शनिवार, 1 मार्च 2008

संशोधित आदेश जारी

संशोधित आदेश जारी
राज्य शासन द्वारा डिप्टी कलेक्टर डिण्डोरी श्री अनिल कुमार व्यास का डिप्टी कलेक्टर मुरैना के पद पर किये गये स्थानान्तरण आदेश को संशोधित करते हुए उन्हें डिप्टी कलेक्टर ग्वालियर के पद पर पदस्थ किया गया है। इस आशय का आदेश आज जारी किया गया है।

नापतौल निरीक्षक को सजा एवं जुर्माना

नापतौल निरीक्षक को सजा एवं जुर्माना
विशेष न्यायालय सतना ने नापतौल निरीक्षक राम विलास शुक्ला को रिश्वत लेते पकड़े जाने और घर से लगभग 28 लाख रुपये की अनुपातहीन सम्पत्ति मिलने पर दो वर्ष के सश्रम कारावास और 50 हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई है।
लोकायुक्त कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार फरियादी श्री मकरध्वज सिंह बघेल, ग्राम पतेरी (चुरहट) जिला सीधी की शिकायत के आधार पर आरोपी रामविलास शुक्ला, नापतौल निरीक्षक, नापतौल विभाग सतना के विरुध्द प्रकरण पंजीबध्द किया जाकर 11 दिसम्बर, 1997 को आरोपी रामविलास शुक्ला को फरियादी से 1300 रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। साथ ही विवेचना उपरांत श्री शुक्ला के भरत नगर सतना में स्थित घर की तलाशी ली गई। तलाशी के दौरान लगभग 28 लाख रुपये की अनुपातहीन सम्पत्ति पायी गयी। जिस पर अपराध क्रमांक 137#97, धारा 13 (1) ई, 13 (2) पी.सी. एक्ट 1988 के अंतर्गत पंजीबध्द किया जाकर विवेचना में लिया गया।
प्रकरण के संपूर्ण विवेचना उपरांत 30 जुलाई, 2003 को विशेष न्यायालय सतना में चालान प्रस्तुत किया गया। विशेष न्यायालय सतना द्वारा अपने निर्णय में आरोपी राम विलास शुक्ला, नापतौल निरीक्षक, नापतौल विभाग सतना को धारा 13 (1) ई, 13 (2) पी.सी. एक्ट 1988 के अंतर्गत एक-एक वर्ष का सश्रम कारावास तथा 25-25 हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा से दण्डित किया गया ।

राज्य संग्रहालय के समय में परिवर्तन

राज्य संग्रहालय के समय में परिवर्तन
राज्य संग्रहालय, श्यामला हिल्स भोपाल के दर्शकों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए श्यामला हिल्स स्थित राज्य संग्रहालय का समय बदल दिया गया है। वर्तमान शीत कालीन समय दोपहर 12.00 बजे से सायं 7.00 बजे के स्थान पर ग्रीष्म काल में एक मार्च, 08 से 30 सितम्बर, 08 तक दोपहर 2.00 बजे से रात्रि 9.00 बजे तक संग्रहालय दर्शकों के लिए खुला रहेगा। प्रत्येक सोमवार तथा म.प्र. शासन द्वारा घोषित राजपत्रित अवकाशों में संग्रहालय बंद रहेगा।

रक्षा सुरक्षा कोर में 113 पदों पर भर्ती होगी

रक्षा सुरक्षा कोर में 113 पदों पर भर्ती होगी
मुख्यालय भर्ती क्षेत्र, जबलपुर में रक्षा सुरक्षा कोर में भर्ती के लिए सैनिक-जनरल डयूटी के 107 पद और क्लर्क (जनरल डयूटी) के 06 पद उपलब्ध हैं। ये रिक्तियां केवल मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के भूतपूर्व सैनिकों से भरी जायेंगी।
थल, जल और वायु सेना से पांच वर्ष पूर्व सेवानिवृत्त हुए सैनिक रक्षा सुरक्षा कोर में भर्ती के लिए आवेदन कर सकते हैं। आयु 45 वर्ष से कम होनी चाहिये।
भर्ती के लिए इच्छुक भूतपूर्व सैनिक अपने साथ डिस्चार्ज बुक, एजुकेशन सर्टिफिकेट तथा पासपोर्ट साईज के कम से कम 10 फोटोग्राफ लेकर उपस्थित होना होगा।
भर्ती के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी के लिए मुख्यालय भर्ती क्षेत्र, जबलपुर (म.प्र.), सेना भर्ती कार्यालय, ग्वालियर, (म.प्र.), सेना भर्ती कार्यालय, भोपाल (म.प्र.), सेना भर्ती कार्यालय, महु (म.प्र.), सेना भर्ती कार्यालय, रायपुर (छ.ग.) और भर्ती कार्यालय मुख्यालय, जबलपुर (म.प्र.) से सम्पर्क कर सकते हैं।

