शनिवार, 28 जून 2008

नर्मदा घाटी परियोजना नहरों के कार्य को गति देने के लिए भू-अर्जन की विशेष कार्य योजना

नर्मदा घाटी परियोजना नहरों के कार्य को गति देने के लिए भू-अर्जन की विशेष कार्य योजना
आपात प्रावधान के अंतर्गत किसानों को मुआवजे की 80 प्रतिशत राशि का अग्रिम भुगतान
नर्मदा घाटी की इंदिरा सागर, ओंकारेश्वर, और बरगी डायवर्जन परियोजना नहरों के निर्माण कार्य को गति देने के लिए भू-अर्जन की विशेष कार्य योजना को आज यहां उच्च स्तरीय बैठक में अनुमोदन दिया गया। कार्य योजना के तहत भू-अर्जन से संबंधित सभी जिलों में भू-अर्जन कार्यो के लिए जिला कलेक्टरों को संविदा आधार पर आवश्यक अमला नियुक्त करने के अधिकार दिये गये है। इसके अंतर्गत जिला कलेक्टर संविदा आधार पर सेवा निवृत्त प्रथम श्रेणी राजस्व अधिकारी, राजस्व निरीक्षक तथा पटवारियों की सेवाए भू-अर्जन कार्यो के लिए ले सकेगे। भू-अर्जन कार्यो के लिए जहां आवश्यक होगा वहां प्राधिकरण द्वारा कार्यालय भवन की सुविधा भी सुलभ कराई जायेगी। भू-अर्जन से संबंधित कार्यो के लिए प्राधिकरण द्वारा जिला प्रशासन को आवश्यक कम्प्यूटर और कम्प्यूटर ऑपरेटर भी दिये जायेगे। नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री प्रदीप भार्गव ने आज यहा परियोजना क्षेत्रों से संबंधित जिले के कलेक्टरों, प्राधिकरण के भू-अर्जन अधिकारियों तथा मुख्य अभियंताओं की बैठक में इस कार्य योजना के प्रावधानों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि जहां आवश्यक हो वहां भू-अर्जन के आपात प्रावधानों का उपयोग करते हुए भूमि स्वामी को मुआवजे की 80 प्रतिशत राशि का तत्काल अग्रिम भुगतान कर दिया जाये। श्री भार्गव ने कहा की भू-अर्जन कार्यो में प्राधिकरण के मैदानी इंजीनियर, भू-अर्जन अधिकारी तथा नहर निर्माण करने वाली एजेंसी के समन्वित प्रयास किये जायें। कार्य योजना के तहत नहर के लिए अर्जित भूमि पर मानसून अवधि का उपयोग करते हुए प्रस्तावित पक्के कार्यो को करने का निर्णय लिया गया। इस संबंध में संबंधित निर्माण एजेंसियों के वर्षाकालीन कार्य लक्ष्य निर्धारित किये गये।
प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ने सरदार सरोवर, इंदिरा सागर, ओंकारेश्वर, मान तथा जोबट परियोजनाओं के लिए बनाई गई मानसून आपात कार्य योजना लागू किये जाने के संबंध में संबंधित कलेक्टरों को आवश्यक निर्देश देते हुए कहा कि इस अवधि में अस्थाई केम्पो और पुनर्वास स्थलों पर मौसमी बीमारियों की रोक थाम के लिए चिकित्सा सुविधाओं का विशेष रूप से ध्यान रखा जाए।

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