रहणीय चित्र शामिल किये गये हैं। ये चित्र देश के प्रख्यात चित्रकारों--रघुनाथ साहू, विजय कुमार पांडा एवं पी.सुंदरराव आचार्य (भुवनेश्वर), चंद्रशेखर जोशी (पुणे), सत्यकजीत वरेकर, राजेन्द्र पाटिल (मुंबई), नाथुलाल वर्मा (जयपुर) बाबूराव नाडोनी (बैंगलूर) आदि द्वारा तैयार किये गये हैं।

कुमार गन्धर्व समारोह एवं अलंकरण 8 और 9 अप्रैल को देवास में

कुमार गन्धर्व समारोह एवं अलंकरण 8 और 9 अप्रैल को देवास में
संजय गुप्‍ता(मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो चीफ
5 अप्रेल 08/विख्यात संगीत मनीषी पंडित कुमार गन्धर्व की स्मृति में उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत एवं कला अकादमी, मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद भोपाल द्वारा 8 और 9 अप्रैल को देवास में कुमार गन्धर्व समारोह का आयोजन किया जा रहा है।
संस्कृति तथा जनसम्पर्क मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा 8 अप्रैल की रात्रि 8 बजे मल्हार स्मृति मंदिर देवास में इस प्रतिष्ठित आयोजन का शुभारंभ करेंगे। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता पर्यटन तथा खेल एवं युवक कल्याण राज्यमंत्री श्री तुकोजीराव पंवार करेंगे। कार्यक्रम में महापौर नगरपालिक निगम देवास श्री शरद पाचुनकर और सभापति नगरपालिक निगम श्री सुभाष शर्मा विशिष्ट अतिथि होंगे।
समारोह के शुभारंभ दिवस पर 8 अप्रैल को आयोजित समारोह में राज्य शासन द्वारा राष्ट्रीय कुमार गन्धर्व सम्मान से इस वर्ष सुश्री कला रामनाथ वाईलिन वादिका, मुम्बई को सम्मानित एवं अलंकृत किया जायेगा। इस अवसर पर भुवनेश कोमकली ओर विनायक तोरवी, बैंगलोर का गायन और सुश्री कला रामनाथ, मुम्बई द्वारा वायोलिन की प्रस्तुति की जायेगी। समारोह के दूसरे और अंतिम दिन 9 अप्रैल को सुश्री मीना फातर्पेकर, पुणे और सुभाष व्यास, पुणे का गायन होगा । इस अवसर पर तेजेन्द्र नारायण मजुनदार, कोलकाता सरोद वादन करेंगे। कार्यक्रम में सहयोगी कलाकार के बतौर दीपक गरूड, उल्हास राजहंस, हितेन्द्र दीक्षित, इन्दौर तबला पर तथा मोहन मुंगरे, गोविन्द पोटधन, इन्दौर और विवेक बनसोड़, उज्जैन हारमोनियम पर संगत करेंगे।

आदिवासी शिक्षण संस्थाओं में शिक्षकों के लिये प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित होंगे

आदिवासी शिक्षण संस्थाओं में शिक्षकों के लिये प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित होंगे
40 हजार शिक्षकों को सेवानिवृत्त प्राचार्य तथा शिक्षा अधिकारी देंगे प्रशिक्षण
संजय गुप्‍ता(मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो चीफ
5 अप्रेल 08/आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित शिक्षण संस्थाओं के करीब 40 हजार शिक्षकों को संस्था संचालन संबंधी प्रशिक्षण दिया जायेगा। जिले के सेवानिवृत्त प्राचार्य एवं विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी यह प्रशिक्षण देंगे। प्रशिक्षण अगले माह से आयोजित होगा, जिसकी अवधि दो सप्ताह होगी।
राज्य शासन ने विभाग की शिक्षण संस्थाओं के बेहतर संचालन के लिए विद्यालय प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम जिला स्तर पर विभाग के प्राचार्य, व्याख्याताओं एवं शिक्षकों के लिये आयोजित किया गया है। माह मई एवं जून, 2008 के अंत तक आयोजित होने वाले प्रशिक्षण की अवधि एक से दो सप्ताह रहेगी।
जिले के सेवानिवृत्त प्राचार्य तथा विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी प्रशिक्षक नियुक्त किये जायेंगे। उल्लेखनीय है कि विभाग द्वारा संचालित प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी शालाओं में लगभग 40 हजार शिक्षक कार्यरत हैं। इस संबंध में आयुक्त आदिवासी विकास ने समस्त सहायक आयुक्त आदिवासी विकास तथा जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग को जिला स्तर पर प्रशिक्षण व्यवस्था के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिये हैं।
विद्यालय प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यक्रम में जो विषय लिये गये हैं उनमें विद्यालय प्रबंधन, परिवर्तित पाठयक्रम अनुसार अध्यापन की सरल, सुबोध तकनीक व्यावसायिक पाठयक्रमों का प्रबंधन, आवासीय संस्थाओं की समस्याएं, उनका निदान एवं क्रीड़ा गतिविधियों का संचालन के अलावा विद्यालय से जुड़ी अन्य समस्याओं को शिक्षण विषय शामिल हैं।
प्रशिक्षण में प्राचार्य, व्याख्याताओं तथा शिक्षकों की संख्या का निर्धारण कर एक बैच में 30 से 40 प्रशिक्षणार्थियों का नामांकन किया जायेगा। प्रशिक्षणार्थियों की संख्या एवं आवागमन के साधन को दृष्टिगत रखते हुए जिला या विकासखण्ड स्तर पर स्थान का चयन किया जायेगा।
प्रशिक्षक चयन के संबंध में दिये गये निर्देश के अनुसार विगत तीन वर्षों में जिले के सेवानिवृत्त प्राचार्यों तथा विकासखण्ड शिक्षा अधिकारियों को प्रशिक्षक नियुक्त किया जायेगा। प्रत्येक विकासखण्ड के लिये दो सदस्यों का चयन प्रशिक्षक हेतु होगा। प्रशिक्षक को 200 रुपये मानदेय प्रति कालखण्ड अनुसार दिया जायेगा। एक दिन में अधिकतम तीन कालखण्ड (प्रत्येक 60 मिनिट) एक प्रशिक्षक को आवंटित किये जा सकेंगे। प्रशिक्षण प्रभारी विकासखण्ड स्तरीय अधिकारी होंगे। प्रशिक्षण शिविर की व्यवस्था का समस्त उत्तरदायित्व प्रशिक्षण प्रभारी का होगा।
प्रशिक्षण की मॉनीटरिंग का उत्तरदायित्व संभागीय उपायुक्त एवं जिला अधिकारी को सौंपा गया है। यह अधिकारी प्रशिक्षण की सतत मॉनीटरिंग कर जुलाई माह के प्रथम सप्ताह में आयुक्त आदिवासी विकास को अपना प्रतिवेदन भेजेंगे।

नसबंदी ऑपरेशन शिविरों का आयोजन

नसबंदी ऑपरेशन शिविरों का आयोजन
संजय गुप्‍ता(मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो चीफ
5 अप्रेल 08/मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत भोपाल जिलें मे एल.टी.टी.#एन.एस.व्ही. नसंबदी ऑपरेशन शिविरों का माह अप्रैल में लगभग 16 अस्पतालों में आयोजन किया जा रहा हैं। डॉ.के.एन.के. चिकित्सालय (काटजू) में दिनांक 4,11,19 और 25 अप्रैल को सिविल अस्पताल, बैरागढ़ में 8 और 15 अप्रैल को, सुल्तानिया जनाना अस्पताल में 7,15, 21और 28 अप्रैल को, जवाहरलाल नेहरू गैस राहत चिकित्सालय में 7,15,21और 28 अप्रैल को, कस्तुरबा चिकित्सालय बी.एच.ई.एल में 9,16 और 23 अप्रैल को, मास्टरलाल सिंह चिकित्सालय, शाहजहांबाद में 9,16 और 23 अप्रैल को, इंदिरा गांधी चिकित्सालय में 3,10,17और 24 अप्रैल को, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, बैरासिया में 04,11,19 और 25 अप्रैल को, जे.पी.चिकित्सालय, भोपाल में 7,15,21और 28 अप्रैल को, ई.एस.आई. चिकित्सालय सोनागिरी में 4,11 और 19 अप्रैल को, ग्राम तुमड़ा सेक्टर में 15 अप्रैल को, अरवलिया सेक्टर में 21 अप्रैल को रातीबढ़ सेक्टर में 28 अप्रैल को और बालमपुर सेक्टर में 7 अप्रैल को वरिष्ठ डॉक्टरों द्वारा नसबंदी ऑपरेशन किये जायेंगे।

गुरुवार, 3 अप्रैल 2008

तीन जिलों की 7 करोड़ 23 लाख रूपये की रेशम पालन योजना प्रस्तावित

तीन जिलों की 7 करोड़ 23 लाख रूपये की रेशम पालन योजना प्रस्तावित
संजय गुप्‍ता(मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो चीफ 03 मार्च08/प्रदेश के तीन जिलों की 7 करोड़ 23 लाख रूपये से अधिक की रेशम पालन की योजना स्वीकृति के लिए भारत सरकार को भेजी गई है। इस परियोजना के क्रियान्वयन से करीब दो हजार लोगों को रोजगार मिल सकेगा।
प्रदेश में विशेष स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना के तहत तीन जिलों बालाघाट, मण्डला एव डिण्डोरी की 7 करोड़ 23 लाख रूपये से अधिक की पंचवर्षीय योजना रेशम विभाग द्वारा तैयार कर स्वीकृति के लिये भारत सरकार को भेज दी गई है।
इस परियोजना के क्रियान्वयन होने से 14.38 मेट्रिक टन रील्ड यार्न तथा 6.07 मे. टन स्पन यार्न का उत्पादन होगा। इस परियोजना से इन जिलों के करीब दो हजार लोगों को रोजगार मिल सकेगा।
रेशम विभाग की एक अन्य योजना के तहत इस वर्ष टसर रेशम विकास एवं विस्तार कार्यक्रम के अंतर्गत वन विभाग के समन्वय एवं सहभागिता से जिलों में लगभग 15 हजार हे. क्षेत्र में टसर खाद्य पौधों का नवीन पौधारोपण का कार्य किया जा रहा है। यह कार्य एनईआरजीपी योजना के तहत किया जा रहा है।
इसी प्रकार से प्राकृतिक रूप से उपलब्ध टसर खाद्य वृक्षों के क्षेत्र में वन विभाग की संयुक्त वन प्रबंधन समितियों के माध्यम से टसर कृमि पालन कार्यक्रम लिया जा रहा है। इस कार्यक्रम से दो करोड़ नैसर्गिक ककून उत्पादन तथा 837 लाख पालित ककून उत्पादन की संभावना है।

अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत 14 विशेष न्यायालय स्थापित

अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत 14 विशेष न्यायालय स्थापित
सात सिविल कोर्ट की भी स्थापना
संजय गुप्‍ता(मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो चीफ 03 मार्च08/राज्य शासन ने अनुसूचित जाति तथा जनजाति वर्ग के लोगों को शीघ्र सुलभ न्याय दिलाने के उद्देश्य से 14 विशेष न्यायालयों की स्थापना की है। इन विशेष न्यायालयों की स्थापना अनुसूचित जाति-जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के अंतर्गत पूर्व से स्थापित 29 विशेष न्यायालयों के अलावा की गई है। इसके अलावा छह जिलों में सात सिविल कोर्ट भी स्थापित किये गये हैं।
अत्याचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत जिन विशेष न्यायालयों की स्थापना जिला मुख्यालयों पर की गई है उनमें बालाघाट, बड़वानी, बैतूल, छिन्दवाड़ा, दतिया, पूर्व निमाड़ खण्डवा, हरदा, कटनी, नीमच, रतलाम, श्योपुर, शिवपुरी, सीधी तथा सिवनी जिला मुख्यालय पर विशेष न्यायालय स्थापित किया जाना शामिल है।
इसी प्रकार आम नागरिकों तथा गरीब जनता भयमुक्त हो एवं शीघ्र न्याय प्राप्त हो सके, इसे दृष्टिगत रखते हुए राज्य सरकार ने पांडुरना, जुन्नारदेव, (जिला छिन्दवाड़ा), भितरवार (जिला ग्वालियर), विजयराघवगढ़ (जिला कटनी), रामपुर बघेलान, (जिला सतना), जयसिंह नगर (जिला शहडोल) तथा नागदा (जिला उज्जैन), में सिविल कोर्ट स्थापित किये गये हैं।

वन अधिकार अधिनियम का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाये - प्रमुख सचिव श्री रावत

वन अधिकार अधिनियम का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाये - प्रमुख सचिव श्री रावत
संजय गुप्‍ता(मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो चीफ 03 मार्च08/प्रमुख सचिव आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति कल्याण श्री ओ.पी. रावत ने कहा है कि अनुसूचित जाति और परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाये। साथ ही 14 से 20 अप्रैल तक होने वाली ग्रामसभाओं में वन अधिकार संबंधी दावे प्राप्त करने के प्रयास किये जायें। श्री रावत आज मुरैना में अधिनियम पर आयोजित कार्यशाला को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर संभागायुक्त श्री विश्व मोहन उपाध्याय, कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी, वन संरक्षक श्री आर.वी. सिन्हा, अपर संचालक अनुसूचित जाति विकास श्री ए.के. उपाध्याय, उपायुक्त आदिम जाति कल्याण श्री के.डी. त्रिपाठी तथा चम्बल संभाग के तीनों जिलों के वन, राजस्व, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
श्री रावत ने कहा कि भारत सरकार द्वारा उक्त अधिनियम को 31 दिसम्बर 07 से प्रभावी किया गया है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने भी समस्त संबंधित अधिकारियों की बैठक लेकर इसका सर्वोच्च प्राथमिकता से क्रियान्वयन कर 30 सितम्बर 08 तक इससे संबंधित कार्यों को पूर्ण कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि समय-सीमा का विशेष ध्यान रखा जाये। वन अधिकार संबंधी दावे प्राप्त करने और उनका निराकरण करने के लिए ग्रामसभाओं का जागरूक करना तथा अधिनियम का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित कराना उपखण्ड स्तरीय समिति की जिम्मेदारी में शामिल रहेगा। उन्होंने कहा कि ग्रामसभा के संकल्प से व्यथित व्यक्ति उपखण्ड स्तरीय समिति में याचिका कर सकेगा और उपखण्ड स्तरीय समिति के निर्णय की शिकायत जिला स्तरीय समिति में दर्ज होगी। उन्होंने कहा कि इस संबंध में ग्रामसभा को सहयोग नहीं देने वाले अधिकारी के विरुध्द सीधे राज्य स्तरीय समिति में शिकायत दर्ज कराई जायेगी।
प्रमुख सचिव श्री रावत ने कहा कि अधिनियम के प्रावधान के अनुसार अनुसूचित जनजाति के मामले में उसका 13 दिसम्बर, 2005 से पहले का काबिज होना जरूरी है तथा अन्य परम्परागत वन निवासी के लिए कम से कम तीन पीढ़ियों तक प्राथमिक रूप से वन भूमि में निवास करना और जीविका के लिए उस पर निर्भग्र होना जरूरी है। अधिनियम के अनुसार अभ्यारण्य की भूमि के मामलों में भी अधिकारों को मान्यता देने का प्रावधान रहेगा। उन्होंने दावे प्राप्त करने के संबंध में ग्राम पंचायत सचिवों के प्रशिक्षण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि दावा प्रपत्र भरवाने में पूरी पारदर्शिता बरती जाये और इस बात का विशेष ध्यान रखा जाये कि अधिनियम की आड़ में कोई बाहरी व्यक्ति लाभ न उठा ले। नोडल अधिकारियों की यह जिम्मेदारी होगी कि वे दावे प्राप्त न होने के कारणों का स्पष्ट खुलासा करें।
श्री रावत ने कहा कि 13वें वित्त आयोग ने अनुसूचित जनजाति विकास के लिए विशेष प्रावधान किया है। इसका लाभ उठाया जाये और वन निवासियों के लिए शिक्षा, बिजली, स्वास्थ्य, आवास, वनों के सुधार आदि से संबंधित विकास योजनाओं के प्रस्ताव तैयार कर भेजे जायें। उन्होंने बताया कि शासन ने तीन एकलव्य विद्यालय खोलने का भी निर्णय लिया है। इनमें आवास और शिक्षा की नि:शुल्क व्यवस्था रहेगी।
संभागायुक्त श्री विश्व मोहन उपाध्याय ने कहा कि वन अधिकार अधिनियम की जानकारी देने के लिए यह संभाग स्तरीय कार्यालय आयोजित की गई है। अधिकारी इसका लाभ उठाने की पहल करें और किसी भी प्रकार की शंका का निसंकोच होकर निराकरण करायें।
प्रारंभ में कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यशाला का शुभारंभ किया। उपायुक्त आदिम जाति कल्याण श्री के.डी. त्रिपाठी ने पावर प्रजेन्टेशन के माध्यम से अधिनियम के प्रावधानों की विस्तार से जानकारी दी। कार्यशाला में अधिनियम के संबंध में अधिकारियों की शंकाओं का निराकरण किया गया। प्रमुख सचिव श्री रावत ने भी प्रश्न कर तथा उनके उत्तर भी स्वयं देकर अधिकारियों का अधिनियम के संबंध में ज्ञानवर्ध्दन किया। कार्यशाला का संचालन श्री देवेन्द्र तोमर ने तथा जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण श्री के.डी. पाण्डेय ने आभार व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान से मिले राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान के निर्देशक

