शनिवार, 29 मार्च 2008

राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के क्रियान्वयन में म.प्र. देश में अव्वल

राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के क्रियान्वयन में म.प्र. देश में अव्वल
एक अप्रैल से होगा सम्पूर्ण प्रदेश में योजना का विस्तार
29 मार्च 08/आगामी एक अप्रैल 2008 से प्रदेश के सभी 48 जिलों में राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना लागू हो जाएगी। इसके लिए जिला स्तर पर तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। इन जिलों के लिए 41 लाख जॉब कार्ड तैयार किए जा रहे हैं। अभी यह योजना प्रदेश के 31 जिलों में क्रियान्वित की जा रही है। सर्वश्रेष्ठ एवं उत्कृष्ट कार्य निष्पादन के कारण मध्यप्रदेश इस योजना के क्रियान्वयन में देश में अव्वल है और अन्य राज्यों के लिए 'माडल राज्य' बना हुआ है।
मुख्य बिंदु
• आगामी एक अप्रैल से योजना पूरे 48 जिलों में
• 17 नए जिले जुड़ेगें
• नए जिले हैं- भिण्ड, भोपाल, ग्वालियर, होशंगाबाद, इंदौर, जबलपुर, मंदसौर, मुरैना, नीमच, नरसिंहपुर, रायसेन, रतलाम, सागर, सीहोर, शाजापुर, उज्जैन और विदिशा
• 41 लाख जॉब कार्ड तैयार हो रहे हैं
• जॉब कार्डधारी को 15 दिन के भीतर रोजगार मिलेगा
• काम न मिलने पर बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा
• रोजगार गारंटी योजना में मध्यप्रदेश आदर्श राज्य है
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री रूस्तम सिंह ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि एक अप्रैल से यह योजना शेष 17 जिलों-मुरैना, भिण्ड, ग्वालियर, सागर, नीमच, मन्दसौर, रतलाम, उज्जैन, शाजापुर, इंदौर, विदिशा, भोपाल, सीहोर, रायसेन, होशंगाबाद, जबलपुर और नरसिंहपुर में भी लागू हो जाएगी। प्रदेश में दो फरवरी- 2006 से आरंभ इस योजना के प्रथम चरण में 18 जिलों झाबुआ, मंडला, उमरिया, शहडोल, बड़वानी, खरगौन, शिवपुरी, सीधी, टीकमगढ़, बालाघाट, छतरपुर, बैतूल, खंडवा, श्योपुर, धार, सिवनी, सतना एवं डिण्डौरी को शामिल किया गया था। इसी तरह द्वितीय चरण में 13 जिलों- गुना, अशोकनगर, राजगढ़, दतिया, रीवा, पन्ना, दमोह, कटनी, छिन्दवाड़ा, अनूपपुर, बुरहानपुर, हरदा एवं देवास में यह योजना लागू की गई थी।
श्री रूस्तम सिंह ने बताया कि एक अप्रैल से सभी 48 जिलों में ग्रामीणों को वर्ष 2008-09 में मांगने पर सौ दिवस तक के रोजगार की गारंटी मिल जाएगी। रोजगार की मांग करने वाले जॉब कार्डधारी व्यक्ति को पन्द्रह दिनों के भीतर काम मिल जाएगा। ऐसा नहीं होने पर आवेदनकर्ता को बेरोजगारी भत्ता प्रदान किया जाएगा। भत्ते की राशि राज्य शासन द्वारा वहन की जाएगी। कार्य स्थल पर दुर्घटना होने पर प्रभावित श्रमिक को नि:शुल्क उपचार और क्षतिपूर्ति की सुविधा भी दी जाती है। क्षतिपूर्ति की अधिकतम राशि 25 हजार रूपये है। योजना के तहत श्रम आधारित कार्य ही कराये जाते हैं। योजना में मशीनों का उपयोग और ठेकेदारी प्रतिबंधित है।
श्री रूस्तम सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के तहत प्रदेश में विकास के अभूतपूर्व कार्य हो रहे हैं। मध्यप्रदेश शासन ने रोजगार गारंटी अधिनियम को विस्तार के साथ लागू करने के लिए इस योजना में नंदन फलोद्यान, सहस्त्र धारा, कपिलधारा, निर्मल नीर और शैलपर्ण नामक अभिनव योजनाओं को भी शामिल किया है। ग्रामीण विकास के बुनियादी काम तेजी से हो रहे है। इस कार्यों में से 80 प्रतिशत कार्य पंचायतों के माध्यम से कराए जा रहे हैं।

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