सोमवार, 31 मार्च 2008

जेलो में चलाये जा रहे स्वावलम्बी कार्यक्रमो का बंदी लाभ लें : जेल मंत्री श्री अंतर सिंह आर्य

जेलो में चलाये जा रहे स्वावलम्बी कार्यक्रमो का बंदी लाभ लें : जेल मंत्री श्री अंतर सिंह आर्य
जेल के बंदियों के लिए तीन वर्षीय डिप्लोमा इंजीनियरिंग पाठयक्रम शुरू
जेल के बंदियों को तकनीकी शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से बंदियों के लिए आज से तीन वर्षीय डिप्लोमा पाठयक्रम प्रारंभ हुआ। इस पाठयक्रम का औपचारिक शुभारंभ जेल मंत्री श्री अंतरसिंह आर्य ने भोपाल केन्द्रीय जेल में किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बंदी जेलो में चलाये जा रहे विभिन्न स्वावलम्बी कार्यक्रमों का लाभ उठायें एवं रिहाई के बाद इस का जीवन में लाभ लें।
जेल मंत्री ने बताया कि प्रदेश में समस्त वर्गो के लिये अनेक कल्याणकारी योजनाए लागू की गई है। लंबे समय तक कारावासित जीवन व्यतीत करने वाला व्यक्ति आर्थिक और समाजिक रूप से छिन्न-भिन्न हो जाता है और समाज में उसे घृणा की दृष्टि से देखने का प्रयास किया जाता है। बंदी और समाज के बीच यह दूरी कैसे कम हो, इस हेतु गायत्री परिवार के सहयोग से जो जनपुरोहित प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया गया उसके पूरे प्रदेश में सकारात्मक परिणाम देखने को मिले है।
उन्होंने बताया कि सुधार का मार्ग डण्डे की मार से नहीं, आध्यात्म की राह से निकलता है। प्रदेश की जेलों में बंदी सुधार का यज्ञ जारी है। उन्होंने कहा कि सजा काल में बंदी अपने समय का सदुपयोग करे, हुनर मंद हो व समाज में किसी के अधीन न होते हुए स्वयं का रोजगार स्थापित करें। उन्होंने बंदियों का आव्हान करते हुए कहा कि जीवन में सीखे हुनर और कला ही जीवन में हर मोड़ पर साथ देगी। उन्होंने इस प्रशिक्षण को लागू करने में जेल अधिकारियों के प्रयासो की प्रशंसा की।
जेल मंत्री ने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को मुख्यमंत्री के निर्देश पर ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना में शामिल किया गया है। जेल मंत्री द्वारा इस अवसर पर जेल पर पूर्व में दिए गए मेट प्रशिक्षण में मैरिट प्राप्त बंदी शाहिद अंसारी, बंदी कमल जैन, बंदी सत्येन्द्र राय सहित समस्त 33 उत्तीर्ण बंदियों को प्रमाण पत्र वितरित किये। इस मौके पर उन्होंने केन्द्रीय जेल भोपाल पर परिरूद्व बंदियों की सजा में एक माह की छूट की घोषणा की।
कार्यक्रम में उपस्थित श्री पी.आर. स्वरूप, महानिदेशक निर्माण उद्योग विकास परिषद नई दिल्ली ने कहा कि पूर्व में विभाग द्वारा इस जेल पर बंदियों को मेट प्रशिक्षण दिया गया था। बंदियों की लगन और मेहनत को देखते हुए उनका विभाग देश में प्रथम बार तीन वर्षीय डिप्लोमा इंजीनियरिंग पाठयक्रम जिसके अन्तर्गत सिविल इलेक्ट्रिकल एवं मेकेनिकल विषयों की शिक्षा एवं प्रायोगिक शिक्षा के माध्यम से बंदियों को प्रशिक्षित किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि निर्माण के क्षेत्र में रोजगार की विभिन्न संभावनाओं का लाभ बंदी वर्ग को प्राप्त हो इस हेतु यह महत्वपूर्ण पाठयक्रम है। उन्होंने बताया कि प्रयास किये जा रहे हैं कि बंदियों को प्रशिक्षण प्राप्ति के पश्चात विभिन्न संस्थाओं द्वारा कैंपस के माध्यम से रोजगार उपलब्ध हो। प्रशिक्षण के दौरान इस बात के प्रयास रहेगे कि बंदियों को अंग्रेजी विषय का ज्ञान हो। इस अवसर पर उपस्थित श्री यशवंत सिंह दरबार, सदस्य म.प्र. राज्य अनुसूचित जन जाति आयोग द्वारा उद्बोधन देते हुए कहा कि निर्माण उद्योग विकास परिषद द्वारा प्रदाय किए जाने वाला यह प्रशिक्षण प्रदेश में ही नही बल्कि पूरे देश में एक मात्र बंदी कल्याण हेतु अनुकरणीय उदाहरण है। इस हेतु उन्होंने जेल मंत्री का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम के अंत में श्री के.पी. राही, उप सचिव जेल विभाग द्वारा आभार व्यक्त किया गया। इस अवसर पर श्री ए.के. खरे, अतिरिक्त महानिरीक्षक, श्री सोहैल अहमद, डा. लाल जी मिश्रा, जेल उप महानिरीक्षक म.प्र. एवं सिडसी नई दिल्ली के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

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