मुख्यमंत्री श्री चौहान से मिले राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान के निर्देशक
संजय गुप्‍ता(मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो चीफ 03 मार्च08/मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान से आज यहां निवास पर राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान के निर्देशक डॉ. डार्ली कोशी ने भेंट की। डॉ. कोशी ने मुख्यमंत्री श्री चौहान को संस्थान की गतिविधियों की विस्तृत जानकारी देते हुए मध्यप्रदेश में यह संस्थान प्रारंभ करने की संभावनाओं पर चर्चा की। वर्तमान में यह संस्थान गुजरात के अहमदाबाद, गांधीनगर और कर्नाटक के बंगलौर में स्थित है। राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान, भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करने वाला स्वायत्त संस्थान है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने डॉ. डार्ली कोशी को मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान प्रारंभ करने के लिए हरसंभव सहयोग देने की बात कही। इस अवसर पर संस्थान के एक्टिविटी चेयरपर्सन एज्यूकेशन श्री प्रद्युम्न व्यास एवं मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुराग जैन उपस्थित थे।

आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ता बम्हनीगांव (सफलता की कहानी)

आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ता बम्हनीगांव (सफलता की कहानी)
संजय गुप्‍ता(मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो चीफ 03 मार्च08/दमोह जिले का आदिवासी बहुल गांव है बम्हनी। प्रगति की बाट जोहते इस गांव में जिला गरीबी उन्मूलन परियोजना ने विकास का एक नया बीज बोया है। परियोजना के तहत इस गांव में 25 समूह और 46 उप योजनाएं स्वीकृत की गई हैं। इसमें से 36 उपयोजनाएं नवीन कूप निर्माण एवं लघु सिंचाई, नौ आमदनी मूलक तथा एक तालाब निर्माण की है। परियोजना में गांव को 23 लाख 80 हजार रूपये की राशि दी गई। इसके अलावा समूहों द्वारा दो लाख 20 हजार 978 रूपये की राशि 'अपना कोष' में जमा की गई। इन सबके चलते अब यह गांव आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ चला है। लोग खुश हैं कि साहूकारों के चंगुल से निजात मिलने लगी है।
गांव के भावी विकास की निरंतरता के लिए फरवरी 2006 में 'अपना कोष' की राशि के संचालन के लिए महिलाओं की ग्राम उत्थान समिति का गठन किया गया। समिति का बैंक में खाता खोला गया जिसमें दो लाख 29 हजार 164 रूपये की राशि हस्तांतरित की गई। इस राशि में से एक लाख 13 हजार 700 रूपये की राशि 10 वर्ष के लिए तथा 45 हजार 500 रूपये की राशि छह माह के लिए सावधि जमा कराई गई, 68 हजार 694 रूपये की राशि रिवाल्ंविग कोष के रूप में रखी गई। गांव में ज्यादातर आदिवासी परिवार रहते हैं जो अत्यंत गरीब हैं। इन परिवारों की महिलाओं ने अशिक्षित होते हुए भी 52 हजार 500 रूपये का लेन-देन किया है। ग्राम स्त्रोत व्यक्ति के माध्यम से ये अपनी समिति का लेखा-जोखा रखती हैं। अब तक न्यूनतम 500 रूपये से लेकर 2 हजार रूपये तक का सूक्ष्म ऋण, ज्यादातर कृषि आदान क्रय एवं आकस्मिक खर्चो के लिए उपलब्ध कराया गया है।
समिति की अध्यक्ष उर्मिला देवी बड़े गर्व से इस समिति को अपने घर एवं पूरे गांव की बैंक तथा साहूकारों से आजादी का साधन बताती हैं। सभी महिलाओं ने घर की छोटी-छोटी जरूरतों से 10 से 20 रूपये बचाकर अब तक 3 हजार 280 रूपये की बचत जमा की है। देखने में यह आंकड़े भले ही छोटे नजर आते हों किन्तु सहज ही ये महिलाओं की बचत करने की आदत में वृध्दि का परिचायक हैं।
समिति ने स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से कैम्प का आयोजन करवाकर नि:शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण एवं दवाई वितरण, विगत वर्षाकाल में मृदा एवं जल कटाव को रोकने के लिए रतनजोत के पौधों का रोपण कर समाज के विकास में महिलाओं की भागीदारी होने का जीवंत उदाहरण प्रस्तुत किया है।

मनोनयन

मनोनयन
संजय गुप्‍ता(मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो चीफ 03 मार्च08/राज्य शासन द्वारा श्री घनश्याम पिरोनिया, ग्वालियर और श्री रतन डागोर पनागर, जबलपुर को मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम भोपाल के संचालक मंडल में मनोनीत किया गया है।
राज्य शासन द्वारा इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गये है।

पदस्थापना

पदस्थापना
संजय गुप्‍ता(मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो चीफ 03 मार्च08/राज्य शासन द्वारा माजिद खान, (सेवानिवृत्त उप संचालक अभियोजन राज्य अर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो, मध्यप्रदेश) को सेवानिवृत्ति उपरांत विधि अधिकारी के पद पर एक वर्ष के लिए संविदा नियुक्ति प्रदान की गई है।
राज्य शासन द्वारा इस संबंध में ओदश जारी कर दिए गए है।

एक लाख 14 हजार जुर्माना : 58 सिलेण्डर जप्त (घरेलू गैस दुरूपयोग)

एक लाख 14 हजार जुर्माना : 58 सिलेण्डर जप्त (घरेलू गैस दुरूपयोग)
संजय गुप्‍ता(मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो चीफ 03 मार्च08/कलेक्टर श्री आर.के. माथुर ने खाद्य विभाग के अमले को घरेलू गैस का दुरूपयोग रोकने के लिए कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। इसके फलस्वरूप खाद्य विभाग के अधिकारियों द्वारा विगत दिनों वाहनों और प्रतिष्ठानों का चैकिंग अभियान चलाया गया जिसमें 27 प्रतिष्ठानों से 58 सिलेण्डर जप्त कर उनके प्रकरण जिला दण्डाधिकारी के न्यायालय में प्रस्तुत किए।
कलेक्टर श्री माथुर द्वारा उक्त प्रकरणों में अंतिम आदेश पारित कर एक लाख 14 हजार रूपये की राशि का जुर्माना और 58 सिलेण्डर राजसात किए जाने के आदेश पारित किए हैं। उन्होंने समस्त होटल व्यवसाईयों को निर्देशित किया कि वे अपने व्यवसायिक सिलेण्डरों का ही उपयोग करें और जिला खाद्य कार्यालय के निर्देश पर आइल कंपनी द्वारा जारी पासबुक में व्यवसायिक सिलेंडरों का रिकार्ड संधारित करें । घरेलू गैस सिलेंडरों का उपयोग करने वाले प्रतिष्ठानों के विरूध्द आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कार्रवाई की जायेगी।

वन अधिकारों की मान्यता विषय पर मीडिया वर्कशॉप संपन्न

वन अधिकारों की मान्यता विषय पर मीडिया वर्कशॉप संपन्न
वन अधिकार अधिनियम की जानकारी लोगों तक पहुंचाने मीडिया आगे आये - श्री रावत
संजय गुप्‍ता(मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो चीफ 03 मार्च08/वनों पर आश्रित वनवासी वनों के दुश्मन नहीं अपितु दोस्त हैं। वनों की रक्षा उनका धर्म है और उनके बिना वनों की रक्षा असंभव है। इन्ही सब पहलुओं पर विचार कर सरकार ने अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वनवासियों के वन अधिकारों की मान्यता देने के लिये नया अधिनियम बनाया है। इस अधिनियम की सार्थकता तभी सिध्द होगी जब इसके बारे में उन लोगों को पूरी जानकारी होगी जिनके लिये यह अधिनियम बना है और जिन लोगों को इसे लागू करना है। यह सब अधिनियम के प्रचार प्रसार से ही संभव होगा और यह काम मीडिया बखूबी कर सकता है। प्रमुख सचिव आदिम जाति कल्याण विभाग श्री ओ.पी.रावत ने कल ग्वालियर में 'वनवासियों की मान्यता' विषय पर आयोजित मीडिया कार्यशाला में यह विचार व्यक्त किये। कार्यशाला में संभाग आयुक्त डा. कोमल सिंह, जिला कलेक्टर श्री राकेश श्रीवास्तव तथा वन संरक्षक श्री सिन्हा भी मौजूद थे।
स्थानीय बोली में प्रचार सहित्य
वन अधिनियम की जानकारी वनों में निवासरत लोगों तक सही-सही पहुंच सकें और वे अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो सकें इस उद्देश्य से स्थानीय बोली में अधिनियम के प्रचार-साहित्य का सृजन कराया गया है। इस अधिनियम का प्रचार-प्रसार साहित्य कोरकू, गोंडी, सहरिया आदि समुदाय की बोलियों में प्रिंट कराया गया है। इसी प्रकार स्थानीय बोली में नुक्कड़ नाटक व कठपुतली आदि के कार्यक्रमों का आयोजन वनवासी समुदाय के आयोजित कराया जा रहा है।
श्री रावत ने कहा कि अनुसूचित जाति और अन्य परम्परागत वननिवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 एवं नियम 2008 की जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक सही रूप में पहुँचाने में सम्प्रेषण माध्यमों (प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया) महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस अधिनियम का प्रमुख उध्देश्य वनवासियों के सहयोग से जंगलों का संरक्षण करना है। अधिनियम इस सोच पर आधारित है कि वनवासियों को वनों की आमदनी का हिस्सा देकर बेहतर ढंग से वन संरक्षित किये जा सकते हैं।
मीडिया वर्कशाप में श्री रावत ने औपनिवेशिक काल में सन् 1864 में बने पहले फॉरेस्ट एक्ट, 1978 के दूसरे फॉरेस्ट एक्ट एवं 1927 में बने भारतीय वन अधिनियम का उल्लेख करते हुये कहा कि वनों के सरंक्षण के लिये वनवासियों का संरक्षण भी आवश्यक है। इसी बात को ध्यान में रखकर नया वन अधिकार अधिनियम बनाया गया है। प्रमुख सचिव ने इस अवसर पर मीडिया प्रतिनिधियों से अधिनियम के व्यापक प्रचार-प्रसार का आव्हान किया। इस दौरान ग्वालियर संभाग के आयुक्त डा. कोमल सिंह ने कहा कि वन अधिकार अधिनियम का प्रमुख मकसद वंचितों को अधिकार व मान्यता दिलाना है। इसे लागू करने के लिये विकेन्द्रीकृत व्यवस्था की गई है, जिसमें ग्रामसभा की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका है। अधिनियम में सभी वनवासियों को लाभ देने का प्रावधान है अर्थात इसमें जाति, धर्म का कोई बंधन नहीं है। उन्होंने अधिनियम की जवाबदेही के लिये उपयोगी सुझाव भी दिये।
उल्लेखनीय है कि वन में निवास करने वाली ऐसी अनुसूचित जनजातियों और परम्परागत वन निवासियों के जो वनों में पीढ़ियों से निवास कर रहे हैं किन्तु उनके अधिकारों को अभिलिखित नहीं किया जा सका है। उनके वन अधिकारों और वन भूमि में अधिभाग को मान्यता देने के लिये अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम को लागू किया गया है। अधिनियम के उद्देश्यों में वन में निवास करने वाली अनुसूचित जनजातियों और अन्य परम्परागत वन निवासियों के मान्यता प्राप्त अधिकारों में, दीर्घकालीन उपयोग के लिये जिम्मेदारी और प्राधिकार शामिल हैं। जैव विविधता का संरक्षण और पारिस्थितिकी संतुलन को बनाये रखना और वन निवासियों की जीविका तथा खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करते समय वनों की संरक्षण व्यवस्था को सुदृढ़ करना भी सम्मिलित है। औपनिवेशिक काल के दौरान तथा स्वतंत्र भारत में राज्य वनों को समेकित करते समय उनकी पैतृक भूमि पर वन अधिकारों और उनके निवास को पर्याप्त रूप से मान्यता नहीं दी गई थी। इसी वजह से वन में निवास करने वाली उन अनुसूचित जनजातियों और अन्य परम्परागत वन निवासियों के प्रति ऐतिहासिक अन्याय हुआ। पारिस्थितिकी प्रणाली को बचाने और बनाये रखने के लिये अभिन्न अंग है। इस अन्याय को समाप्त करने की दृष्टि से अब यह आवश्यक हो गया है कि वन में निवास करने वाली अनुसूचित जनजातियों और अन्य परम्परागत वन निवासियों की, जिसके अंतर्गत वे जनजातियां भी है, जिन्हें राज्य के विकास से उत्पन्न हस्तक्षेप के कारण अपने निवास दूसरी जगह बनाने के लिये मजबूर किया गया था। उनकी लंबे समय से चली आ रही भूमि संबंधी असुरक्षा तथा वनों में पहुंच के अधिकारों पर भी ध्यान दिया जाये। नया वन अधिनियम इन विसंगतियों को दूर करने की दिशा में किया गया सार्थक प्रयास है।
कार्यशाला में आदिम जाति कल्याण विभाग के अपर संचालक श्री ए के उपाध्याय ने पॉवर पाइंट प्रेजेन्टेशन के जरिए अधिनियम के बनुयादी पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने वन अधिकार व प्रावधान, वन समितियों, ग्राम सभा, उपखण्डस्तरीय समिति, जिला स्तरीय व राज्य स्तरीय समिति के कार्य, वन अधिकारों के निर्धारण के लिये साक्ष्य, ग्राम सभा की संरचना, काम काज की प्रक्रिया, विवादों का निपटान आदि के बारे में विस्तार से बताया।
इस अवसर पर अपर संचालक जनसंपर्क श्री आर एम पी सिंह, वनमंडलाधिकारी श्री पुरूषोत्तम धीमान, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विनोद शर्मा व संयुक्त संचालक जनसंपर्क श्री सुभाष अरोरा सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे। आचरण के संपादक श्री रामविद्रोही, नवभारत के संपादक डा. सुरेश सम्राट, नई दुनिया के संपाक श्री राकेश पाठक, वरिष्ठ पत्रकार डा. केशव पांडेय व श्री राकेश अचल सहित प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के वरिष्ठ पत्रकारों ने इस कार्यशाला में भाग लिया।

