शुक्रवार, 19 सितंबर 2008

अनुसूचित जाति बालक बालिका छात्रावास भवनों के निर्माण के लिये मंजूरी

अनुसूचित जाति बालक बालिका छात्रावास भवनों के निर्माण के लिये मंजूरी
राज्य शासन ने अनुसूचित जाति बालक-बालिका छात्रावास भवनों के निर्माण के लिये 13 करोड़ 32 लाख 62 हजार रूपए की प्रशसकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है। आयुक्त अनुसूचित जाति विकास द्वारा प्रदेश के 16 जिलों के 23 छात्रावास भवनों के निर्माण के लिये स्वीकृति जारी की गई है।

करोंद खुर्द में सक्रिय असमाजिक तत्वों पर सख्त कार्यवाही करें - श्री गौर

करोंद खुर्द में सक्रिय असमाजिक तत्वों पर सख्त कार्यवाही करें - श्री गौर
बरसते पानी में भी जनता दरबार में पहुंचे लोग
वाणिज्यिक कर मंत्री श्री बाबूलाल गौर ने आज अपने निवास पर जनता दरबार में गुनगा थाना क्षेत्र के करोंद खुर्द से आये गरीब आदिवासी एवं अनुसूचित जाति के ग्रामीणों की व्यथा सुनने के बाद पुलिस को निर्देश दिये कि वहां गरीबों को परेशान करने वाले असमाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करें। इन ग्रामीणों ने बताया कि असमाजिक तत्व उन्हें अपने मकान एवं जमीन से बेदखल करने के लिए मारपीट करते रहते हैं।
श्री गौर के निवास पर आज आयोजित जनता दरबार में बारिश के बावजूद भी बड़ी संख्या में गांव और शहर के लोग अपनी सार्वजनिक समस्याओं के साथ पहुंचे। जनता दरबार में कलेक्टर श्री मनीष रस्तोगी के अलावा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, बी.डी.ए., सी.पी.ए., नगर निगम तथा पार्षद श्री केवल मिश्रा, किशन ग्वाला, नारायण सिंह पाल, सुश्री तुलसावर्मा, सुश्री सुषमा साहू तथा स्थानीय नेता और महिला नेत्री श्रीमती कृष्णा गौर तथा विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे। नागरिकों की समस्याओं की सुनवाई सिलसिले वार कर मौके पर ही उनका निराकरण किया गया। मिसरोद क्षेत्र स्थित निर्मल स्टेट कालोनी से रहवासी महिलाओं ने बताया कि स्थानीय समिति में विवाद की वजह से उनकी बस्ती में जुलाई से लाइट कटी पड़ी है जिससे पेयजल और रोशनी की समस्या बनी हुई है। इस सम्बन्ध में निष्क्रिय रहवासी समिति एस.डी.एम. के निर्देशों की भी अवहेलना कर रही हैं।
बेरखेड़ी खुर्द से आये ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्रीय एक दबंग व्यक्ति ने सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर लिया है जिससे ग्रामीणों के निस्तार की समस्या बनी हुई है। श्री गौर ने कलेक्टर से इस दिशा में तत्काल सख्त कार्यवाही करने को कहा। रातीबड़ की सरपंच श्रीमती शाइना बी ने भी क्षेत्र की समस्याओं की तरफ अधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया। बैठक में इन्द्रपुरी ए सेक्टर, शक्ति नगर, साकेत नगर, पुष्प नगर आदि शहरी बस्तियों के रहवासियों ने अपनी समस्या को जनता दरबार में रखा। जिनके समाधान के लिए श्री गौर ने नगर निगम के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये। पार्षद केवल मिश्रा ने बाग सेवनिया क्षेत्र में मंगलवार को खेलते समय कुए में गिर कर मृत अनिकेत (11 वर्ष) एवं राजकुमार (15 वर्ष) के परिजनों को मदद की मांग की। श्री गौर ने कलेक्टर को घटना की जांच कराकर मृतकों के परिजनों को आपदा निधि से सहायता राशि दिलाये जाने के निर्देश दिये।

