शनिवार, 21 जून 2008

सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पक्षों को मीडिया में स्थान मिलना लोकतंत्र के लिए जरूरी

सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पक्षों को मीडिया में स्थान मिलना लोकतंत्र के लिए जरूरी
मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा सप्रे स्मृति समाचार-पत्र संग्रहालय के रजत जयंती समारोह का शुभारंभ
संजय गुप्‍ता(मांडिल) ब्‍यूरो चीफ मुरैना 21जून08/मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि स्वस्थ आलोचना की भूमिका में मीडिया मित्र है। स्वस्थ आलोचना के जरिये उजागर हुई कमजोरियाँ और खामियाँ सुधार का पथ प्रशस्त करती हैं। श्री चौहान आज यहाँ टी.टी.आई. सभागार में माधवराव सप्रे स्मृति समाचार-पत्र संग्रहालय और शोध संस्थान के रजत जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे। समारोह के अध्यक्ष जनसम्पर्क मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा और विशिष्ट अतिथि पूर्व मुख्यमंत्री द्वय श्री सुन्दरलाल पटवा और श्री बाबूलाल गौर, पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री सुरेश पचौरी और महापौर श्री सुनील सूद थे।
श्री चौहान ने कहा कि सिर्फ नकारात्मक या आलोचनात्मक रूप अख्तियार कर मीडिया न अपने साथ न्याय करता है और न पाठकों और दर्शकों के साथ। उन्होंने कहा कि राजनीति सहित सभी क्षेत्रों में हो रहे सकारात्मक कामों पर भी मीडिया पूरी शिद्दत से ध्यान दें। मुख्यमंत्री के अनुसार सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पक्षों को मीडिया में स्थान मिलना लोकतंत्र के लिये जरूरी है। श्री चौहान ने कहा कि मीडिया और शासन-प्रशासन सहित सभी क्षेत्रों में कार्यरत लोगों का एक लक्ष्य एक ही है और वह है देश का विकास और मानव सहित सभी प्राणियों का कल्याण।
मुख्यमंत्री ने संग्रहालय के संस्थापक श्री विजयदत्त श्रीधर की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि संग्रहालय की स्थापना और उसमें संग्रहीत दुर्लभ सामग्री का संकलन एक साधक ही कर सकता था। श्री चौहान ने रजत जयंती समारोह में सम्मानित सभी महानुभावों को बधाई देते हुए कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत इन साधकों के सम्मान से संग्रहालय सहित हम सभी गौरवान्वित हुए हैं।
श्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने कहा कि संग्रहालय भोपाल की पहचान का एक अंग है। उन्होंने संग्रहालय की उत्तरोत्तर प्रगति और ख्याति की कामना की।
श्री बाबूलाल गौर ने कहा कि समाचार-पत्र#पत्रिकाओं के माध्यम से सप्रे संग्रहालय में देश का पिछले ढाई सौ वर्षों का इतिहास संग्रहीत है। उन्होंने इस बड़े और महती कार्य का श्रेय श्री विजयदत्त श्रीधर को दिया।
श्री सुरेश पचौरी ने कहा कि संग्रहालय अतीत के झरोखे और भविष्य के बारे में विचार के प्रेरक होते हैं। सप्रे संग्रहालय ने प्रदेश ही नहीं देश के संग्रहालयों में विशिष्ट स्थान हासिल किया है। श्री पचौरी ने रजत जयंती की शुभकामनाएँ भी व्यक्त की।
श्री सुंदरलाल पटवा ने कहा कि पच्चीस वर्ष पूर्व स्थापित यह संग्रहालय एक बीज के वटवृक्ष बनने का साकार रूप है। उन्होंने बड़े काम की शुरूआत कर धीरज के साथ उसे पूरा करने के लिये श्री विजयदत्त श्रीधर की सराहना की।
