गुरुवार, 3 अप्रैल 2008

तीन जिलों की 7 करोड़ 23 लाख रूपये की रेशम पालन योजना प्रस्तावित

तीन जिलों की 7 करोड़ 23 लाख रूपये की रेशम पालन योजना प्रस्तावित
संजय गुप्‍ता(मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो चीफ 03 मार्च08/प्रदेश के तीन जिलों की 7 करोड़ 23 लाख रूपये से अधिक की रेशम पालन की योजना स्वीकृति के लिए भारत सरकार को भेजी गई है। इस परियोजना के क्रियान्वयन से करीब दो हजार लोगों को रोजगार मिल सकेगा।
प्रदेश में विशेष स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना के तहत तीन जिलों बालाघाट, मण्डला एव डिण्डोरी की 7 करोड़ 23 लाख रूपये से अधिक की पंचवर्षीय योजना रेशम विभाग द्वारा तैयार कर स्वीकृति के लिये भारत सरकार को भेज दी गई है।
इस परियोजना के क्रियान्वयन होने से 14.38 मेट्रिक टन रील्ड यार्न तथा 6.07 मे. टन स्पन यार्न का उत्पादन होगा। इस परियोजना से इन जिलों के करीब दो हजार लोगों को रोजगार मिल सकेगा।
रेशम विभाग की एक अन्य योजना के तहत इस वर्ष टसर रेशम विकास एवं विस्तार कार्यक्रम के अंतर्गत वन विभाग के समन्वय एवं सहभागिता से जिलों में लगभग 15 हजार हे. क्षेत्र में टसर खाद्य पौधों का नवीन पौधारोपण का कार्य किया जा रहा है। यह कार्य एनईआरजीपी योजना के तहत किया जा रहा है।
इसी प्रकार से प्राकृतिक रूप से उपलब्ध टसर खाद्य वृक्षों के क्षेत्र में वन विभाग की संयुक्त वन प्रबंधन समितियों के माध्यम से टसर कृमि पालन कार्यक्रम लिया जा रहा है। इस कार्यक्रम से दो करोड़ नैसर्गिक ककून उत्पादन तथा 837 लाख पालित ककून उत्पादन की संभावना है।

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