नसरूल्लागंज में रामलीला और रासलीला के भावपूर्ण प्रसंगों की आकर्षक प्रस्तुतियाँ

नसरूल्लागंज में रामलीला और रासलीला के भावपूर्ण प्रसंगों की आकर्षक प्रस्तुतियाँ
सीहोर जिले के नसरूल्लागंज में आयोजित रामलीला और रासलीला पर केन्द्रित सात दिवसीय समारोह 'जनरंजन' जनआकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पद्मश्री स्वामी रामस्वरूप शर्मा के निर्देशन में श्रीकृष्णलीला संस्थान चैरिटेवल ट्रस्ट वृन्दावन के कलाकार कृष्ण लीला और रामलीला के प्रसंगों का सजीव प्रदर्शन कर रहे हैं।
कृष्णलीला में कृष्ण जन्म की कथा को सहजता और सरलता से मंचित किया गया। कृष्णलीला के अनेक प्रसंगों में भावपूर्ण दृश्यों से दर्शक भावविभोर हो गये। कृष्णलीला में कृष्ण के बाल्यकाल के अनेक प्रसंगों माँ यशोदा एवं बालकृष्ण के संवाद, माखनचोरी के दृश्य, गौबरधन पर्वत, द्रौपती चीरहरण तथा मीरा के भक्ति प्रसंगों ने दर्शकों को अभिभूत किया। इसी तरह रामलीला में नारद मोह-श्रीराम जन्म, धनुष यज्ञ, परशुराम-लक्ष्मण संवाद- श्रीराम विवाह आदि प्रसंग दर्शकों को सम्मोहित करने में सफल रहे। रामलीला में भगवान राम की बारात नसरूल्लागंज के विभिन्न मार्गों से निकली। बारात में स्थानीय महिलाओं ने मांगलिक गीत गाये। तुलसी साहित्य अकादमी के उप निदेशक प्रो. अवधेश प्रसाद पाण्डे ने बताया कि रामलीला और रासलीला को नसरूल्लागंज के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों द्वारा पूरी आस्था के साथ देखा जा रहा है।
जनरंजन समारोह में 3 मार्च तक प्रतिदिन स्वामी रामस्वरूप शर्मा के निर्देशन में कलाकार प्रात: 10 बजे से रामलीला और शाम 7 बजे से रासलीला के प्रसंगों की प्रस्तुतियाँ दे रहे हैं। सात दिवसीय आयोजन जनरंजन के अंतर्गत श्रीराम वनगमन, केवट संवाद, सीता हरण, लंका दहन, रावण वध और राजतिलक प्रसंगों की प्रस्तुतियाँ होंगी। रासलीला में सुदामा चरित, नरसी चरित तथा ब्रज की होली आकर्षक ढंग से प्रस्तुत की जायेंगी। 'जनरंजन' समारोह का समापन 3 मार्च को शाम 7 बजे मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के मुख्य आतिथ्य में तथा संस्कृति मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा की अध्यक्षता में सम्पन्न होगा।
मध्यप्रदेश आदिवासी लोक कला एवं तुलसी साहित्य अकादमी द्वारा प्रतिवर्ष रामलीला और रासलीला पर केन्द्रित 'जनरंजन' समारोह का आयोजन किया जाता है। यह परिषद संस्कृति विभाग के अंतर्गत संचालित है।

छोटे किसानों की कर्ज माफी स्वागत योग्य लेकिन खेती को लाभ का व्यवसाय बनाने और कदम जरूरी : मुख्यमंत्री श्री चौहान

