मंगलवार, 24 जून 2008

आदिवासी शिक्षण संस्थाओं में शिक्षा गुणवत्ता एवं परीक्षा परिणामों की समीक्षा होगी

आदिवासी शिक्षण संस्थाओं में शिक्षा गुणवत्ता एवं परीक्षा परिणामों की समीक्षा होगी
कन्या शिक्षा पर विशेष ध्यान देने के लिये प्रवेश अभियान पखवाड़ा, कलेक्टरों को निर्देश जारी
संजय गुप्‍ता(मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो चीफ आदिवासी विकास विभाग द्वारा संचालित शिक्षा संस्थाओं में शिक्षा गुणवत्ता के लिये 60 दिवसीय कार्ययोजना के अंतर्गत किये गये प्रयासों एवं कक्षा नवीं से बारहवीं तक के परीक्षाफल की समीक्षा जिला स्तर पर की जायेगी। साथ ही वर्ष 2007-08 में कक्षा आठवीं एवं दसवीं में उत्तीर्ण प्रत्येक विद्यार्थी को अगली कक्षा में प्रवेश दिलाया जायेगा। इसके अलावा कन्या प्रवेश अभियान पखवाड़ा आगामी 6 जुलाई तक चलाया जायेगा। इस संबंध में आयुक्त आदिवासी विकास श्री जयदीप गोविंद ने सभी जिला कलेक्टरों को दिशा-निर्देश जारी किये हैं। राज्य स्तर से समीक्षा के लिये जिलों के लिये प्रभारी अधिकारी भी नियुक्त किये गये हैं।
राज्य स्तरीय समीक्षा के पूर्व परिणाममूलक प्रयासों के लिये जिला कलेक्टरों को स्वयं परीक्षाफल की समीक्षा जिन बिन्दुओं पर करने को कहा गया है उनमें आगामी वर्ष की कार्ययोजना, शाला की अकादमिक समस्याओं का समाधान, कक्षा नवीं से कक्षा बारहवीं के परीक्षा परिणामों की विद्यार्थीवार समीक्षा, पोस्ट रिजल्ट काउंसिलिंग के लिये किये गये प्रयासों की समीक्षा, लक्ष्य से अधिक परीक्षा परिणाम वाले प्राचार्यों तथा शिक्षकों को प्रोत्साहन, लक्ष्य से कम परीक्षा परिणाम वाले प्राचार्यों तथा शिक्षकों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही तथा वर्ष 2007-08 में कक्षा आठवीं उत्तीर्ण एवं कक्षा दसवीं उत्तीर्ण प्रत्येक विद्यार्थी को अगली कक्षा में प्रवेश दिलाने का लक्ष्य शामिल है।
कन्या प्रवेश अभियान पखवाड़ा के तहत कन्या शिक्षा पर विशेष ध्यान देने के लिये कक्षा आठवीं एवं दसवीं उत्तीर्ण विद्यार्थियों की सूची विद्यालय स्तर पर तैयार कराकर आगामी छह जुलाई तक निकटस्थ हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल में प्रवेश कराने के निर्देश दिये गये हैं। इस संबंध में यह प्रयास करने को कहा गया है कि कोई भी विद्यार्थी बीच में पढ़ाई न छोड़े।
जिले की 60 दिवसीय कार्ययोजना के कैलेण्डर के अनुसार विद्यार्थियों के लिये फर्नीचर, प्रयोगशाला, पुस्तकालय, अपलेखन, खेल मैदान, विद्युत एवं अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था, प्रशिक्षण, विशिष्ट विद्यालयों में प्रवेश आदि गतिविधियों की समीक्षा कर प्रतिवेदन भेजने को कहा गया है। शिक्षा गुणवत्ता के लिये विगत वर्ष के प्रयास इस वर्ष भी निरंतर रखे जाने को कहा गया है।
विभागीय जिन विशिष्ट संस्थाओं में शिक्षा गुणवत्ता के लिये कार्य हुआ है, उन्हें अब विशेषज्ञता, श्रेष्ठता के लिये कार्य करने को कहा गया है। ऐसे विद्यालयों का लक्ष्य प्रावीण्य सूची में स्थान पाना रखा जाने को कहा गया है। विगत वर्ष के प्रयासों के अनुभवों के आधार पर जिला स्तर पर प्रत्येक विद्यालय की आवश्यकतानुरूप जिला स्तरीय कार्य योजना तैयार करने तथा वर्तमान सत्र में कक्षा नवीं एवं ग्यारहवीं के परीक्षा परिणामों की विस्तृत समीक्षा करने को भी कहा गया है।

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