शनिवार, 8 मार्च 2008

साहित्य जिंदगी का ज़रूरी हिस्सा : राज्यपाल डॉ. जाखड़

साहित्य जिंदगी का ज़रूरी हिस्सा : राज्यपाल डॉ. जाखड़
राज्यपाल डॉ. बलराम जाखड़ ने आज यहां जाने-माने शायर और गीतकार निदा फाजली को दुष्यंत अलंकरण सम्मान से विभूषित करते हुए कहा कि साहित्य जिंदगी का जरूरी हिस्सा है। अगर साहित्यकार की लेखनी काम करना बंद कर दे तो जिंदगी की रवानी ही रुक जाये।
राज्यपाल डॉ. जाखड़ ने दुष्यंत कुमार पाण्डुलिपि संग्रहालय द्वारा यहां टी.टी.टी.आई. सभागृह में आयोजित समारोह में शायर निदा फाजली के साथ ही प्रोफेसर प्रेमशंकर रघुवंशी को सुदीर्घ साधना सम्मान तथा श्री लक्ष्मण मस्तूरिया को आंचलिक रचनाकार सम्मान से अलंकृत किया। डॉ. जाखड़ ने अलंकरण समारोह में अपनी बात कुछ इस तरह कही कि पूरा माहौल ही साहित्यमय हो गया। राज्यपाल ने कहा कि आने वाली पीढ़ी का निर्माण वास्तव में साहित्यकारों को ही करना है। तहज़ीब, इंसानियत, प्यार, इन सभी के कायम रखने की सच्ची नसीहत एक साहित्यकार ही दे सकता है। गीत, गज़ल के जरिये जिंदगी को ज़ुबा मिलती है।
राज्यपाल डॉ. जाखड़ ने इस मौके पर आयोजित कवि सम्मेलन का लुत्फ भी उठाया। समारोह में डॉ. जाखड़ ने संग्रहालय की स्मारिका का विमोचन किया। आयोजन संस्था ने राज्यपाल को स्मृति चिन्ह भेंट किया। समारोह में टी.टी.टी.आई. के अध्यक्ष श्री महेन्द्र सिंह चौहान और प्रदेश के साहित्यकारगण तथा साहित्य प्रेमी भी उपस्थित थे।

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