छोटे किसानों की कर्ज माफी स्वागत योग्य लेकिन खेती को लाभ का व्यवसाय बनाने और कदम जरूरी : मुख्यमंत्री श्री चौहान
पीछे रह गए राज्यों को ज्यादा आवंटन जरूरी
मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने आज संसद में प्रस्तुत केन्द्रीय बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि छोटे किसानों की कर्ज माफी स्वागत योग्य कदम है लेकिन खेती को लाभ का व्यवसाय बनाने के लिये किसान की लागत घटाने के उपाय करना होंगे नहीं तो किसान फिर कर्ज के दुष्चक्र में फंस जायेगा।
श्री चौहान ने कहा कि लागत घटाने के लिये कृषि ब्याज दरों को चार प्रतिशत किये जाने, सिंचाई के साधनों को बढ़ाने, किसानों को सीधे खाद की सबसिडी देने, बिजली उपलब्ध कराने तथा खाद बीज आदि की कीमतों में कमी जरूरी है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही परंपरागत गेहूं, चने की खेती के स्थान पर व्यवसायिक खेती को बढ़ावा देने तथा ग्रामीण सड़कों एवं कोल्ड स्टोरेज आदि की सुविधाओं के लिये ज्यादा प्रावधान आवश्यक हैं। तभी देश की लगभग 50 प्रतिशत जनसंख्या किसानों की भलाई हो सकेगी।
श्री चौहान ने कहा कि केन्द्र को विकसित तथा ऐतिहासिक-भौगोलिक कारणों से पिछड़े राज्यों के बीच भेद कर मध्यप्रदेश जैसे पिछड़े राज्यों को विशेष सहायता या पैकेज देना चाहिये। उन्होंने कहा कि वित्तीय आवंटन के समय पंजाब और मध्यप्रदेश जैसे राज्यों को एक जैसा नहीं देखा जाना चाहिये। आज स्थिति यह है कि केन्द्र सरकार नई रेल्वे लाइन बिछाने के लिये मध्यप्रदेश से भी 50 प्रतिशत लागत मांगती है।
श्री चौहान ने कहा कि पिछली राष्ट्रीय विकास परिषद की बैठक में मैंने प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की उपस्थिति में आगामी दो पंचवर्षीय योजनाओं को जल योजनाएं घोषित करने का आग्रह किया था। किसान को यदि पानी मिल जाए तो उसकी आधी समस्याओं का निराकरण हो जाता है। मध्यप्रदेश जैसे राज्यों के संसाधन सीमित हैं फिर भी हमने गेहूं की खरीदी पर सौ रूपये बोनस तथा सहकारी कृषि ऋणों पर ब्याज दर पहले सात प्रतिशत और अब पांच प्रतिशत करने का निर्णय लिया है जबकि केन्द्र सरकार अगले वर्ष से सहकारी कृषि ऋण की दर सात प्रतिशत कर रही है। हमें आशा थी कि केन्द्र सरकार इस दर को चार प्रतिशत करेगी।
आयकर की सीमा बढ़ाने को उचित बताते हुए मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि केन्द्र सरकार मध्यप्रदेश में गरीबों की संख्या 41 लाख ही मानती है तथा उसी को आधार बनाकर राशन दुकानों के लिये खाद्यान्न और कैरोसिन तेल देती है जबकि मध्यप्रदेश में गरीबों की वास्तविक संख्या 60 लाख है। इसी प्रकार इंदिरा आवास के लिये भी राज्य की दो प्रतिशत जनसंख्या तथा आंध्रप्रदेश की 70 प्रतिशत जनसंख्या को आवासहीन श्रेणी में माना गया है। मध्यप्रदेश के अर्धकच्चे कबेलू लगी झोपड़ियों को अर्धपक्के घरों में गिनने के कारण यह स्थिति बनी है। इस कारण मध्यप्रदेश के आवासहीनों को इंदिरा आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा। श्री चौहान ने कहा कि प्राथमिक शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिये और अधिक आवंटन होना चाहिये।

