शनिवार, 28 जून 2008

राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल आज ''उषा किरण योजना'' का शुभारंभ करेंगी

राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल आज ''उषा किरण योजना'' का शुभारंभ करेंगी
राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल प्रदेश प्रवास के तीसरे दिन 29 जून को शाम छह बजे स्थानीय रविन्द्र भवन में हिंसा से पीड़ित महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा और स्वाबलंबन की महत्वाकांक्षी योजना ''उषा किरण योजना'' का शुभारंभ करेंगी। इस अवसर पर श्रीमती पाटिल योजना पर केन्द्रित एक पुस्तिका का विमोचन भी करेंगी। शुभारंभ समारोह में राज्यपाल डॉ. बलराम जाखड़, मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान और महिला एवं बाल विकास मंत्री सुश्री कुसुम सिंह महदेले भी उपस्थित रहेंगी।
उल्लेखनीय है कि राज्य शासन ने महिलाओं के प्रति होने वाले अत्याचारों पर पूर्ण रोक लगाने और महिलाओं में अपने अधिकारों के प्रति जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से ''घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम-2005'' के तहत उषा किरण योजना बनाई है। योजना में महिलाओं और बच्चों के प्रति जेण्डर पर आधारित हिंसा की सभी कार्यवाहिया जैसे कि शारीरिक, लैंगिक, यौनिक मौखिक, भावनात्मक और आर्थिक हिंसा के विरुध्द संरक्षण और सहायता का प्रावधान किया गया है। इस योजना से महिलाओं का मनोबल बढ़ेगा और बच्चों की अच्छी परवरिश सम्भव हो सकेगी।
योजना के तहत प्रत्येक जिले में एक हेल्प डेस्क स्थापित की जा रही है। इस केन्द्र में एक टेलीफोन रहेगा जिसके नम्बर का समुचित प्रचार-प्रसार किया जायेगा। इस केन्द्र में चौबीसो घंटे एक न एक आपरेटर उपस्थित रहेगा ताकि पीड़ित महिला के फोन आने पर उसे तत्काल सहायता के लिये प्रभारी अधिकारी के सामने पहुंचाया जा सके।
योजना के तहत प्रदेश के सभी जिलों में शेल्टर होम की स्थापना प्रस्तावित है। वर्तमान में चार जिलों में नारी निकेतन और आठ जिलों में स्वाधार गृह संचालित हैं। शेष जिलों में आश्रयगृह की सुविधा वाले सेवा प्रदाता को पंजीकृत कर अनुदान दिया जायेगा। केन्द्र शासन द्वारा स्वाधार गृह के प्रस्ताव के मंजूर होने तक हेल्प डेस्क से प्रताड़ित महिला-बच्चों को अस्थायी आश्रय, कानूनी सहायता, चिकित्सा सहायता, पुलिस सहायता, चौबीस घंटे हेल्पलाईन, आवश्यक प्रशिक्षण, आर्थिक सहायता, विपणन व्यवस्था, आर्थिक समृध्दि और पुनर्वास तथा सूचना बैंक की सेवाएं दी जायेंगी। इन सेवाओं के लिये महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस, विधि, स्वास्थ्य और अन्य संबंधित विभाग उत्तरदायी होंगे। पीड़िता के पुनर्वास के लिये रोजगार एवं प्रशिक्षण विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, वाणिज्य एवं उद्योग विभाग, कृषि एवं उद्यानिकी विभाग, सहकारिता विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग एवं अन्य संबंधित विभाग सहयोग करेंगे।
योजना की मानीटरिंग एवं समन्वय के लिये जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में पांच सदस्यों की समिति में पुलिस अधीक्षक, जिला विधिक सहायता अधिकारी, जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी, संरक्षण अधिकारी उषा किरण योजना और जिला अभियोजन अधिकारी सदस्य होंगे। महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी समिति के पदेन सचिव होंगे।

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