शुक्रवार, 20 जून 2008

विकलांग दो हितग्रहियों को तीन लाख रूपये का ऋण उपलब्ध

विकलांग दो हितग्रहियों को तीन लाख रूपये का ऋण उपलब्ध
संजय गुप्‍ता(मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो चीफ 20जून08/राष्ट्रीय विकलांग वित्त एवं विकास निगम की योजनांतर्गत नि:शक्तजनों के कल्याण के लिए ऋण योजना संचालित है। जिसमें 50 हजार से पांच लाख रूपये तक का ऋण हितग्राही को उपलब्ध कराया जाता है। भोपाल जिले में 2007-08 के लिये इस योजना में 22 आवेदन प्राप्त हुए थे। जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति भोपाल द्वारा इस योजना के हितग्राहियों का चयन करने के लिए प्रभारी मंत्री श्री राघवजी की अध्यक्षता में छ: सदस्यीय एक समिति गठित की गई है जो आवेदनों का परीक्षण कर ऋण उपलब्ध कराने की अनुशंसा करती है।
उक्त योजना में हितग्राही को अपना जाति,निवास,आय, विकलांगता और अनुभव प्रमाण पत्र, राशन कार्ड और शपथ पत्र प्रस्तुत करना होता है। हितग्राही को 40 प्रतिशत से अधिक विकलांग होने पर ही योजना का लाभ लेने की पात्रता होती है। आवेदक मध्यप्रदेश का मूल निवासी हो और जिसकी आयु 18 से 45 वर्ष होना चाहिए। राष्ट्रीय विकलांग वित्त एवं विकास निगम की योजनांतर्गत 2007-08 में भोपाल जिले में 22 आवेदन प्राप्त हुए थे। जिनमें से दो आवेदकों श्री सुनील पुत्र चांदमल और कु. दीपमाला पुत्री श्री जीवनलाल को एक लाख 50 हजार रूपये प्रति हितग्राही के मान से ऋण उपलब्ध कराया गया है। श्री सुनील को ये ऋण जनरल स्टोर खोलने के लिए और कु. दीपमाला को रेडीमेड कपड़ों का व्यापार करने के लिए उपलब्ध कराया गया है।
योजना के शेष बचे 20 हितग्राहियों के आवेदनों की अनुशंसा कर समिति ने आवंटन के लिए निगम मुख्यालय मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम भोपाल को प्रेषित किए हैं। इन शेष हितग्राहियों में लगभग 15 लाख रूपये का वंटन किया जायेगा। हितग्राहियों को यह ऋण 60 किश्तों में वापस करना होगा। उपलब्ध कराई गई राशि में 10 हजार रूपये का अनुदान शामिल है। जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति भोपाल को 2008-09 के लिए 20 हितग्राहियों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

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