महंगाई कम करने के लिये केन्द्रीय बजट में कोई ठोस उपाय नहीं

महंगाई कम करने के लिये केन्द्रीय बजट में कोई ठोस उपाय नहीं
वित्त मंत्री श्री राघवजी की प्रतिक्रिया
वित्त मंत्री श्री राघवजी ने आज लोक सभा में प्रस्तुत केन्द्रीय बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इसमें आसमान छूती महंगाई को रोकने तथा गेहूँ, चावल, दाल, गुड़, शक्कर, तेल और रसोई गैस जैसी जीवनोपयोगी वस्तुओं के दाम करने की दिशा में कोई उपाय नहीं किये गये हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि इस बजट में मध्यप्रदेश के लिए जो अपेक्षा की जा रही थी उसका कोई प्रावधान नजर नहीं आ रहा है। भोपाल में एम्स की स्थापना के लिए वर्ष 2008-09 में किसी प्रावधान का उल्लेख नहीं है। इसी प्रकार बुन्देलखण्ड क्षेत्र में अभूतपूर्व सूखे से निपटने के लिए कोई सहायता#अनुदान का प्रावधान जो अपेक्षित था वह इस बजट में नहीं है। अल्पसंख्यकों के लिए अलग से सहायता राशि वृध्दि की जहां व्यवस्था की गई है वहीं आदिवासी क्षेत्रों के लिए ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। बैकवर्ड रीजन ग्रांट फण्ड में इस बजट में प्रदान की जाने वाली राशि में कोई वृध्दि नहीं हुई है, जो होना चाहिए थी। किसानों को कर्ज पर ब्याज की राशि सात प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत या इससे कम करने के संबंध में बजट में कोई व्यवस्था नहीं है जबकि हमने बजट में इसे पांच प्रतिशत की है। रासायनिक खाद की गत वर्ष की व्यवस्था को आगे ही बढ़ाया है। इससे उर्वरक कम्पनियों के अपने उत्पादन घटाये जाने की संभावना है जिससे किसानों पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। किसान के कर्ज माफ करने की घोषणा तो है किन्तु वह पूरी तरह से अस्पष्ट है जबकि केन्द्र सरकार को यह स्पष्ट घोषणा करना चाहिए थी कि इस कर्ज माफी का भार केन्द्र सरकार वहन करेगी अथवा राज्य सरकारों से अंशदान नहीं मांगा जायेगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि इस बजट में साम्प्रदायिक आधार पर बैंकों की शाखाओं के विस्तार का उल्लेख है किन्तु ग्रामीण क्षेत्रों में जहां बैंक के विस्तार की आवश्यकता है उसका कोई उल्लेख नहीं है, वह अपेक्षित ही रहेगा। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए वेतन में जो वृध्दि बजट में की गई है वह राज्य सरकार द्वारा की गई वृध्दि से भी काफी कम है।
वित्त मंत्री ने कहा कि महिलाओं के स्व-सहायता समूह को जनश्री बीमा योजना की सुविधा दिये जाने का उल्लेख है परन्तु अंशदान के भुगतान के बारे में बजट में उल्लेख नहीं है।
वित्त मंत्री ने कहा कि पर्यटक स्थलों पर होटल खोलने के कार्यों में जिले की सीमा के अंतर्गत छूट दी है वह स्वागत योग्य है किन्तु जिले के स्थान पर पर्यटक स्थल से दूरी का मापदण्ड होना चाहिये था।
वित्त मंत्री ने कहा कि गत वर्ष के बजट भाषण में केन्द्रीय वित्त मंत्री ने वित्तीय समावेश के लिए तीन सौ करोड़ रुपये के कोष गठन की घोषणा की थी किन्तु इसके लिए कोई कोष अभी तक गठित नहीं हुआ है। वर्ष 2008-09 के बजट में भी कोई उल्लेख नहीं है।
वित्त मंत्री ने कहा कि भोपाल में इंडियन इन्स्टीटयूट ऑफ साइंस तथा स्कूल ऑफ प्लानिंग एण्ड आर्किटेक्चर की स्थापना का स्वागत है।
वित्त मंत्री ने कहा कि यह भी खेद का विषय है कि नेशनल हाइवे के नये मार्गों के विस्तार के लिए किसी प्रावधान का जिक्र बजट में नहीं है जबकि सिंचाई के लिए एआईबीपी के लिए राशि को दोगुना करने के प्रावधान का स्वागत है। बिजली के लिए 800 करोड़ के फण्ड का प्रावधान अत्यंत अल्प है। इससे किसी राज्य को कोई विशेष मदद नहीं मिलेगी। एडीआरपी कार्यक्रम के लिए मध्यप्रदेश को प्राप्त होने वाली राशि 182 करोड़ रुपये अभी भी केन्द्र सरकार द्वारा जारी किया जाना बाकी है।

