सोमवार, 2 जून 2008

होटल में ठहरने के पहले यात्रियों के पहचान का प्रमाण देखें

होटल में ठहरने के पहले यात्रियों के पहचान का प्रमाण देखें
होटल मालिकों को निर्देश : सतर्कता के बतौर प्रतिबंधात्मक आदेश जारी
संजय गुप्‍ता(मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो चीफ 2 जून/देश में कुछ स्थानों पर हुई सीरियल बम ब्लास्ट जैसी घटनाओं और इनमें बाहरी तत्वों की लिप्तता को देखते हुए जिला प्रशासन ने सतर्कता के बतौर प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर शहर के सभी होटल मालिकों को अपने होटल में कमरा देने के पूर्व यात्रियों से पहचान का प्रमाण प्राप्त करने के तथा मकान मालिकों को मकान या कमरा किराये देने से पूर्व पुलिस को इसकी सूचना देने के निर्देश दिये हैं।
जिला दण्डाधिकारी एवं कलेक्टर द्वारा दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत जारी यह प्रतिबंधात्मक आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। प्रतिबंधात्मक आदेश के दायरे में होटलों के साथ लाज, धर्मशालाओं, सराय और होस्टलों को भी शामिल किया गया है। इनके मालिकों और संचालकों से कहा गया है कि वे अपने यहां बाहर से आने वाले यात्रियों को ठहराने के पूर्व उनकी पहचान का प्रमाण पत्र अनिवार्य रूप से देख लें।
होटल मालिकों को पहचान के प्रमाण पत्र के बिना किसी भी व्यक्ति को होटल, लाज, धर्मशाला, सराय या होस्टल में न रूकने देने की हिदायत दी गई है। इसी तरह मकान मालिकों को निर्देश दिये गये हैं कि वे किसी भी व्यक्ति को मकान या कमरा किराये से देने से पूर्व इसकी सूचना संबंधित पुलिस थाने को अनिवार्य रूप से दें।
प्रतिबंधात्मक आदेश में मोबाईल फोन कम्पनियों से भी कहा गया है कि वो पहचान का प्रमाण लिये बिना किसी भी व्यक्ति को मोबाइल फोन या सिम नहीं दें और वितरण के पश्चात मोबाईल फोन या सिम को क्रियाशील न करें।
जिला दण्डाधिकारी द्वारा ये प्रतिबंधात्मक आदेश पुलिस अधीक्षक से प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर जारी किया गया है। उन्होंने आदेश के उल्लंघन की स्थिति में होटल मालिकों, मकान मालिकों और मोबाईल फोन कम्पनियों को भारतीय दण्ड विधान की धारा 188 के अंतर्गत कठोर कार्रवाई की चेतावनी भी दी है ।

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