शनिवार, 8 मार्च 2008

रिश्वत लेने पर सश्रम कारावास और जुर्माना

रिश्वत लेने पर सश्रम कारावास और जुर्माना
विशेष न्यायाधीश इंदौर ने रिश्वत लेने का आरोप दोष सिध्द होने पर जिले की महू तहसील के राजस्व निरीक्षक कृपाराम सोलंकी और पटवारी मनोज गिरदवाल को अलग-अलग धाराओं में डेढ़-डेढ़ वर्ष के सश्रम कारावास और डेढ़-डेढ़ हजार रूपये के जुर्माने की सजा सुनाई है।
लोकायुक्त कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार फरियादी श्री अनवर खांन, निवासी तहसील महू, जिला इंदौर की शिकायत के आधार पर श्री कृपाराम सोलंकी, राजस्व निरीक्षक एवं श्री मनोज गिरदवाल, पटवारी, ह.नं.-4 तहसील महू, जिला इंदौर के विरूध्द प्रकरण पंजीबध्द कर 20 जून 2003 को एक हजार रूपये आरोपीगण श्री कृपाराम सोलंकी, राजस्व निरीक्षक एवं श्री मनोज गिरदवाल, पटवारी को रिश्वत लेते हुये रंगे हाथों पकड़ा गया।
फरियादी की कृषि भूमि के सीमांकन हेतु तहसीलदार को प्रस्तुत आवेदन राजस्व निरीक्षक को मार्क करने के उपरान्त सीमांकन हेतु 17 जून 2003 की तिथि नियत थी। सीमांकन कराने के लिये आरोपीगण ने एक हजार रूपये रिश्वत की मांग की थी। दोनों आरोपियों के विरूध्द अभियोजन योग्य साक्ष्य पाये जाने से विशेष न्यायालय जिला इंदौर में 26 मार्च, 2004 को चालान पस्तुत किया गया।
प्रकरण में विशेष न्यायाधीश श्री अखिलेश पंडया जिला इंदौर द्वारा अपने निर्णय में आरोपियों को धारा-7 पी.सी. एक्ट 1988 में छ:-छ: माह के सश्रम कारावास एवं पांच-पांच सौ रूपये अर्थदण्ड तथा धारा-13 (1) डी, 13(2) पी.सी. एक्ट 1988 में एक-एक वर्ष के सश्रम कारावास एवं एक - एक हजार रूपये अर्थदण्ड से दंडित किया गया है।

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