मध्यप्रदेश को समृध्द बनाने का संकल्प साकार करेंगे - मुख्यमंत्री श्री चौहान

मध्यप्रदेश को समृध्द बनाने का संकल्प साकार करेंगे - मुख्यमंत्री श्री चौहान
विधानसभा : राज्यपाल के अभिभाषण के कृतज्ञता ज्ञापन पर चर्चा
मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने विपक्ष की कीचड़ उछालकर विधानसभा से बहिर्गमन करने की आलोचना करते हुए कहा है कि जनसमर्थन से अगले पांच साल भी हम सरकार चलायेंगे और मध्यप्रदेश के गरीब वर्गों, किसानों, श्रमिकों की भलाई करते हुए जनसहयोग प्राप्त कर मध्यप्रदेश को समृध्द राज्य बनाने के संकल्प को साकार करेंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान आज विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर हुई चर्चा का उत्तर दे रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि उनके ऊपर जो आक्षेप लगाया गया है वह न्यायालय में है इसलिए वे इस सबंध में कुछ न कह कर केवल यह कहेंगे कि ''गलती हो सकती है मगर बेईमानी नहीं।'' उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि इस प्रकरण में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने समाज के प्रत्येक वर्ग से संवाद कर उनकी समस्याओं के निराकरण तथा उनके लिए विकास योजनाएं तैयार करने के लिए मुख्यमंत्री निवास में पंचायतों के आयोजन की शुरूआत की है। मंथन कार्यशाला, मुख्यमंत्री जनदर्शन कार्यक्रम, समाधान आनलाइन तथा उनके द्वारा किए गए अचानक निरीक्षणों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे विकास योजनाओं की गति बढ़ाने तथा जन समस्याओं के निराकरण में मदद मिली है। हमने लोकतांत्रिक व्यवस्था की यह नयी शैली विकसित की है और आगे चलकर इसे दूसरों द्वारा अपनाया जाएगा।
श्री चौहान ने कहा कि पं.दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय के आदर्श के अनुरूप उनकी सरकार के एजेंडे में गरीब सबसे ऊपर हैं। केंद्र की यू.पी.ए.सरकार के महंगाई राज को देखते हुए गरीबों को राहत देने के लिए मध्यप्रदेश सरकार तीन रूपए किलो गेहूं देने की योजना शुरू कर रही है। कृषि मजदूरों के कल्याण के लिए बनाई गई योजना के तहत अब तक आठ लाख कृषि मजदूर परिवारों का पंजीयन हो चुका है तथा सभी कृषि मजदूरों का पंजीयन होने तक यह काम निरंतर जारी रहेगा। इस योजना के तहत प्रसूति अवकाश, बच्चों की पढ़ाई के लिए पहली कक्षा से छात्रवृत्ति, चिकित्सा सुविधा तथा कई प्रकार की सुविधाएं हैं। अब कृषि मजदूरों का प्रतिभाशाली बच्चा मजदूर नहीं रहेगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सामान्य निर्धन वर्ग आयोग का गठन किया है जो तीन माह में अपना प्रतिवेदन देगा। इस आयोग के सुझावों के आधार पर निर्धन सामान्य वर्ग के नौजवानों के लिए संपूर्ण योजना की घोषणा की जाएगी।
महिला पंचायत, किसान पंचायत, अनुसूचित जाति, जनजाति, कोटवार आदि पंचायतों में लिए गए कल्याणकारी निर्णयों का उल्लेख करते हुए श्री चौहान ने कहा कि हाल ही में किसान महापंचायत में चुनाव को दृष्टिगत रखते हुए घोषणाएं करने का आरोप सही नहीं है। किसानों को सहकारी कृषि ऋणों की ब्याज दर घटाकर सात प्रतिशत करने तथा बलराम ताल जैसे निर्णय आज से पौने दो वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री निवास में आयोजित किसान पंचायत में लिए गए।
खेती को लाभ का व्यवसाय बनाने के लिए किसानों के हित में लिए गए निर्णयों की विस्तार से जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि किसानों को प्राकृतिक आपदाओं में तथा सूखा पड़ने संबंधी वर्षों पुराने प्रावधानों में संशोधन कर किसानों को राहत पहुंचाई जा रही है। सूखा प्रभावित 39 जिलों में अब तक 1.25 करोड़ रूपए की राहत का वितरण हो चुका है जबकि केंद्र सरकार ने अभी तक कोई सहायता नहीं दी है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि किसानों की लंबित पेनाल्टी पूरी तथा लंबित विद्युत देयक आधा माफ करने की घोषणा की गई है। यदि किन्हीं किसानों ने बिजली के देयकों का पूरा भुगतान कर दिया है तो उनकी राशि का भविष्य के देयकों में समायोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों को नलकूप में 24000 रूपए तक डीजल तथा बिजली की मोटर पर पचास प्रतिशत अनुदान की भी घोषणा की गई है। अब पटवारी किसान के घर जाकर वर्ष में एक बार खसरे- अक्स की नकल देंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आदिवासियों तथा अनुसूचित जातियों के हित में उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए कहा कि छात्रावास में रहने वाले विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति 300 रूपए से बढ़ाकर 525 रूपए तक की गई है। एक रूपए किलो आयोडीन नमक आदिवासी क्षेत्रों में दिया जा रहा है। उन्होंनें कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में योगदान देने वाले आदिवासी नायकों की स्मृति में स्मारक बनाए जायेंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने महू में डा. अंबेडकर की स्मृति में एकत्रित होने वाले अनुयाइयों के ठहरने और भोजन आदि की व्यवस्था किए जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि आगामी 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती पर भी महाकुंभ के आयोजन के समय इसी प्रकार की व्यवस्थाएं की जायेंगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रशासन में कर्मी कल्चर समाप्त किया गया है तथा शासकीय कर्मचारियों के सभी वर्गों के हित में फैसले लिए गए हैं। सरकारी नौकरियों पर भर्ती का प्रतिबंध हटाया गया है। सभी विभागों में भर्ती की जाएगी।
