जनसम्पर्क मंत्री द्वारा ख्यातनाम पत्रकार एवं साहित्यकार डा. ब्रजभूषण सिंह 'आदर्श' के निधन पर शोक
संजय गुप्ता(मांडिल) मुरैना ब्यूरो चीफ 03 मार्च08/जनसम्पर्क एवं संस्कृति मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने ख्यातनाम पत्रकार एवं साहित्यकार डा. ब्रजभूषण सिंह 'आदर्श' के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उन्हें श्रध्दांजलि अर्पित की है।
जनसम्पर्क एवं संस्कृति मंत्री श्री शर्मा ने अपने शोक संदेश में कहा है कि डा. आदर्श का साहित्य और पत्रकारिता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। शासकीय सेवा के दौरान उन्होंने आदिवासी अंचलों में कार्यरत रहकर अपने उत्तरदायित्व का दक्षतापूर्वक निर्वहन किया। उनका निधन साहित्य और पत्रकारिता जगत की अपूरणीय क्षति है।
अविभाजित मघ्यप्रदेश के जाने-माने पत्रकार एवं साहित्यकार डा. ब्रजभूषण सिंह 'आदर्श' का बिलासपुर में दु:खद निधन हो गया। डा. आदर्श ने मध्यप्रदेश में लंबे समय तक पत्रकारिता की। उन्होंने जबलपुर से पत्रकारिता की डिग्री में स्वर्ण पदक प्राप्त किया। डा. आदर्श ने प्रसिध्द साहित्यकार श्री नंददुलारे बाजपेयी के निर्देशन में पी.एच.डी. की उपाधि प्राप्त की।
भोली जिला उन्नाव उत्तरप्रदेश में 30 मार्च 1930 को जन्मे 'आदर्श' ने 40 से अधिक किताबें लिखीं। ऑंखे-ऑंसू और कब्र, नया सबक (कहानी संग्रह) उनकी प्रमुख रचनाओं में से हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के साहित्यकारों के इतिहास पर भी उल्लेखनीय कार्य किया। उन्होंने अविभाजित मध्य प्रदेश के साहित्यकारों के इतिहास पर आधारित श्रृंखलाबध्द लेखन किया जिसे काफी सराहा गया। डा. आदर्श मध्यप्रदेश के जनसम्पर्क विभाग में 1988 में उप संचालक के पद से सेवानिवृत्त हुए।
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