शनिवार, 5 अप्रैल 2008

शहरी अतिक्रमणों को हटाने हेतु समुचित कार्रवाई की जाय

शहरी अतिक्रमणों को हटाने हेतु समुचित कार्रवाई की जाय
प्रमुख सचिव श्री राघव चन्द्रा के निर्देश
संजय गुप्‍ता(मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो चीफ
5 अप्रेल 08/प्रमुख सचिव, नगरीय प्रशासन एवं विकास, श्री राघव चन्द्रा ने आयुक्त, नगर निगम भोपाल को नगर निगम सीमा में कहीं भी आवासीय अथवा सार्वजनिक स्थल का गैर आवासीय और गैर कानूनी उपयोग पाये जाने पर संबंधितों के विरूध्द वैधानिक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। श्री चन्द्रा ने कहा कि नगर निगम इसके लिए योजना बनाकर ठोस कार्रवाई करें। कार्य योजना को पारदर्शी बनाने के लिए इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। ताकि अतिक्रमण हटाने में कहीं भी पक्षपात का आरोप न लगे। दोषी अधिकारियों, आर्किटेक्ट, बिल्डर आदि के विरूध्द नगर पालिक निगम अधिनियम के तहत कार्रवाई सुनिश्चितत करें।
• प्रमुख सचिव के शहरी अतिक्रमण हटाने के निगमायुक्त को निर्देश
• आवासीय अथवा सार्वजनिक स्थल के गैर कानूनी उपयोग के विरूध्द तत्काल कार्रवाई हो
• कार्रवाई ठोस योजना बनाकर की जाए
• कार्ययोजना को प्रचार-प्रसार के जरिए पारदर्शी बनाया जाए
• इससे नागरिकों को पक्षपात करने संबंधी शिकायत का मौका नहीं मिलेगा
• दोषी अधिकारियों, आर्किटेक्ट, बिल्डर आदि के विरूध्द कार्रवाई सुनिश्चित हो
• एम.पी.नगर और अन्य बाजारों की सामान्य सड़कों पर अनियमित पार्किंग रोकने के कदम उठाएं
• इसके लिए इन स्थलों पर पार्किंग स्थल से कई गुना अधिक पार्किंग शुल्क वसूली जाए
श्री राघव चन्द्रा ने महाराणा प्रताप नगर और अन्य बाजारों में आम सड़कों पर पार्किंग रोकने के लिए भी प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। श्री चन्द्रा ने कहा कि इन स्थानों पर पार्किंग स्थल से कई गुना अधिक दर से वसूली की जाए। इससे लोग पार्किंग स्थल पर ही वाहन खड़े करेंगे। दुकानों व कार्यालयों के सामने, सामान्य व संकीर्ण सड़क पर पार्किंग सामान्यत: वर्जित की जानी चाहिए। दोषी व्यक्तियों के विरूध्द ठोस कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
प्रमुख सचिव, नगरीय प्रशासन और विकास ने उक्त बिन्दुओं पर नगर निगम को तत्काल कार्ययोजना बनाकर कार्रवाई करने और कार्रवाई से नगरीय प्रशासन विभाग को सतत अवगत कराने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने जनसामान्य को कार्ययोजना से अवगत कराने की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए है जिससे नागरिकों को पक्षपात करने संबंधी शिकायत का मौका न मिले। इस संबंध में अपनेर् कत्तव्यों के निर्वहन में उदासीनता बरतने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के विरूध्द भी कार्रवाई हो।

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