मध्यप्रदेश के राष्ट्रीय उद्यानों में पर्यटकों के लिये ऑनलाइन आरक्षण सुविधा

मध्यप्रदेश के राष्ट्रीय उद्यानों में पर्यटकों के लिये ऑनलाइन आरक्षण सुविधा
उद्यानों में पर्यटन के लिये वाहनों की सीमा भी निर्धारित
संजय गुप्‍ता(मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो चीफ 03 मार्च08/मध्यप्रदेश के राष्ट्रीय उद्यानों में पर्यटकों की सुविधा के लिये एम.पी. ऑनलाइन के माध्यम से आरक्षण की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। अब पर्यटक देश या विदेश में घर बैठे इंटरनेट पर क्रेडिट कार्ड के माध्यम से आरक्षण करा सकेंगे। साथ ही पर्यटक प्रदेश में एम.पी. ऑनलाइन के अधिकृत कियोस्क के माध्यम से नकद भुगतान कर अग्रिम आरक्षण करा सकते हैं। इसके अलावा चार राष्ट्रीय उद्यानों में पर्यटन के लिये वाहनों की अधिकतम सीमा भी निर्धारित की गई है।
वन विभाग द्वारा पर्यटकों को इस वर्ष के प्रारंभ से कान्हा, बांधवगढ़, पेंच और पन्ना राष्ट्रीय उद्यानों में यह सुविधा उपलब्ध कराई गई है। पर्यटक अधिक जानकारी एवं अधिकृत कियोस्क (गुमठी) सूची http://www.mponline.gov.in/ पर जाकर अधिकृत कियोस्क लिस्ट लिंक पर प्राप्त कर सकते हैं। यह व्यवस्था इन राष्ट्रीय उद्यानों में धारण क्षमता की अवधारणा लागू करने में सहायक होगी। धारण क्षमता लागू होने से पर्यटकों को प्राकृतिक रूप से शान्त वातावरण उपलब्ध होगा।
प्रदेश के कान्हा, बांधवगढ़, पेंच और पन्ना राष्ट्रीय उद्यानों में पर्यटन के लिये प्रवेश करने वाले वाहनों की अधिकतम सीमा निर्धारित की गई है। इसके अनुसार प्रतिदिन एक समय में कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में 150 वाहनों, बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में 155, पेंच राष्ट्रीय उद्यान में 65 तथा पन्ना राष्ट्रीय उद्यान में अधिकतम 70 वाहनों को ही प्रवेश दिया जायेगा। यह व्यवस्था लागू होने के बाद आवश्यक था कि पर्यटकों को यात्रा प्रारंभ से पूर्व यह मालूम हो कि उन्हें राष्ट्रीय उद्यान में कब प्रवेश मिल सकेगा। इस उद्देश्य से इन राष्ट्रीय उद्यानों में प्रवेश के लिये इन्टरनेट पर अग्रिम आरक्षण व्यवस्था प्रारंभ की गई है।
इसी प्रकार राष्ट्रीय उद्यानों में धारण क्षमता का 80 प्रतिशत अग्रिम आरक्षण के लिये रखा गया है। शेष 20 प्रतिशत इन उद्यानों के प्रवेश द्वार पर तत्काल आरक्षण के लिये उपलब्ध रहेगा। अग्रिम आरक्षण संबंधित दिनांक से पूर्व के दिन तीन बजे अपरान्ह तक किया जा सकता है। अग्रिम आरक्षण के लिये आरक्षित संख्या का पूरा उपयोग नहीं होने की स्थिति में बची हुई संख्या भी तत्काल आरक्षण में उपलब्ध रहेगी।

पदस्थापना

पदस्थापना
संजय गुप्‍ता(मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो चीफ 03 मार्च08/राज्य शासन द्वारा भारतीय प्रशासनिक सेवा के दो अधिकारियों के पदस्थापना आदेश जारी किये गये है। इसके अनुसार अपर सचिव पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग श्री जब्बार ढाकवाला को अपर सचिव सामाजिक न्याय एवं जेल विभाग पदस्थ किया गया है। इसी प्रकार श्री के.पी. राही उपसचिव जेल को उपसचिव राजस्व विभाग पदस्थ किया गया है।

कोयला खंडों के निवर्तन की नीति निर्धारण के लिए मंत्रिपरिषद समिति गठित

कोयला खंडों के निवर्तन की नीति निर्धारण के लिए मंत्रिपरिषद समिति गठित
संजय गुप्‍ता(मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो चीफ 03 मार्च08/प्रदेश के उपक्रमों को भारत सरकार द्वारा आवंटित कोयला खडों के निवर्तन की नीति निर्धारित करने के लिए राज्य शासन ने चार सदस्यों की मंत्रिपरिषद समिति गठित की है।
समिति में वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार मंत्री श्री जयंत मलैया, खनिज साधन मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री नरोत्तम मिश्रा और जेल तथा विधि विधायी कार्य मंत्री श्री अंतरसिंह आर्य को सदस्य नियुक्त किया गया है। प्रमुख सचिव खनिज साधन समिति के संयोजक होंगे।
यह समिति एक माह में अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करेगी। यह समिति निवर्तन नीति निर्धारित करते समय खण्ड आवंटन के उद्देश्यों के साथ प्रदेश की औद्योगिक तथा ऊर्जा की आवश्यकताओं पर भी विचार करेगी।

किसानों को मिलेगा 80 हजार रुपये का अनुदान (बलराम तालाब योजना)

किसानों को मिलेगा 80 हजार रुपये का अनुदान (बलराम तालाब योजना)
संजय गुप्‍ता(मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो चीफ 03 मार्च08/राज्य शासन द्वारा बलराम तालाब योजनांतर्गत अप्रैल 2008 से किसानों को अधिकतम 80 हजार रूपये का अनुदान दिया जायेगा। पूर्व में यह राशि 50 हजार रुपये निर्धारित थी। अपर्याप्त वर्षा एवं भूजल के अनियंत्रित दोहन से प्रदेश में भूजल स्तर में काफी गिरावट आई है। गिरते भूजल को रोकने और कृषि के समग्र विकास के लिए सतही तथा भूमिगत जल की उपलब्धता को समृध्द करने तथा किसानों को अपने खेत में तालाब खुदवाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा वर्ष 2007-08 से यह योजना प्रारंभ की गई। इस योजनांतर्गत सभी 48 जिलों के समस्त वर्ग के कृषकों को लाभान्वित किया जा रहा है। वर्ष 2007-08 में इस योजना में लागत 25 प्रतिशत या अधिकतम 50 हजार रूपये का अनुदान दिए जाने का प्रावधान रखा गया था। इसे बढ़ाकर अधिकतम अस्सी हजार कर दिया गया है।

'आत्मा' योजना का तेजी से क्रियान्वयन जारी (राष्ट्रीय कृषि विस्तार परियोजना)

'आत्मा' योजना का तेजी से क्रियान्वयन जारी (राष्ट्रीय कृषि विस्तार परियोजना)
संजय गुप्‍ता(मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो चीफ 03 मार्च08/राज्य शासन द्वारा राष्ट्रीय कृषि विस्तार परियोजना कार्यक्रम के तहत संचालित 'आत्मा' योजना को सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में लागू कर इसे तेजी से क्रियान्वित किया जा रहा है। योजना को वर्ष 2005-06 से 15 जिलों में प्रारंभ किया गया था। वर्ष 2007-08 से प्रदेश के 33 जिलों को भी शामिल कर तेजी से कार्य प्रारंभ किया गया है। इस योजना के अन्तर्गत कृषि से संबंधित क्षेत्रों में नवीन तकनीकी हस्तांतरण द्वारा एकीकृत कृषि विकास को गति देने के लिए विभिन्न गतिविधियों का समावेश किया गया है। योजना के तहत 13 जुलाई 2007 से पब्लिक प्रायवेट पार्टनरशिप के तहत अंर्तविभागीय कार्य समिति की अनुशंसा के आधार पर आई.टी.सी. एवं कृषक जगत हस्ताक्षरित के.जे. एजुकेशन सोसायटी के साथ एम.ओ.यू 2 जनवरी 2008 को हस्ताक्षरित किया गया।

बुंदेलखण्ड में 464 हेक्टेयर से अधिक प्रस्तावित क्षेत्र में औद्योगिक अधोसंरचनाएं विकसित की जाएंगी (बुंदेलखण्ड इन्वेस्टर्स मीट, सागर-11 अप्रैल, 2008)

बुंदेलखण्ड में 464 हेक्टेयर से अधिक प्रस्तावित क्षेत्र में औद्योगिक अधोसंरचनाएं विकसित की जाएंगी (बुंदेलखण्ड इन्वेस्टर्स मीट, सागर-11 अप्रैल, 2008)
संजय गुप्‍ता(मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो चीफ 03 मार्च08/प्रदेश के बुंदेलखण्ड अंचल के चार जिलों में कुल 465.30 हेक्टेयर प्रस्तावित क्षेत्र में विभिन्न औद्योगिक अधोसंरचनाओं का विकास किया जायेगा। ये अधोसंरचनाएं वर्ष 2008-09 और 11वी पंचवर्षीय योजना की शेष अवधि में विकसित की जाना प्रस्तावित है। सागर में आगामी 11 अप्रैल को प्रस्तावित बुंदेलखण्ड इन्वेस्टर्स मीट के संदर्भ में उद्योग मंत्री श्री जयंत मलैया ने यह जानकारी आज यहां दी।
उद्योग मंत्री श्री मलैया ने बताया कि सागर जिले में बीना रिफायनरी की स्थापना के फलस्वरूप संभावित औद्योगीकरण को दृष्टिगत रखते हुए सागर जिले के बीना तहसील के ग्राम बेलई के 20 हेक्टेयर क्षेत्र में नवीन औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना प्रस्तावित है। इसी प्रकार नार्थ साउथ कारीडोर राष्ट्रीय राजमार्ग के मध्य सागर जिले की देवरी तहसील का क्षेत्र आने की वजह से औद्योगिक विकास की संभावनाएं अत्यधिक बढ़ गई हैं। इसलिये देवरी तहसील के ग्राम छेबला में 165 हेक्टेयर क्षेत्र में औद्योगिक अधोसंरचनाओं का विकास किया जायेगा। सागर जिले की खुरई तहसील न केवल कृषि प्रधान है बल्कि कृषि उपकरणों के उत्पादन में भी अग्रणी है। वर्तमान में खुरई तहसील में लगभग 20 इकाईयां औद्योगिक उपकरणों का उत्पादन कर रही हैं। अत: खुरई तहसील के ग्राम करमपुर में 27.94 हेक्टेयर क्षेत्र में एक कृषि उपकरण क्लस्टर की स्थापना प्रस्तावित है।
श्री मलैया ने बताया कि जिले की गढ़ाकोटा तहसील में टमाटर, अमरूद और अन्य हरी सब्जियों का उत्पादन बहुतायत में होता है। इसे देखते हुए गढ़ाकोटा के ग्राम चनौआ में 21.27 हेक्टेयर क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण पर केन्द्रित औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना प्रस्तावित है। सागर जिले की बंडा तहसील में उपलब्ध स्टोन का खनन कर निर्यात किया जा रहा है। प्रदेश शासन द्वारा भी संशोधित औद्योगिक संवर्धन नीति-2004 के तहत सागर में गौण खनिज एवं मुख्य खनिजों के प्रसंस्करण के लिये नाभिकीय केन्द्र एवं क्लस्टर का प्रावधान किया गया है। बंडा तहसील में ग्रेनाइट स्टोन पार्क 18 हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित किया जाना प्रस्तावित है। इसी प्रकार सागर में 10 हेक्टेयर क्षेत्र में हर्बल एवं आयुर्वेदिक उत्पादों पर आधारित उद्योगों की स्थापना के लिये हर्बल पार्क प्रस्तावित किया गया है। संशोधित औद्योगिक नीति में भी हर्बल उद्योगों के लिये एक टेस्ंटिग लेब केन्द्र स्थापित किया जाना प्रस्तावित है। इसमें राज्य शासन का 25 लाख रुपये का अधिकतम अंश होगा।
उद्योग मंत्री श्री जयंत मलैया ने बताया कि दमोह जिले के पथरिया में 10 हेक्टेयर क्षेत्र में और हटा में दो हेक्टेयर क्षेत्र में औद्योगिक अधोसंरचनाएं विकसित की जायेंगी। छतरपुर जिले के ग्राम चन्द्रपुरा में 50 हेक्टेयर क्षेत्र में वुडन फर्नीचर क्लस्टर और छतरपुर शहर में 55 हेक्टेयर क्षेत्र में ग्रेनाइट पार्क की स्थापना की जायेगी। उन्होंने बताया कि टीकमगढ़ जिले के ग्राम ढोगा में 2.5 हेक्टेयर क्षेत्र में धातु शिल्पियों के लिये बेलमेटल काम्पलेक्स बनाया जायेगा। जिले के ग्राम खरगापुर में प्रस्तावित रेलवे लाइन पर स्टेशन होने के कारण औद्योगिक विकास की प्रबल संभावनाओं को देखते हुए 10 हेक्टेयर क्षेत्र में ग्रेनाइट पार्क की स्थापना प्रस्तावित है। उद्योगविहीन विकासखण्ड होने के कारण टीकमगढ़ और पृथ्वीपुर तहसीलों में 25-25 हेक्टेयर क्षेत्रों में एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट जोन (ए.ई.जेड.) योजना के तहत धनिया, अदरक, मैथी के खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना प्रस्तावित है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा डॉ. आदर्श के निधन पर शोक व्यक्त

मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा डॉ. आदर्श के निधन पर शोक व्यक्त
संजय गुप्‍ता(मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो चीफ 03 मार्च08/मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने साहित्यकार डॉ. ब्रजभूषण सिंह आदर्श के निधन पर शोक व्यक्त किया है। श्री चौहान ने अपने शोक संदेश में कहा कि अविभाजित मध्यप्रदेश में पत्रकार, साहित्यकार और जनसम्पर्क कर्मी के रूप में डॉ. आदर्श की सेवाएं उल्लेखनीय रही हैं।
उल्लेखनीय है कि जनसम्पर्क विभाग से सन् 1988 में उप संचालक के पद से सेवानिवृत्त डॉ. आदर्श सेवानिवृत्ति के बाद बिलासपुर में रह रहे थे, जहां आज उनका निधन हुआ। डॉ. आदर्श के पुत्र और सुप्रसिध्द कहानीकार श्री शशांक भोपाल दूरदर्शन के सहायक निदेशक रहने के बाद वर्तमान में पटना दूरदर्शन में निदेशक पद पर कार्यरत हैं।
श्री चौहान ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा को शांति देने और शोक संतप्त परिजनों को इस दुख को सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना की है।