समारोह में मुख्यमंत्री श्री चौहान और अन्य अतिथियों ने अखिल भारतीय माधवराव सप्रे पुरस्कार से दैनिक प्रभात खबर रॉची के सम्पादक श्री हरिवंश को 21 हजार रूपये की राशि, शाल-श्रीफल और स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। इसी तरह रजत पर्व सम्मान से गांधीवादी कार्यकर्ता श्री एस.एन. सुब्बाराव, लोक संस्कृति क्षेत्र में कार्यरत श्री अमृतलाल बेगड़, कथाकार सुश्री चित्रा मुद्गल, कवि और लोक चिंतक श्री बालकवि बैरागी, बैले और लोक कलाकार सुश्री गुलवर्धन, प्रकृति-पर्यावरण चिंतक श्री अनुपम मिश्र, शिक्षाविद् डॉ. शशि राय, उर्दू साहित्यकार श्री इकबाल मजीद, खोजी पत्रकार श्री राजकुमार केसवानी और फिल्म अभिनेता श्री गोविंद नामदेव को सम्मानित किया गया। अपने-अपने क्षेत्र की इन स्वनामधन्य विभूतियों को सम्मान-स्वरूप शाल-श्रीफल, प्रशस्ति-पत्र और स्मृति चिन्ह भेंट किये गये।
समारोह में धरोहर संरक्षण के लिये श्री प्रमोद चतुर्वेदी (खंडवा) और श्री अशेष गुरू (जबलपुर) को भी सम्मानित किया गया। क्रमश: कवि-पत्रकार माखनलाल चतुर्वेदी और व्याकरणाचार्य पं. कामताप्रसाद गुरू के वंशज श्री चतुर्वेदी और श्री गुरू ने अपने परिवार में संग्रहीत दुर्लभ सामग्री संग्रहालय को प्रदान की है। इन दोनों परिवारों ने संग्रहालय को सबसे अधिक सामग्री दी हैं।
समारोह को अ.भा. माधवराव सप्रे पुरस्कार से सम्मानित श्री हरिवंश और श्री एस.एन. सुब्बाराव ने भी संबोधित किया। श्री हरिवंश ने अपने पुरस्कार को दै. प्रभात खबर के सम्पादकीय सहयोगियों को समर्पित किया। श्री सुब्बाराव ने भाषा, जाति और धर्म के नाम पर भेदभाव से देश को हो रहे नुकसान के प्रति आगाह किया। उन्होंने उपस्थितों से 'ये दुलारा देश हमारा, प्यारा हिन्दुस्तान, दुनिया में बेजोड़, अनोखा भारतवर्ष महान' गीत का समवेत गायन भी करवाया।
प्रारंभ में मुख्यमंत्री श्री चौहान और अन्य अतिथियों ने माँ सरस्वती और माधवराव सप्रे की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर समारोह का शुभारंभ किया।
संग्रहालय के संस्थापक संयोजक श्री विजयदत्त श्रीधर ने संग्रहालय की स्थापना से अब तक के सफर का ब्यौरा दिया। उन्होंने कहा कि महज 73 शीर्षकों से शुरू हुई संग्रहालय की यात्रा अपने पच्चीसवें वर्ष में 25 लाख पृष्ठों के संग्रह तक जा पहुँची है। श्री श्रीधर ने संग्रहालय की स्थापना और उसकी प्रगति में राज्य शासन, जनसम्पर्क विभाग और भोपाल नगर निगम के साथ ही संग्रहालय को पीढ़ियों से परिवार में संग्रहीत सामग्री प्रदान करने वाले 450 परिवारों के प्रति आभार व्यक्त किया।
महापौर श्री सुनील सूद ने स्वागत उद्बोधन दिया। संग्रहालय के संचालक मंडल के सदस्य श्री अशोक मानोरिया ने आभार व्यक्त किया।
समारोह में राज्यसभा सदस्य श्री प्रभात झा, छत्तीसगढ़ शासन के पूर्व मंत्री श्री सत्यनारायण शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार श्री प्रभाष जोशी, माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता संस्थान के महानिदेशक श्री अच्युतानंद मिश्र, जनसम्पर्क आयुक्त श्री मनोज श्रीवास्तव और पत्रकारिता सहित कला-साहित्य-संस्कृति के विशिष्ट हस्ताक्षर उपस्थित थे।

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