शनिवार, 14 जून 2008

60 हजार से अधिक बालिकाओं को मिला लाड़ली लक्ष्मी योजना का लाभ

60 हजार से अधिक बालिकाओं को मिला लाड़ली लक्ष्मी योजना का लाभ
नये वित्तीय वर्ष के पहले दो माह में 19,252 बालिकाएं बनीं लाड़ली लक्ष्मी, संभागों में जबलपुर और जिलों में छिन्दवाड़ा अव्वल
संजय गुप्‍ता(मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो चीफ 14जून08/बालिका जन्म के प्रति आमजन में सकारात्मक सोच के निर्माण, लिंगानुपात में सुधार, बालिकाओं के शैक्षणिक स्तर तथा स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार और उनके अच्छे भविष्य की नींव रखने के लिये प्रदेश सरकार ने गत वर्ष लाड़ली लक्ष्मी योजना शुरू की थी। केवल 14 माह की अवधि में इस योजना के बहुत अच्छे नतीजे सामने आये हैं। अभी तक इस योजना के तहत 60 हजार 106 बालिकाओं को लाभान्वित किया गया है।
प्रदेश के दूर-दराज इलाकों तक के लोगों के बीच लाड़ली लक्ष्मी योजना की लोकप्रियता इस तथ्य से भी रेखांकित होती है कि वर्ष 2007-08 में योजना के तहत 30 हजार बालिकाओं को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया था जिसके विरुध्द 40 हजार 854 बालिकाओं को इस योजना का लाभ मिला। यह उपलब्धि 136 प्रतिशत है। चालू वित्तीय वर्ष के पहले दो माह में 19 हजार 252 बालिकाएं लाड़ली लक्ष्मी चुनी गई हैं। जबकि चालू वित्तीय वर्ष में माह मई तक के लिये इस योजना का लक्ष्य आठ हजार 332 था। इस प्रकार दो माह में लक्ष्य के विरुध्द 231.06 प्रतिशत उपलब्धि हासिल की गई है।
पिछले 14 माह में सर्वाधिक 3,986 बालिकाओं को लाड़ली लक्ष्मी योजना का लाभ देकर प्रदेश का छिन्दवाड़ा जिला पहले स्थान पर है। दूसरे स्थान पर जबलपुर जिला है जहां 3,823 बालिकाओं को इस योजना का लाभ मिला है। तीसरा स्थान बैतूल जिले को मिला है। बैतूल जिले में लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत 3,761 बालिकाओं को लाभान्वित किया गया है। संभागों की सूची में पहला स्थान जबलपुर संभाग का है जहां इन 14 माह में 19,343 बालिकाएं लाड़ली लक्ष्मी चुनी गई हैं। दूसरे स्थान पर भोपाल संभाग है जहां 8,562 बालिकाओं को लाभान्वित किया गया है। योजना के तहत 7,507 बालिकाओं को लाभ पहुंचाकर इंदौर संभाग तीसरे स्थान पर है।
उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष 2007-08 में लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत मण्डला जिले ने 422.10 प्रतिशत, बैतूल जिले ने 399.57 प्रतिशत और छिन्दवाड़ा जिले ने 350.92 प्रतिशत उपलब्धि हासिल की थी। प्रदेश के सात जिलों ने 200 प्रतिशत से अधिक सफलता हासिल की थी, जबकि 19 जिले ऐसे थे जिन्होंने 100 या 100 प्रतिशत से अधिक सफलता हासिल की। प्रतिशत में उपलब्धि के लिहाज से जहां मण्डला जिला प्रथम स्थान पर था। संख्या की दृष्टि से छिन्दवाड़ा जिला प्रदेश में अव्वल था। योजना के तहत पिछले वर्ष 2007-08 के दौरान छिन्दवाड़ा जिले में सर्वाधिक 3,039 कन्याओं को लाभान्वित किया गया। दूसरे स्थान पर बैतूल जिला था, जहां 2817 बालिकाओं को इस योजना का लाभ मिला। तीसरा स्थान जबलपुर जिले को मिला था। जबलपुर जिले में 2709 लाड़ली लक्ष्मी चुनी गई। वहीं, गत वर्ष जबलपुर संभाग लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत 13,106 बालिकाओं को लाभान्वित करने की उपलब्धि के साथ संभागों की सूची में पहले स्थान पर था।
इस योजना से प्रदेश के आदिवासी अंचल के मण्डला, बैतूल, छिन्दवाड़ा, झाबुआ, बालाघाट, डिण्डौरी और सिवनी जिलों में बालिका जन्म भी अब उत्सव का अवसर बन गया है। यही बदलाव लाना प्रदेश सरकार की कोशिश है। प्रदेश की इस लोकप्रिय योजना को मूल स्वरूप में ही भारत सरकार द्वारा लागू करने की कार्यवाही की जा रही है। दिल्ली राज्य ने तो इसे लागू भी कर दिया है।

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