मंगलवार, 18 मार्च 2008

बिजली चोरी महँगी पड़ी

बिजली चोरी महँगी पड़ी
कोल्ड स्टोरेज पर सजा के पहले ही जुर्माना
मुरैना 18 मार्च 08/जबलपुर के एक कोल्ड स्टोरेज हाउस को 23 लाख रूपए की बिजली चोरी का हिसाब तो अभी चुकता करना ही है, अदालत ने उसे प्रति परीक्षण (क्रॉस एग्जामिनेशन) से आनाकानी करने पर लगातार दूसरी बार एक खास दण्ड दिया है। इस सजा के तहत उसे विद्युत मंडल से साक्ष्य के लिए अदालत में हाजिर हुए तीन अधिकारियों के एक दिन के वेतन की राशि के बराबर जुर्माना अदालत में फिलहाल जमा करवाने का हुक्म दिया गया।
बिजली चोरी के मामलों में कार्रवाई के लिए गठित जबलपुर की विशेष अदालत ने पिछले हफ्ते दूसरी बार यह सजा इसी कोल्ड स्टोरेज को सुनाई। यह मामला जबलपुर बॉयपास रोड के एस. कोल्ड स्टोरेज नामक संस्थान का है। वर्ष 2004 में विद्युत मण्डल के एक उड़न दस्ते ने छापा डाल कर संस्थान के विरूध्द बिजली चोरी का प्रकरण दर्ज किया था। कोई 23 लाख रूपए की बिजली चोरी के इस मामले में संस्थान के विरूध्द पुलिस में प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई थी।
विशेष अदालत की न्यायाधीश श्रीमती शशिकिरण दुबे ने पिछले हफ्ते इस मामले की जब सुनवाई शुरू की तो कोल्ड स्टोरेज के प्रतिनिधि क्रॉस एग्जामिनेशन से दूसरी बार मुकर गए। अदालत ने इसे गंभीरता से लेते हुए अगली सुनवाई की तारीख 29 अप्रैल 2008 को आरोपी को फिलहाल विद्युत मंडल के तीन अधिकारियों जो गवाही के लिए हाजिर हुए थे, उनके एक-एक दिन के वेतन के बराबर की राशि अदालत में जमा करने का आदेश दिया। इसके पहले सुनवाई की पिछली तारीख 13 फरवरी 2008 को भी आरोपी ने यही हिमाकत की थी और उस वक्त भी जुर्माने की ऐसी ही सजा सुनाई गई थी। आरोपी ने जुर्माने की 3828 रूपए की वह राशि तो इस सुनवाई की तारीख को अदालत में जमा की लेकिन क्रॉस एग्जामिनेशन से फिर किनारा कर लिया।
इस तरह कोल्ड स्टोरेज को बिजली चोरी की वास्तविक सजा के पहले ही दो बार अतिरिक्त जुर्माना भी भुगतना है।

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