जवाहर बाल भवन में गरबा प्रशिक्षण कार्यशाला

जवाहर बाल भवन में गरबा प्रशिक्षण कार्यशाला
स्थानीय जवाहर बाल भवन, में नवरात्रि के अवसर पर कुशल प्रशिक्षकों द्वारा 22 से 30 सितम्बर तक चार से पन्द्रह वर्ष के सदस्यों के लिये गरबा प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया जायेगा। इस आयु समूह के बालक#बालिका बाल सदस्य बनकर नि:शुल्क प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे। इच्छुक बालक#बालिका बाल भवन के नृत्य कक्ष में संपर्क कर कार्यशाला में भाग ले सकते हैं।

अंतरिम राहत यू जी सी और ए आई सी टी ई वेतनमान वालों को भी

अंतरिम राहत यू जी सी और ए आई सी टी ई वेतनमान वालों को भी
राज्य शासन द्वारा छटवे वेतनमान के अंतर्गत स्वीकृत अंतरिम राहत का लाभ यू जी सी एवं ए आई सी टी ई वेतनमानों में वेतन वाले कर्मचारियों तथा कार्यभारित एवं आकस्मिकता निधि से वेतन पाने वाले सेवा के सदस्यों को भी मिलेगा। राज्य शासन ने यह स्थिति कतिपय कर्मचारी संघों द्वारा इस संबंध में चाही गई जानकारी के परिप्रेक्ष्य में स्पष्ट की है।

राज्यमंत्री का दर्जा

राज्यमंत्री का दर्जा
राज्य शासन ने मध्यप्रदेश राज्य हज कमेटी के अध्यक्ष श्री मोहम्मद सलीम कुरैशी को राज्यमंत्री का दर्जा प्रदान किया है। यह आदेश जारी होने की तिथि से प्रभावशील माना जायेगा।

मध्यप्रदेश शासन के तीन राष्ट्रीय सम्मान (विविध जनजातीय सम्मान-2008)