श्री चौहान ने कहा कि अधूरी सिंचाई परियोजनाओं को तेजी से पूरा किया गया है। बिजली परियोजनाओं को पूरा करने में केंद्र के असहयोग के कारण राज्य में विद्युत उत्पादन नहीं हो सका जितना हो सकता था। उन्होंने कहा कि आगामी वर्षों में मध्यप्रदेश बिजली सरप्लस राज्य बनेगा। इसके लिए सारणी में एक हजार, मालवा में एक हजार तथा शाहपुर में 1500 मेगावाट की योजनाएं पूरी की जायेंगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार मध्यप्रदेश के साथ जानबूझकर असहयोग कर रही है। राज्य का ए.पी.एल. का खाद्यान्न कोटा घटा दिया गया है तथा बिजली की आपूर्ति भी कम की जा रही है।
प्रदेश में उद्योगों की स्थापना के लिए इन्वेस्टर्स समिट के आयोजनों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि केवल वे एम.ओ.यू.ही प्रभावी रहेंगे जो छ: माह में उद्योग की स्थापना में संतोषजनक प्रगति दिखायेंगे। इसके साथ ही उन्होंने घोषणा की कि किसानों-खेती की कीमत पर उद्योगों को बढ़ावा नहीं दिया जाएगा। सरकार उद्योगों के लिए किसानों की जमीन अधिग्रहित नहीं करेगी तथा उद्योगपतियों को किसानों से चर्चा कर कीमत तय करना होगी। श्री चौहान ने बताया कि पीथमपुर में आटो टेस्ंटिग ट्रेक के लिए अधिग्रहित जमीन का मुआवजा किसानों के हित में बढ़ाकर दिया गया।
राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में उठाए गए कदमों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा राज्य में शासकीय शालाओं में शिक्षा का स्तर ऊंचा उठा है तथा परीक्षाओं के परिणाम इसका उदाहरण है। अब सरकारी स्कूलों के बच्चे भी मेरिट में आ रहे हैं।
अल्पसंख्यकों के संबंध में लगाए आरोपों का खंडन करते हुए श्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार अल्पसंख्यकों के साथ कभी भेदभाव नहीं करती। सरकार की योजनाओं का लाभ हिंदुओं-मुसलमानों, सभी जातियों को मिल रहा है।
प्रदेश में डाकू समस्या के निराकरण में मिली सफलताओं का उल्लेख करते हुए श्री चौहान ने कहा कि नक्सली समस्या के निराकरण के लिए संबंधित क्षेत्रों में शोषण समाप्ति, विकास कार्य तथा ऐसी घटनाओं में सख्त कार्रवाई की आवश्यकता से ही सफलता मिल सकती है तथा सरकार इस दिशा में कार्रवाई सुनिश्चित कर रही है। राज्य में अपराधों के बढ़ने के आरोप का उत्तर देते हुए श्री चौहान ने राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि अनुसूचित जातियों तथा जनजातियों के विरूध्द अपराधों में लगातार कमी आई है।
श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में सड़क निर्माण के क्षेत्र में पिछले वर्षों के मुकाबले कई गुना उपलब्धि अर्जित की गई है। पूर्व शासन काल में वर्ष 1998 से 2003 की अवधि में सात हजार किलोमीटर सड़कें बनी थी जबकि हमारे शासन काल में 40,000 किलोमीटर सड़कें बनी हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के नाम जोड़ने का काम निरंतर जारी है तथा ऐसे सभी आवेदनों पर कार्रवाई की जाएगी। स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार का उल्लेख करते हुए श्री चौहान ने कहा कि आदिवासी बहुल क्षेत्रों में चलित औषधालय चिकित्सा सुविधाएं दे रहे हैं। प्रत्येक विकास खंड में जननी सुरक्षा एक्सप्रेस की योजना शुरू की गई है जिसमें चालक को मोबाइल पर सूचना देकर प्रसूति के लिए महला अस्पताल जा सकेगी। शासन के प्रयासों से संस्थागत प्रसव का प्रतिशत लगभग 22 से 60 तक पहुंच गया है।
श्री चौहान ने कहा कि सिंचाई योजनाओं का पूरा लाभ सुनिश्चित करने के लिए कमांड एरिया डेव्हलपमेंट एरिया अथारिटी 'काडा' विभाग का गठन फिर से किया गया है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बिना टैक्स लगाए राज्य के विकास के लिए संसाधन सुनिश्चित करने के लिए वित्त मंत्री श्री राघवजी तथा करों की वसूली के लिए वाणिज्यिक कर मंत्री श्री बाबूलाल गौर को बधाई देते हुए कहा क नर्मदा के पानी के दोहन के साथ मध्यप्रदेश को विकसित और खुशहाल राज्य बनाने के लिए अगले पांच वर्षों के विकास के लिए जन योजना बनाई जाएगी। इसमें नवयुवकों को रोजगार हमारी प्राथमिकता होगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान के उत्तर के बाद सदन में राज्यपाल के अभिभाषण पर कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्ताव को पारित कर दिया।

