शनिवार, 21 जून 2008

बिजली चुराने के एक महीने में 12 हजार मामले

बिजली चुराने के एक महीने में 12 हजार मामले
सवा चार करोड़ की वसूली, 1950 मामले हुए अदालतों में पेश
संजय गुप्‍ता(मांडिल) ब्‍यूरो चीफ मुरैना 21जून08/हर मुमकिन तरीके से प्रदेश के उपभोक्ताओं को बिजली पहुंचाने की कोशिशों के रास्ते में इसे चुराने वाले भी रोड़ा बनने से बाज नहीं आ रहे हैं। इस सच्चाई की तह में जाने के लिए छेड़ी गई मुहिम में मौजूदा वित्तीय वर्ष के पहले महीने यानी अप्रैल में ही बिजली चोरी के 12 हजार 291 मामले सामने आ गए। वक्त का तकाज़ा मानकर इनके खिलाफ बाकायदा कार्रवाई की गई है। इसके चलते कोई सवा चार करोड़ रुपए वसूले गए हैं और 1950 मामलों को तो आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए खास अदालतों में पेश किया गया है।
बिजली उत्पादन, पारेषण और वितरण के इंतजाम को प्रदेश में पुख्ता करने का सिलसिला लगातार जारी है और पिछले साढ़े चार सालों में ये कोशिशें बड़ी उपलब्धियाँ भी बन चुकी हैं। मुश्किल हालात में बिजली की जरूरत को तरजीह देने के साथ ही लोगों को बार-बार इसके गलत इस्तेमाल से बचने और चोरी जैसे पचड़ों में नहीं पड़ने की सलाह भी दी गई है। इसके लिए ही एक खास मुहिम चलाई गई थी।
राज्य विद्युत मंडल की मानें तो अकेले अप्रैल में ही पूरे प्रदेश में 90 हजार 695 कनेक्शनों की जाँच की गई। इनमें उच्चदाब और निम्नदाब दोनों तरह के उपभोक्ता शामिल थे। इनमें से 12 हजार 291 मामलों में अनियमितताएं पाई गईं। जानकारी के मुताबिक जबलपुर, रीवा और सागर क्षेत्र में बिजली चोरी के 2549 मामले पकड़े गए। इसी तरह इंदौर और उज्जैन क्षेत्र में 7760 और भोपाल एवं ग्वालियर क्षेत्र में 1982 मामले चोरी के पकड़े गए।

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