शनिवार, 1 मार्च 2008

मध्यप्रदेश को समृध्द बनाने का संकल्प साकार करेंगे - मुख्यमंत्री श्री चौहान

मध्यप्रदेश को समृध्द बनाने का संकल्प साकार करेंगे - मुख्यमंत्री श्री चौहान
विधानसभा : राज्यपाल के अभिभाषण के कृतज्ञता ज्ञापन पर चर्चा
मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने विपक्ष की कीचड़ उछालकर विधानसभा से बहिर्गमन करने की आलोचना करते हुए कहा है कि जनसमर्थन से अगले पांच साल भी हम सरकार चलायेंगे और मध्यप्रदेश के गरीब वर्गों, किसानों, श्रमिकों की भलाई करते हुए जनसहयोग प्राप्त कर मध्यप्रदेश को समृध्द राज्य बनाने के संकल्प को साकार करेंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान आज विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर हुई चर्चा का उत्तर दे रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि उनके ऊपर जो आक्षेप लगाया गया है वह न्यायालय में है इसलिए वे इस सबंध में कुछ न कह कर केवल यह कहेंगे कि ''गलती हो सकती है मगर बेईमानी नहीं।'' उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि इस प्रकरण में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने समाज के प्रत्येक वर्ग से संवाद कर उनकी समस्याओं के निराकरण तथा उनके लिए विकास योजनाएं तैयार करने के लिए मुख्यमंत्री निवास में पंचायतों के आयोजन की शुरूआत की है। मंथन कार्यशाला, मुख्यमंत्री जनदर्शन कार्यक्रम, समाधान आनलाइन तथा उनके द्वारा किए गए अचानक निरीक्षणों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे विकास योजनाओं की गति बढ़ाने तथा जन समस्याओं के निराकरण में मदद मिली है। हमने लोकतांत्रिक व्यवस्था की यह नयी शैली विकसित की है और आगे चलकर इसे दूसरों द्वारा अपनाया जाएगा।
श्री चौहान ने कहा कि पं.दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय के आदर्श के अनुरूप उनकी सरकार के एजेंडे में गरीब सबसे ऊपर हैं। केंद्र की यू.पी.ए.सरकार के महंगाई राज को देखते हुए गरीबों को राहत देने के लिए मध्यप्रदेश सरकार तीन रूपए किलो गेहूं देने की योजना शुरू कर रही है। कृषि मजदूरों के कल्याण के लिए बनाई गई योजना के तहत अब तक आठ लाख कृषि मजदूर परिवारों का पंजीयन हो चुका है तथा सभी कृषि मजदूरों का पंजीयन होने तक यह काम निरंतर जारी रहेगा। इस योजना के तहत प्रसूति अवकाश, बच्चों की पढ़ाई के लिए पहली कक्षा से छात्रवृत्ति, चिकित्सा सुविधा तथा कई प्रकार की सुविधाएं हैं। अब कृषि मजदूरों का प्रतिभाशाली बच्चा मजदूर नहीं रहेगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सामान्य निर्धन वर्ग आयोग का गठन किया है जो तीन माह में अपना प्रतिवेदन देगा। इस आयोग के सुझावों के आधार पर निर्धन सामान्य वर्ग के नौजवानों के लिए संपूर्ण योजना की घोषणा की जाएगी।
महिला पंचायत, किसान पंचायत, अनुसूचित जाति, जनजाति, कोटवार आदि पंचायतों में लिए गए कल्याणकारी निर्णयों का उल्लेख करते हुए श्री चौहान ने कहा कि हाल ही में किसान महापंचायत में चुनाव को दृष्टिगत रखते हुए घोषणाएं करने का आरोप सही नहीं है। किसानों को सहकारी कृषि ऋणों की ब्याज दर घटाकर सात प्रतिशत करने तथा बलराम ताल जैसे निर्णय आज से पौने दो वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री निवास में आयोजित किसान पंचायत में लिए गए।
खेती को लाभ का व्यवसाय बनाने के लिए किसानों के हित में लिए गए निर्णयों की विस्तार से जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि किसानों को प्राकृतिक आपदाओं में तथा सूखा पड़ने संबंधी वर्षों पुराने प्रावधानों में संशोधन कर किसानों को राहत पहुंचाई जा रही है। सूखा प्रभावित 39 जिलों में अब तक 1.25 करोड़ रूपए की राहत का वितरण हो चुका है जबकि केंद्र सरकार ने अभी तक कोई सहायता नहीं दी है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि किसानों की लंबित पेनाल्टी पूरी तथा लंबित विद्युत देयक आधा माफ करने की घोषणा की गई है। यदि किन्हीं किसानों ने बिजली के देयकों का पूरा भुगतान कर दिया है तो उनकी राशि का भविष्य के देयकों में समायोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों को नलकूप में 24000 रूपए तक डीजल तथा बिजली की मोटर पर पचास प्रतिशत अनुदान की भी घोषणा की गई है। अब पटवारी किसान के घर जाकर वर्ष में एक बार खसरे- अक्स की नकल देंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आदिवासियों तथा अनुसूचित जातियों के हित में उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए कहा कि छात्रावास में रहने वाले विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति 300 रूपए से बढ़ाकर 525 रूपए तक की गई है। एक रूपए किलो आयोडीन नमक आदिवासी क्षेत्रों में दिया जा रहा है। उन्होंनें कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में योगदान देने वाले आदिवासी नायकों की स्मृति में स्मारक बनाए जायेंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने महू में डा. अंबेडकर की स्मृति में एकत्रित होने वाले अनुयाइयों के ठहरने और भोजन आदि की व्यवस्था किए जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि आगामी 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती पर भी महाकुंभ के आयोजन के समय इसी प्रकार की व्यवस्थाएं की जायेंगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रशासन में कर्मी कल्चर समाप्त किया गया है तथा शासकीय कर्मचारियों के सभी वर्गों के हित में फैसले लिए गए हैं। सरकारी नौकरियों पर भर्ती का प्रतिबंध हटाया गया है। सभी विभागों में भर्ती की जाएगी।