समर्थन मूल्य योजना के तहत गेहूँ की खरीदी आज से शुरू

समर्थन मूल्य योजना के तहत गेहूँ की खरीदी आज से शुरू
राज्य शासन के निर्णयानुसार म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा गेहूँ उपार्जन का कार्य एक मार्च से प्रारम्भ किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है, जहां किसानों को उनकी फसल का वाजिब मूल्य दिलाने के उद्देश्य से सबसे पहले समर्थन मूल्य योजनान्तर्गत गेहूँ की खरीदी प्रारम्भ की जा रही है। इस वर्ष समर्थन मूल्य एक हजार रुपये प्रति क्विंटल है। इसके अतिरिक्त 100 रुपये प्रति क्विंटल बोनस के रूप में दिया जायेगा। किसानों की फसल की सही तौल एवं शीघ्र चैक के माध्यम से भुगतान की व्यवस्था की गई है। गेहूँ की खरीदी 926 सहकारी समितियों के खरीदी केन्द्रों के माध्यम से की जायेगी। इसके अतिरिक्त प्रदेश की चुनिंदा 10 मण्डियों में किसानों से सीधे मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा गेहूँ का उपार्जन किया जायेगा।
कार्पोरेशन के प्रबंध संचालक ने किसानों से आग्रह किया है कि वे अपनी फसल अच्छी तरह साफ कर सुखाकर औसत अच्छी किस्म (एफ.ए.क्यू.) की लायें और शीघ्र भुगतान एवं मध्यप्रदेश शासन द्वारा घोषित बोनस का लाभ उठायें। उपार्जन व्यवस्थाओं के सुचारु संचालन हेतु मुख्यालय स्तर पर एक कन्ट्रोल रूम बनाया गया है। इस कंट्रोल रूम में दूरभाष क्रमांक 0755-2575245 उपलब्ध कराया गया है। किसान भाई इस व्यवस्था का लाभ उठाते हुए अपनी समस्याओं के निराकरण हेतु कार्पोरेशन के मुख्यालय पर्यावास भवन, मदर टेरेसा मार्ग, ब्लॉक नंबर 01, तीसरी मंजिल भोपाल से सम्पर्क कर सकते हैं।

अनुश्रुति में दो मार्च को सुश्री तृप्ति मुखर्जी का गायन

अनुश्रुति में दो मार्च को सुश्री तृप्ति मुखर्जी का गायन
संस्कृति संचालनालय द्वारा आयोजित गायन, वादन और नृत्य पर प्रतिष्ठित श्रृंखला 'अनुश्रुति' के तहत दो मार्च को सुबह 10 बजे रवीन्द्र भवन में सुविख्यात गायिका सुश्री तृप्ति मुखर्जी का शास्त्रीय गायन होगा। सुश्री तृप्ति मुखर्जी यशस्वी संगीतज्ञ पण्डित जसराज की सुयोग्य शिष्या है।
सुश्री तृप्ति मुखर्जी ने गायन की शिक्षा संगीत मार्तण्ड पण्डित जसराज से प्राप्त की है। उन्होंने पण्डित जी के अनुशासन, घरानेदारी और विशेषकर मेवाती घराने के स्वर माधुर्य को गहरी साधना के साथ आत्मसात किया है। गायन के प्रति सुश्री तृप्ति मुखर्जी का समर्पण अनूठा है। देश-विदेश के अनेक प्रतिष्ठित संगीत समारोहों में उनके गायन को अपार प्रशंसा मिली है। उन्होंने अपने गुरु पण्डित जसराज के प्रति अपना गहन आदर व्यक्त करते हुए मेवाती घराने के तीन गुरुकुल क्रमश: न्यूयार्क, न्यू जर्सी और पेंसिलवानिया में स्थापित किये हैं और गुरु-शिष्य परम्परा के अन्तर्गत प्रशिक्षण प्रदान कर रही हैं।
सुश्री तृप्ति मुखर्जी को अनेक मान-सम्मान प्राप्त हुए हैं, जिनमें अमीर खाँ मेमोरियल अवार्ड, पण्डित जसराज गौरव पुरस्कार-पण्डिता की उपाधि (कर्नाटक विश्वविद्यालय से) एवं आचार्य शिरोमणि आदि प्रमुख हैं। सुश्री तृप्ति अमेरिका के व्हाइट हाउस में 2007 में दीपावली उत्सव के अन्तर्गत अपना गायन प्रस्तुत करने वाली अकेली गायिका हैं।

ग्रामीण क्षेत्र के उत्पादों को एक स्थान पर विक्रय करने का सही स्थान भोपाल हाट - ग्रामोद्योग राज्यमंत्री श्री वर्मा

