शनिवार, 8 मार्च 2008

प्रिया की बहादुरी और श्रीमती जनक की समाज सेवा का आज होगा सम्मान (अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च, 2008)

प्रिया की बहादुरी और श्रीमती जनक की समाज सेवा का आज होगा सम्मान (अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च, 2008)
वीरता के लिये रानी अवंतिबाई और समाज सेवा के लिये राजमाता सिंधिया सम्मान दिये जायेंगे
प्रदेश सरकार अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च के अवसर पर उज्जैन जिले की कु. प्रिया सैनी को रानी अवंतिबाई राज्य स्तरीय वीरता पुरस्कार वर्ष 2007 और इंदौर जिले की निवासी डॉ. श्रीमती जनक पलटा मिगिलिगन को राजमाता विजयाराजे सिंधिया समाज सेवा पुरस्कार वर्ष 2007 से सम्मानित करेगी। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आठ मार्च को प्रात: 11 बजे बाल भवन भोपाल में आयोजित अलंकरण समारोह में पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं राज्यसभा सदस्य श्रीमती सुषमा स्वराज मुख्य अतिथि होंगी। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथियों में महिला एवं बाल विकास तथा सामाजिक न्याय मंत्री सुश्री कुसुम सिंह महदेले, श्री गंगाराम पटेल राज्यमंत्री महिला एवं बाल विकास तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, श्रीमती रंजना बघेल राज्यमंत्री आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति कल्याण, सामान्य प्रशासन, विमानन और सुश्री मीना सिंह राज्यमंत्री पंचायत एवं ग्रामीण विकास कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगी।
ज्ञात रहे कि पन्ना की कुमारी अनीता लोधी को वीरता के लिये पहला अवंतिबाई राज्य स्तरीय वीरता पुरस्कार और समाज सेवा के लिये इंदौर की श्रीमती मनोरमा जोशी को पहला राजमाता विजयाराजे सिंधिया समाजसेवा पुरस्कार दिया गया था।
रानी अवंतिबाई राज्य स्तरीय वीरता पुरस्कार
एक सामान्य महिला भी कई बार किसी की जीवन अथवा अस्मिता की रक्षा जैसे या सामाजिक कुप्रथाओं, विषमताओं, दुष्प्रवृत्तियों अथवा शोषण के विरुध्द व्यक्तिगत अथवा सामूहिक रूप से संघर्ष अथवा जनचेतना जागृत करने जैसे साहसिक कार्य को अंजाम देती है, जिन्हें निश्चय ही वीरतापूर्ण कार्य कहा जा सकता है। अक्सर ऐसी महिलाओं के कृतत्व अनदेखे और अनसराहे रह जाते हैं। यदि ऐसी महिलाओं के उन साहसिक कार्यों को पर्याप्त सराहना और पारितोषिक मिले तो न केवल उन्हें वरन् उनकी जैसी अन्य कई महिलाओं को प्रोत्साहन मिल सकता है और वे आगे आ सकती है। प्रदेश सरकार ने ऐसी साहसिक महिलाओं को सम्मानित एवं पुरस्कृत करने हेतु एक वीरता पुरस्कार स्थापित किया है।
यह पुरस्कार प्रतिवर्ष प्रदेश की किसी एक साहसी महिला को रानी अवंतिबाई के नाम से दिया जाएगा, जिन्होंने स्वयं शौर्य और वीरतापूर्वक कार्यों के जरिए एक प्रतिमान स्थापित किया है। यह पुरस्कार राशि एक लाख रुपये और प्रशंसा पत्र के रूप में दिया जाता है।
प्रिया सैनी को रानी अवंतिबाई वीरता पुरस्कार 2007
उज्जैन जिले की मूल निवासी कुमारी प्रिया सैनी को रानी अवंतिबाई वीरता पुरस्कार वर्ष 2007 से सम्मानित किया जा रहा है।
कुमारी प्रिया ने वीरता की मिसाल पेश करते हुए उत्तरप्रदेश के मुजफ्फर नगर में दो गुंडे बदमाशों को धर-दबोचा। विगत 25 अप्रैल 2007 को शाम 7 बजे मुजफ्फरनगर में प्रिया अपनी मौसी सुदेश सैनी के साथ एक विवाह समारोह से लौट रही थी तभी दो बदमाशों ने मौसी के गले से चैन खींची और प्रिया को धक्का देकर भागने लगे। प्रिया ने बहादुरी दिखाते हुए उनमें से एक को दबोच लिया। बदमाश ने प्रिया के मुंह और शरीर पर जोरदार प्रहार किए लेकिन प्रिया ने उसे नहीं छोड़ा। तब दूसरे बदमाश ने प्रिया की पीठ पर अपनी बंदूक से गोली मार दी, लेकिन प्रिया ने बदमाश को पकड़े रखा। इससे हड़बड़ाये बदमाशों का हौसला पस्त हो गया और शोर-शराबा सुनकर इकट्ठा हुए लोगों ने गुंडों को पकड़ लिया। अब वे मुजफ्फरनगर जेल में बंद हैं।