जनसम्पर्क मंत्री द्वारा ख्यातनाम पत्रकार एवं साहित्यकार डा. ब्रजभूषण सिंह 'आदर्श' के निधन पर शोक

जनसम्पर्क मंत्री द्वारा ख्यातनाम पत्रकार एवं साहित्यकार डा. ब्रजभूषण सिंह 'आदर्श' के निधन पर शोक
संजय गुप्‍ता(मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो चीफ 03 मार्च08/जनसम्पर्क एवं संस्कृति मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने ख्यातनाम पत्रकार एवं साहित्यकार डा. ब्रजभूषण सिंह 'आदर्श' के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उन्हें श्रध्दांजलि अर्पित की है।
जनसम्पर्क एवं संस्कृति मंत्री श्री शर्मा ने अपने शोक संदेश में कहा है कि डा. आदर्श का साहित्य और पत्रकारिता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। शासकीय सेवा के दौरान उन्होंने आदिवासी अंचलों में कार्यरत रहकर अपने उत्तरदायित्व का दक्षतापूर्वक निर्वहन किया। उनका निधन साहित्य और पत्रकारिता जगत की अपूरणीय क्षति है।
अविभाजित मघ्यप्रदेश के जाने-माने पत्रकार एवं साहित्यकार डा. ब्रजभूषण सिंह 'आदर्श' का बिलासपुर में दु:खद निधन हो गया। डा. आदर्श ने मध्यप्रदेश में लंबे समय तक पत्रकारिता की। उन्होंने जबलपुर से पत्रकारिता की डिग्री में स्वर्ण पदक प्राप्त किया। डा. आदर्श ने प्रसिध्द साहित्यकार श्री नंददुलारे बाजपेयी के निर्देशन में पी.एच.डी. की उपाधि प्राप्त की।
भोली जिला उन्नाव उत्तरप्रदेश में 30 मार्च 1930 को जन्मे 'आदर्श' ने 40 से अधिक किताबें लिखीं। ऑंखे-ऑंसू और कब्र, नया सबक (कहानी संग्रह) उनकी प्रमुख रचनाओं में से हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के साहित्यकारों के इतिहास पर भी उल्लेखनीय कार्य किया। उन्होंने अविभाजित मध्य प्रदेश के साहित्यकारों के इतिहास पर आधारित श्रृंखलाबध्द लेखन किया जिसे काफी सराहा गया। डा. आदर्श मध्यप्रदेश के जनसम्पर्क विभाग में 1988 में उप संचालक के पद से सेवानिवृत्त हुए।

ऊर्जा संरक्षण पर कार्यशाला

ऊर्जा संरक्षण पर कार्यशाला
संजय गुप्‍ता(मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो चीफ 03 मार्च08/जिला पंचायत एवं म.प्र.ऊर्जा विकास निगम तथा मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में मैनिट के एनर्जी सेंटर में जिला अक्षय ऊर्जा सलाहकार समिति सदस्यों का वैकल्पिक ऊर्जा एवं ऊर्जा संरक्षण पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री शैतान सिंह पाल,अध्यक्ष कुक्कुट विकास निगम तथा मुख्य अतिथि श्री दीपक जोशी,विधायक आगली (देवास) रहे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री शैतान सिंह पाल द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में ऊर्जा संरक्षण पर जोर दिया ताकि गांव में गोबर गैस आदि वैकल्पिक ऊर्जा के साधन का ग्रामों के विकास हेतु भरपूर उपयोग हो सके एवं इस हेतु ग्रामीणों को शिक्षित करने का आव्हान किया। मुख्य अतिथि श्री दीपक जोशी ने सौर, पवन एवं गोबर गैस के उपयोग पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इसमें अधिक शोध एवं विकास की असीम संभावनाएं हैं। नेता प्रतिपक्ष नगर निगम भोपाल श्री अशोक पाण्डे ने सौर ऊर्जा के उपलब्ध संयंत्रों में अनुदान देकर जन सामान्य को उन्हें उपलब्ध कराने की आवश्यकता पर जोर दिया।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं सलाहकार समिति के सदस्य सचिव श्री ज्ञानेश्वर पाटिल ने कहा कि इस क्षेत्र में परिणाम मूलक कार्रवाई होनी चाहिए। उपलब्ध फंड का सही दिशा में विशेष कर अंचल में जनजागृति फैलाने हेतु अधिकाधिक प्रचार प्रसार की आवश्यकता पर बल दिया। इसके लिए उन्होंने सदस्यों के माध्यम से भारत के अन्य प्रदेशों को जो कि ऊर्जा के क्षेत्र में प्रगतिशील हैं विशेषकर महाराष्ट्र और आंध्रप्रदेश के क्षेत्रों का भ्रमण कराया जाकर जिले में आम जनता को सौर चलित गोर गैस, बायोमास एवं पवन ऊर्जा का दोहन कर ऊर्जा स्त्रोतो का समुचित उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।
अंत में संभागीय अधिकारी श्री हिमांशु जोशी ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया। कार्यशाला के विभिन्न विशेषज्ञों श्री बी.के.पटेल, अधीक्षण यंत्री ऊर्जा विकास निगम एवं श्री बम्बोरिया, निदेशक नवीन एवं नवीनीकरण ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार ने भी कार्यशाला को संबोधित किया।

सोमवार, 31 मार्च 2008

गृहमंत्री श्री हिम्मत कोठारी आज हैलो डी.डी. कार्यक्रम में

गृहमंत्री श्री हिम्मत कोठारी आज हैलो डी.डी. कार्यक्रम में
गृहमंत्री श्री हिम्मत कोठारी एक अप्रैल को दूरदर्शन भोपाल से प्रसारित होने वाले हैलो डी.डी कार्यक्रम में दर्शकों से सीधा संवाद करेगें। एक अप्रैल को अपरान्ह 4.10 बजे से प्रसारित होने वाले इस कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार श्री ललित शास्त्री विश्लेषक के रूप में भाग लेंगे। इस कार्यक्रम के प्रस्त्रोता पत्रकार श्री शरद द्विवेदी और कार्यक्रम निर्माता श्री साजिद रिज़बी हैं।
हैलो डी.डी. कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रदेश की कानून व्यवस्था के सदर्भ में चर्चा होगी।

प्रदेश की 3382 देशी-विदेशी मदिरा दुकानों के निष्पादन से 1613.24 करोड़ की आय

गत वर्ष से 18 प्रतिशत अधिक राजस्व प्राप्त
आबकारी विभाग की कुल 3382 दुकानों का निष्पादन कर लिया गया है। आबकारी आयुक्त टी. धर्माराव ने बताया कि निष्पादन से प्रदेश को 1613.24 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा जो कि पिछले वर्ष से 18 प्रतिशत अधिक है।
आबकारी विभाग द्वारा इस वर्ष 2008-09 के लिए देशी मदिरा की 2677 एवं विदेशी मदिरा की 765, इस प्रकार कुल 3382 दुकानों का निष्पादन सम्पन्न कर लिया गया है। राज्य शासन को इन दुकानों के निष्पादन से गत वर्ष 2007-08 में 1367.61 करोड़ रुपये के विरुध्द वर्तमान वर्ष 2008-09 में 1613.24 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा जो कि गत वर्ष से लगभग 18 प्रतिशत अधिक है। उल्लेखनीय है कि विभाग द्वारा पिछले वर्ष भी मदिरा दुकानों के निष्पादन में 18.46 प्रतिशत वृध्दि प्राप्त की गई है। इस प्रकार लगातार दो वर्षों में 18 प्रतिशत से अधिक वृध्दि प्राप्त करना विभाग की उल्लेखनीय उपलब्धि है।
आबकारी आयुक्त ने बताया कि प्रदेश के 30 जिलों गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, श्योपुर, धार, झाबुआ, खरगौन, बड़वानी, खण्डवा, बुरहानपुर, राजगढ़, विदिशा, सीहोर, रायसेन, होशंगाबाद, हरदा, बैतूल, कटनी, मण्डला, डिण्डोरी, सिवनी, बालाघाट, नीमच, रतलाम, देवास, शाजापुर, सागर, शहडोल, अनूपपुर एवं उमरिया में गत वर्ष की तुलना में वृध्दि 20 प्रतिशत या इससे अधिक प्राप्त हुई है।
इसी प्रकार संभागों में गत वर्ष की तुलना में वृध्दि उज्जैन संभाग में 19.43 प्रतिशत, रीवा में 19.08 प्रतिशत, सागर में 18.71 प्रतिशत, इंदौर में 18.62 प्रतिशत, भोपाल में 18.23 प्रतिशत, जबलपुर में 16.18 प्रतिशत तथा ग्वालियर संभाग में 15.98 प्रतिशत रही है।

प्रदेश की 3382 देशी-विदेशी मदिरा दुकानों के निष्पादन से 1613.24 करोड़ की आय

प्रदेश की 3382 देशी-विदेशी मदिरा दुकानों के निष्पादन से 1613.24 करोड़ की आय
गत वर्ष से 18 प्रतिशत अधिक राजस्व प्राप्त
आबकारी विभाग की कुल 3382 दुकानों का निष्पादन कर लिया गया है। आबकारी आयुक्त टी. धर्माराव ने बताया कि निष्पादन से प्रदेश को 1613.24 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा जो कि पिछले वर्ष से 18 प्रतिशत अधिक है।
आबकारी विभाग द्वारा इस वर्ष 2008-09 के लिए देशी मदिरा की 2677 एवं विदेशी मदिरा की 765, इस प्रकार कुल 3382 दुकानों का निष्पादन सम्पन्न कर लिया गया है। राज्य शासन को इन दुकानों के निष्पादन से गत वर्ष 2007-08 में 1367.61 करोड़ रुपये के विरुध्द वर्तमान वर्ष 2008-09 में 1613.24 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा जो कि गत वर्ष से लगभग 18 प्रतिशत अधिक है। उल्लेखनीय है कि विभाग द्वारा पिछले वर्ष भी मदिरा दुकानों के निष्पादन में 18.46 प्रतिशत वृध्दि प्राप्त की गई है। इस प्रकार लगातार दो वर्षों में 18 प्रतिशत से अधिक वृध्दि प्राप्त करना विभाग की उल्लेखनीय उपलब्धि है।
आबकारी आयुक्त ने बताया कि प्रदेश के 30 जिलों गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, श्योपुर, धार, झाबुआ, खरगौन, बड़वानी, खण्डवा, बुरहानपुर, राजगढ़, विदिशा, सीहोर, रायसेन, होशंगाबाद, हरदा, बैतूल, कटनी, मण्डला, डिण्डोरी, सिवनी, बालाघाट, नीमच, रतलाम, देवास, शाजापुर, सागर, शहडोल, अनूपपुर एवं उमरिया में गत वर्ष की तुलना में वृध्दि 20 प्रतिशत या इससे अधिक प्राप्त हुई है।
इसी प्रकार संभागों में गत वर्ष की तुलना में वृध्दि उज्जैन संभाग में 19.43 प्रतिशत, रीवा में 19.08 प्रतिशत, सागर में 18.71 प्रतिशत, इंदौर में 18.62 प्रतिशत, भोपाल में 18.23 प्रतिशत, जबलपुर में 16.18 प्रतिशत तथा ग्वालियर संभाग में 15.98 प्रतिशत रही है।

प्रदेश की 3382 देशी-विदेशी मदिरा दुकानों के निष्पादन से 1613.24 करोड़ की आय

प्रदेश की 3382 देशी-विदेशी मदिरा दुकानों के निष्पादन से 1613.24 करोड़ की आय
गत वर्ष से 18 प्रतिशत अधिक राजस्व प्राप्त
आबकारी विभाग की कुल 3382 दुकानों का निष्पादन कर लिया गया है। आबकारी आयुक्त टी. धर्माराव ने बताया कि निष्पादन से प्रदेश को 1613.24 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा जो कि पिछले वर्ष से 18 प्रतिशत अधिक है।
आबकारी विभाग द्वारा इस वर्ष 2008-09 के लिए देशी मदिरा की 2677 एवं विदेशी मदिरा की 765, इस प्रकार कुल 3382 दुकानों का निष्पादन सम्पन्न कर लिया गया है। राज्य शासन को इन दुकानों के निष्पादन से गत वर्ष 2007-08 में 1367.61 करोड़ रुपये के विरुध्द वर्तमान वर्ष 2008-09 में 1613.24 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा जो कि गत वर्ष से लगभग 18 प्रतिशत अधिक है। उल्लेखनीय है कि विभाग द्वारा पिछले वर्ष भी मदिरा दुकानों के निष्पादन में 18.46 प्रतिशत वृध्दि प्राप्त की गई है। इस प्रकार लगातार दो वर्षों में 18 प्रतिशत से अधिक वृध्दि प्राप्त करना विभाग की उल्लेखनीय उपलब्धि है।
आबकारी आयुक्त ने बताया कि प्रदेश के 30 जिलों गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, श्योपुर, धार, झाबुआ, खरगौन, बड़वानी, खण्डवा, बुरहानपुर, राजगढ़, विदिशा, सीहोर, रायसेन, होशंगाबाद, हरदा, बैतूल, कटनी, मण्डला, डिण्डोरी, सिवनी, बालाघाट, नीमच, रतलाम, देवास, शाजापुर, सागर, शहडोल, अनूपपुर एवं उमरिया में गत वर्ष की तुलना में वृध्दि 20 प्रतिशत या इससे अधिक प्राप्त हुई है।
इसी प्रकार संभागों में गत वर्ष की तुलना में वृध्दि उज्जैन संभाग में 19.43 प्रतिशत, रीवा में 19.08 प्रतिशत, सागर में 18.71 प्रतिशत, इंदौर में 18.62 प्रतिशत, भोपाल में 18.23 प्रतिशत, जबलपुर में 16.18 प्रतिशत तथा ग्वालियर संभाग में 15.98 प्रतिशत रही है।

सब्जी, फल मसाले एवं फूलों का उत्पादन बढ़ाने की योजना

सब्जी, फल मसाले एवं फूलों का उत्पादन बढ़ाने की योजना
उद्यानिकी विभाग द्वारा पंचवर्षीय योजना काल में फल, सब्जियों एवं मसाले के उत्पादन को बढ़ाने की कार्य योजना बनाई गई है। इसी प्रकार फूलों की खेती को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।
उद्यानिकी विभाग द्वारा पंचवर्षीय योजना में फलों का उत्पादन 6 प्रतिशत, सब्जी का 25 प्रतिशत एवं मसालों का 50 प्रतिशत बढ़ाने की कार्य योजना बनाई गई है।
प्रदेश के आम बाहर भी
रीवा का आम सुंदरजा अखिल भारतीय आम प्रदर्शनी में कई बार प्रथम पुरस्कार प्राप्त कर चुका है। होशंगाबाद, रीवा, ग्वालियर का अमरूद, छिन्दवाड़ा, बैतूल, होशंगाबाद, शाजापुर और राजगढ़ का नागपुरी संतरा की विशेष पहचान प्रदेश में बन चुकी है। इसी प्रकार से बुरहानपुर का केला, मालवा में आलू एवं रतलाम में अंगूर का उत्पादन उच्च गुणवत्ता का होने के कारण इनकी मांग प्रदेश के बाहर भी होने लगी है।
अमरकंटक तथा पचमढ़ी क्षेत्र में अनुकूल जलवायु को दृष्टिगत रखते हुए नाशपाती की खेती को बढ़ावा दिये जाने की योजना है। पंचवर्षीय योजना में मशरूम की खेती में कृषको को वैकल्पिक रोजगार उपलब्ध कराने की दृष्टि से मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण को बढ़ावा दिया जायेगा। मसाले वाली फसलो को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मसाला मिनीकिट योजना चालू की गई है। योजना के तहत धनिया, मिर्च, लहसुन, अदरक आदि के एक लाख 18 हजार मसाला मिनिकिट किसानों को दिये गये।
प्रदेश में फूलो की लगातार मांग बढ़ती जा रही है। पुष्पों की व्यवसायिक खेती से होने वाले कम क्षेत्र से अधिक आमदनी होती है। फूलों की बढ़ती मांग तथा निर्यात की संभावनाओं को ध्यान में रखकर पुष्प प्रदर्शन की योजना क्रियान्वित की जा रही है। इस योजना के तहत गुलाब, रजनी गंधा, आस्टर, गेंदा, गुलदाऊदी, ग्लेडियोलाई आदि प्रमुख पुष्पों के प्रदर्शन किसानों के यहाँ डलवाये जाते है। ये प्रदर्शन किसानोें के खेतों में 1#25 हेक्टेयर में डलवाये जाते हैं। प्रति प्रदर्शन बीज, खाद एवं पौधो पर 4हजार रूपये का व्यय निर्धारित किया गया है।
इस राशि का 75 प्रतिशत अनुदान प्रति कृषक प्रति प्रदर्शन दिये जाने का प्रावधान है। अब तक 3386 पुष्प प्रदर्शन किसानों के खेतों में डाले गये है।
वर्तमान में प्रदेश में फलों के अंतर्गत 46 हजार 777 हेक्टेयर, सब्जी के अंतर्गत 1लाख 95 हजार 977 हे., मसाले वाली फसलों के अंतर्गत 2 लाख 7 हजार 563 हे., फूलों के अंतर्गत 3667 हे. क्षेत्र आच्छादित है।

