गुरुवार, 20 मार्च 2008

पर्यावरण संतुलन के लिये वनों का संरक्षण और विकास एकमात्र विकल्प - वनमंत्री कुँवर विजय शाह (विश्व वानिकी दिवस 21 मार्च)

पर्यावरण संतुलन के लिये वनों का संरक्षण और विकास एकमात्र विकल्प - वनमंत्री कुँवर विजय शाह (विश्व वानिकी दिवस 21 मार्च)
20 मार्च 2008//वन मंत्री कुँवर विजय शाह ने 21 मार्च को प्रतिवर्ष मनाये जाने वाले विश्व वानिकी दिवस पर कहा है कि पर्यावरण संतुलन को बनाये रखने के लिये वनों का संरक्षण और विकास ही एकमात्र विकल्प है।
कुँवर विजय शाह ने अपने सन्देश में कहा है कि जीवन के अस्तित्व का वनों से गहरा संबंध है। मानव ने प्रकृति का निरंतर दोहन किया है, इसके परिणाम स्वरूप हरा आवरण प्रभावित हुआ है। इसका सीधा प्रभाव पर्यावरण संतुलन पर पड़ा है। वनों का संरक्षण और विकास ही इसका एकमात्र विकल्प है। विश्व वानिकी दिवस मनाने के पीछे उद्देश्य यह है कि जन साधारण को वन संसाधनों के बेहतर प्रबंधन के लिये जागरूक किया जा सके।
वन मंत्री कुँवर विजय शाह ने कहा है कि राज्य सरकार ने राज्य की वन नीति-2005 को जारी कर वनों के संरक्षण और संवर्धन के प्रति अपनी प्रतिबध्दता को दोहराया है। प्रदेश में संयुक्त वन प्रबंधन के तहत ग्रामीणों के सहयोग से वानिकी विकास की गतिविधियों को सफलतापूर्वक चलाया जा रहा है। राज्य सरकार ग्रामीणों को आजीविका के वैकल्पिक साधन उपलब्ध कराकर उनके आर्थिक, सामाजिक विकास की दिशा में प्रयत्नशील है। वानिकी विकास के लिये विद्या, वन, ऊर्जा वन तथा चारागाह विकास की नयी योजनाएं प्रारंभ की गई है। इन सभी योजनाओं के बेहतर परिणाम के लिये जन साधारण का सहयोग आवश्यक है।
कुँवर विजय शाह ने विश्वास व्यक्त किया है कि विश्व वानिकी दिवस जन साधारण में जागरूकता लाने में सफल रहेगा।

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