मध्यप्रदेश शासन के तीन राष्ट्रीय सम्मान (विविध जनजातीय सम्मान-2008)
भोपाल में 24 सितम्बर को आयोजित अलंकरण समारोह में सम्मानित किया जायेगा
मध्य प्रदेश शासन, आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा स्थापित पहले वीरांगना रानी दुर्गावती राष्ट्रीय सम्मान - 2008 से श्रीमती रोज़ केरकेट्टा, रांची को, वीर शंकरशाह-रघुनाथ शाह राष्ट्रीय सम्मान-2008 से श्री किनफाम सिं नोंगकिनरिह, मेघालय को तथा ठक्कर बापा राष्ट्रीय सम्मान-2008 से स्वामी विवेकानंद मेडिकल मिशन, उत्तरवायनाड, केरल को 24 सितम्बर को प्रात: 11 बजे रवीन्द्र भवन भोपाल में आयोजित भव्य अलंकरण समारोह में अलंकृत किया जायेगा। समारोह में महामहिम राज्यपाल डॉ. बलराम जाखड़, वन एवं आदिम जाति कल्याण मंत्री कुँवर विजय शाह और आदिम जाति कल्याण, सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री श्रीमती रंजना बघेल गणमान्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। इन सभी जनजातीय सम्मान के अंतर्गत रुपये 2-2 लाख की सम्मान निधि और प्रषस्ति पट्टिका प्रदान की जायेगी।
आदिम जाति कल्याण विभाग के उपक्रम वन्या के प्रबंध संचालक श्रीराम तिवारी ने रानी दुर्गावती राष्ट्रीय सम्मान की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य शासन द्वारा दिया जाने वाला यह सम्मान आदिवासी एवं पारंपरिक सृजनात्मक कला शिल्प, समाज-सेवा, प्रशासन में अद्वितीय उपलब्धि एवं योगदान के लिए आदिवासी महिला को देय है। वीर शंकरशाह-रघुनाथशाह राष्ट्रीय सम्मान भारतीय साहित्य में जनजातीय जीवन के सृजनात्मक सौंदर्य, परंपरा और विशिष्टता के उत्कृष्ट रेखांकन-लेखन में सुदीर्घ योगदान तथा आदिवासी पारंपरिक कलाओं के क्षेत्र में उल्लेखनीय साधना के लिए देय है तथा ठक्कर बापा राष्ट्रीय सम्मान गरीब, पीड़ित और हर तरह से पिछड़ी आदिवासी समुदाय के लोगों की प्रेम, समदृष्टि और ममतापूर्ण सेवा एवं सुदीर्घ साधना के लिए प्रति वर्ष दिया जायेगा।
श्री तिवारी ने बताया कि यह सम्मान इसी वर्ष से आरंभ किया गया है। इन सभी राष्ट्रीय सम्मान के लिये देष भर से, नामांकन आमंत्रित किए गए थे। साथ ही भारत के विशेषज्ञों, समाजशास्त्रियों, बुध्दिजीवियों, लेखकों, समीक्षकों से भी अनुशंसाएं आमंत्रित की गई थीं।
पहले रानी दुर्गावती राष्ट्रीय सम्मान-2008 से सम्मानित होने वाली श्रीमती रोज़ केरकेट्टा आदिवासी समाज का गौरव हैं। वे उच्चकोटि की समाज सेविका, शिक्षाविद्, भाषाविद् और अपनी सांस्कृतिक परंपरा के पुनरूत्थान में जुटी एकाकी सेना के समान हैं। श्रीमती केरकेट्टा गरीबों के सषक्तीकरण, जागरण और उनकी आर्थिक उन्नति एवं उन्हें न्याय दिलाने के लिए भी निरंतर सक्रिय हैं।
श्री तिवारी ने बताया वीर शंकरशाह-रघुनाथशाह राष्ट्रीय सम्मान-2008 से विभूषित होने वाले मेघालय के श्री किनफाम सिं नोंगकिनरिह ने आदिवासी जीवन और परंपराओं को अपने साहित्य के माध्यम से बड़ा फलक प्रदान किया है। विशेषकर खासी भाषा के संरक्षण के लिए वे निरंतर सक्रिय हैं।
उन्होंने बताया कि ठक्कर बापा राष्ट्रीय सम्मान-2008 से सम्मानित होने वाले स्वामी विवेकानंद मेडिकल मिशन केरल, गरीब पिछड़े वनवासियों को जागरुक बनाने, उनके स्वसहायता समूह संगठित करने तथा उनके लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और जीविकोपार्जन के क्षेत्र में सशक्त और सराहनीय कार्य कर रहा है। अत: स्वामी विवेकानंद मेडिकल मिशन को ठक्कर बापा राष्ट्रीय सम्मान-2008 से अलंकृत करने का निर्णय लिया गया है।

