गुरुवार, 20 मार्च 2008

तेन्दुआ शिकार के आरोपियों को कारावास

तेन्दुआ शिकार के आरोपियों को कारावास
20 मार्च 2008// तेन्दुआ शिकार में लिप्त पांच आरोपियों को न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी, बागली जिला देवास द्वारा एक-एक वर्ष के कारावास के साथ ही पांच-पांच हजार रूपये का अर्थदण्ड दिया गया है।
वन परिक्षेत्र अधिकारी उदयनगर, जिला देवास द्वारा 11 मई, 1997 को तेन्दुआ के शिकार घटना से जुड़े पांच आरोपियों को खण्डवा तथा खरगोन क्षेत्र से गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किया गया था। वन कर्मियों द्वारा शिकार में उपयोग में लायी गई भरमार बंदूक, फंदा, चाकू तथा खाल आदि की जप्ती भी की गई। वन विभाग द्वारा न्यायालय में प्रभावी साक्ष्य प्रस्तुत कर आरोपियों को सजा दिलाने का प्रयास किया गया।
न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी, बागली जिला देवास द्वारा साक्ष्यों के आधार पर वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत आरोपियों को दण्डनीय अपराध का दोषी पाते हुए, जगन, इमरत, अमरसिंह, सुखराम तथा मनोहर को एक-एक वर्ष के सश्रम कारावास और पांच-पांच हजार रूपये अर्थदण्ड से दंडित किया है।

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