गुरुवार, 3 अप्रैल 2008

बुंदेलखण्ड में 464 हेक्टेयर से अधिक प्रस्तावित क्षेत्र में औद्योगिक अधोसंरचनाएं विकसित की जाएंगी (बुंदेलखण्ड इन्वेस्टर्स मीट, सागर-11 अप्रैल, 2008)

बुंदेलखण्ड में 464 हेक्टेयर से अधिक प्रस्तावित क्षेत्र में औद्योगिक अधोसंरचनाएं विकसित की जाएंगी (बुंदेलखण्ड इन्वेस्टर्स मीट, सागर-11 अप्रैल, 2008)
संजय गुप्‍ता(मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो चीफ 03 मार्च08/प्रदेश के बुंदेलखण्ड अंचल के चार जिलों में कुल 465.30 हेक्टेयर प्रस्तावित क्षेत्र में विभिन्न औद्योगिक अधोसंरचनाओं का विकास किया जायेगा। ये अधोसंरचनाएं वर्ष 2008-09 और 11वी पंचवर्षीय योजना की शेष अवधि में विकसित की जाना प्रस्तावित है। सागर में आगामी 11 अप्रैल को प्रस्तावित बुंदेलखण्ड इन्वेस्टर्स मीट के संदर्भ में उद्योग मंत्री श्री जयंत मलैया ने यह जानकारी आज यहां दी।
उद्योग मंत्री श्री मलैया ने बताया कि सागर जिले में बीना रिफायनरी की स्थापना के फलस्वरूप संभावित औद्योगीकरण को दृष्टिगत रखते हुए सागर जिले के बीना तहसील के ग्राम बेलई के 20 हेक्टेयर क्षेत्र में नवीन औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना प्रस्तावित है। इसी प्रकार नार्थ साउथ कारीडोर राष्ट्रीय राजमार्ग के मध्य सागर जिले की देवरी तहसील का क्षेत्र आने की वजह से औद्योगिक विकास की संभावनाएं अत्यधिक बढ़ गई हैं। इसलिये देवरी तहसील के ग्राम छेबला में 165 हेक्टेयर क्षेत्र में औद्योगिक अधोसंरचनाओं का विकास किया जायेगा। सागर जिले की खुरई तहसील न केवल कृषि प्रधान है बल्कि कृषि उपकरणों के उत्पादन में भी अग्रणी है। वर्तमान में खुरई तहसील में लगभग 20 इकाईयां औद्योगिक उपकरणों का उत्पादन कर रही हैं। अत: खुरई तहसील के ग्राम करमपुर में 27.94 हेक्टेयर क्षेत्र में एक कृषि उपकरण क्लस्टर की स्थापना प्रस्तावित है।
श्री मलैया ने बताया कि जिले की गढ़ाकोटा तहसील में टमाटर, अमरूद और अन्य हरी सब्जियों का उत्पादन बहुतायत में होता है। इसे देखते हुए गढ़ाकोटा के ग्राम चनौआ में 21.27 हेक्टेयर क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण पर केन्द्रित औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना प्रस्तावित है। सागर जिले की बंडा तहसील में उपलब्ध स्टोन का खनन कर निर्यात किया जा रहा है। प्रदेश शासन द्वारा भी संशोधित औद्योगिक संवर्धन नीति-2004 के तहत सागर में गौण खनिज एवं मुख्य खनिजों के प्रसंस्करण के लिये नाभिकीय केन्द्र एवं क्लस्टर का प्रावधान किया गया है। बंडा तहसील में ग्रेनाइट स्टोन पार्क 18 हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित किया जाना प्रस्तावित है। इसी प्रकार सागर में 10 हेक्टेयर क्षेत्र में हर्बल एवं आयुर्वेदिक उत्पादों पर आधारित उद्योगों की स्थापना के लिये हर्बल पार्क प्रस्तावित किया गया है। संशोधित औद्योगिक नीति में भी हर्बल उद्योगों के लिये एक टेस्ंटिग लेब केन्द्र स्थापित किया जाना प्रस्तावित है। इसमें राज्य शासन का 25 लाख रुपये का अधिकतम अंश होगा।
उद्योग मंत्री श्री जयंत मलैया ने बताया कि दमोह जिले के पथरिया में 10 हेक्टेयर क्षेत्र में और हटा में दो हेक्टेयर क्षेत्र में औद्योगिक अधोसंरचनाएं विकसित की जायेंगी। छतरपुर जिले के ग्राम चन्द्रपुरा में 50 हेक्टेयर क्षेत्र में वुडन फर्नीचर क्लस्टर और छतरपुर शहर में 55 हेक्टेयर क्षेत्र में ग्रेनाइट पार्क की स्थापना की जायेगी। उन्होंने बताया कि टीकमगढ़ जिले के ग्राम ढोगा में 2.5 हेक्टेयर क्षेत्र में धातु शिल्पियों के लिये बेलमेटल काम्पलेक्स बनाया जायेगा। जिले के ग्राम खरगापुर में प्रस्तावित रेलवे लाइन पर स्टेशन होने के कारण औद्योगिक विकास की प्रबल संभावनाओं को देखते हुए 10 हेक्टेयर क्षेत्र में ग्रेनाइट पार्क की स्थापना प्रस्तावित है। उद्योगविहीन विकासखण्ड होने के कारण टीकमगढ़ और पृथ्वीपुर तहसीलों में 25-25 हेक्टेयर क्षेत्रों में एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट जोन (ए.ई.जेड.) योजना के तहत धनिया, अदरक, मैथी के खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना प्रस्तावित है।

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