परख कार्यक्रम और कानून व्यवस्था पर कलेक्टर सतत् निगरानी रखें

परख कार्यक्रम और कानून व्यवस्था पर कलेक्टर सतत् निगरानी रखें
मुख्य सचिव श्री राकेश साहनी के निर्देश
मुख्य सचिव श्री राकेश साहनी ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के कमिश्नरों और कलेक्टरों को निर्देश दिये हैं कि वे कानून व्यवस्था, पेयजल और बिजली की स्थिति पर सतत निगरानी रखें। पेयजल हेतु अभी से एक्शन प्लान बनावें ताकि आने वाले दिनों में पेयजल संकट न हो।
मुख्य सचिव श्री राकेश साहनी ने कलेक्टरों से नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि परख कार्यक्रम के प्रति लापरवाही की जा रही है तथा परख में भेजे जाने वाले आंकड़ों की और कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ऐसा लगता है कि इस कार्य में कलेक्टर कोई रुचि नहीं दिखा रहे हैं। यह बहुत गम्भीर और चिन्ता का विषय है। आपने कहा कि मध्यान्ह भोजन की जानकारी के संबंध में कहा जा रहा है कि कोई समस्या नहीं रिपार्ट की जा रही है, जो कि उचित प्रतीत नहीं होती है। खण्डवा और सतना में कुपोषण से बच्चों की मृत्यु हो रही है। मीडिया में खबर प्रकाशित हो रही है। परन्तु परख कार्यक्रम में यह जानकारी नहीं भेजी जा रही है। यह और ज्यादा चिन्ता का विषय है। कलेक्टर व्यक्तिगत रुप से परख कार्यक्रम को देखें, आंकड़ों की मॉनीटरिंग करें। साथ ही यदि कहीं आलोचना हो रही है तो हमें धैर्य और संयम के साथ उसका निराकरण करना चाहिये। आपने सतना में मीडिया के साथ हुई घटना पर भी नाराजगी जाहिर की।
मुख्य सचिव श्री राकेश साहनी ने कलेक्टरों-कमिश्नरों से कहा कि कानून व्यवस्था बनाने में वे अपने सूचना तंत्र को मजबूत करें तथा सम्पर्क सूत्र बढ़ायें। आपने अफसोस जाहिर किया कि गत दिवस प्रतिपक्ष नेता के साथ सड़क हादसा हुआ परन्तु उसकी सूचना सीहोर और देवास जिला प्रशासन को बहुत देर से प्राप्त हुई इसका कारण है कि आपका सूचना तंत्र एवं सूचना के साधनों का सही उपयोग नहीं किया जा रहा है।
मुख्य सचिव ने जिला कलेक्टरों से सूखा राहत के संबंध में चर्चा की तथा फसलों की स्थिति पर वीडियो कांफ्रेंसिंग में प्रमुख सचिव कृषि श्री प्रवेश शर्मा ने भी बातचीत की। कलेक्टरों द्वारा बताया कि रबी फसल प्रभावित होगी तथा वर्तमान में भी फसल उत्पादन में गिरावट आयेगी। वीडियो कांफ्रेसिंग में प्रमुख सचिव ग्रामीण विकास श्री आई.एस. दाणी ने कहा कि एन.आर.ई.जी योजना में शिकायत मिल रही ह,ै उनका निराकरण किया जा रहा है। इस योजना में भारत सरकार ने 30 सितम्बर तक बैंक खाता खोलने के निर्देश दिये हैं। अत: सभी के बैंक खाते खोल दिये जायें ताकि आगामी माह से राशि का वितरण बैंकों के माध्यम से हो। जिन 26 जिलों को योजना समिति से अनुमोदन कराकर योजना भेजी जानी थी। कई जिलों ने अभी तक योजना नहीं भेजी है। वह आज और कल में ही योजना भेज दें।
आयुक्त स्वास्थ्य श्रीमती अलका उपाध्याय ने भी बीमारियों की तरफ कलेक्टरों का ध्यान आकर्षित करते हुये कहा कि विभिन्न जिलों में विभिन्न प्रकार की बीमारियाें की ओर विशेष ध्यान दिया जाये तथा जिला प्रमुख चिकित्सकों के साथ बैठकर स्थिति की समीक्षा की जाय। अधिकांश जिलों में मलेरिया का प्रकोप फैल रहा है इस ओर विशेष ध्यान दिया जाय तथा मैदानी कर्मचारियों को मैदान में ही कार्य करने दिया जाय। महिला तथा बाल विकास प्रमुख सचिव श्रीमती टीनू जोशी ने कलेक्टरों से कहा कि कुपोषण की शिकायतें प्राप्त हो रही हैं इसके लिये जिला एवं तहसील स्तर पर समिति का गठन कर समीक्षा की जाय तथा समन्वय कार्यक्रम बनाया जाय ताकि मौके पर ही ऐसी समितियों द्वारा निराकरण किया जा सकें।
मुख्य सचिव श्री राकेश साहनी ने कमिश्नरों एवं कलेक्टरों को कानून व्यवस्था, बिजली, पानी पर विशेष ध्यान देने और उसकी सतत निगरानी करने के निर्देश दिये।

