शनिवार, 28 जून 2008

सरकारी अस्पतालों में बदला इलाज का वक्त

सरकारी अस्पतालों में बदला इलाज का वक्त
सुबह आठ और शाम पांच बजे से खुलेंगे अस्पताल, इमरजेंसी डयूटी अलग से रहेगी, नई व्यवस्था एक जुलाई से, जाँचे गये मरीजों का ब्यौरा भी देंगे डाक्टर, प्रयोगशाला और एक्स-रे का काम सुबह नौ बजे से
प्रदेश के सरकारी अस्पतालों को जनआकांक्षाओं के अनुरूप तैयार किए जाने की कोशिशों में आज एक और कड़ी जोड़ते हुए इन संस्थाओं में इलाज का नया वक्त तय कर दिया गया है। अब दो शिफ्टों में ये अस्पताल काम करेंगे। राज्य सरकार के इस सिलसिले में जारी आदेश के मुताबिक सारे सरकारी अस्पताल अब सुबह की शिफ्ट में आठ से चलकर दोपहर एक बजे तक खुले रहेंगे। शाम को इनका वक्त पांच से छह बजे तक रहेगा। इमरजेंसी डयूटी इस तयशुदा वक्त से अलग रहेगी यानी जब भी इसकी जरूरत हो डॉक्टरों को डयूटी बजाना होगी। प्रशासकीय कसावट लाने के लिये यह भी तय किया गया है कि डॉक्टर अब अस्पताल की डयूटी और बाहर भी उनके द्वारा जाँचे जाने वाले मरीजों का ब्यौरा पेश करेंगे। प्रयोगशाला में जाँच के लिये नमूनों को दोपहर एक बजे तक इकट्ठा किया जायेगा और इनमें जाँच का काम सुबह नौ से दोपहर तीन बजे तक चलेगा। नई व्यवस्था एक जुलाई, 2008 से लागू होगी।
राज्य सरकार ने सरकारी अस्पतालों में बाहर के और भर्ती मरीजों की चिकित्सा जाँच के लिये अब तक निर्धारित सुबह नौ से शाम चार बजे तक के वक्त को आज एक आदेश के जरिये बदल दिया है। मरीजों और डॉक्टरों की सहूलियत के मद्देनजर इसके पहले तयशुदा वक्त को बहाल किया गया है। आदेश के मुताबिक जिला और नगर पालिक निगम मुख्यालयों के सरकारी अस्पताल और औषधालय अब बाहरी और भर्ती मरीजों की जाँच के लिये सुबह आठ से दोपहर एक बजे या काम खत्म होने तक तथा शाम को पांच से छह बजे या काम खत्म होने तक चलते रहेंगे। यह तयशुदा नया वक्त ही प्राथमिक, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों और औषधालयों के लिये भी लागू होगा।
बेहतर किस्म के इलाज और बाहरी और भर्ती मरीजों की सहूलियत को देखते हुए प्रयोगशालाओं में नमूनों को इकट्ठा करने और फिर परीक्षण करने का वक्त भी मुकर्रर किया गया है। इस सिलसिले में की गई व्यवस्था बायोकेमिकल, पैथालॉजिकल, रेडियोलॉजिकल, डेन्टल और फिजियोथेरेपी पर लागू होगी। नमूनों का संकलन दोपहर एक बजे तक होगा और जिला चिकित्सालयों तथा सिविल अस्पतालों में पैथालॉजी प्रयोगशाला और एक्स-रे का काम सुबह नौ से दोपहर तीन बजे तक चलेगा।
आदेश में साफ कर दिया गया है कि नए तयशुदा वक्त के अलावा आपातकालीन डयूटी के लिये भी डॉक्टर उपलब्ध रहेंगे। ऐसे मामलों में वे अपने मरीजों को दिन हो या रात, कभी भी जाकर देखेंगे। जिन डॉक्टरों के प्रभार में पलंग हैं वे सुबह और शाम दोनो वक्त वार्डों का राउण्ड लेंगे। विशेषज्ञों और चिकित्सा अधिकारियों को यह भी पुख्ता करना होगा कि बाह्य रोगी विभाग में अपने पहले देखे गये मरीज को भी वे हर दिन देख लें।
एक और कड़ी हिदायत यह दी गई है कि सभी चिकित्सा अधिकारी अस्पताल के मुख्य अधीक्षक या अधीक्षक द्वारा तय किये गये इंतजाम के मुताबिक अस्पताल के भीतर जाँचे जाने वाले मरीजों का पूरा ब्यौरा पेश करेंगे। यही ब्यौरा उनके द्वारा बाहर देखे जाने वाले मरीजों को लेकर भी पेश करना होगा।

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