शुक्रवार, 20 जून 2008

तेन्दूपत्ता संग्राहकों को इस वर्ष 100 करोड़ रुपये का बोनस मिलेगा

तेन्दूपत्ता संग्राहकों को इस वर्ष 100 करोड़ रुपये का बोनस मिलेगा
25 जुलाई को वनोपज दिवस का आयोजन होगा
संजय गुप्‍ता(मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो चीफ 20जून08/तेन्दूपत्ता संग्राहकों को इस वर्ष 100 करोड़ रुपये का बोनस वितरित किया जायेगा। साल बीज का संग्रहण इस वर्ष से कराया जायेगा। इस पर पिछले पांच साल से प्रतिवर्ष की साल बीज संग्रहण की दर 450 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 1000 रुपये होगी। आमसभा में यह भी निर्णय लिया गया कि इस वर्ष तेन्दूपत्ता संग्राहकों को चरणपादुका, पानी की कुप्पी, प्रेशर कुकर, छाता इत्यादि बांटा जायेगा। ये निर्णय कल यहां सम्पन्न लघु वनोपज संघ की वार्षिक आमसभा में लिये गये। संघ के अध्यक्ष एवं आदिम जाति कल्याण मंत्री कुँवर विजय शाह की अध्यक्षता में सम्पन्न बैठक में प्रधान मुख्य वन संरक्षक व्ही.आर. खरे, प्रमुख सचिव, वन श्री प्रशांत मेहता, प्रबंध संचालक श्री आर.के. दवे एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।
अध्यक्ष ने बताया कि गत 3 वर्षों के आंकड़ों के आधार से स्पष्ट है कि वनोपज संघ उत्तरोत्तर लाभ अर्जित करने की दिशा में प्रगतिशील है। इस वर्ष वनोपज संघ तेन्दूपत्ता संग्राहकों को लगभग 100 करोड़ रुपये से अधिक का बोनस वितरण करेगा। साथ ही यह भी अवगत कराया कि म.प्र. शासन ने तेन्दूपत्ता संग्रहण दर दो वर्षों में 400 रुपये से बढ़ाकर 550 रुपये मानक बोरा कर दिया है। यह भी बताया गया कि सालबीज का संग्रहण जो म.प्र. शासन ने 5 वर्षों के लिये प्रतिबंध लगाया था। आम वनवासियों की समस्याओं को महसूस करते हुए संवेदनशीलता के आधार पर तथा वैज्ञानिक अध्ययन करवाकर वर्ष 2008 से पुन: संग्रहण करने का निर्णय लिया गया। सालबीज की संग्रहण दर 450 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 1000 रुपये प्रति क्विंटल कर दी गई है। इससे वनांचलों में रहने वाले गरीब भाई-बहनों को लाभ प्राप्त होगा। इसके साथ ही साथ कुछ चुनिंदा जिलों में महुआ के संग्रहण के संबंध में भी विस्तार से चर्चा की गयी।
इस अवसर पर बैठक में उपस्थित संघ प्रतिनिधियों से वनोपज के व्यवसाय के संबंध में तथा अन्य गतिविधियों के संबंध में प्रस्तुत सुझावों पर विस्तार से चर्चा की गयी। वन मंत्री एवं अध्यक्ष लघु वनोपज संघ द्वारा घोषणा की गयी कि 25 जुलाई को प्रदेश में जिला यूनियन एवं प्राथमिक वनोपज सहकारी यूनियन स्तर पर 'वनोपज दिवस' का आयोजन किया जाये जिसमें वनोपज संबंधी योजनाओं के विस्तार से प्रचार-प्रसार वनौषधियों के पौधों को लगाने एवं वनों के संरक्षण की दिशा में चर्चा, परिचर्चा की जाये। संघ की 22वीं आमसभा में विभिन्न जिला यूनियनों के चुने हुए प्रतिनिधियों द्वारा भाग लिया गया तथा उनके क्षेत्रों में जिला यूनियन स्तर एवं यूनियनों के अंतर्गत कार्यरत प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों के क्रियाकलापों पर विस्तार से चर्चा की गयी।
बैठक में मुख्य रूप से जिन विषयों पर विचारोपरांत निर्णय लिये गये उनमें वित्तीय वर्ष 2007-08 की प्रमुख गतिविधियों को सदस्यों के समक्ष प्रस्तुत किया गया। वित्तीय वर्ष 2008-09 के लिये संघ के प्रस्तावित कार्यक्रम और बजट को आमसभा द्वारा स्वीकृत किया गया। 22वीं आमसभा की विशेष उपलब्धि वित्तीय वर्ष 2003-04 एवं 2004-05 के लाभ विभाजन के अनुमोदन की रही।

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