प्रिया वर्तमान में उज्जैन में अध्ययनरत है ओैर शहर की युवतियों में हौसला अफजाई के लिये विभिन्न सामाजिक-सांस्कृतिक आयोजनों में शामिल होकर महिलाओं की मानसिकता सशक्त करने के लिए अपना उदाहरण पेष करती हैं। सामान्य परिवार की इस वीर बेटी पर पूरे शहर और प्रदेश को नाज है।
बदमाशों द्वारा गोली चलाने के बावजूद प्रिया ने हिम्मत दिखाते हुए बदमाश को नहीं छोड़ा । इस घटना को राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय मीडिया ने वीरता की मिसाल के रूप में पेश किया। देश भर के सामाजिक संगठनों और लोगों ने प्रिया की इस बहादुरी को सराहा, साथ ही युवतियों-महिलाओं ने प्रेरणा भी ली।
जिला प्रशासन मुजफ्फर नगर द्वारा इस बहादुरी के लिये कुमारी प्रिया को सम्मानित किया गया है। पुलिस अधीक्षक मुजफ्फर नगर ने भी प्रिया के हौसले को सम्मानित किया। स्टार टेलीविजन नेटवर्क ने प्रिया की वीरता को अपने चेैनल के माध्यम से पूरे देश में पहुॅचाकर हौसला अफजाई के पुरस्कार से नवाजा। उज्जेैन स्थित महिलाओं के संगठन ''संगिनी गुप'' ने भी प्रिया का सम्मान किया। स्वस्थ संसार, उज्जेैन स्थित महिला जिम ने प्रिया सेैनी को रानी लक्ष्मीबाई वीरता पुरस्कार प्रदान किया और समाचार पत्र ''राज एक्सप्रेस'' ने 15 अगस्त, 2007 को आयोजित संभाग स्तरीय कार्यक्रम में सुश्री सैनी को वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया।
राजमाता विजयाराजे सिंधिया राज्य स्तरीय पुरस्कार
अनेक महिलाएं स्व-प्रेरणा से ही घर और आस-पड़ौस से ही शुरू करके सफल समाज सुधार के विशिष्ट कार्य करती ऐसे कार्य, चाहे लोगों के स्वास्थ्य, शिक्षा, साक्षरता, पर्यावरण, आर्थिक गतिविधियों के संचालन, अधिकारों के प्रति जागृति, सामाजिक उत्थान के ही क्यों न हो, समाज सुधार के क्षेत्र में सभी गतिविधियाँ महत्वपूर्ण हैं। अनेक बार महिलाओं के ऐसे कार्यो को मान्यता नहीं मिल पाती है और वे कार्य अनजाने से रह जाते हैं। जिससे समाज में जो व्यापक सकारात्मक वातावरण बनना चाहिए, वह नहीं बन पाता।
प्रदेश सरकार द्वारा समाज सेवा के क्षेत्र में कार्यरत ऐसी महिलाओं के ऐसे योगदान के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए स्वर्गीय राजमाता विजयाराजे सिंधिया, के नाम से महिलाओं के लिए राज्य स्तरीय पुरस्कार स्थापित किया गया है। यह पुरस्कार राशि रूपये एक लाख और प्रशंसा पत्र के रूप में दिया जाता है।
राजमाता विजयाराजे सिंधिया समाजसेवा पुरस्कार वर्ष 2007 से सम्मानित डॉ. श्रीमती जनक पलटा मिगिलिगन
इंदौर जिले की निवासी डॉ. श्रीमती जनक पलटा मिगिलिगन को राजमाता विजयाराजे सिंधिया समाजसेवा पुरस्कार वर्ष 2007 से सम्मानित किया जा रहा है। डॉ. श्रीमती जनक पलटा मिगिलिगन, 1985 से आज तक आदिवासी एवं ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए लगातार प्रशिक्षित करते हुए उनके समग्र विकास की दिशा में संपूर्ण रूप से समर्पित महिला हैं। पिछले 23 सालों से महिलाओं को लगातार छ: माही व एक साल के आवासीय समग्र विकास का व्यवहारिक प्रशिक्षण देकर उन्हें सषक्त बनने में पूरा सहयोग दे रही हैैं। इन कार्यक्रमों में सामाजिक ओैर आर्थिक रूप से पिछडे, जैसे कि अनुसूचित जाति-जनजाति, आदिवासी अन्य पिछडे वर्ग, अपंग, अनाथ, विधवाएं, तलाकशुदा एवं उपेक्षित महिलाओं को प्राथमिकता दी जाती रही है। यह सेवा ही उनके जीवन का उद्देश्य है। प्रशिक्षण देने में पूरे वैज्ञानिक शोध को आधार बनाकर नवान्वेषण को निरन्तर महत्व देती आ रही है। अपने संस्थान से जिन महिलाओं को प्रशिक्षित किया जाता है पिछले कुछ सालों से इन प्रशिक्षाथिर्यों को नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ ओपन स्कूलिंग की परीक्षाएं दिलाकर इन महिलाओं की निरन्तर सहायता की जा रही है।