मत्स्य महासंघ द्वारा श्री मोती कश्यप को 41 लाख रू. रायल्टी का चेक भेंट

मत्स्य महासंघ द्वारा श्री मोती कश्यप को 41 लाख रू. रायल्टी का चेक भेंट
म.प्र. मत्स्य महासंघ की संचालक समिति की बैठक सम्पन्न
मछली पालन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री मोती कश्यप को मध्यप्रदेश मत्स्य महासंघ ने आज यहाँ संचालक समिति की बैठक के दौरान 41 लाख रूपये का चेक भेंट किया। इसके पूर्व महासंघ ने दस लाख रूपये का चेक शासन को भेंट किया था। इस तरह म.प्र. मत्स्य महासंघ ने इस वर्ष के लक्ष्य 50 लाख के विरूध्द राज्य शासन को कुल 51 लाख रू. की रायल्टी का चेक भेंट किया। अपर मुख्य सचिव श्रीमती रंजना चौधरी, प्रमुख सचिव, मत्स्य पालन श्री राकेश अग्रवाल, प्रबंध संचालक म.प्र. मत्स्य महासंघ श्रीमती कंचन जैन, संचालक, मत्स्योद्योग श्री एच.एस. सिध्दू इस अवसर पर उपस्थित थे।
मध्यप्रदेश मत्स्य महासंघ ने श्री मोती कश्यप को चेक के साथ म.प्र. मत्स्य महासंघ को पिछले दिनों मिला आई.एस.ओ. प्रमाण पत्र 9001:2000 भी भेंट किया। म.प्र. मत्स्य महासंघ मत्स्य पालन में आई.एस.ओ. अवार्ड पाने वाला देश का पहला मत्स्य महासंघ है। आई.एस.ओ. प्रमाण पत्र महासंघ द्वारा संचालित गतिविधियों की गुणवत्ता, संधारण निर्धारित मापदण्डों के अनुसार पाए जाने पर दिया गया है।
मछली पालन राज्यमंत्री श्री मोती कश्यप ने संचालक समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मत्स्य महासंघ की वर्ष 2007-08 की प्रगति की समीक्षा की। श्री कश्यप ने मछुआ कल्याण निधि कोष के गठन के लिए मछली पालन मंत्री की अध्यक्षता में एक पांच सदस्यीय समिति बनाने के निर्देश दिए। बैठक में मत्स्य बीज, मत्स्य उत्पादन बढ़ाने की रणनीति पर विस्तृत चर्चा की गई। इसके अलावा महासंघ के भदभदा भोपाल में 'वरदान' के 1200 पौध रोपण, प्रदेश में निरंतर बढ़ते जल क्षेत्र पर मत्स्यबीज की बढ़ती आवश्यकता तथा क्षति पर विचार करते हुए मत्स्यबीज उत्पादन बढ़ाने, हेचरीज एवं पेरीफेरल नर्सरीज निर्माण, अवैध मत्स्याखेट रोकने, निजी सुरक्षा सेवाओं पर विचार, संविदा, नियुक्ति, अनुकम्पा नियुक्ति, नर्मदा घाटी विकास की गारलेंडिग योजना, मीनाक्षी योजना पर चर्चा की गई।
संचालक समिति की बैठक में मत्स्योद्योग, म.प्र. मत्स्य महासंघ, वित्त विभाग, सहकारिता विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया। बैठक में मुख्य रूप से प्रदेश के बढ़ते जलक्षेत्र का मछुआरों के हित में अधिकाधिक सदुपयोग पर बल दिया गया।

पी.एच.ई.मंत्री ने छात्रों को दी 7 विकास कार्यो की सौगातें

पी.एच.ई.मंत्री ने छात्रों को दी 7 विकास कार्यो की सौगातें
21.09 लाख लागत की 6 शालाओं का भूमिपूजन एवं लोकार्पण किया, मेघासिवनी में प्राथमिक शाला भवन बनाने की घोषणा
प्रदेश के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री चौधरी चन्द्रभान सिंह ने रविवार को विभिन्न ग्रामों में किए गए भ्रमण के दौरान छात्रों को 7 विकासमूलक कार्यो की सौगाते दी। आपने छात्रहित में ग्राम मेघासिवनी में 3.45 लाख लागत की प्राथमिक शाला भवन बनाने की घोषणा की। पीएचई मंत्री ने ग्राम झिरलिंगा में 3.45 लाख लागत से निर्मित होने वाले प्राथमिक शाला, ग्राम मेघासिवनी में 5.04 लाख लागत के माध्यमिक शाला, ग्राम मेघासिवनी मे ही 3.45 लाख लागत की प्राथमिक शाला और ग्राम केवलारी में 3.45 लाख लागत की प्राथमिक शाला भवन का भूमिपूजन किया। जबकि ग्राम कपरवाडी में 5.04 लाख लागत से बनी माध्यमिक शाला और 2.00 लाख लागत से निर्मित माध्यमिक शाला के मॉडल कलस्टर भवन तथा ग्राम केवलारी में 2.11 लाख लागत से निर्मित माध्यमिक शाला भवन के अतिरिक्त कक्ष का लोकार्पण किया।
पीएचई मंत्री ने भूमिपूजन एवं लोकार्पण के उपरान्त ग्रामीणजनों,छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुये कहा कि उपलब्ध शैक्षणिक सुविधाओं का उपयोग करते हुये आगे बढे। उन्होंने अभिभावकों का आहवान करते हुये कहा कि बच्चों के भावी जीवन को शिक्षा से ही उन्नत बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अभिभावक और ग्राम के बुजुर्गजन बच्चों को सतत पढ़ने के लिए प्रेरित करे जिससे देश के भावी कर्णधार उपलब्ध सुविधाओं का लाभ लेते हुये आगे बढ सके।

छिन्दवाड़ा जिले में 56.93 करोड रुपये का खनिज राजस्व अर्जित

छिन्दवाड़ा जिले में 56.93 करोड रुपये का खनिज राजस्व अर्जित
कलेक्टर अरुण पांडेय द्वारा बताया गया कि छिन्दवाड़ा जिले में वित्तीय वर्ष 2007- 08 के 28 मार्च की स्थिति में 56.93 करोड का राजस्व अर्जित किया गया है। उन्होंने बताया कि जिले में 52 करोड 50 लाख रुपये का राजस्व का लक्ष्य निर्धारित था। जिले में 4.43 करोड का अधिक राजस्व अर्जित किया गया है।

जेलो में चलाये जा रहे स्वावलम्बी कार्यक्रमो का बंदी लाभ लें : जेल मंत्री श्री अंतर सिंह आर्य

जेलो में चलाये जा रहे स्वावलम्बी कार्यक्रमो का बंदी लाभ लें : जेल मंत्री श्री अंतर सिंह आर्य
जेल के बंदियों के लिए तीन वर्षीय डिप्लोमा इंजीनियरिंग पाठयक्रम शुरू
जेल के बंदियों को तकनीकी शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से बंदियों के लिए आज से तीन वर्षीय डिप्लोमा पाठयक्रम प्रारंभ हुआ। इस पाठयक्रम का औपचारिक शुभारंभ जेल मंत्री श्री अंतरसिंह आर्य ने भोपाल केन्द्रीय जेल में किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बंदी जेलो में चलाये जा रहे विभिन्न स्वावलम्बी कार्यक्रमों का लाभ उठायें एवं रिहाई के बाद इस का जीवन में लाभ लें।
जेल मंत्री ने बताया कि प्रदेश में समस्त वर्गो के लिये अनेक कल्याणकारी योजनाए लागू की गई है। लंबे समय तक कारावासित जीवन व्यतीत करने वाला व्यक्ति आर्थिक और समाजिक रूप से छिन्न-भिन्न हो जाता है और समाज में उसे घृणा की दृष्टि से देखने का प्रयास किया जाता है। बंदी और समाज के बीच यह दूरी कैसे कम हो, इस हेतु गायत्री परिवार के सहयोग से जो जनपुरोहित प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया गया उसके पूरे प्रदेश में सकारात्मक परिणाम देखने को मिले है।
उन्होंने बताया कि सुधार का मार्ग डण्डे की मार से नहीं, आध्यात्म की राह से निकलता है। प्रदेश की जेलों में बंदी सुधार का यज्ञ जारी है। उन्होंने कहा कि सजा काल में बंदी अपने समय का सदुपयोग करे, हुनर मंद हो व समाज में किसी के अधीन न होते हुए स्वयं का रोजगार स्थापित करें। उन्होंने बंदियों का आव्हान करते हुए कहा कि जीवन में सीखे हुनर और कला ही जीवन में हर मोड़ पर साथ देगी। उन्होंने इस प्रशिक्षण को लागू करने में जेल अधिकारियों के प्रयासो की प्रशंसा की।
जेल मंत्री ने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को मुख्यमंत्री के निर्देश पर ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना में शामिल किया गया है। जेल मंत्री द्वारा इस अवसर पर जेल पर पूर्व में दिए गए मेट प्रशिक्षण में मैरिट प्राप्त बंदी शाहिद अंसारी, बंदी कमल जैन, बंदी सत्येन्द्र राय सहित समस्त 33 उत्तीर्ण बंदियों को प्रमाण पत्र वितरित किये। इस मौके पर उन्होंने केन्द्रीय जेल भोपाल पर परिरूद्व बंदियों की सजा में एक माह की छूट की घोषणा की।
कार्यक्रम में उपस्थित श्री पी.आर. स्वरूप, महानिदेशक निर्माण उद्योग विकास परिषद नई दिल्ली ने कहा कि पूर्व में विभाग द्वारा इस जेल पर बंदियों को मेट प्रशिक्षण दिया गया था। बंदियों की लगन और मेहनत को देखते हुए उनका विभाग देश में प्रथम बार तीन वर्षीय डिप्लोमा इंजीनियरिंग पाठयक्रम जिसके अन्तर्गत सिविल इलेक्ट्रिकल एवं मेकेनिकल विषयों की शिक्षा एवं प्रायोगिक शिक्षा के माध्यम से बंदियों को प्रशिक्षित किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि निर्माण के क्षेत्र में रोजगार की विभिन्न संभावनाओं का लाभ बंदी वर्ग को प्राप्त हो इस हेतु यह महत्वपूर्ण पाठयक्रम है। उन्होंने बताया कि प्रयास किये जा रहे हैं कि बंदियों को प्रशिक्षण प्राप्ति के पश्चात विभिन्न संस्थाओं द्वारा कैंपस के माध्यम से रोजगार उपलब्ध हो। प्रशिक्षण के दौरान इस बात के प्रयास रहेगे कि बंदियों को अंग्रेजी विषय का ज्ञान हो। इस अवसर पर उपस्थित श्री यशवंत सिंह दरबार, सदस्य म.प्र. राज्य अनुसूचित जन जाति आयोग द्वारा उद्बोधन देते हुए कहा कि निर्माण उद्योग विकास परिषद द्वारा प्रदाय किए जाने वाला यह प्रशिक्षण प्रदेश में ही नही बल्कि पूरे देश में एक मात्र बंदी कल्याण हेतु अनुकरणीय उदाहरण है। इस हेतु उन्होंने जेल मंत्री का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम के अंत में श्री के.पी. राही, उप सचिव जेल विभाग द्वारा आभार व्यक्त किया गया। इस अवसर पर श्री ए.के. खरे, अतिरिक्त महानिरीक्षक, श्री सोहैल अहमद, डा. लाल जी मिश्रा, जेल उप महानिरीक्षक म.प्र. एवं सिडसी नई दिल्ली के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

भोपाल में 8 अप्रैल को राज्यस्तरीय कार्यक्रम (मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना)

भोपाल में 8 अप्रैल को राज्यस्तरीय कार्यक्रम (मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना)
मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के अंतर्गत भोपाल में आगामी 8 अप्रैल को राज्यस्तरीय कार्यक्रम होगा। इस कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे। इस योजना की तैयारियों के संबंध में आज यहां मंत्रालय में बैठक का आयोजन मुख्य सचिव श्री राकेश साहनी की अध्यक्षता में किया गया। राज्य स्तरीय कार्यक्रम 8 अप्रैल को दोपहर 12 बजे भोपाल के मोतीलाल नेहरु स्टेडियम में आयोजित किया जायेगा। राज्य स्तरीय कार्यक्रम के बाद हर जिले में इस योजना का शुभारंभ होगा।
अन्नपूर्णा योजना के तहत प्रदेश के सभी बीपीएल परिवारों (गैर अन्त्योदय अन्न योजना हितग्राही परिवारों) को 3 रुपये प्रति किलो गेंहू एवं 4.50 रुपये प्रति किलो चावल की दर से, कम से कम 20 किलो खाद्यान्न प्रतिमाह उपलब्ध कराया जायेगा। भोपाल जिले में बी.पी.एल के 1 लाख 32 हजार परिवार है। राज्य स्तरीय कार्यक्रम में आने वाले परिवारों के लिये भोजन, पानी, टेंट की व्यवस्था, मेडिकल सुविधा आदि की बैठक में चर्चा की गई और निर्णय लिया कि इन व्यवस्थाओं के लिये समितियों और संस्थाओ को जिम्मेदारी सौंप दी जाय तथा संबंधित को आवश्यक निर्देश दिये गये।
बैठक में अपर मुख्य सचिव श्री प्रदीप भार्गव, प्रमुख सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति श्री एम.के. राय, प्रमुख सचिव अनुसूचित जाति जनजाति श्री ओ.पी. रावत, प्रमुख सचिव कृषि श्री प्रवेश शर्मा, प्रमुख सचिव वित्त श्री अशोक दास, आयुक्त मंडी श्री एस.एस. उप्पल, कमिश्नर भोपाल श्री पुखराज मारु एवं कलेक्टर भोपाल श्री आर.के. माथुर आदि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा मो. बिलाल के इलाज के लिये 2 लाख रूपये स्वीकृत

मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा मो. बिलाल के इलाज के लिये 2 लाख रूपये स्वीकृत
मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने इंदौर निवासी मोहम्मद बिलाल के उपचार के लिये स्वैच्छानुदान मद से दो लाख रूपये की राशि स्वीकृत की है। नयापीठा इंदौर निवासी मोहम्मद बिलाल प्रायमरी आक्सियोलिसिस रोग से ग्रस्त हैं। बिलाल का उपचार नई दिल्ली स्थित गंगाराम अस्पताल में हो रहा है।
किडनी और लीवर में खराबी की इस असाध्य बीमारी से जूझ रहे मोहम्मद बिलाल के पिता दिलवर हुसैन ने हाल ही में मुख्यमंत्री को उपचार में मदद के लिये पत्र लिखा था। पत्र प्राप्त होते ही श्री चौहान ने तत्काल दो लाख रूपये की राशि स्वीकृत कर गंगाराम अस्पताल को धनादेश भेजने के निर्देश दिये। श्री चौहान ने बिलाल के पिता को उसके उपचार के लिये आगे भी मदद करने का आश्वासन दिया है।

उपखण्ड स्तरीय समिति के सदस्यों और मास्टर ट्रेनर्स का प्रशिक्षण एक अप्रैल से 27 अप्रैल तक (वन अधिकार अधिनियम)

उपखण्ड स्तरीय समिति के सदस्यों और मास्टर ट्रेनर्स का प्रशिक्षण एक अप्रैल से 27 अप्रैल तक (वन अधिकार अधिनियम)
अखिल भारतीय प्रशासनिक एवं वन सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी देंगे प्रशिक्षण
राज्य शासन ने अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 से संबंधित अनुविभाग स्तरीय समिति तथा मास्टर ट्रेनर्स का प्रशिक्षण कार्यक्रम जारी कर दिया है। यह प्रशिक्षण महत्वपूर्ण एवं वरिष्ठ पदों पर कार्य का अनुभव रखने वाले अखिल भारतीय प्रशासनिक एवं वन सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारियों द्वारा दिया जायेगा। उपखण्ड स्तरीय समिति के सदस्यों और मास्टर ट्रेनर्स को एक अप्रैल से 27 अप्रैल तक दिया जायेगा। पन्ना, छतरपुर, सागर, सिवनी, छिन्दवाड़ा, मण्डला, कटनी, सीधी, रायसेन, विदिशा, सीहोर तथा बैतूल जिले में दो-दो समूहों में प्रशिक्षण कार्यक्रम निर्धारित किया गया है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के संबंध में जिला कलेक्टरों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिये गये हैं।
प्रमुख सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति कल्याण विभाग श्री ओ.पी. रावत द्वारा जारी वन अधिकार अधिनियम 2006 के निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार उपखण्ड स्तरीय समिति के सदस्य तथा मास्टर्स ट्रेनर्स का प्रशिक्षण ग्वालियर संभाग के ग्वालियर जिले में दो अप्रैल को, दतिया में तीन अप्रैल को, भिण्ड में चार अप्रैल को तथा मुरैना जिले में पांच अप्रैल को आयोजित होगा। सागर संभाग के दमोह जिले में आठ अप्रैल को, पन्ना में नौ अप्रैल को उपखण्ड स्तरीय समिति के सदस्यों का तथा 10 अप्रैल को मास्टर्स ट्रेनर्स को, छतरपुर में 11 अप्रैल को उपखण्ड स्तरीय समिति के सदस्यों को तथा 12 अप्रैल को मास्टर्स ट्रेनर्स को, टीकमगढ़ में 13 अप्रैल को तथा सागर जिले में 15 अप्रैल को उपखण्ड स्तरीय समिति के सदस्यों को तथा 16 अप्रैल को मास्टर्स ट्रेनर्स को प्रशिक्षण दिया जायेगा।
इसी प्रकार जबलपुर संभाग के छिन्दवाड़ा जिले में दो अप्रैल को उपखण्ड स्तरीय समिति के सदस्यों को तथा तीन अप्रैल को मास्टर्स ट्रेनर्स को, सिवनी जिले में चार अप्रैल को उपखण्ड स्तरीय समिति के सदस्यों को, पांच अप्रैल को मास्टर्स ट्रेनर्स को, बालाघाट में छह अप्रैल को, नरसिंहपुर में आठ अप्रैल को, जबलपुर में तीन अप्रैल को, मण्डला में चार अप्रैल को उपखण्ड स्तरीय समिति के सदस्यों को तथा पांच अप्रैल को मास्टर्स ट्रेनर्स को, डिण्डोरी में छह अप्रैल को तथा कटनी जिले में आठ अप्रैल को उपखण्ड स्तरीय समिति के सदस्यों को तथा नौ अप्रैल को मास्टर्स ट्रेनर्स को प्रशिक्षण दिया जायेगा।
उपखण्ड स्तरीय समिति के सदस्यों और मास्टर्स ट्रेनर्स के निर्धारित प्रशिक्षण कार्यक्रम के अनुसार उज्जैन संभाग के नीमच जिले में 19 अप्रैल को, मंदसौर में 20 अप्रैल को, रतलाम में 21 अप्रैल को, रीवा संभाग के सतना जिले में नौ अप्रैल को, रीवा में 10 अप्रैल को, सीधी में 11 अप्रैल को उपखण्ड स्तरीय समिति के सदस्यों को तथा 12 अप्रैल को मास्टर्स ट्रेनर्स को प्रशिक्षण दिया जायेगा। भोपाल संभाग के रायसेन जिले में एक अप्रैल को उपखण्ड स्तरीय सदस्यों को तथा दो अप्रैल को मास्टर्स ट्रेनर्स को, भोपाल में तीन अप्रैल को, विदिशा में 19 अप्रैल को उपखण्ड स्तरीय समिति के सदस्यों को तथा 20 अप्रैल को मास्टर्स ट्रेनर्स को, सीहोर में 21 अप्रैल को उपखण्ड स्तरीय समिति के सदस्यों को तथा 22 अप्रैल को मास्टर्स ट्रेनर्स को, बैतूल में 24 अप्रैल को उपखण्ड स्तरीय समिति के सदस्यों को तथा 25 अप्रैल को मास्टर्स ट्रेनर्स को, हरदा में 27 अप्रैल को तथा राजगढ़ जिले में 12 अप्रैल को उपखण्ड स्तरीय समिति के सदस्य तथा मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षण दिया जायेगा। इसी तरह इंदौर संभाग के खरगौन जिले में दो अप्रैल को, बड़वानी जिले में तीन अप्रैल को तथा इंदौर जिले में चार अप्रैल को उपखण्ड स्तरीय समिति के सदस्य तथा मास्टर्स ट्रेनर्स का प्रशिक्षण कार्यक्रम निर्धारित किया गया है।

मध्यान्ह भोजन में विन्ध्यावेली मसाले का उपयोग करें

मध्यान्ह भोजन में विन्ध्यावेली मसाले का उपयोग करें
जिला पंचायत छिन्दवाड़ा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी बी.एम.शर्मा द्वारा मध्यान्ह भोजन योजना अन्तर्गत म.प्र. खादी ग्रामोद्योग बोर्ड से संबंधित विन्ध्यावेली मसाले का उपयोग करने के निर्देश दिये गये है। इस सिलसिले में छिन्दवाड़ा जिले के जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों, खंड शिक्षा अधिकारियों तथा विकासखंड स्रोत समन्वयक को प्रेषित पत्र में कहा गया है कि मध्यान्ह भोजन के तहत किसी भी स्थिति में खुले मसालों का प्रयोग नहीं किया जाये उसके स्थान परखादी ग्रामोद्योग से संबंधित विन्ध्यावेली के मसाले क्रय करते हुये उपयोग में लाये जाये।

इंदौर जिले में रोजगार गारंटी योजना आज से

इंदौर जिले में रोजगार गारंटी योजना आज से
मजदूरों को वर्ष में सौ दिन रोजगार की गारंटी, 351 करोड़ रूपये की लागत के 13 हजार विकास कार्य होंगे
इंदौर जिले में रोजगार गारंटी योजना एक अप्रैल से शुरू हो रही है। इसके तहत जिले में ग्रामीण क्षेत्र में मजदूरों को वर्ष में सौ दिन रोजगार की सुनिश्चितता की जायेगी। जिले में योजना के तहत करीब पौने 2 लाख गरीब परिवारों को जाब कार्ड दिये गये हैं। वित्तीय वर्ष में रोजगार उपलब्ध कराने के लिये जिले में 351 करोड़ रूपये लागत के 13 हजार विकास कार्य कराये जायेंगे।
इस योजना के लागू होने के बाद अब जिले के ग्रामीण क्षेत्रों का कोई भी मजदूर रोजगार के बगैर नहीं रहेगा। उनके द्वारा काम मांगे जाने पर सालभर में सौ दिन का रोजगार मुहैया कराया जायेगा। जिले में इस योजना के तहत करीब पौने दो लाख परिवारों का पंजीयन किया गया है। प्रत्येक परिवार के जाब कार्ड बनाये गये हैं। जिले में वित्तीय वर्ष 08-09 में मजदूरों को रोजगार मुहैया कराने के लिये 351 करोड़ रूपये के विकास कार्य कराने की योजना तैयार की गयी है। इस राशि से करीब 13 हजार समुदाय तथा हितग्राही मूलक विकास कार्य होंगे। जिले में योजना के तहत एक अप्रैल को सभी 335 ग्राम पंचायतों में कम से कम ढाई-ढाई लाख रूपये के श्रम मूलक कार्य प्रारंभ होंगे।
कलेक्टर श्री विवेक अग्रवाल ने इस योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने बताया कि योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये व्यापक तैयारियां की गयी हैं। जिले की सभी 335 ग्राम पंचायतों में योजना का प्रारंभ एक साथ होगा। प्रत्येक ग्राम पंचायत में गरीब मजदूरों को रोजगार मुहैया कराने के लिये ढ़ाई-ढाई लाख रूपये के कार्य स्वीकृत किये गये हैं। इस दिन इस राशि से 5 समुदाय मूलक तथा 20 से 25 कार्य हितग्राही मूलक शुरू किये जायेंगे। जिले में 1675 सामुदायिक तथा 8375 हितग्राही मूलक कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति दी जा चुकी है। सभी कार्यों के लिये ले आउट डलवा दिये गये हैं। इस दिन सभी ग्राम पंचायतों में विशेष ग्राम सभायें भी होंगी। कार्य शुभारंभ के लिये स्थानीय जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है। सभी ग्राम पंचायतों के खाते भी बैंकों में खुलवा दिये गये हैं।
संभाग के छह अन्य जिलों में रोजगार गारंटी योजना पहले से लागू है। इन जिलों में योजना के तहत अब तक 729 करोड़ 16 लाख रूपये के व्यय से 27 हजार 976 विकास कार्य कराये जा चुके हैं। संभाग के इन जिलों में इन दिनों योजना के तहत 53 हजार 287 विकास कार्य प्रगति पर हैं। इंदौर जिले में एक अप्रैल से योजना के लागू होने के बाद अब इस योजना का लाभ संभाग के सभी जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों के मजदूरों को मिलेगा।

पदस्थापना

पदस्थापना
राज्य शासन द्वारा श्री डी.के. बापना, महाप्रबंधक मध्यप्रदेश मत्स्य महासंघ (सहकारी) मर्यादित, भोपाल की सेवायें प्रतिनियुक्ति से वापिस लेते हुए उन्हें संयुक्त संचालक, मत्स्योद्योग ग्वालियर में पदस्थ किया गया है।
एक अन्य आदेश में श्री ओ.पी. सक्सेना उप संचालक, मत्स्योद्योग, सिवनी की सेवाएं प्रतिनियुक्ति पर एक वर्ष के लिए मध्यप्रदेश मत्स्य महासंघ (सहकारी) मर्यादित, भोपाल में महाप्रबंधक पद के लिये सौंपी गई हैं।

बुंदेलखंड इन्वेस्टर्स मीट अब 11 अप्रैल को होगी

बुंदेलखंड इन्वेस्टर्स मीट अब 11 अप्रैल को होगी
सागर में आगामी 8 अप्रैल को आयोजित होने वाली बुंदेलखंड इन्वेस्टर्स मीट अब 11 अप्रैल को होगी। अपरिहार्य कारणों से इन्वेस्टर्स मीट की आयोजन तिथि में यह परिवर्तन किया गया है।
उल्लेखनीय है कि बुंदेलखंड अंचल की औद्योगिक संभावनाओं को साकार करने के उद्देश्य से खजुराहो, इन्दौर और जबलपुर के बाद अब सागर में इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन किया जा रहा है। इस मीट में करीब 550 निवेशकों के शामिल होने की उम्मीद है।

उद्योग मंत्री श्री मलैया सागर में मेडिकल कॉलेज और इन्वेस्टर्स मीट से संबंधित बैठक में भाग लेंगे

उद्योग मंत्री श्री मलैया सागर में मेडिकल कॉलेज और इन्वेस्टर्स मीट से संबंधित बैठक में भाग लेंगे
वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार, आवास एवं पर्यावरण मंत्री श्री जयंत मलैया दो अप्रैल को सागर में मेडिकल कॉलेज की स्थापना और बुंदेलखण्ड इन्वेस्टर्स मीट के आयोजन के संबंध में आयोजित समीक्षा बैठकों में भाग लेंगे। श्री मलैया दमोह और रीठी में आयोजित कार्यक्रमों में भी शिरकत करेंगे।
निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार उद्योग मंत्री श्री जयंत मलैया दो अप्रैल को सुबह भोपाल से प्रस्थान कर 11.00 बजे सागर पहुंचेंगे जहां वे 11.15 बजे सागर मेडिकल कॉलेज के निर्माणाधीन भवन का निरीक्षण करने के बाद मेडिकल कॉलेज की स्थापना की समीक्षा के लिये आयोजित बैठक में भाग लेंगे। श्री मलैया दोपहर 12.00 बजे सागर में 11 अप्रैल को प्रस्तावित बुंदेलखण्ड इन्वेस्टर्स मीट के संबंध में तैयारियों की समीक्षा करेंगे। श्री मलैया शाम 7.30 बजे बड़ा बाजार सागर में साहू समाज द्वारा आयोजित कर्मा जयंती के कार्यक्रम में भाग लेंगे।
श्री मलैया तीन अप्रैल को प्रात: सागर से प्रस्थान कर दमोह पहुंचेंगे जहां वे पूर्वान्ह 11.00 बजे रिंग रोड का भूमि पूजन करेंगे। उद्योग मंत्री चार अप्रैल को दमोह से प्रस्थान कर कटनी जिले के रीठी कस्बे में सकल दिगंबर समाज के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण करेंगे। श्री मलैया कटनी होकर पांच अप्रैल को सुबह भोपाल लौटेंगे।

