गुरुवार, 5 जून 2008

उज्जैन के मास्टर प्लान में आगामी सिंहस्थ के लिये आधारभूत संरचनाओं के विकसित किये जाने पर जोर

उज्जैन के मास्टर प्लान में आगामी सिंहस्थ के लिये आधारभूत संरचनाओं के विकसित किये जाने पर जोर
संजय गुप्‍ता(मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो चीफ 05जून08/सिंहस्थ-2016 को सफलतापूर्वक आयोजित करने के लिये जिला प्रशासन ने अभी से तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। इसके लिये मास्टर प्लान तैयार करने के लिये आज जिला पंचायत के सभा कक्ष में विचार-विमर्श किया गया। सेंटर फॉर इन्वायरमेंट प्लान एवं टेक्नालॉजी अहमदाबाद के प्रो. रामचंद्र ने मास्टर प्लान के निर्माण के लिये बुध्दिजीवियों द्वारा दिये गये उपयोगी सुझावों का स्वागत किया। बैठक में कमिश्नर श्री एस.के.वशिष्ठ ने कहा कि मास्टर प्लान में आधारभूत संरचनाओं को अभी से विकसित किये जाने की आवश्यकता है। कलेक्टर श्री शिव शेखर शुक्ला ने अगले दो सिंहस्थ 2016 और 2028 की आवश्यकताओं के मद्देनजर प्लान बनाये जाने पर जोर दिया।
बैठक को सम्बोधित करते हुए सिंहस्थ विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री दिवाकर नातू ने कहा कि सिंहस्थ महापर्व के सफल आयोजन के लिये तैयार किये जाने वाले मास्टर प्लान में धार्मिक परम्पराओं, श्रध्दालुओं की सुविधाओं और उज्जैन के विकास के लिये आवश्यक सभी बातों का ध्यान रखा जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि 2016 के सिंहस्थ में आने वाले श्रध्दालुओं की संख्या का आंकलन कर प्लानिंग की जाये। श्री नातू ने अखाड़ों को स्नान क्षेत्र के नजदीक ही जमीन आवंटित करने का सुझाव भी दिया। उन्होंने महापर्व के दौरान आवश्यक मूलभूत सुविधाओं में आवागमन, पार्किंग, परिवहन, सुरक्षा, चिकित्सा इत्यादि बातों पर ध्यान दिये जाने की आवश्यकता बताई।
कमिश्नर ने सुझाव दिया कि प्रत्येक 12 वर्ष में आयोजित होने वाले महाकुंभ में कुछ ऐसी आधारभूत संरचनाओं का विकास किया जाना आवश्यक है, जिनकी प्रत्येक पर्व पर महत्वपूर्ण आवश्यकता होती है। उन्होंने सुझाया कि महत्वपूर्ण अखाड़ों को पहले से ही जमीन का आवंटन करने से मेला क्षेत्र के इतर क्षेत्रों में निर्माण कार्यों के लिये उज्जैनवासियों को अनुमति दी जा सकेगी। साथ ही इससे उज्जैन के विकास को भी गति मिलने की संभावना है।
आई.जी. श्री एम.पी. द्विवेदी ने सिंहस्थ महापर्व के लिये तैयार किये जाने वाले मास्टर प्लान में प्रशासनिक गतिविधियों के लिये पृथक से मार्ग बनाने, सिंहस्थ रिंग रोड एवं पंचक्रोशी मार्ग को विकसित करने, मास्टर प्लान में मेला क्षेत्र को झोन वार विभाजित कर योजनाएं बनाने इत्यादि पर अपने सुझाव दिये।
कलेक्टर ने अगले 25 वर्षों के लिये मेले में आने वाले श्रध्दालुओं की आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुए मास्टर प्लान बनाने की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि सिंहस्थ पर्व पर आने वाले अखाड़ों को स्थायी निर्माण के लिये निश्चित एवं निर्धारित शर्तों के साथ जमीन का आवंटन किये जाने से उज्जैन शहर की अर्थव्यवस्था को भी निश्चित ही लाभ होगा। उन्होंने मास्टर प्लान में सिंहस्थ के साथ ही उज्जैन शहर को भी जोड़कर प्लानिंग करने का सुझाव दिया। सी.ई.पी.टी के प्रो.रामचंद्र को कलेक्टर श्री शुक्ला ने बताया कि सिंहस्थ से जुड़े हुए अनुभवी, महत्वपूर्ण व्यक्तियों एवं सेवा निवृत्त अधिकारियों से बातचीत करने से प्लान को तैयार करने में सहायता मिलेगी।
पूर्व महापौर श्री राधेश्याम उपाध्याय ने सिंहस्थ मेला क्षेत्र के लिये भूमि का विस्तार किये जाने, सिंहस्थ क्षेत्र का नक्शा तैयार करने, साधु-सन्तों को प्लाट वितरण के लिये मेला क्षेत्र को झोनवार निर्धारित करने एवं अखाड़ों को जमीन आवंटित करने में कुछ सावधानियाँ बरते जाने के महत्वपूर्ण सुझाव दिये।

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