उन महिलाओं को ही प्रशिक्षिका भी बनाया जाता है। ग्रामीण अंचलों में पुन: जाकर उन सशक्त महिलाओं के सेवाकार्यों को प्रमाणित कर प्रोत्साहित भी करती है। इस प्रकार पुन: परीक्षण और पुनरावर्तन का मार्ग अपनाने के कारण डॉ. श्रीमती जनक पलटा मिगिलिगन का समाज सेवा कार्य अत्यंत सार्थक साबित हुआ है। अब तक इनके संस्थान से 4000 से भी अधिक ग्रामीण आदिवासी महिलाएं प्रशिक्षित होकर अपने गांव लौटी हैं।
श्रीमती जनक को ऑल इंडिया विमेन्स कान्फ्रेंस अखिल भारतीय महिला सम्मेलन द्वारा आदिवासी व ग्रामीण महिलाओं के लिए की गई सेवाओं के उपलक्ष्य 1992 में सम्मान दिया गया। वे संयुक्त राष्ट्रसंघ पर्यावरण कार्यक्रम (यू.एन.ई.पी.) न्यूयार्क द्वारा रियो डी जिनेरियो, ब्राजील में ग्लोबल 500 रोल ऑफ ऑनर (विश्व 500 क्रम का सम्मान) द्वारा झाबुआ जिले के 302 गाँवों में नारू उन्मूलन की सेवाओं के लिए जून, 92 में सम्मानित की गई।
ऑल इंडिया वाटर वर्क्स एसोसियेशन, इंदौर द्वारा अक्टूबर 1995 में आदिवासी व ग्रामीण महिलाओं को स्वच्छ जल के लिए प्रशिक्षित करने हेतु सम्मानित की गई। इनर व्हील क्लब, इंदोर से ग्रामीण एवं आदिवासी महिलाओं के लिए की गई सेवाओं के उपलक्ष्य में अक्टूबर 2000 को सम्मानित की गई!
स्टेट बैंक ऑफ इंदोर (प्रमुख कार्यालय) के समाज सेवा प्रकोष्ठ के पांचवें स्थापना दिवस 2 अक्टूबर 2000के उपलक्ष्य में आदिवासी व ग्रामीण महिलाओं की विशिष्ट सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया।
इन्दोर जिले के तत्कालीन कलेक्टर श्री मनोज श्रीवास्तव द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर 60 स्थानीय स्वैच्छिक संगठनों के समूह महिला सशक्तिकरण महासंगठन द्वारा प्रदेश की आदिवासी एवं ग्रामीण महिलाओं के उत्थान के लिए की गई महत्वपूर्ण सेवाओं के लिए 8 मार्च 2001 को सम्मानित की गई।
भारतीय दलित साहित्य अकादमी, मध्यप्रदेश द्वारा उज्जैन में आयोजित ''महिला सृजन के विविध आयाम-महिलाओं की वैयक्तिक स्वतंत्रता एवं भारतीय परिवेश में सामंजस्य की समस्या'' पर 'राष्ट्रीय अम्बेडकर साहित्य सम्मान' से 20-21 अक्टूबर 2001 को सम्मानित की गई। सम्प्रीति से ग्रामीण एवं आदिवासी महिलाओं के बीच की गई सेवाओं के उपलक्ष्य में 15 जनवरी 2003 को सम्मानित की गई। उन्हें शिक्षक कल्याण सदन समिति, इंदोर द्वारा 29 अप्रैल 2003 को मालव शिक्षा सम्मान अलंकरण 'समाज सेवा संवर्ग' सम्मान से सम्मानित किया गया। राजीव गांधी अक्षय उर्जा पखवाडा अपारंपरिक उर्जा स्त्रोत मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अगस्त 2005 में सम्मानित की गई।
मध्यप्रदेश राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, हिन्दी भवन भोपाल द्वारा आदिवासी व ग्रामीण महिलाओं के समग्र विकास के साथ साथ अपंग, अनाथ, तलाकशुदा औेर अन्य उपेक्षित महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने, जागरूकता, उत्कृष्ट समाज सेवा के लिए 25 सितम्बर 2005 को 'महिला समाजसेवी सम्मान' राज्यपाल श्री बलराम जाखड़ द्वारा प्रदान किया गया।
अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च 2006 को मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग, इन्दौर द्वारा समाज हित में किये अविस्मरणीय कार्यों के लिये मानव अधिकार मित्र के रूप् में सम्मानित हुई।
अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च 2007 को इंदौर के विभिन्न शैक्षणिक एवं सामाजिक संगठन द्वारा आदिवासी महिला कल्याण के क्षेत्र में सतत् साधना एवं त्याग तपस्या पूर्ण सेवाओं के लिए संभागायुक्त श्री अशोक दास, इंदौर द्वारा सम्मानित की गई। गांवों में नेत्र से जुडी समस्याओं का निदान करने के लिए महामहिम राज्यपाल डॉ. बलराम जाखड़ द्वारा 24 जुलाई 2007 को डॉ. एम.सी. नाहटा राष्ट्रीय नेत्र सुरक्षा पुरस्कार से उन्हें सम्मानित किया गया।

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