शनिवार, 21 जून 2008

मुख्य न्यायाधिपति उच्च न्यायालय म.प्र. द्वारा स्थाई लोक अदालत का उध्दघाटन

मुख्य न्यायाधिपति उच्च न्यायालय म.प्र. द्वारा स्थाई लोक अदालत का उध्दघाटन
जिला न्यायालय में आयोजित लोक अदालम में 2144 और कलेक्ट्रेट कार्यालय में 1427 मामलों का निपटारा
संजय गुप्‍ता(मांडिल) ब्‍यूरो चीफ मुरैना 21जून08/जिला न्यायालय भवन में आज प्रात: 11 बजे मुख्य न्यायाधिपति म.प्र. उच्च न्यायालय न्यायमूर्ति श्री ए.के. पटनायक ने स्थाई लोक अदालत कक्ष का उध्दघाटन किया। इस अवसर पर हाई कोर्ट जबलपुर के न्यायमूर्ति श्री आर.एस. गर्ग और श्री दीपक मिश्रा भी उपस्थित थे।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री गुलाब शर्मा ने इस अवसर पर बताया कि लोक उपयोगी सेवाओं से सम्बंधित विवादों के आपसी सुलह और समझौते के माध्यम से प्रकरणों के निराकरण के लिए स्थाई लोक अदालत का गठन हुआ है। ये अदालत प्रति शुक्रवार को न्यायालयीन समय के पश्चात शाम 5 बजे से 7 बजे तक आयोजित की जायेगी। उन्होंने बताया कि स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष प्रथम अतिरिक्त जिला न्यायाधीश श्री आर.के. भावे होंगे, कार्यपालन यंत्री (सिविल) लोक निर्माण विभाग और जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी इस के सदस्य होंगे।
श्री गुलाब शर्मा ने बताया कि आज आयोजित होने वाली लोक अदालत की 20 खंडपीठों में 2144 प्रकरणों का निराकरण किया गया। उन्होंने बताया कि न्यू इंडिया इश्योंरेन्स कम्पनी के 228 मोटर दुर्घटना मामलों में 2 करोड़ 18 लाख 40 हजार 700 रूपए का अवार्ड पारित कर संबंधित व्यक्तियों को आज ही मौके पर चैक भी वितरण किये गये। विद्युत से संबंधित 128 मामलों में विद्युत कम्पनी को 8 लाख 70 हजार 825 रूपए की बकाया राशि प्राप्त हुई। अपराधिक मामलों के 180 प्रकरण भी निपटाये गये। चैक बाउंस के 140 प्रकरणों में 4 करोड़ 45 लाख के अवार्ड पारित हुए। पारिवारिक विवाद के 10 मामलों में भी समझौता किया गया। पिलिबारगनिंग के 12 मामले, सिविल सूट के 3, श्रम न्यायालय के 3 मामलों का भी निराकरण हुआ। पिरीलिटीगेशन के 156 प्रकरणों में बैंको और टेलीफोन कम्पनियों को आपसी समझौते से 6 लाख 62 हजार रूप्ए की वसूली हुई।
भोपाल कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में भी आज राजस्व मामलों के लिए लोक अदालत का आयोजन किया गया, जिसमें 22 राजस्व अधिकारियों द्वारा राजस्व अधिनियमों के तहत 486 राजस्व प्रकरणों का और भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत 581 प्रकरणों का निराकरण किया।

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