श्री चौहान ने कहा कि अधूरी सिंचाई परियोजनाओं को तेजी से पूरा किया गया है। बिजली परियोजनाओं को पूरा करने में केंद्र के असहयोग के कारण राज्य में विद्युत उत्पादन नहीं हो सका जितना हो सकता था। उन्होंने कहा कि आगामी वर्षों में मध्यप्रदेश बिजली सरप्लस राज्य बनेगा। इसके लिए सारणी में एक हजार, मालवा में एक हजार तथा शाहपुर में 1500 मेगावाट की योजनाएं पूरी की जायेंगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार मध्यप्रदेश के साथ जानबूझकर असहयोग कर रही है। राज्य का ए.पी.एल. का खाद्यान्न कोटा घटा दिया गया है तथा बिजली की आपूर्ति भी कम की जा रही है।
प्रदेश में उद्योगों की स्थापना के लिए इन्वेस्टर्स समिट के आयोजनों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि केवल वे एम.ओ.यू.ही प्रभावी रहेंगे जो छ: माह में उद्योग की स्थापना में संतोषजनक प्रगति दिखायेंगे। इसके साथ ही उन्होंने घोषणा की कि किसानों-खेती की कीमत पर उद्योगों को बढ़ावा नहीं दिया जाएगा। सरकार उद्योगों के लिए किसानों की जमीन अधिग्रहित नहीं करेगी तथा उद्योगपतियों को किसानों से चर्चा कर कीमत तय करना होगी। श्री चौहान ने बताया कि पीथमपुर में आटो टेस्ंटिग ट्रेक के लिए अधिग्रहित जमीन का मुआवजा किसानों के हित में बढ़ाकर दिया गया।
राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में उठाए गए कदमों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा राज्य में शासकीय शालाओं में शिक्षा का स्तर ऊंचा उठा है तथा परीक्षाओं के परिणाम इसका उदाहरण है। अब सरकारी स्कूलों के बच्चे भी मेरिट में आ रहे हैं।
अल्पसंख्यकों के संबंध में लगाए आरोपों का खंडन करते हुए श्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार अल्पसंख्यकों के साथ कभी भेदभाव नहीं करती। सरकार की योजनाओं का लाभ हिंदुओं-मुसलमानों, सभी जातियों को मिल रहा है।
प्रदेश में डाकू समस्या के निराकरण में मिली सफलताओं का उल्लेख करते हुए श्री चौहान ने कहा कि नक्सली समस्या के निराकरण के लिए संबंधित क्षेत्रों में शोषण समाप्ति, विकास कार्य तथा ऐसी घटनाओं में सख्त कार्रवाई की आवश्यकता से ही सफलता मिल सकती है तथा सरकार इस दिशा में कार्रवाई सुनिश्चित कर रही है। राज्य में अपराधों के बढ़ने के आरोप का उत्तर देते हुए श्री चौहान ने राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि अनुसूचित जातियों तथा जनजातियों के विरूध्द अपराधों में लगातार कमी आई है।
श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में सड़क निर्माण के क्षेत्र में पिछले वर्षों के मुकाबले कई गुना उपलब्धि अर्जित की गई है। पूर्व शासन काल में वर्ष 1998 से 2003 की अवधि में सात हजार किलोमीटर सड़कें बनी थी जबकि हमारे शासन काल में 40,000 किलोमीटर सड़कें बनी हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के नाम जोड़ने का काम निरंतर जारी है तथा ऐसे सभी आवेदनों पर कार्रवाई की जाएगी। स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार का उल्लेख करते हुए श्री चौहान ने कहा कि आदिवासी बहुल क्षेत्रों में चलित औषधालय चिकित्सा सुविधाएं दे रहे हैं। प्रत्येक विकास खंड में जननी सुरक्षा एक्सप्रेस की योजना शुरू की गई है जिसमें चालक को मोबाइल पर सूचना देकर प्रसूति के लिए महला अस्पताल जा सकेगी। शासन के प्रयासों से संस्थागत प्रसव का प्रतिशत लगभग 22 से 60 तक पहुंच गया है।
श्री चौहान ने कहा कि सिंचाई योजनाओं का पूरा लाभ सुनिश्चित करने के लिए कमांड एरिया डेव्हलपमेंट एरिया अथारिटी 'काडा' विभाग का गठन फिर से किया गया है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बिना टैक्स लगाए राज्य के विकास के लिए संसाधन सुनिश्चित करने के लिए वित्त मंत्री श्री राघवजी तथा करों की वसूली के लिए वाणिज्यिक कर मंत्री श्री बाबूलाल गौर को बधाई देते हुए कहा क नर्मदा के पानी के दोहन के साथ मध्यप्रदेश को विकसित और खुशहाल राज्य बनाने के लिए अगले पांच वर्षों के विकास के लिए जन योजना बनाई जाएगी। इसमें नवयुवकों को रोजगार हमारी प्राथमिकता होगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान के उत्तर के बाद सदन में राज्यपाल के अभिभाषण पर कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्ताव को पारित कर दिया।

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