आज से मिलेगी ग्रामीण परिवारों को 100दिन के रोजगार की गारंटी

आज से मिलेगी ग्रामीण परिवारों को 100दिन के रोजगार की गारंटी
मुरैना जिले में एक अप्रैल से राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम मध्य प्रदेश प्रारंभ की जा रही है। इस योजना के तहत ग्रामीण परिवारों को 100 दिन के रोजगार की गारंटी दी जायेगी। एक अप्रैल को सभी ग्रामों में विशेष ग्राम सभा आयोजित कर ग्रामीणों को योजना के वारे में बताया जायेगा और प्रारंभ किये जा रहे कार्यों से अवगत कराया जायेगा। सभी ग्राम पंचायतों में एक अप्रैल से कार्य शुरू कराये जायेंगे।
ठेकेदारी और मशीनों का उपयोग पाये जाने पर आपराधिक प्रकरण दर्ज कराये जायेंगे
कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने स्पष्ट किया है कि 1 अप्रैल से जिले में प्रारंभ हो रही राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम मध्य प्रदेश के कार्यों में ठेकेदारी और मशीनों के उपयोग को सख्ती से रोका जायेगा। उन्होंने समस्त ग्राम पंचायतों के सरपंच को निर्देश दिए है कि योजना के कार्यों को ठेकेदारी के माध्यम से नहीं कराया जाय और मशीनों का उपयोग कतई नहीं कराया जाय। उन्होने कहा कि योजना के कार्यों पर ठेकेदारी अथवा मशीनों का उपयोग पाये जाने पर संबंधित ठेकेदार, मशीनों के मालिक और कार्य एजेन्सी के विरूध्द पुलिस में आपराधिक प्रकरण कायम कराये जायेगें।
कलेक्टर एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक श्री आकाश त्रिपाठी ने बताया कि जिले की 7 जनपद और 489 ग्राम पंचायतों में कराये गये सर्वे अनुसार 3 लाख 3 हजार 388 ग्रामीण परिवार पाये गये हैं। ग्राम पंचायतों के सचिवो को इन सभी परिवारों के जॉवकार्ड वितरित करने हेतु प्रदत्त कर दिये गये है। फोटो ग्राफी का कार्य प्रगति पर है। अभी तक एक लाख से अधिक फोटो खींचे जा चुके हैं। योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए पंचायत पदाधिकारियों और कर्मियों को तीन चरणों में प्रशिक्षण दिया जा चुका है। प्रत्येक ग्राम पंचायत में परीक्षा उत्तीर्ण 3 मेट्स उपलब्ध हैं। प्रत्येक ग्राम में सतर्कता एवं मूल्यांकन समिति का गठन किया जा चुका है। इस समिति के प्रमाणी करण के आधार पर ही मजदूरों को एकांउट पेयी चेक के माध्यम से मजदूरी का भुगतान किया जायेगा।
योजना के अन्तर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायत में 5 सामुदाबयक तथा प्रत्येक ग्राम में 10बहतग्राही मूलक कार्यों की तकनीकी और प्रघाासकीय स्वीकृबत दी जा चुकी है। कार्य प्रारंभ होने से पहले कार्य स्थल की और प्रारंभ होने के पघचात मजदूरों के साथ फोटो ग्राफी कराने के बनर्देघा बदये गये है। योजना के तहत पूर्ण पारदर्घाता बरती जायेगी। मजदूरी दर 69 रूपये प्रबतबदन रहेगी लेबकन मजदूरी का भुगतान बजतना काम उतने दाम के आधार पर बकया जायेगा। योजना के तहत कोई भी पबरवार आवघयकता अनुसार ग्राम पंचायत में आवेदन कर काम की मांग कर सकेगा। कार्य कीदैबनक प्रगबत देने के बलए 98 पंचायत समन्वयक अबधकाबरयों की डयूटी लगाई गई है। प्रबतबदन के कार्य की जॉवकार्ड में प्रबवष्ट की जायेगी।

आर्थिक और सामाजिक सशक्ती करण के लिए महिलाओं का शिक्षित होना जरूरी - सीईओ श्री वर्मा

आर्थिक और सामाजिक सशक्ती करण के लिए महिलाओं का शिक्षित होना जरूरी - सीईओ श्री वर्मा
महिला जागृति शिविर सम्पन्न
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री अभय वर्मा ने कहा है कि महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक सशक्तीकरण के लिए बालिकाओं की शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।केरल राज्य में, जहां महिला साक्षरता अधिक है, वहां की महिलायें आर्थिक और सामाजिक रूप से काफी मजबूत हैं। श्री वर्मा आज यहां महिला जागृति शिविर में उपस्थित महिलाओं को सम्बोधित कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता महिला बाल विकास एवं स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष श्री अशोक सिंह सिकरवार ने की। श्रीमती सुधा बंसल और श्री रामसनेही विशिष्ठ अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
श्री वर्मा ने कहा कि शासन ने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए अनेकलाभकारी योजनायें संचालित की हैं। जरूरत इन योजनाओं का शिक्षित एवं जागरूक हो कर लाभ उठाने की है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के शिक्षित होने पर ही दहेज, बाल विवाह , कन्या भ्रूण हत्या जैसी कुरीतियां दूर हो सकेंगी। एक बालिकाके शिक्षित होने पर दो परिवार मजबूत होते हैं।इसलिए बालिका शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जायऔर हर वालिका को शिक्षित करने का संकल्प लिया जाय। उन्होंने कहाकि महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति भी जागरूक होना जरूरी है। उन्होने कहा कि शासन ने महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए जेण्डर वजटिंग प्रणाली शुरू की। मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में जिले में चार सौ कन्याओं के विवाह सम्पन्न हुए हैं। राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम मध्य प्रदेश के अन्तर्गत भी एक तिहाई महिलाओं को रोजगार देने का प्रावधान किया गया है।
श्री वर्मा ने लाड़ली लक्ष्मी योजना के अन्तर्गत प्रगति, राखी उर्फ रक्षा, भूमिका, अनामिका, शिवानी और किरणको 6-6 हजार रूपये के राष्ट्रीय बचत पत्र प्रदत्त किये। इस योजना के अन्तर्गत जिले में अभी तक 720 के लक्ष्य की तुलना में 744 वालिकाओं के प्रकरण तैयार किये जा चुके हैं। उन्होंने दो अति गरीब महिलाओं को पांच-पांच सौ रूपये की प्रसव पूर्व सहायता वितरित की। लाडली लक्ष्मी योजना में उत्कृष्ट कार्य करने वाली पर्यवेक्षक और कार्यकर्ताओं को पुरस्कृत किया गया।
शिविर को श्री अशोक सिंह सिकरवार, श्री रामसनेही और श्रीमती सुधा बंसल ने भी सम्बोधित किया तथा दहेज और कन्या भ्रूण हत्या एवं वेश्यावृति जैसी सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के लिए महिलाओं की साक्षरता पर जोर दिया।
प्रारंभ में जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री प्रदीप राय ने शिविर के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन परियोजना अधिकारी जौरा श्री विवेक विन्चुरकर ने किया तथा अंत में सभी की उपस्थिति के प्रति परियोजना अधिकारी अम्बाह श्री संजय अग्रवाल ने आभार ज्ञापित किया।

फोटोग्राफी से शेष रहे मतदाताओं की फोटोग्राफी 5 से 25 मई 08 तक : कलेक्टर श्री माथुर

फोटोग्राफी से शेष रहे मतदाताओं की फोटोग्राफी 5 से 25 मई 08 तक : कलेक्टर श्री माथुर
जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर श्री आर.के. माथुर ने आज निर्वाचन संबंधी महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा के लिए राजनैतिक दलों के जिलास्तरीय पदाधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए बताया कि फोटोयुक्त नामावली तैयार करने का कार्य तेजी से पूर्ण किया जा रहा है। जिन मतदाताओं के फोटो रह गए हैं उनकी फोटोग्राफी का कार्य 5 मई से आरंभ होकर 25 मई 08 तक पूर्ण कर लिया जायेगा। उन्होंने बताया कि भोपाल जिले में फोटोयुक्त परिचय पत्रों का वितरण 15 अप्रैल 08 से आरंभ किया जायेगा। मतदाता सूची का संक्षिप्त पुनरीक्षण और प्रारूप का प्रकाशन माह जून 08 में और मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन माह अगस्त 08 में कर दिया जायेगा।
श्री माथुर ने बताया कि निर्वाचन नामावलियों में यदि मतदाता के नाम,पते में कोई त्रुटि है तो वह संशोधन के लिए निर्धारित प्रपत्र में अपने क्षेत्र के रजिस्ट्रीकरण अधिकारी को आवेदन प्रस्तुत कर सकता है। उन्होंने राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों से कहा कि वे मतदान केन्द्रों के युक्तियुक्तकरण संबंधी और मतदाताओं को मतदान करने में किसी प्रकार की असुविधा न हो ऐसे सुझाव तैयार कर प्रस्तुत करें। राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों को आज बैठक में फोटोयुक्त मतदाता सूचियों का एक-एक सेट और फोटो रहित मतदाता सूची की पी.डी.एफ.सीडी नि:शुल्क उपलब्ध कराई गई और चुनाव से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियों पर आधारित क्षेत्र का नक्शा सहित फोल्डर भी उपलब्ध कराया गया।
बैठक में भाजपा के श्री आलोक संजर, कांग्रेस के श्री जहीर अहमद, बसपा के श्री विष्णु कांकणे, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के श्री शैलेन्द्र कुमार शैली, सीपीएम के श्री पुषण भट्टाचार्य, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के श्री खालिद हसन और समाजवादी पार्टी के श्री वाहिद अली खां सहित जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

खरीफ के क्षेत्र में वृध्दि कर उन्नत बीज की बुआई करें : संभागायुक्त डॉ. मारू

खरीफ के क्षेत्र में वृध्दि कर उन्नत बीज की बुआई करें : संभागायुक्त डॉ. मारू
खरीफ कार्यक्रमों की तैयारी की समीक्षा करते हुए भोपाल-होशंगाबाद संभागायुक्त डॉ. पुखराज मारू ने संभागस्तरीय कृषि अधिकारियों से कहा कि अधिक से अधिक उन्नत बीज की बुआई के लक्ष्य को पूरा करें। उन्होंने बताया कि खरीफ का सामान्य क्षेत्र 1786100 हेक्टैयर से बढ़कर इस वर्ष 1900300 हेक्टेयर करने का कार्यक्रम बनाया जा रहा है। इसके लिए विभिन्न शासकीय और अशासकीय संस्थाओं के माध्यम से 185526 क्विटल प्रमाणित बीज किसानों को उपलब्ध कराया जायेगा।
डॉ. मारू ने बताया कि गत खरीफ में 436 क्विंटल बीजोपचार औषधि वितरित की गई थी। इस वर्ष आठ गुना वृध्दि कर 3594 क्विंटल औषधि वितरित कराने का लक्ष्य रखा गया है। जिससे अधिक से अधिक क्षेत्र में उपचारित बीज बोया जा सके। इसी प्रकार गत वर्ष 195450 मैट्रिक टन उर्वरक वितरण किया गया था इसमें भी इस वर्ष वृध्दि कर लगभग 289257 मैट्रिक टन उर्वरक वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है।
उक्त सभी प्रकार की समग्रियां किसानों को ऋण पर उपलब्ध कराने के लिए सहकारी बैंकों के माध्यम से 617 करोड़ रूपये के ऋण उपलब्ध कराने का प्रावधान भी किया जा रहा है। जो गत वर्ष की खरीफ फसल से लगभग 200 करोड़ अधिक है। इस ऋण की प्राप्ति से कृषकों को समय पर बुआई संबंधी सभी प्रकार की व्यवस्थायें करने में बहुत अधिक सुविधा प्राप्त होगी।

संग प्रसंग-2 उत्सव में आज रवीन्द्र भवन में

संग प्रसंग-2 उत्सव में आज रवीन्द्र भवन में
सुश्री इलिआना सितारिस्टी की नृत्य प्रस्तुति
उत्कल दिवस के अवसर पर एक अप्रैल को रवीन्द्र भवन भोपाल में आयोजित संग प्रसंग उत्सव-2 में शाम 7 बजे इटली मूल की प्रतिभाशाली ओडिसी नृत्यांगना सुश्री इलिआना सितारिस्टी नृत्य प्रस्तुत करेंगी। उत्कल समाज और संस्कृति संचालनालय के इस संयुक्त आयोजन में संस्कृति एवं जनसंपर्क मंत्री श्री लक्ष्मीकान्त शर्मा मुख्य अतिथि होंगे। प्रसिध्द उड़िया फिल्मकार एवं निदेशक ज्ञानवाणी (इग्नू) इंदौर श्री प्रफुल्ल मोहंती कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे।
इतालवी मूल की जानी मानी ओडिसी नृत्यांगना पद्मश्री डॉ. इलिआना सितारिस्टी ने भारतीय दर्शन शास्त्र में डॉक्टेरट की उपाधि प्राप्त की है। यूरोप के पारम्परिक थिएटर में अपने सुदीर्घ अनुभवों और प्रतिमानों के प चात् आप भारतीय शास्त्रीय नृत्य की ओर उन्मुख हुई। डॉ. इलिआना विगत लगभग तीस वर्षो से भारतीय संस्कृति, परम्परा और परिवेश को अपने कृतित्व और व्यक्तित्व में रचाए-बसाए रखने वाली एक प्रतिष्ठित कलाकार हैं। आपने ओडिसी नृत्य की गहन शिक्षा महान गुरू पद्मविभूषण श्री केलूचरण महापात्र से प्राप्त की। बाद में उन्हें गुरू श्री हरि नायक से भी नृत्य का परिष्कार प्राप्त हुआ और उन्होंने विशेष रूप से मयूरभंजी छाऊ नृत्य की शिक्षा उनसे ग्रहण की। डॉ. इलिआना सितारिस्टी की विशेषता शास्त्रीयता के प्रति अपना गहन समर्पण और अनुशासन है। देश-दुनिया में आपके नृत्य प्रदर्शनों को अत्यन्त सराहना मिली है। आपको 2006 में भारत सरकार की ओर से पद्मश्री प्रदान की गयी हैं।

