बुधवार, 25 जून 2008

झलकियां (मीसा एवं डी.आर.आर. के तहत बंदियों के सम्मान में कार्यक्रम)

झलकियां (मीसा एवं डी.आर.आर. के तहत बंदियों के सम्मान में कार्यक्रम)
संजय गुप्‍ता(मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो चीफ
25जून08/प्रदेश के मीसा एवं डी.आई.आर. बंदियों के सम्मान में मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित कार्यक्रम की झलकियां-
• मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने उनके स्वागत और अभिनंदन के लिये सम्मान समारोह में शामिल होने वाले लोगों द्वारा लायी गई बड़ी माला पहनने से विनम्रता से इन्कार करते हुए माला को स्व. श्री जयप्रकाश नारायण के चित्र पर अर्पित किया।
• मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने समारोह के संचालनकर्ता को मीसाबंदी शब्द के स्थान पर लोकतंत्र के प्रहरी शब्द का उपयोग सम्बोधित करने को कहा। इस पर पूरा समारोह स्थल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
• आपातकाल में संघर्ष करने वालों ने बड़े जोश-खरोश से सम्मान समारोह में भाग लिया। प्रदेश के कोने-कोने से लोकतंत्र की रक्षा करने वाले प्रहरी अपनी-अपनी पारंपरिक वेशभूषा में आये।
• लोकतंत्र के प्रहरी विदिशा जिले के लटेरी के श्री भंवरलाल चौरसिया ने कहा कि शौर्य और धैर्य से आपातकाल में संकल्प शक्ति और एक नई प्रेरणा मिली थी।
• छतरपुर जिले के हरपालपुर के श्री साधूराम मिश्रा का कहना था कि यह एक अद्भुत सम्मान समारोह है। इसमें भाग लेकर मैं अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं।
• सिरोंज जिला विदिशा के श्री अहमद भाई का कहना था कि यह समारोह युवा पीढ़ी में संघर्ष क्षमता बढ़ाने में प्रेरणादायी है।
• श्री ताराचंद भावसार का कहना था कि आपातकाल का संघर्ष, पीड़ा, त्याग और बलिदान लोकतंत्र की रक्षा के लिये समर्पित था।
• सागर के डॉ. इदरीस खाँ ने सम्मान समारोह के आयोजन के लिये मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह की भूरि-भूरि प्रशंसा की। साथ ही उन्होंने राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई कल्याणकारी योजनाओं की भी तारीफ की।
• दमोह के श्री मठ्ठूलाल का कहना था कि आपातकाल की पीड़ा को नहीं भुलाया जा सकता फिर भी मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित सम्मान समारोह में सभी को आमंत्रित कर सम्मानित किया जाना एक अच्छी पहल है।

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