मंगलवार, 17 जून 2008

नये वृक्षारोपण की सीमा पर रतनजोत का रोपण

नये वृक्षारोपण की सीमा पर रतनजोत का रोपण
ग्रामीणों को आजीविका के साधन उपलब्ध कराने की पहल
संजय गुप्‍ता(मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो चीफ 17जून08/वन विभाग द्वारा किये गये नवीन वृक्षारोपण की सीमा रेखा पर रतनजोत (जेट्रोफा) का रोपण किया जायेगा। वन मंत्री कुँवर विजय शाह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि स्थानीय निवासियों को इससे आने वाले समय में वन समितियों के माध्यम से आजीविका के साधन उपलब्ध होंगे तथा दूरस्थ क्षेत्रों में बायोडीजल के रूप में जेट्रोफा तेल की उपलब्धता बन सकेगी।
वन विभाग द्वारा विभिन्न विभागीय योजनाओं तथा राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत वृक्षारोपण किया जा रहा है। हरियाली कार्यक्रम के अंतर्गत भी सड़क तथा नहर के किनारे वृक्षारोपण किया जा रहा है। इन वृक्षारोपण की सुरक्षा सामान्यत: कंटीले तारों की फेंसिंग अथवा पशु अवरोधक खंती या दीवार के द्वारा की जाती है। जेट्रोफा करकस (रतनजोत) एक ऐसी प्रजाति है, जिसका इन वृक्षारोपण की सीमा पर पशु अवरोधक खंती के ऊपर अथवा फेंसिंग या पशु अवरोधक दीवार के किनारे-किनारे रोपण कटिंग लगाकर अथवा सीधे बीज बो कर आसानी से किया जा सकता है।
इसके अलावा कृषकगण भी अपने खेत के चारों और इसे लगाकर फैंसिंग तैयार कर सकते हैं। इससे उन्हें बीज भी बेचने के लिये मिल जायेगा। साथ ही इससे ग्रीन हेज तैयार होगी, जो रोपण की चराई से सुरक्षा में सहायक रहेगी। जेट्रोफा कटिंग्स अनुसंधान तथा विस्तार वृतों की रोपणियों से प्राप्त करने की व्यवस्था की गई है।

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