आन लाइन हुआ समाधान एक दिवस कार्यक्रम : बेवसाइट का लोकार्पण

आन लाइन हुआ समाधान एक दिवस कार्यक्रम : बेवसाइट का लोकार्पण
जबलपुर के खाते में बड़ी उपलब्धि दर्ज
प्रशासन को जनोन्मुखी बनाने और इस दिशा में नित नये प्रयोग करने के लिए प्रसिध्दि पा चुके जबलपुर जिले ने उपलब्धियों की एक और छलांग लगाते हुये आम जनता में लोकप्रिय समाधान एक दिवस कार्यक्रम को आनलाईन कर दिया है। आज कलेक्टर कार्यालय में आयोजित सादे समारोह में इस कार्यक्रम की बेवसाईट http://www.samadhanjabalpur.in/ का लोकार्पण किया गया। समाधान एक दिवस कार्यक्रम के आन लाइन हो जाने से अब मध्यप्रदेश, देश और विदेश में रह रहा जबलपुर का कोई भी निवासी अपने जाति, आय, मूल निवास, विवाह तथा जन्म एवं मृत्यु जैसे प्रमाण पत्र बेवसाइट के माध्यम से आवेदन कर घर बैठे प्राप्त कर सकता है।
आनलाइन किये गये समाधान एक दिवस कार्यक्रम की बेवसाइट और साफ्टवेयर को भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान जबलपुर के छात्र विनीत गांधी और केशव साहनी ने संस्थान की प्रोफेसर डॉ. प्रीति खन्ना की देखरेख और प्रोफेसर आलोक कुलकर्णी के तकनीकी सहयोग से तैयार किया है। उल्लेखनीय है कि आम आदमी की समस्याओं को एक दिन में निराकृत करने के लिए पूरे प्रदेश में पहली बार जबलपुर में ही समाधान एक दिवस कार्यक्रम की शुरूआत की गई थी। बाद में इसे अन्य जिलों द्वारा अपनाया गया। आज इसी कार्यक्रम को आनलाइन कर जबलपुर जिला प्रशासन ने अपने खाते में एक बार फिर बड़ी और गौरवशाली उपलब्धि दर्ज करा ली है।
खास बात यह है कि समाधान एक दिवस कार्यक्रम के माध्यम से जाति, आय, जन्म-मृत्यु, विवाह, मूल निवासी आदि प्रमाण पत्र आवेदकों को आनलाइन उपलबध कराने वाला जबलपुर देश का पहला जिला बन गया है। जानकार बताते है कि देश ही नहीं बल्कि इस तरह की सुविधा दुनिया भर में और कहीं नहीं है। फिलहाल समाधान एक दिवस कार्यक्रम की बेवसाइट अंग्रेजी भाषा में है। इसे जल्दी ही हिन्दी में भी उपलब्ध करा दिया जायेगा।
समाधान एक दिवस कार्यक्रम की बेवसाइट के लोकार्पण के अवसर पर कलेक्टर संजय दुबे एवं भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान जबलपुर की प्रोफेसर डॉ. प्रीति खन्ना ने बताया कि आवेदक को आनलाइन उपलब्ध कराये जाने वाले सभी प्रमाण पत्रों पर अधिकृत अधिकारी के डिजीटल हस्ताक्षर होंगे और इन प्रमाण पत्रों को आवेदकों को उसके ई-मेल पते पर या मांगने पर डाक द्वारा भी भेजा जायेगा। यानि आवेदक को जाति, मूल निवास, विवाह, आय अथवा जन्म, मृत्यु प्रमाण पत्र की आवश्यकता है तो उसे इसके लिए न तो आवेदन करने और न ही प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए कलेक्ट्रेट जाने की जरूरत होगी। बस उसे इसके लिए आनलाइन आवेदन करना होगा और अपना ई-मेल पता भेजना होगा। हॉ इसके लिए आवेदक को अपने आन लाइन आवेदन के साथ आवश्यक दस्तावेजों को स्केन करके भेजना जरूरी होगा। आवेदक को प्रमाण पत्र प्राप्त करने 200 रूपये का मामूली शुल्क भी देना होगा। इस शुल्क को भी उसे आवेदन के साथ ही ई-बैंकिग अथवा क्रेडिट कार्ड द्वारा आनलाइन समाधान एक दिवस कार्यक्रम के खाते में जमा करना होगा।
समाधान एक दिवस कार्यक्रम की बेवसाइट में जरूरी प्रमाण पत्रों के लिए आवेदन के प्रारूप भी उपलबध कराये गये हैं। आवेदक को आवेदन का हर कालम भरना होगा। इसमें किसी तरह की चूक या गलती पर यह साफ्टवेयर आवेदक को सुधार करने की सूचना भी उपलब्ध करायेगा। यह साफ्टवेयर आवेदक को पूरी तरह भरे गये आवेदन पत्र को सत्यापित करने का मौका भी देगा। आवेदक द्वारा आवेदन के साथ स्केन कर संलग्न दस्तावेजों और दी गई जानकारी से संतुष्ट होने के बाद अधिकृत अधिकारी द्वारा प्रमाण पत्र जारी किये जायेंगे। यदि जरूरी होगा तो आवेदक से डाक द्वारा मूल प्रमाण पत्र भी मांगे जा सकेंगे। फिलहाल आनलाइन समाधान एक दिवस कार्यक्रम के माध्यम से 17 तरह के प्रकरणों का निराकरण किय जायेगा। समाधान एक दिवस कार्यक्रम के तहत जिन प्रकरणों को शामिल किया गया है। उनमें आय, जाति, मूल निवासी, विवाह, जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र के अलावा खसरा बी-1, अस्थाई लीज (माइनिंग), सीनियर सिटीजन सर्टिफिकेट, साल्वेंसी सर्टिफिकेट, मतदाता सूची की प्रमाणित प्रतिलिपि, शस्त्र लायसेंस का नवीनीकरण, गरीबी रेखा सर्वे सूची का प्रमाण पत्र, उर्वरक पंजीयन प्रमाण पत्र, कीटनाशकों के फुटकर लायसेंस, अल्प बचत अभिकर्ता लायसेंस का नवीनीकरण एवं राज्य बीमारी सहायता निधि के प्रकरण शामिल हैं। समाधान एक दिवस कार्यक्रम की बेवसाइट के लोकार्पण के मौके पर पं. द्वारका प्रसाद मिश्र भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान के डायरेक्टर श्री भार्गव विशेष रूप से मौजूद थे।

मध्यप्रदेश को नीले केरोसिन का त्रैमासिक आवंटन

मध्यप्रदेश को नीले केरोसिन का त्रैमासिक आवंटन
मध्यप्रदेश को अप्रैल से जून माह के लिए नीले केरोसीन का त्रैमासिक आवंटन किया गया है। जिलों को कुल 52 हजार 320 किलोलीटर केरोसीन का आवंटन किया गया है।
राज्य शासन ने समस्त कलेक्टरों से आवंटित मात्रा का प्रत्येक माह की 10 तारीख तक 60 प्रतिशत, 17 तारीख तक 85 प्रतिशत एवं 25 तारीख तक शत-प्रतिशत उठाव सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये हैं। केरोसीन की आवश्यकता न होने पर उतनी मात्रा माह की 20 तारीख तक समर्पित करने को कहा गया है। निर्धारित तिथि तक निर्धारित मात्रा में केरोसीन का उठाव न करने पर संबंधित जिले के केरोसीन आवंटन में उसी मान से घटाकर आवश्यकता वाले अन्य जिले को दे दिया जायेगा।

बिजली उत्पादन बढ़ाने की एक और अहम पहल

बिजली उत्पादन बढ़ाने की एक और अहम पहल
नई इकाईयों के लिये भेल को 141 करोड़ रुपये दिये
प्रदेश में बिजली उत्पादन बढ़ाने की लगातार कोशिशों की कड़ी में आज जबलपुर में एक और अहम पहल के बतौर मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कम्पनी ने भेल (भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड) को दो नई इकाईयों के निर्माण के लिये 141 करोड़ 66 लाख रुपये की राशि का चैक सौंप दिया। इसके तहत सारनी में 250-250 मेगावॉट की दो नई इकाईयां कायम की जायेंगी।
कोई 2637 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत की इन विस्तार इकाईयों के निर्माण के लिये 80 फीसदी वित्तीय सहायता पॉवर फायनेंस कार्पोरेशन (पी.एफ.सी) से ली जायेगी और शेष राशि कम्पनी अपने वित्तीय संसाधनों से जुटायेगी। सारनी में इन इकाईयों का निर्माण कार्य भेल के द्वारा अनुबंध की शर्तों के अनुसार आज दी गई पहली किस्त की तिथि के बाद 35 और 39 महीनों के अंदर पूर्ण किया जायेगा। अब यह उम्मीद बढ़ गई है कि पहली किस्त के भुगतान के बाद भेल शीघ्र ही इन प्रस्तावित इकाईयों का निर्माण शुरू कर देगा।
मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कम्पनी लिमिटेड के अध्यक्ष श्री डी.एन. प्रसाद ने आज जबलपुर में शक्ति भवन में भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड के उप महाप्रबंधक श्री अविनाश वाजपेयी को पहली किस्त का यह चैक सौंपा। इस मौके पर राज्य विद्युत मण्डल के वित्तीय सलाहकार और पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड के अध्यक्ष श्री पंकज अग्रवाल, मध्यप्रदेश पॉवर ट्रेडिंग कम्पनी लिमिटेड के प्रबंध संचालक व विद्युत मण्डल के सचिव श्री पी.के. वैश्य, पॉवर जनरेटिंग कम्पनी के कार्यपालक निदेशक श्री वाय.के. रस्तोगी, श्री ए.एम. सजनानी और अपर सचिव श्री बी.आर. पंचोली भी मौजूद थे।

भ्रष्टाचार व गुण्डाराज के खिलाफ कांग्रेस करेगी प्रदेश व्यापी आंदोलन - दिनेश गुर्जर

भ्रष्टाचार व गुण्डाराज के खिलाफ कांग्रेस करेगी प्रदेश व्यापी आंदोलन - दिनेश गुर्जर
संजय गुप्‍ता(मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो चीफ मुरैना, 31 मार्च। शहर कांग्रेस कमेटी मुरैना द्वारा मित्तल धर्मशाला में विगत रोज पत्रकारवार्ता आयोजित की गयी। जिसमें प्रदेश कांग्रेस के नव नियुक्त प्रदेश सचिव दिनेश गुर्जर पत्रकारों से रुबरु हुये जिसमें उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की जन विरोधी नीतियों व उसके द्वारा किये जा रहे भ्रष्टाचार व गुण्डाराज को नही छोड़ा तो मध्यप्रदेश के प्रत्येक ब्लॉक स्तर से लेकर सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में आन्दोलन किया जायेगा व अतिशीघ्र ही राहुल गांधी किसान संदेश यात्रा प्रारम्भ होकर सम्पूर्ण प्रदेश में निकाली जायेगी व किसानों की समस्याओं से केन्द्र सरकार को अवगत कराया जायेगा व केन्द्र सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं में प्रधानमंत्री सड़क याजना, रोजगार गारण्टी योजना, राजीव गांधी विद्युत परियोजना व किसानों के कर्ज माफी की जानकारी को जन - जन तक पहुंचाई जाएगी। जिससे किसान केन्द्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ उठा सके। उन्होनें कहा कि केन्द्र में विधमान कांग्रेस की सरकार किसानों के हित में योजनाएं शुरु करती है पर राज्य में भाजपा की सरकार उन योजनाओं को किसानों तक सही रुप से नहीं पहुंचा पाती है, जिसका खामियाजा प्रदेश के भोले - भाले किसानों को उठाना पड़ता है। उन्होनें कहा कि प्रदेश में जब से भाजपा की सरकार बनी है तभी से ही प्रदेश में भ्रष्टाचार और गुण्डाराज बड़ गया है, आने वाले विधानसभा चुनावों में इसका खामियाजा भाजपा सरकार को उठाना पड़ेगा।

पेंन्शनर्स समाज का होली मिलन समारोह कल

पेंन्शनर्स समाज का होली मिलन समारोह कल
संजय गुप्‍ता(मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो चीफ मुरैना, 31 मार्च। म.प्र. पेंशनर्स समाज के संभागीय अध्यक्ष राधेश्याम डण्डौतिया एवं जिला अध्यक्ष बृजभूषण डण्डौतिया ने एक संयुक्त विज्ञप्ति में बताया कि म.प्र. पेंन्शनर्स समाज मुरैना का विशाल होली मिलन समारोह कल अम्बाह रोड तिराह मुरैना पर आयोजित किया गया है। जिसमें संभाग के सभी पेंशनर्स को बुलाया गया है। समारोह में प्रांतीय अधिवेशन पर भी चर्चा होगी। म.प्र. शासन के मंत्रियों एवं प्रदेश पदाधिकारियों को बुलाने पर भी प्रस्ताव पारित होगा। इस अवसर पर ठंडाई एवं गुलाब से सभी पेन्शनर्स का सम्मान भी किया जायेगा। होली मिलन समारोह को सफल बनाने के लिए डी. पी. डण्डौतिया, बी.डी. शर्मा, कन्हैयालाल , नवल ंसिह, आदि ने अपील की है।

समाज का इस्तेमाल राजनीति के लिए न हो - सिकरवार

समाज का इस्तेमाल राजनीति के लिए न हो - सिकरवार
- क्षत्रिय समाज का होली मिलन समारोह संपन्न
संजय गुप्‍ता(मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो चीफ मुरैना, 31 मार्च। हाउसिंग बोर्ड कालोनी स्थित शांति उत्सव वाटिका में बीते रोज क्षत्रिय होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सुमावली क्षेत्र के विधायक गजराज सिंह सिकरवार ने होली मिलन समारोह पर अपने संबोधन पर कहा कि राजनीति के लिए समाज का इस्तेमान नहीं होना चाहिए। अक्सर ऐसा होता है कि लोग समाज को जोड़कर संगठन बनाते हैं और फिर उसका राजनैतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करते हैं। यही वजह है कि आपस में प्रतिध्दंदिता और मन-मुटाव पैदा होने लगते हैं और सामाजिक कार्य अवरुध्द होता है। उन्होंने कहा कि हमें आपसी कटुता और राजनैतिक लालच को छोड़कर समाज के साथ जुड़ना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि सामाजिक कार्यो को राजनीति से जुड़े लागों के अलावा अन्य क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों को हाथ में लेना चाहिए।
इस अवसर पर वरष्ठि अभिभाषक विजय सिंह सिकरवार ने कहा कि हम अक्सर समाज में विभाजित होकर इस असमंसज मेें पड़ जाते है कि किसके साथ जाए और किसके साथ न नहीं। हर समाज में अच्छे और बुरे लोग होते हैं लेकिन अच्छाई का साथ देने से समाज को प्रतिष्ठा और बल मिलता है। उन्होने होली के आध्यात्मिक महत्व के बारे में भी काफी - कुछ विस्तार से बताया है। होली मिलन समारोह में सहकारी बैंक अध्यक्ष शिवमंगल सिंह तौमर, मंडी बोर्ड के डायरेक्टर सूबेदार सिंह सिकरवार, भाजपा नेता उदयवीर सिंह सिकरवार व हरीसिंह सिकरवार, डॉ. आनंद सिंह सिकरवार, अरविंद सिंह भदौरिया सहित अन्य वक्ताओं ने अपने - अपने उदबोधन कहे। कार्यक्रम का संचालन सतेन्द्र सिंह परमार ने किया। इस अवसर पर मौजूद सभी लोगोंन ने एक - दूसरे को चंदन लगाकर होली की शुभकामनाएं दी। अंत में ऋषि गालव कालेज के अध्यक्ष सोनू परमार ने सभी अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर अशोक सिंह सिकरवार, आशा सिंह, गजेन्द्र ंसिह परमार, रामनरेश सिंह सिकरवार आदि लोग उपस्थित थे।

पदयात्रा को लेकर राठौर समाज की बैठक संपन्न

पदयात्रा को लेकर राठौर समाज की बैठक संपन्न
संजय गुप्‍ता(मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो चीफ मुरैना, 31 माच। विगत दिनों नई सब्जी मंडी नाला नम्बर 1 पर राठौर समाज की एक आवश्यक बैठक बुलाई गई। जिसमें उपस्थित राठौर समाज बन्धओं ने आगामी जन आंदोलन की सफलता के लिए चर्चा की एवं राठौर समाज के हक अधिकार के लिए 13 सूत्रीय मांग काफी समय से की जा रही है। इस बार राठौर समाज के सम्मान के लिए म. प्र. के विभिन्न शहरों से पद यात्रा कर राठौर समाज जन आदोलन कर रहा है, पैदल यात्रा ग्वालयर से, खण्डवा से, झाबुआ से, शहडोल से की जा रही है। यह सभी पैदल यात्रा समाजन उद्देश्यों को लेकर दिनांक 31 मई को राजधानी भोपाल पहुंचेगी। होने वाले जन आंदोलन की तैयारी को लेकर बैठक में चर्चा परिचर्चा हुई एवं कार्यक्रम के लिए प्रभारियों की नियुक्ति की गई। भारतसिंह राठौर मुरैना के प्रभारी, पोरसा में रामेश्वर दयाल नेताजी, अम्बाह से साधू सिंह सरपंच, जौरा से नबाव सिंह मई, कैलारस से राजाराम राठौर मामचानी, और सबलगढ़ से मांगीलाल राठौर को प्रभारी बनाया गया है। शेष समस्या के लिए आगामी बैठक का आयोजन राठौर समाज द्वारा रविवार 6 अप्रैल को रखी गई है।