शुक्रवार, 14 मार्च 2008

हिंसा से पीड़ित महिलाओं की मदद करेगी उषा किरण योजना

हिंसा से पीड़ित महिलाओं की मदद करेगी उषा किरण योजना
14 मार्च08/अब प्रदेश में गरीब परिवारों की वे महिलाएं भी अपने साथ हुए अत्याचार और अन्याय को उजागर करने का साहस कर सकेंगी, जो कल तक रसूखदारों और दबंगों के भय से मौन रहकर प्रताड़ना झेलने को विवश थीं। यह संभव हुआ है प्रदेश सरकार की उषा किरण योजना से, जो इन महिलाओं के जीवन में नई किरण बनकर आई है। उषा किरण योजना के तहत हिंसा से पीड़ित महिलाओं को तत्काल मदद और समस्या के समाधान की दिशा में जरूरी परामर्श देने की व्यवस्था की गई है।
महिला एवं बाल विकास मंत्री सुश्री कुसुम सिंह महदेले ने बताया कि प्रदेश में हिंसा से पीड़ित महिलाओं की मदद और सुरक्षा के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा यह योजना लागू की जा रही है। इस योजना के तहत प्रत्येक जिले में एक हेल्प-लाईन सर्विस की व्यवस्था होगी, जिसमें पूरे प्रदेश के लिए एक ही दूरभाष नम्बर की व्यवस्था रहेगी। पीड़ित महिला किसी भी समय, कहीं से भी इस टोल फ्री नम्बर पर फोन कर अपनी शिकायत और समस्याएं दर्ज करा सकेगी और सुरक्षा तथा समस्या का समाधान प्राप्त कर सकेगी।
सुश्री महदेले ने योजना का ब्यौरा देते हुए बताया कि हिंसा पीड़ित महिलाओं को संरक्षण देने के उद्देश्य से प्रत्येक समेकित बाल विकास परियोजना स्तर पर संरक्षण अधिकारियों की नियुक्ति की गई हैं। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत पीड़ित महिलाओं को सबसे पहले विकासखंड स्तर पर उसकी समस्या के बाबत् संबंधित विषय-विशेषज्ञों से परामर्श उपलब्ध कराया जायेगा ताकि समस्या का स्थानीय स्तर पर ही समाधान हो सके।
महिला-बाल विकास मंत्री सुश्री महदेले ने योजना का खुलासा करते हुए जानकारी दी कि ऐसी महिलाओं जिनके पास रहने की व्यवस्था नहीं है, उनके लिए जिला स्तर पर एक संरक्षण गृह की व्यवस्था की जायेगी जहां पीड़ित महिला के ठहरने, भोजन, चिकित्सा के साथ-साथ परामर्श देने की व्यवस्था भी होगी।
सलाह और परामर्श से समस्या के हल न होने पर योजना के तहत नि:शुल्क विधिक सहायता उपलब्ध कराने का भी प्रावधान किया गया है। इस योजना से घरेलू हिंसा से पीड़ित उन महिलाओं को राहत मिलेगी, जो पारिवारिक सदस्यों की यातनाओं से तंग आकर घर छोड़ देती हैं और उनके साथ दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं घट जाती हैं।
योजना के संचालन एवं समीक्षा के लिए प्रत्येक जिले में कलेक्टर की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जायेगी जिसमें पुलिस, महिला बाल विकास और सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारी तथा सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल रहेंगे।
इस योजना के तहत घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम 2005 का विभिन्न माध्यमों से व्यापक प्रचार-प्रसार का अभियान भी चलाया जायेगा। इसके अलावा राज्य, जिला एवं परियोजना स्तर पर इस अधिनियम पर केंद्रित कार्यशालाएं भी आयोजित की जा रही हैं।

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