सोमवार, 17 मार्च 2008

राज्य सरकार बिजली संकट को समाप्त करने के लिए प्रयासरत : मुख्यमंत्री श्री चौहान

राज्य सरकार बिजली संकट को समाप्त करने के लिए प्रयासरत : मुख्यमंत्री श्री चौहान
बायोमास और अन्य अक्षय ऊर्जा स्त्रोतों से विद्युत उत्पादन पर केंद्रित संगोष्ठी का शुभारंभ
मुरैना 17 मार्च 08/मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा है कि राज्य सरकार बिजली संकट को समाप्त करने के लिए पूरी गंभीरता से प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि बिजली संकट के बावजूद हम देश के अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर तरीके से बिजली प्रदाय कर पा रहे हैं। मुख्यमंत्री आज होटल पलाश रेसीडेंसी में बायोमास एवं अन्य अक्षय ऊर्जा स्त्रोतों से विद्युत उत्पादन, अवरोध और निराकरण विषयक एक दिवसीय संगोष्ठी का शुभारंभ कर रहे थे। मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम द्वारा यू.एन.डी.पी.के सहयोग से आयोजित इस संगोष्ठी की अध्यक्षता ऊर्जा मंत्री डा. गौरीशंकर शैजवार ने की।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमारा विश्वास प्रकृति के दोहन में है शोषण में नहीं। उन्होंने कहा कि ऊर्जा के नैसर्गिक साधनों के लगातार दोहन और ऊर्जा की लगातार बढ़ती मांग में संतुलन समय की जरूरत है। इस दृष्टि से बायोमास और अन्य ऊर्जा स्त्रोतों से विद्युत उत्पादन पर ध्यान केंद्रित किया जाए। श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में हम गैर पारंपरिक ऊर्जा स्त्रोतों की संपूर्ण क्षमता का दोहन करने के लिए प्रयासरत हैं। श्री चौहान ने इस क्षेत्र में कार्य करने के इच्छुक संगोष्ठी में शामिल निवेशकों का स्वागत किया। श्री चौहान ने बायोमास और अन्य अक्षय ऊर्जा स्त्रोतों से विद्युत उत्पादन की संभावनाओं पर केंद्रित एक प्रदर्शनी का भी शुभारंभ किया।
डा. गौरीशंकर शैजवार ने कहा कि मध्यप्रदेश में अक्षय ऊर्जा के स्त्रोतों के उपयोग में कोई रूकावट नहीं है। राज्य सरकार इस क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ावा देना चाहती है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अगर सहयोगी और लचीला रूख अपनाए तो इन स्त्रोतों के उपयोग में मध्यप्रदेश अग्रणी हो जाएगा।
ऊर्जा विकास निगम के अध्यक्ष श्री दिलीपसिंह शेखावत ने कहा कि प्रदेश में अपारंपरिक ऊर्जा स्त्रोतों, सौर और पवन ऊर्जा तथा बायोमास ऊर्जा से लगभग 7500 मेगावाट विद्युत उत्पादन की संभावना है। उन्होंने जानकारी दी कि वर्ष 2003 तक प्रदेश में पवन ऊर्जा का उत्पादन 22 मेगावाट था, जो पिछले चार वर्ष में बढ़कर 122 मेगावाट हो गया है। अगले वर्ष इसमें 100 मेगावाट क्षमता का और इजाफा हो जाएगा। श्री शेखावत ने कहा कि प्रदेश की 26 गौ-शालाओं में गोबर गैस के माध्यम से विद्युत उत्पादन में मध्यप्रदेश को देश का मॉडल स्टेट होने का गौरव मिला है। भारत सरकार द्वारा अन्य राज्यों में भी यह योजना लागू की जा रही है।
संगोष्ठी में जानकारी दी गई कि प्रदेश में शीघ्र ही 117.5 मेगावाट क्षमता के 11 बायोमास पॉवर प्रोजेक्ट का भूमि पूजन होकर कार्य शुरू हो जाएगा।
संगोष्ठी को भारत सरकार के गैर पारंपरिक ऊर्जा विभाग के निदेशक श्री सामन्त और ऊर्जा सचिव श्री संजय बंदोपाध्याय ने भी संबोधित किया।
प्रारंभ में अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया गया। अंत में ऊर्जा विकास निगम के अधीक्षण अभियंता श्री भुवनेश पटेल ने आभार प्रदर्शन किया।

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