मंगलवार, 18 मार्च 2008

राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में मैकेनिकल इंजीनियरिंग पर तीन दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी आरंभ

राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में मैकेनिकल इंजीनियरिंग पर तीन दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी आरंभ
आधुनिक तकनीकी ज्ञान का उपयोग, दुनिया से अशिक्षा, गरीबी और भूख मिटाने में हो- श्री लक्ष्मीकान्त शर्मा
मुरैना 18 मार्च 08/जनसम्पर्क, संस्कृति तथा खनिज साधन मंत्री श्री लक्ष्मीकान्त शर्मा ने कहा है कि आधुनिक तकनीकी ज्ञान का व्यापक उपयोग दुनिया से अशिक्षा, गरीबी और भूख मिटाने में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अभियांत्रिकी जीवन की समस्याओं को सरल बनाने में मदद करती है। मानव जीवन को बेहतर बनाने में आभियांत्रिकी की महत्वपूर्ण भूमिका है। मौजूदा समय में ज्ञान के अथाह भंडार से हम आर्थिक विकास के नए-नए आयामों को हासिल कर सकते हैं। श्री शर्मा आज यहां राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, भोपाल में मैकेनिकल इंजिनियरिंग पर आयोजित तीन दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी और 15वीं अन्तर्राष्ट्रीय आई.एस.एम.ई कांफ्रेंस का शुभारंभ कर रहे थे।
'मैकेनिकल इंजीनियरिंग के नए क्षितिज' शीषर्क से आयोजित इस अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में अतिथि विद्वान फ्रांस के प्रो. डिजमेडो कोन्डो, पूर्व निदेशक आई.आई.टी. खड़गपुर पद्श्री प्रो. के.एल. चौपड़ा, पूर्व निदेशक आई.आई.टी. मद्रास तथा पूर्व अध्यक्ष अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद प्रो. आर. नटराजन डा. जे.एस. राव निदेशक अनुसंधान AITATR तथा पूर्व कुलपति बैगंलौर विश्वविद्यालय श्री एन.आर. शैट्टी खास तौर से मौजूद थे। इस अवसर पर मंत्री श्री शर्मा ने कहा कि म.प्र तकनीकी क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है। प्राकृतिक संपदा के धनी इस प्रदेश में हीरे के नए भंडार मिले है वहीं प्लेटिनम, निकल, सोना, चांदी के नए भंडारों का पता लगा है। इस दौरान उन्होंने संगोष्ठी में भाग ले रहे विद्वतजनों का आव्हान किया कि सभी मिलजुलकर देश प्रदेश के सर्वागीणं विकास के लिये नई तकनीकों का विकास करे ताकि हमारा देश समृध्द और खुशहाल बन कर विश्व में अग्रणी हो सके।
इससे पहले राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पी.बी. शर्मा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए इस अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के आयोजन की विशेषताओं और महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि ज्ञान के विस्तार से ही समृध्दि को हासिल किया जा सकता है। संगोष्ठी में आमंत्रित अतिथि विद्वानों ने भी विषयवस्तु पर विस्तार से चर्चा की। मैकेनिकल इंजीनयिरिंग की नई संभावनाओं और अविष्कारों के बारे में विचारों का आदान-प्रदान हुआ। इस तीन दिवसीय संगोष्ठी में कुल 21 तकनीकी सत्रों में 110 से अधिक शोधपत्र प्रस्तुत किये जायेंगे।
कार्यक्रम में मुख्यअतिथि श्री लक्ष्मीकान्त शर्मा ने इस तीन दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी पर केन्द्रित स्मारिका तथा संगोष्ठी में प्रस्तुत शोधपत्रों के संग्रह का विमोचन किया। इस अवसर पर उन्होंने सभी अतिथि विद्वानों को शाल, श्रीफल तथा अभिनंदन पत्र भेंट कर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन सुश्री नौइन खलिक ने किया। अंत में संगोष्ठी के समन्वयक प्रो. वी.के. सेठी ने सभी का आभार माना। संगोष्ठी में राजीवगांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से सम्बध्द महाविद्यालयों से आए शिक्षक, शोधार्थी तथा विद्यार्थी बड़ी तादाद में मौजूद थे।

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