मंगलवार, 24 जून 2008

भू-दान की भूमि के वितरण की समीक्षा होगी

भू-दान की भूमि के वितरण की समीक्षा होगी
आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासियों को अंतरित करने वालों के विरूध्द कार्यवाही होगी, वन अधिकार मान्यता अधिनियम पर कारगर अमल के लिये नोडल अधिकारी नियुक्त होंगे, भूमि अधिकार सम्मेलन में मुख्यमंत्री श्री चौहान
संजय गुप्‍ता(मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो चीफ मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि भूदान अभियान के अंतर्गत प्राप्त भूमि और उसके वितरण की समीक्षा के लिये समिति बनेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासियों को अंतरित करने की जाँच कर जवाबदेह लोगों के विरूध्द कार्यवाही की जायेगी। आदिवासियों और किसानों के नाम पर सहकारी समितियाँ बनाकर भूमि पर कब्जा करने के प्रकरणों की भी जाँच करवाकर भूमि को मुक्त कराया जायेगा। श्री चौहान ने कहा कि अनुसूचित जनजाति व अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकार मान्यता) अधिनियम के सुचारू क्रियान्वयन के लिये निचले स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त होंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान आज यहाँ समन्वय भवन में एकता परिषद मध्यप्रदेश और नई दिशा समिति द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय भूमि अधिकार सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर वन मंत्री श्री विजय शाह भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वन अधिकार अधिनियम पर कारगर अमल में आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिये राज्य सरकार प्रतिबध्द है। इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए प्रमुख सचिव आदिम जाति कल्याण श्री ओ.पी. रावत जैसे कर्मठ औरर् कत्तव्यनिष्ठ अधिकारी के नेतृत्व में योग्य अधिकारियों को तैनाती की गयी हैं। उन्होंने कहा कि इस अधिनियम के क्रियान्वयन संबंधी सभी प्रपत्र उच्च अधिकारियों के साथ ही निचले स्तर तक भी भेजे जायेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुसूचित और पिछड़े वर्गों को जाति प्रमाण-पत्र देने की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। हमारा प्रयास है कि जाति प्रमाण-पत्रों संबंधी सभी कार्य एक जगह पर हो। लोगों को उन्हें प्राप्त करने के लिए यहाँ-वहाँ भटकना ना पड़े।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आदिवासियों को उनका सम्मान और सामान लौटाने के लिये उनके विरूध्द दर्ज प्रकरणों को भी वापिस लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि इसके लिये आदिवासियों के विरूध्द दर्ज करीब 90 हजार से ज्यादा प्रकरणों का परीक्षण किया जा रहा है।
राज्य सरकार का प्रयास यह है कि प्रदेश के विकास और लोगों के कल्याण की नयी योजनाएँ लागू करने के साथ ही उन पर कारगर अमल भी सुनिश्चित किया जाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्षों पुरानी व्यवस्था को बदलने के लिये समय चाहिये। नयी कार्य-संस्कृति के विकास से ऐसा होगा। श्री चौहान ने मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना जैसी अनेक योजनाओं पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि राज्य सरकार वंचितों, वनवासियों और आदिवासियों की भलाई के कामों में कोई कोताही नहीं करेगी।
श्री चौहान ने कहा कि सबसे नीचे और सबसे पीछे के आदमी के साथ राज्य सरकार खड़ी है। सरकार की सबसे ज्यादा जरूरत इसी वंचित आदमी को है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में मुख्यमंत्री, मंत्री और अधिकारी सभी जनता के सेवक हैं। यह लोकतंत्र की त्रासदी है कि जनप्रतिनिधि चुनाव जीतने और फिर पद पाने के बाद शासक हो जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे पहले जनता के सेवक और पुजारी हैं बाद में मुख्यमंत्री।
श्री चौहान ने कहा कि उनका प्रयास संवाद के जरिये लोगों की दिक्कतें दूर करने का है। उन्होंने संघर्ष में लगने वाली शक्ति को प्रदेश के विकास में लगाने का आव्हान करते हुए उपस्थितों को विश्वास दिलाया कि वे स्वयं और राज्य सरकार उनके वाजिब हकों को दिलाने के लिये कृत संकल्पित है।
एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री पी.वी. राजगोपाल ने विकास के लिये संवाद और मिल-बैठकर काम करने की मुख्यमंत्री की पहल की सराहना की। उन्होंने प्रदेश और लोगों के कल्याण की कोशिश में राज्य सरकार का सहभागी बनने के लिये सहमति भी दी।
प्रारंभ में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चित्र पर माल्यार्पण के साथ सम्मेलन आरंभ हुआ। एकता परिषद के राष्ट्रीय समन्वयक श्री रणसिंह परमार ने मध्यप्रदेश के संदर्भ में जीविकोपार्जन के संसाधन पर वंचित समुदाय के अधिकारों की वास्तविकता पर प्रकाश डाला। प्रदेश के विभिन्न अंचलों से आये प्रतिनिधियों में से मालवा की प्रतिनिधि सुश्री दलकी, विदिशा की प्रतिनिधि श्रीमती नर्मदाबाई और महाकौशल के प्रतिनिधि श्री बारेलाल ने अनुसूचित जनजाति व अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकार मान्यता) अधिनियम के क्रियान्वयन संबंधी जमीन हकीकत और दिक्कतों की जानकारी दी।
सम्मेलन में प्रख्यात गांधीवादी श्री योगेन्द्र पारिख, प्रमुख सचिव आदिम जाति कल्याण श्री ओ.पी. रावत, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री वी.आर. खरे, जन संगठनों के प्रतिनिधि और प्रदेश भर से आये एकता परिषद के प्रतिनिधि आदिवासी स्त्री-पुरूष उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन श्री संतोष सिंह और आभार प्रदर्शन डॉ. अजय मेहता ने किया।

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