द्वितीय एशियन ऑल स्टार एथलेटिक्स चैम्पियनशिप आयोजित

द्वितीय एशियन ऑल स्टार एथलेटिक्स चैम्पियनशिप आयोजित
ओलम्पिक संघ के अध्यक्ष श्री सुरेश कलमाड़ी द्वारा शुभारंभ
द्वितीय एशियन ऑल स्टार एथलेटिक्स चैम्पियनशिप-2008 का आज यहां तात्या टोपे स्टेडियम में रंगारंग शुभारंभ हुआ। प्रतियोगिता के भव्य एवं यादगार शुभारंभ अवसर पर मध्यप्रदेश के विभिन्न अंचलों तथा राजस्थान एवं पंजाब के कलाकारों ने आकर्षक नृत्य प्रस्तुत किये। इनमें निमाड़ का गणगौर, मालवा को मयूर, बुन्देलखंड का नौरता, मालवा का मटकी, बुन्देलखंड का बधाई, मालवा को कानग्रलिया, बुन्देलखंड का बरेदी, झाबुआ जिले का भगौरिया, राजस्थान का दुलदुलघोड़ी तथा पंजाब का भंगड़ा नृत्य शामिल हैं।
इस प्रतियोगिता का विधिवत शुभारंभ भारतीय ओलम्पिक संघ के अध्यक्ष श्री सुरेश कलमाड़ी ने किया। उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण प्रतियोगिता का आयोजन भोपाल में किया जाना मध्यप्रदेश के लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के खेल विभाग ने बहुत अच्छे इन्तजाम किये और इसमें भाग लेने वाले खिलाड़ियों को कोई असुविधा नहीं हुई है। श्री कलमाड़ी ने कहा कि अक्टूबर 2010 में कामन वेल्थ आयोजित होंगे और इसकी तैयारी के लिए यह प्रतियोगिता उपयोगी साबित होगी।
मध्यप्रदेश खेल परिषद के उपाध्यक्ष श्री ओम यादव ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि इस प्रतियोगिता का आयोजन भोपाल ही नहीं मध्यप्रदेश के लिए गौरव की बात है। उन्होंने इस प्रतियोगिता के आयोजन के लिए ऑल इंडिया एथलेटिक्स एसोसिएशन को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इस प्रतियोगिता को सफल बनाने के लिए शासन द्वारा भरसक प्रयास किये गये हैं। श्री यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में खेलों और खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने सभी खिलाड़ियों तथा विभिन्न देशों से आये अतिथियों का मध्यप्रदेश शासन की ओर से स्वागत किया।
इस अवसर पर महापौर श्री सुनील सूद, सचिव एशियन एथलेटिक्स संघ श्री मोरिस निकोलक्स, मध्यप्रदेश ओलम्पिक संघ के अध्यक्ष श्री महेश जोशी, भारतीय एथलेटिक्स संघ के महासचिव श्री ललित भानौट, अपर मुख्य सचिव खेल एवं युवक कल्याण श्रीमती रंजना चौधरी, खेल संचालक श्री संजय चौधरी तथा एशिया के विभिन्न देशों के खेल संघों के अध्यक्ष तथा खेलप्रेमी विशेष रूप से उपस्थित थे।
द्वितीय एशियन ऑल स्टार एथलेटिक मीट में भाला फेंक, ट्रिपल जम्प, ऊंची कूद, चार सौ मीटर बाधा दौड़, शाटपट तथा गोला फेंक प्रतियोगिताएं शामिल हैं। इनमें भारत, उजबेकिस्तान, ईरान, जापान, पाकिस्तान, चीन, थाइलैंड, कोरिया, श्रीलंका, मलेशिया, सिरिया, वियतनाम, नेपाल, हाँगकांग, फिलिपीन्स आदि के खिलाड़ी भाग ले रहें है।

पदस्थापना

पदस्थापना
राज्य शासन ने डिप्टी कलेक्टर भोपाल श्रीमती शमीन जहरा रजा को स्थानान्तरित करते हुए पंचायत संचालनालय में उप संचालक के पद पर पदस्थ किया है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा आज इस आशय का आदेश जारी किया गया है।