ग्रामीण क्षेत्र के उत्पादों को एक स्थान पर विक्रय करने का सही स्थान भोपाल हाट - ग्रामोद्योग राज्यमंत्री श्री वर्मा
विभिन्न राज्यों के उत्पादों को प्रदेश में विक्रय के लिए प्राथमिकता : श्री धुवारा
ग्रामोद्योग, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री करणसिंह वर्मा ने कहा है कि प्रदेश के दूर-दराज अंचल क्षेत्र में निर्मित किए जाने वाले उत्पादों को एक स्थान पर विक्रय करने के लिए भोपाल हाट सही स्थान है। यहां पर वर्ष भर विभिन्न जिलों के स्व-सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों को विक्रय के लिए बुलाया जाता है। यह विचार मध्यप्रदेश हस्तशिल्प एवं हाथकरघा विकास निगम लिमिटेड के तत्वावधान में आयोजित मेले के शुभारंभ अवसर पर व्यक्त किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता निगम के अध्यक्ष श्री कपूरचंद धुवारा ने की।
राज्यमंत्री श्री वर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा ग्रामीण क्षेत्र में निवास करने वाले बढ़ई, लोहार, कारीगर, बुनकर आदि के द्वारा निर्मित उत्पादों को विक्रय को नगरीय क्षेत्रों में अच्छा बाजार उपलब्ध कराने की है। इसी उद्देश्य से दो करोड़ 70 लाख रुपये की लागत से राजधानी में सुन्दर, सुव्यवस्थित भोपाल हाट का निर्माण किया गया है। इसी तरह इंदौर में दो करोड़ की लागत से इंदौर हाट का निर्माण कराया जा रहा है। इसका लाभ ग्रामीण क्षेत्र की कारीगरों को उठाना चाहिये। इसी उद्देश्य को दृष्टिगत कारीगरों की पंचायत बुलाई गई थी। आज यहां पर कश्मीर, छत्तीसगढ़, बंगाल, हिमाचल प्रदेश आदि 12 राज्यों के उत्पाद विक्रय के लिए आए हैं।
मध्यप्रदेश हस्तशिल्प हाथकरघा विकास निगम लिमिटेड के अध्यक्ष श्री कपूरचंद धुवारा ने कहा कि निगम द्वारा अभी तक विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले 1500 कारीगरों को प्रशिक्षण दिया गया है। आगामी एक वर्ष में लगभग एक लाख कारीगरों को प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा। कारीगरों को औजार भी प्रदान किए गए हैं।
इस अवसर पर श्री धुवारा ने जुगलकिशोर नामदेव के नृत्य दल द्वारा प्रस्तुत बधाई नृत्य की सराहना भी की। यह नृत्य बुंदेलखण्ड की सांस्कृतिक धरोहर है। श्री धुवारा ने कहा कि यहां पर विक्रय के लिए आए कालीन, दरी, प्लाईवुड, लकड़ी का घरेलू उपयोग के सामान में जो हस्तकला दर्शाई गई है यह तारीफ के काबिल है।
इससे पहले भोपाल हाट मेले का शुभारंभ ग्रामोद्योग राज्यमंत्री श्री करणसिंह वर्मा ने फीता काटकर और दीप प्रज्जवलित कर किया। निगम के प्रबंध संचालक श्री एम.ए. खान के साथ विभिन्न स्टॉलों का भ्रमण किया। कार्यक्रम का संचालन सुश्री प्रमिता दुबे ने किया। इस अवसर पर विभिन्न राज्यों के स्व-सहायता समूह, उत्पादक व गणमान्य नागरिक उपस्थित थे

अफरा तफरी और तमाम अव्‍यवस्‍थाओं के बीच म.प्र. बोर्ड परीक्षायें शुरू, बैठने को टाट पटटी और पीने को पानी तक मयस्‍सर नहीं बच्‍चों को

अफरा तफरी और तमाम अव्‍यवस्‍थाओं के बीच म.प्र. बोर्ड परीक्षायें शुरू
बैठने को टाट पटटी और पीने को पानी तक मयस्‍सर नहीं बच्‍चों को
अतर सिंह डण्‍डोतिया – तहसील संवाददाता

मुरैना 1 मार्च 08, आज से म.प्र. बोर्ड की परीक्षायें मुरैना में प्रारंभ हुयीं । आज हुयी हायरसेकण्‍ड्री परीक्षाओं में जहॉं अफरातफरी और बेतरतीबी का आलम छाया रहा वहीं छात्र छात्राओं को बैठने, पीने के पानी तक की व्‍यवस्‍था नहीं थी । मुरैना जिला में कुल 26 हजार 64 परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं जिसमें 15 हजार 570 परीक्षार्थी हायरसेकण्‍ड्री के हैं और 31 हजार 494 परीक्षार्थी हाईस्‍कूल के हैं । आज शिक्षा विभाग के दावों की असलियत हायरसेकण्‍ड्री परीक्षा के पहले दिन ही खुल कर सामने आ गयी । महज 15 हजार 570 परीक्षार्थीयों की व्‍यवस्‍था का आलम यह था कि न तो उनके बैठने के लिये टाट पटटी तक नसीब हुयी और न उस स्‍थान पर झाड़ू तक लगाया गया । धूल व कचरे से सने फर्श व कच्‍ची जमीन पर बैठकर मजूबरन बच्‍चों को इम्तिहान देने पड़े । वहीं कुछेक छात्र खिड़कीयों व गोखों पर लटक कर इम्तिहान देते रहे वहीं कई जगह एक दूसरे के सिर पर सवार होकर । कई जगह पानी के पीने तक की व्‍यवस्‍था उपलब्‍ध नहीं थी । अब आगे हाईस्‍कूल के 31 हजार 494 छात्र छात्राओं की क्‍या दुर्दशा होगी यह वक्‍त बतायेगा । बहरहाल जहॉं बिजली कटौती और अन्‍य कारणों से बच्‍चे पढ़ाई नहीं कर पाये हैं वहीं गाय भैंसों से भी बदतर हाल में परीक्षा देकर उनका भविष्‍य कितना उज्‍जवल होगा यह समय के गर्भ में है ।