सेमेस्टर पध्दति के अंतर्गत परीक्षाएं अकादमिक केलेण्डर के अनुसार आयोजित की जाएं

सेमेस्टर पध्दति के अंतर्गत परीक्षाएं अकादमिक केलेण्डर के अनुसार आयोजित की जाएं
राज्य शासन ने सभी विश्वविद्यालयों से सेमेस्टर पध्दति के अंतर्गत अकादमिक कैलेण्डर के अनुसार परीक्षाएं आयोजित करने को कहा है।
राज्य शासन द्वारा विश्वविद्यालय प्रशासन को भेजे निर्देश में कहा गया है कि कुलाधिपति द्वारा शैक्षणिक सत्र के पूर्व अकादमिक कैलेण्डर अनुमोदित किया गया था। किन्तु इसके बाद भी कुछ विश्वविद्यालयों ने कुलाधिपति द्वारा अनुमोदित अकादमिक कैलेण्डर का पालन नहीं करते हुए मनमाने ढंग से परीक्षाएं आयोजित करने की सूचना उच्च शिक्षा विभाग को भेजी है। जबकि सेमेस्टर पध्दति लागू करने का उद्देश्य प्रदेश के शैक्षणिक स्तर में उन्नयन और समानता लाना है।
आयुक्त उच्च शिक्षा श्री आशीष उपाध्याय ने समस्त विश्वविद्यालयों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि कुलाधिपति द्वारा अनुमोदित अकादमिक कैलेण्डर के प्रावधान के अनुसार निर्धारित अवधि के बीच परीक्षाएं आयोजित की जाएं। अन्यथा संबंधित विश्वविद्यालयों के विरुध्द कार्यवाही करने के लिये प्रकरण कुलाधिपति को अग्रेषित किया जायेगा।
सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को भेजे गये पत्र में यह भी कहा गया है कि ऐसी स्थिति निर्मित न हो, इसके लिये आवश्यक है कि समस्त विश्वविद्यालयों में एक साथ अकादमिक कैलेण्डर के अनुरूप परीक्षाएं आयोजित की जायें ताकि आगामी सेमेस्टर पर विपरीत प्रभाव न पड़े।

स्कूली शिक्षकों को एक और फायदा

स्कूली शिक्षकों को एक और फायदा
व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए भी अनुदान, 20 हजार शिक्षक होंगे लाभान्वित, बीएड वालों को छह हजार रूपए, डीपीई कीे पूरी फीस देगी सरकार
मध्यप्रदेश में स्कूली शिक्षा के बेहतरीन मुकाम कायम करने की ठान चुकी मौजूदा राज्य सरकार ने अपने फैसलों और इन पर अमल की प्रतिबध्दता को लेकर एक और कदम बढ़ाया है। यह सौगात शिक्षकों के हक में उन्हें व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए अनुदान देने से जुड़ी है। बी.एड. करने वाले शिक्षकों को पाठयक्रम शुल्क के बतौर 6000 हजार रूपयों तक का अनुदान दिया जाएगा। डी.पी.ई. पाठयक्रम करने वाले शिक्षकों के लिए तो और आगे जाकर उनकी पूरी फीस का खर्च ही राज्य सरकार उठाएगी। अगले दो सालों में इस फैसले से कोई 20 हजार शिक्षक लाभान्वित होंगे।
मौजूदा राज्य सरकार ने माना है कि स्कूली शिक्षा में मुकम्मल गुणवत्ता आज की अहम जरूरत है। चूंकि सवाल बच्चों के भविष्य का है, इसलिए उन्हें पढ़ाने वालों को निपुण और सक्षम बनाना बड़ी जिम्मेदारी है। बच्चों को अपने पैरों पर खड़ा होने का सबक सिखाने वालों को इसी नज़र से एक खासियत में तैयार किया जा रहा है। व्यावसायिक प्रशिक्षण के खर्चे में उनके साथ राज्य सरकार इसीलिए हिस्सेदारी कर रही है। प्रारंभिक शिक्षा से जुड़े सभी शिक्षकों को व्यावसायिक तौर पर प्रशिक्षित करने का बाकायदा लक्ष्य तय कर लिया गया है।
इस नई योजना का अमल राज्य शिक्षा केन्द्र और इंदिरा गाँधी मुक्त विश्वविद्यालय के तालमेल से अंजाम दिया जाएगा। केन्द्र के आयुक्त श्री मनोज झालानी के मुताबिक अप्रशिक्षित शिक्षकों को शिक्षा स्नातक (बी.एड.) और प्राथमिक शिक्षा में डिप्लोमा (डी.पी.ई.) पाठयक्रमों के प्रशिक्षण का लाभ सुनिश्चित किया जाएगा। इस फैसले के फायदे में शरीक होने वाले 20 हजार अप्रशिक्षित शिक्षकों में अध्यापक, संविदा शिक्षक और गुरूजी, डी.एड. और डी.पी.ई. प्रशिक्षण हासिल करेंगे। यह प्रशिक्षण प्रदेश के जिला शिक्षा एंव प्रशिक्षण संस्थानों (डाइट्स) के जरिए दिया जाएगा।

डाक्टरों को कठिन क्षेत्र भत्ता

डाक्टरों को कठिन क्षेत्र भत्ता
385 स्वास्थ्य संस्थाएं चयनित, 850 डॉक्टरों को लाभ, आज आदेश जारी
दूरस्थ इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित करने के मकसद से मौजूदा राज्य सरकार ने पिछले दिनों डॉक्टरों को प्रोत्साहन के बतौर कठिन क्षेत्र भत्ता देने का फैसला किया था। ऐसी 385 स्वास्थ्य संस्थाओं में काम करने वाले कोई 850 डॉक्टरों को यह फायदा मिलना अब पक्का हो गया है। आज इस सिलसिले में सरकार ने मंजूरी के आदेश जारी कर दिए।
राज्य सरकार के निर्देश पर इस भत्ते का फायदा देने के लिए कोई 35 सीमॉक (समग्र आपातकालीन प्रसूति और नवजात शिशु स्वास्थ्य सेवा) संस्थाओं और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को चुना गया था। इन जगहों पर तैनात नियमित विशेषज्ञों और संविदा पर कार्यरत स्नातकोत्तर अधिकारियों को इस भत्ते का लाभ मिलेगा। इन डॉक्टरों की तादाद 150 है। फैसले का दायरा बढ़ाते हुए यह भी तय किया गया कि अब निश्चेतना, स्त्री रोग और शिशु रोग विशेषज्ञों के साथ ही अन्य रोगों के विशेषज्ञ डॉक्टरों को भी यह फायदा दिया जाएगा। इन डाक्टरों को हर महीने बतौर कठिन क्षेत्र भत्ते के 10 हजार रुपये मिलेंगे। यह भत्ता एक अप्रैल 2008 से मंजूर किया गया है।
कठिन क्षेत्र भत्ते का फायदा उन 700 डॉक्टरों को भी मिलने जा रहा है जो आदिवासी बहुल इलाकों की 330 बीमॉक (मूलभूत आपातकालीन प्रसूति एवं नवजात शिशु स्वास्थ्य सेवा) संस्थाओं और 20 ऐसी ही पिछले दो सालों से चिकित्सक विहीन संस्थाओं में तैनात होंगे। ऐसे डॉक्टरों की तादाद 700 होगी और इन्हें आठ मई 2008 से 5000 रुपये हर महीने कठिन क्षेत्र भत्ता मिलेगा। इन डॉक्टरों में नियमित और संविदा चिकित्सा अधिकारी शामिल रहेंगे।
इस फैसले पर अमल के चलते अब दूरस्थ ग्रामीण अंचलों में लोगों की सेहत का जिम्मा उठाने वाले डॉक्टरों की दिक्कतें दूर हो गई हैं। पहले आलम यह था कि पद खाली पड़े थे और डॉक्टर इन इलाकों में जाने से कतराते रहे थे।